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शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है
शेयर मार्केट में बहुत सारे लोगों को नहीं पता Option Trading क्या है, Call और Put क्या है। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने के लिए बहुत सारे माय्धाम है उनमे से एक है Option Trading। बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में Call & Put खरीद करके ट्रेडिंग करते हैं। आज हम सरल भाषा में विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? जानेंगे Option Trading कैसे करे, क्या हैं-
Option Trading क्या हैं:-
आपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।
ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।
Call और Put क्या है:-
Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो। आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।
Option Trading का Expiry कब होता है:-
Option Trading में दो तरह का Expiry होता है एक होता है सप्ताह और दूसरा होता है महीना में। सप्ताह (Weekly Expiry) में हर गुरूवार को ही NIFTY 50 और BANK NIFTY का expiry होता हैं। महीना में शेयर का अंतिम गुरूवार expiry होता है, जो शेयर Option Trading में लिस्टेड हैं।
Option Trading कैसे करे:-
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप एक कंपनी का 1 शेयर नहीं खरीद विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? सकते आपको LOT में खरीदना पड़ेगा. Nifty50 का एक Lot 75 का होता है लेकिन शेयर में ज्यादा होता हैं। किसी भी शेयर और Nifty50, Bank NIfty का Option खरीदने के लिए आपको जाना होगा आपके Demat Account में। उसके बाद जो भी खरीदना है उसमे आपको देखने को मिलेगा Option Chain आप उस पर से आपको Call या Put जो भी खरीदना है खरीद सकते हैं।
क्या आपको Option Trading करना चाहिए हमारी राय:-
दोस्तों आप यदि नए हो शेयर मार्केट में तो आपको इतना जोखिम नहीं लेना है। आपको लंबे समय के लिए शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए। Option Trading बहुत ज्यादा रिस्क भी है और रिवॉर्ड भी। आप यदि सही तरीके से पैसा लगाएंगे तो आपको बहुत अच्छा मुनाफा होगा। किसी के दिए हुए नुस्के से आप बिल्कुल मत इन्वेस्ट करो आप पहले सीखिए उसके बाद इन्वेस्ट करे।
विकल्प व्यापार क्या है
हिंदी
निवेश पोर्टफोलियो अक्सर विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों से बना रहे हैं। आमतौर पर ये स्टॉक, म्यूचुअल फंड, ईटीएफ और बॉन्ड होते हैं। विकल्प अलग से एक संपत्ति वर्ग हैं। यदि उचित रूप से उपयोग किया जाता है, तो विकल्प विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? ट्रेडिंग कई फायदे देता है करता है जो अकेले स्टॉक और बॉन्ड में काम करने पर नहीं मिलते हैं इससे पहले कि हम इन लाभों के बारे में जाने,जानते हैं कि विकल्प क्या हैं?
विकल्प क्या हैं?
एक ‘विकल्प’ एक कॉन्ट्रैक्ट है जो किसी निवेशक को प्रतिभूति, ईटीएफ या विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? इंडेक्स फंड जैसे उपकरणों को खरीदने या व्यापार करने की एक निर्दिष्ट अवधि के बाद पूर्व निर्धारित दर पर अनुमति लेकिन इसकी आवश्यकता नहीं होती है) देता है (। विकल्प बाजार में बेचना और खरीदना विकल्प हैं। एक विकल्प जो आपको भविष्य में कुछ समय के शेयरों को प्राप्त करने की अनुमति देता है, उसे “कॉल विकल्प” के रूप में जाना जाता है। दूसरी ओर, एक विकल्प जो आपको भविष्य में कभी-कभी शेयर बेचने में सक्षम बनाता है वह “पुट विकल्प” है।
विकल्प स्टॉक, इंडेक्स और कमोडिटी ट्रेडिंग में इस्तेमाल पारंपरिक वायदा अनुबंधों की तुलना में कम जोखिम उपकरणों माना जाता है। यह इस तथ्य के कारण है कि कोई किसी भी समय विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? अपने विकल्प कॉन्ट्रैक्ट को त्यागने या वापस लेने का चयन कर सकता है। इसका यह भी अर्थ है कि, स्टॉक के विपरीत, विकल्प किसी कंपनी में स्वामित्व का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। विकल्प का बाजार मूल्य (जिसे प्रीमियम भी कहा जाता है) इसलिए इसके अंदर की सुरक्षा या संपत्ति का एक हिस्सा है।
विकल्प ट्रेडिंग कैसे काम करता है?
जब कोई निवेशक या व्यापारी विकल्प खरीदता है या बेचता है, तो उन्हें समाप्ति की तिथि से पहले किसी भी बिंदु पर उस विकल्प को लागू करने का अधिकार होता है। बस किसी विकल्प को खरीदने या बेचने के लिए किसी को वास्तव में समाप्ति बिंदु पर इसका उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है। इस संरचना के कारण, विकल्पों को ‘ डेरीवेटिव प्रतिभूति’ माना जाता है। दूसरे शब्दों में, कीमत विकल्प संपत्ति, प्रतिभूतियों, और अन्य अंतर्निहित उपकरणों के मूल्य की तरह अन्य बातों से ली गई है) है।
– विकल्प खरीदने के लिए स्टॉक प्राप्त करने की तुलना में कम प्रारंभिक व्यय की आवश्यकता होती है। एक विकल्प (प्रीमियम और ट्रेडिंग शुल्क) प्राप्त करने की कीमत एक व्यापारी एकमुश्त शेयर खरीदने के लिए खर्च करने के लिए होता है की तुलना में बहुत सस्ता है।
– विकल्प ट्रेडिंग निवेशकों को एक निश्चित अवधि के लिए एक निश्चित राशि पर अपने स्टॉक की कीमत फ्रीज करने की सुविधा देती है। विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? उपयोग किए गए विकल्प की श्रेणी के आधार पर, निश्चित स्टॉक मूल्य (स्ट्राइक मूल्य के रूप में भी जाना जाता है) गारंटी देता है कि कोई विकल्प कॉन्ट्रैक्ट समाप्त होने से पहले किसी भी बिंदु पर उस दर पर व्यापार करने में सक्षम होगा।
बास्केट भर चाहिए मुनाफा तो ऑप्शन्स हैं शानदार विकल्प, ऐसे करते हैं Options Trading
जब कोई व्यक्ति ऑप्शन ट्रेड करता है तो उसके लिए ऑर्डर देना पड़ता है। इसके बाद अगर उसे दूसरा ऑप्शन ट्रेड करना हो तो वो एक बार फिर ऑर्डर देने की प्रक्रिया अपनाता है। यानी जितने ज्यादा ट्रेड होते हैं आपका वक्त उतना ही लगता है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। बढ़ते खर्चों के साथ नौकरीपेशा लोगों के लिए सैलरी के साथ अतिरिक्त कमाई की जरूरत बढ़ती जा रही है और महामारी के साथ शेयर बाजार में निवेश अतिरिक्त आय का बेहतर विकल्प बन गया है। हालांकि ऑफिस के काम के साथ बाजार में trading बिल्कुल भी आसान नहीं होता और स्थिति तब बिगड़ जाती है जब आप कई सौदों में उलझे विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? हुए हों। कई बार ऐसी स्थिति में लोगों को तगड़े नुकसान भी हो जाते हैं क्योंकि ऑफिस पर फोकस करने से आप समय पर सौदे नहीं कर पाते। हालांकि नई तकनीक के साथ साथ अब आप दूसरे काम में बिजी रहते हुए कई कई सौदे निपटा सकते हैं। ये फीचर बास्केट ट्रेडिंग कहलाता है और ब्रोकर्स इसमें लगातार इनोवेशन करते हुए इसे और भी आकर्षक बनाते जा रहे हैं। 5paisa इसी खासियत के साथ ऐसे और फीचर्स देते हैं जिसमें ऑर्डर की संख्या और वक्त दोनों पर ही आपका नियंत्रण रहता है और मुनाफे की उम्मीदें कई गुना बढ़ जाती विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? हैं। आपको बता दें कि 5paisa option trading से जुड़ी जरूरी जानकारी शेयर कर रहा है।
क्या होती है बास्केट ट्रेडिंग?
आम तौर पर जब कोई शख्स option trade करता है तो उसके लिए ऑर्डर देना पड़ता है। इसके बाद अगर उसे दूसरा ऑप्शन ट्रेड करना हो तो वो एक बार फिर ऑर्डर देने की प्रक्रिया अपनाता है। यानी जितने ज्यादा ट्रेड होते हैं आपका उतना ही ज्यादा वक्त लगता है। अगर आप किसी काम में व्यस्त हैं तो आपके हाथ से मौका निकलने की आशंका उतनी बढ़ जाती है। बास्केट ट्रेडिंग इस टेंशन को खत्म करता है क्योंकि इसमें आपको एक साथ कई option trade करने की सुविधा मिलती है। बास्केट ट्रे़डिंग का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये आपके समय को बचाता है, और तेजी से फैसले लेने में मदद करता है। समय पर तेजी के साथ फैसले लेने से आप ऑप्शन सौदों का सबसे ज्यादा फायदा उठाने में सफल होते हैं।
#AiseKarteHainOptionsTrading की अधिक जानकारी के लिए देखें ये वीडियो-
IQ Option – Trading Platform
IQ Option प्लैटफॉर्म ग्राहकों को 500+ असेट्स को ट्रेड करने का अवसर प्रदान करता है: मुद्राओं, सूचकांकों, वस्तुओं और शेयरों सहित। IQ Option के साथ, सोना के शेयरों और कई अन्य असेट्स को एक ही प्लैटफॉर्म पर ट्रेड किया जा सकता है।
करेंसी ट्रेड करें:
- करेंसी का व्यापक विकल्प;
- ऋणात्मक विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? शेष संरक्षण;
- अपने पोजीशन को ऑटो क्लोज करें;
स्टॉक्स ट्रेड करें:
- दुनिया की सबसे लोकप्रिय कंपनियां अब आपकी पहुंच तक;
- ऐप के अंदर कॉर्पोरेट समाचार और घोषणाएं;
कमोडिटी ट्रेड करें:
- असेट्स का व्यापक विकल्प;
- सोना, चांदी, तेल सब एक प्लैटफॉर्म पर;
- मुद्राओं और शेयरों के विकल्प के रूप में अच्छा है।
इन्डिसीज़ ट्रेड करें:
- लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतर;
- जोखिमों का विविधीकरण;
- समग्र अर्थव्यवस्था के बारे में अपडेट।
5 मिनट में जानिये कमोडिटी मार्केट में कैसे करें ऑप्शन ट्रेडिंग
इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है. वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं. लेकिन सोने का भाव 1000 रुपये टूट जाता है और 29 हजार तक आ जाता है तो एक लॉट पर आपको एक लाख रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपये प्रति दस ग्राम प्रीमियम चुकाकर यह नुकसान घटकर सिर्फ 5000 रुपये रह जाता है.विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं?
फ्यूचर ट्रेडिंग से कैसे अलग है ऑप्शन ट्रेडिंग
फ्यूचर बाज़ार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं . अगर स्टॉपलॉस लगाने पर उस विकल्प ट्रेडिंग क्या हैं? स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है लेकिन नुकसान जरूर होता है. स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है. जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं. इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिये नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं.
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