Crypto Margin Trading: क्रिप्टो में मार्जिन ट्रेडिंग क्या होती है?
क्रिप्टोकरेंसी में Margin Trading आपको बड़े संभावित reward के बदले में अपने transaction के जोखिम को बढ़ती है। स्वाभाविक रूप से, यह आपके नुकसान के आकार को बढ़ाता है। आप क्रिप्टोकरेंसी बाजार में Margin Trading का उपयोग करके अपने margin trading के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, आपका क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान नुकसान काफी बड़ा हो सकता है।
पारंपरिक ट्रेड (traditional trade) की तुलना में, Margin Trading आपको third-party के प्रोवाइडर (एक दलाल या अन्य प्लेटफॉर्म lenders या margin lenders) से पैसे उधार लेकर बड़ी स्थिति स्थापित करने में सक्षम बनाता है। Leveraged trades बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि उनमें आपके लाभ और आपके नुकसान दोनों को बढ़ाने की क्षमता होती है।
क्रिप्टोकरेंसी में Margin Trading कैसे काम करती है?
Margin Trading नियमों में अंतर स्पष्ट है, हालांकि अवधारणाएं आम तौर पर सभी प्लेटफार्मों क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान में समान होती हैं।
Margin Trading आम तौर पर निम्नलिखित तरीके से संचालित होती है।
ट्रेडर ऑर्डर की कुल लागत के एक हिस्से के लिए सहमत होता है। आपका मार्जिन स्थिति के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है। अगला कदम एक लीवरेज सेटिंग चुनना है जो आपके लिए सही लगे। इसे दूसरे तरीके से रखने के लिए, यदि आप 10% लीवरेज (या 10:1) के साथ $10,000 का लेन-देन करना चाहते हैं, तो आपको कम से कम $1000 लगाने होंगे।
जब क्रिप्टोकरेंसी बाजारों की बात आती है, तो Leverage ratios अक्सर 2x (2:1) से 100x (100:1) तक चलता है।
Liquidation price आपके entry price के जितना करीब होगा, आपके लेन-देन में त्रुटि की गुंजाइश उतनी ही कम होगी। इसकी समझ महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका मतलब है कि यदि बाजार आपकी स्थिति के खिलाफ जाता है और एक स्थापित स्तर से नीचे आता है तो आपका मूल पैसा बेचा और नष्ट हो जाएगा। उच्च अस्थिरता वाले बाजारों में उच्च उत्तोलन सौदों के प्रभाव क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान को कम करके आंकना कई धोखेबाज़ क्रिप्टो ट्रेडर्स को अपनी पूंजी का एक बड़ा प्रतिशत खोने के लिए आवश्यक है।
यह कितना लंबा या कितना छोटा होना चाहिए?
Crypto margin trading लंबी और छोटी पोजीशन में खोलने के बारे में है। लंबे समय तक चलने का मतलब है कि आपको विश्वास है कि संपत्ति की कीमत बढ़ जाएगी, और आप इस कदम से लाभ कमा सकेंगे। एसेट को छोटा करने का मतलब है कि आप कीमतों में गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं और इसका फायदा उठाना चाहते हैं
क्या क्रिप्टोकरेंसी में margin trading सेफ है?
यह सब निर्भर करता है। एक अच्छा cryptocurrency margin ट्रेडर बनने के लिए, आपको अनुशासन और मजबूत जोखिम प्रबंधन रणनीति के साथ एक अनुभवी ट्रेडर होना चाहिए। अनुभवहीन ट्रेडर जो तेजी से कमाई की तलाश में हैं, इस तरह के ट्रेड के लिए एक अच्छा मैच नहीं हो सकता है।
क्रिप्टो में margin trading की अस्थिरता, खतरे और जटिलता किसी भी प्रतिष्ठित cryptocurrency margin एक्सचेंज के लिए अच्छी तरह से जानी जाती है। एक सुरक्षित अभयारण्य या सुनिश्चित आय यहाँ तक आना असंभव है।
जब यह निर्धारित करने की बात आती है कि कोई ट्रेड सुरक्षित है या नहीं, तो बाजारों में आपकी पूर्व विशेषज्ञता से सभी फर्क पड़ता है। यदि आप अपनी क्षमताओं में विश्वास रखते हैं और शांत नसें रखते हैं तो उच्च-लीवरेज margin trading कोई बड़ी बात नहीं हो सकती है। जो लोग आत्म-जागरूक हैं और महसूस करते हैं कि उन्हें अभी भी बहुत कुछ सीखना है, उनके लिए उच्च-लीवरेज मार्जिन क्रिप्टो trades से दूर रहना सबसे अच्छा है।
संक्षेप में, margin trading में पैसे खोने का एक उच्च जोखिम है। जोखिम सहनशीलता और प्रबंधन योजना के अभाव में, आप स्पष्ट रहने से बेहतर हो सकते हैं।
क्रिप्टो में margin trading के फायदे और नुकसान क्या हैं?
क्रिप्टोकरेंसी में margin trading के फायदे और नुकसान दोनों हैं। क्रिप्टो में margin trading के कई फायदे हैं, जिनमें से सबसे स्पष्ट हैं उच्च रिटर्न, अपनी होल्डिंग्स में विविधता लाने का अवसर, अधिक नकदी तक जल्दी पहुंच और margin trading अनुशासन का विकास।क्रिप्टो में margin trading की कमियों में अधिक जोखिम, अधिक नुकसान और अधिक अस्थिरता शामिल हैं। जब हाई-लीवरेज margin trading की बात आती है, नौसिखिए निवेशकों को इससे बचना चाहिए।
लाभ
- अधिक लाभ
- विविधता
- कम से कम पैसे में बड़े लेनदेन
- अनुशासन और जोखिम प्रबंधन सीखना
नुकसान
- बड़ा नुकसान
- ट्रेड दृष्टिकोण से अधिक-जोखिम
- बाजारों में तेजी से पैसा खोना
- ट्रेडर्स की शुरुआत के लिए अच्छा नहीं
क्रिप्टो मार्जिन फंडिंग
Cryptocurrency margin trading के अलावा, कम जोखिम सहनशीलता वाले निवेशक मार्जिन फंडिंग या तथाकथित उधार से लाभ उठा सकते हैं।क्रिप्टो मार्जिन फंडिंग मार्जिन ट्रेडर्स के लिए अपना पैसा उधार देने और सहमत ब्याज दरों और अन्य अनुबंध शर्तों पर प्रतिफल प्राप्त करने का एक तरीका है। क्रिप्टो मार्जिन फंडिंग के पीछे प्रमुख तंत्र एक्सचेंज से एक्सचेंज में भिन्न होते हैं; इसमें क्रिप्टोकरेंसी margin trading की तुलना में काफी कम जोखिम शामिल है।
निष्कर्ष
क्रिप्टोकरेंसी बाजार में लीवरेज का उपयोग करके margin trading इतनी आसन नहीं है। भले ही इसमें आपकी स्थिति और कमाई में काफी वृद्धि करने की क्षमता हो, लेकिन खतरे भी हैं, जैसे कि जल्दी से पैसा खोने की संभावना। यदि आप इस बारे में सावधान हैं कि आप जोखिम को कैसे संभालते हैं, तो आप एक अच्छे अनुभव के लिए तैयार हो सकते हैं। जब शेयर बाजार में पैसा बनाने की बात आती है, तो छोटी शुरुआत करना, तकनीकी विश्लेषण के बारे में सीखना और मामूली leverage levels का उपयोग करना सबसे अच्छा है।
Author
रोहित कुमार onastore.in के लेखक और संस्थापक हैं। इन्हे इंटरनेट पर ऑनलाइन पैसे कमाने के तरीकों और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित जानकारियों के बारे में लिखना अच्छा लगता है। जब वह अपने कंप्यूटर पर नहीं होते हैं, तो वह बैंक में नौकरी कर रहे होते हैं। वैकल्पिक रूप से [email protected] पर उनके ईमेल पर संपर्क करने की कोशिश करें।
क्रिप्टो इंडस्ट्री ने की Crypto ट्रेडिंग पर लगने वाले टैक्स और TDS को कम करने की अपील
सरकार क्रिप्टो ट्रेडिंग पर होने वाले लाभ पर 1 प्रतिशत टीडीएस लेना चाहती है, लेकिन क्रिप्टो इंडस्ट्री इसे 0.01 या 0.05 प्रतिशत करवाना चाहती है
2022-23 के बजट में क्रिप्टो संपत्ति पर लगने वाले टैक्स के बारे में बात की गई है
खास बातें
- CoinDCX अपने प्लेटफॉर्म पर अपने इनवेस्टर्स से क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान टैक्स के बाबत कर रही बात
- CoinDCX ने इंडस्ट्री की ओर से सरकार के पेश की है प्रेजेंटेशन
- इंडस्ट्री के अनुसार हानिकारक है 30 प्रतिशत टैक्स और 1 प्रतिशत टीडीएस
भारत सरकार ने मौजूदा साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स और टीडीएस कटौती का प्रावधान किया है. Crypto इंडस्ट्री ने सरकार से क्रिप्टो ट्रेडिंग से होने वाले लाभ पर लगने वाले टीडीएस (TDS) को कम करने की अपील की है. सरकार क्रिप्टो ट्रेडिंग पर होने वाले लाभ पर 1 प्रतिशत टीडीएस लेना चाहती है. क्रिप्टो इंडस्ट्री इसे 0.01 या 0.05 प्रतिशत करवाना चाहती है. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि 1 प्रतिशत टीडीएस लगाना रिटेल ट्रेडर्स के लिए ठीक नहीं है. इससे उन्होंने नुकसान होने वाला है.
CoinDCX के को-फाउंडर और सीईओ सुमित गुप्ता ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर सरकार 30 प्रतिशत टैक्स ले रही है. लेकिन यह बहुत ज्यादा है और इसे कम किया जाना चाहिए.
गुप्ता ने कहा, "इंडस्ट्री के स्तर पर हम सरकार से बात कर रहे हैं. इस संबंध में हमने सरकार के सामने एक प्रेजेंटेशन भी सब्मिट की है. प्रजेंटेशन में हमने बताया है कि कैसे क्रिप्टो इनकम पर लगने वाला 30 प्रतिशत टैक्स और 1 प्रतिशत टीडीएस क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए हानिकारक होने वाला है. यह ट्रेडर्स के लिए कैपिटल को लॉक कर देगा और मार्केट से लिक्विडिटी खत्म हो जाएगी. अगर मार्केट में लिक्विडिटी नहीं रहेगी तो रिटेल निवेशकों को नुकसान होगा."
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि CoinDCX अपने प्लेटफॉर्म पर अपने इनवेस्टर्स से भी बात कर रही है कि कैसे नए टैक्स नियमों के साथ आगे बढ़ा जा सकता है.
"हम अपनी तरफ से इसे साधारण और आसान बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन फिर भी हमें सरकार से बात चलाए रखनी होगी कि कैसे टीडीएस को 0.01 या 0.05 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. क्रिप्टो इनकम पर 30 प्रतिशत का टैक्स भी बहुत ज्यादा है, हम इसे भी कम करने के लिए सरकार क्रिप्टो ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान से अनुरोध कर रहे हैं." गुप्ता ने कहा.
2022-23 के बजट में क्रिप्टो संपत्ति पर लगने वाले टैक्स के बारे में साफ साफ बात की गई है. एक अप्रैल से होर्स रेसिंग में जीतने या इसी तरह के अन्य ट्रांजैक्शंस पर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है, इसके साथ सेस और सरचार्ज भी लागू है. इनमें क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल है. इस बार के बजट में वर्चुअल करेंसी पर एक साल के अंदर 10 हजार के ऊपर किए ट्रांजैक्शन पर 1 प्रतिशत का टीडीएस भी प्रस्तावित है. टीडीएस का प्रावधान 1 जुलाई से लागू हो जाएगा. जबकि क्रिप्टो से होने वाले लाभ पर टैक्स पहले से ही लागू हो चुका है.
Cryptocurrency: क्रिप्टो ट्रेडिंग की कुछ लोगों को अनुमति दे सकती है सरकार! यहां छिपा हुआ है इसका हिंट
छोटे निवेशकों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वित्तिय परिसंपत्ति (Cryptocurrencies as a financial asset) के रूप में माने जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है.
सरकार छोटे निवेशकों की सुरक्षा के मद्देनजर क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय परिसंपत्ति (Cryptocurrencies as a financial asset . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : November 25, 2021, 09:43 IST
नई दिल्ली. भारत सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी पर लाए जाने वाले बिल (Cryptocurrency bill) की खबर आने के बाद लगभग हर घंटे कोई नई जानकारी निकलकर बाहर आ रही है. अब नई सूचना ये है कि छोटे निवेशकों की सुरक्षा के मद्देनजर सरकार क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय परिसंपत्ति (Cryptocurrencies as a financial asset) के रूप में माने जाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. इसके अवाला संभव है कि डिजिटल करेंसी में एक सीमा तक ही निवेश का विकल्प दिया जाए और इसे लीगल टेंडर के तौर पर बैन कर दिया जाए.
सूत्रों के मुताबिक, इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. बताया जा रहा है कि बिल को प्रारूप देने की प्रक्रिया के दौरान अथॉरिटीज में इस तरह का विचार-विमर्श चल रहा है. मोदी सरकार शीतकालीन सत्र (Winter Session) में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को विनियमित करने के लिए एक विधेयक संसद में पेश करने वाली है, जिसका नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेनशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’ (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) है.
यहां छिपा है इसका मेन हिंट
पॉलिसी मेकर्स ने मंगलवार को संसद की वेबसाइट पर इस बिल का ब्यौरा डाला तो उन्होंने अपने लिए वह जगह जरूर रखी कि बाद में इसमें बदलाव किया जा सके. लिखा गया था कि ये बिल सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसीज़ को निषेध (Ban) करेगा सिवाय ‘क्रिप्टोकरेंसी की अंडरलाइंग टेक्नोलॉजी और इसके उपयोग के कुछ अपवादों को छोड़कर’. इसे अंग्रेजी में इस तरह लिखा गया था – certain exceptions to promote the underlying technology of cryptocurrency and its uses.
अनिश्चितताओं के बीच में बुधवार को शिबा इनू (Shiba Inu) और डॉगकॉइन (Dogecoin) पर भारी दबाव देखा गया. क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफार्म वज़ीरएक्स (WazirX) पर ये दोनों कॉइन 20 प्रतिशत से ज्यादा टूट (Cryptocurrency Price) गए. हालांकि दूसरे प्लेटफार्म्स जैसे कि बिनांस (Binance) या क्राकेन (Kraken) पर ये WazirX जितने नहीं गिरे थे.
RBI लगाना चाहता है पूरी तरह बैन
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) डिजिटल करेंसीज़ पर पूरी तरह से बैन लगाना चाहता है, क्योंकि उसे लगता है कि इससे देश की मैक्रो-इकोनॉमी और फाइनेंशियल स्थिरता पर असर पड़ सकता है. वहीं, सरकार आने वाले बजट में क्रिप्टोकरेंसीज़ पर टैक्स लगाने के बारे में सोच रही थी. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले सप्ताह ही कहा है कि भारत को इस मुद्दे पर ज्यादा गहराई से विचार करना होगा.
बिल पर प्रधानमंत्री कार्यालय की सक्रिय नज़र
सूत्रों ने बताया कि फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय इस मुद्दे पर सक्रियता से नज़र रख रहा है और जैसे ही इस बिल का कंटेंट फाइनल हो जाएगा इसे कैबिनेट में अप्रूवल के लिए रखा जाएगा. इसी महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के मुद्दे पर एक मीटिंग रखी थी. इस मीटिंग के बाद अधिकारियों ने कहा था कि भारत अनियंत्रित (अनरेगुलेटेड) क्रिप्टो मार्केट को देश में मनी लॉड्रिंग (Money laundering) और टेरर फाइनेंसिंग (Terror financing) का हथियार नहीं बनने देगा. उसी सप्ताह बाद में उन्होंने लोकतांत्रिक देशों से प्राइवेट वर्चुअल करेंसीज़ को गलत हाथों में न पहुंचने देने की अपली की और कहा कि सबको इसमें कॉ-ओपरेट करना चाहिए.
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