2010 – 80 साल के बफे की बर्कशायर हैथवे ने रेलरोड कंपनी Burlington Northern का 44 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया और कंपनी S&P 500 में शामिल हो गई.

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कई कारोबारों में निवेश

निवेश में ट्राईवेस्ट वीएसएस से जुड़ जाता है। सीएचएम वेंचर्स के संस्थापक और एक बीपीओ उद्योग के दिग्गज, सीएम शर्मा जो अब कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हो चुके हैं, ने ट्राईवेस्ट और वीएसएस में निवेश किया है ताकि कारोबार में एक छोटे हिस्से का स्वामित्व बना रहे।

क्यूबीएसएस का मुख्यालय मैरिएट्टा, जॉर्जिया में है और यह उत्तरी अमेरिका में छोटे व मध्यम आकार के कारोबारों तथा उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अंतरराष्ट्रीय उपक्रमों के ग्राहकों की सेवा करता है। इसकी स्थापना 2008 में हुई थी। कंपनी बीपीओ सेवाओं के एकीकृत पोर्टफोलियो मुहैया कराती है। इनमें उद्योगों की विस्तृत रेंज के लिए अकाउंटिंग, फाइनेंस, बिलिंग, मानव संसाधन, पे रॉल, टैक्स, आईटी हेल्प डेस्क, तकनीकी सपोर्ट और अन्य बैक ऑफिस सेवाएं शामिल हैं।

क्यूबीएसएस की अनूठी क्षमताओं ने इसके ग्राहकों के लिए अपने कारोबारों में उत्कृष्ट प्रक्रियाएं और परिचालन सुधार महसूस करना संभव किया है। और यह सब परिचालन लागत कम करते हुए किया है। कंपनी के पास अच्छा-खासा अनुभव है जो मल्टी यूनिट रेस्त्रां सपोर्ट करता है और फ्रैंचाइज ऑपरेटर्स के लिए रीटेल परिचालन का है। इसके साथ ही कई कारोबारों में निवेश मुनाफा न कमाने वाले संगठनों, अस्पतालों और अन्य कारोबारों के कई कारोबारों में निवेश लिए भी है। क्यूबीएसएस के ग्राहक 750 से ज्यादा समर्पित कर्मचारियों और डिलीवरी सेंटर द्वारा समर्थित हैं। इसके कार्यालय अटलांटा, जॉर्जिया; शिकागो, इलिनोइस; सेंट पॉल, मिनेसोटा; और भारत में हैं।

क्‍यों एलएंडटी के शेयरों में निवेश की सलाह दे रहे हैं विश्‍लेषक?

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भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के लिए इस अनुमानित इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर खर्च की योजना बनाई गई है. यह 2014-15 के मुकाबले यह रकम करीब दोगुनी है. इससे देश का इंफास्‍ट्रक्‍चर खर्च 2020-25 के दौरान नॉमिनल जीडीपी का 6.2 फीसदी पर पहुंच जाएगा. 2014-19 और 2024-25 के दौरान केंद्र का इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर खर्च भी बढ़ेगा. इसके 2019-20 में नॉमिनल जीडीपी के 1.8 फीसदी के मुकाबले 2024-25 में 2.7 फीसदी रहने के आसार हैं.

वैसे, इस बात को लेकर संदेह है कि क्‍या इस योजना को पूरी तरह अमलीजामा पहनाया जा सकेगा. वजह है क‍ि इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर स्‍पेंडिंग का करीब 61 फीसदी राज्‍य सरकारों और प्राइवेट सेक्‍टर से आना है. इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को इस बढ़ावे से एलएंडटी जैसी कंपनियों को कई कारोबारों में निवेश फायदा होगा.

वेदांता करेगी अगले 3 साल में 56,000 करोड़ रुपए का निवेश, इन क्षेत्रों पर कंपनी का रहेगा फोकस

Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: August 24, 2018 17:32 IST

Oil- India TV Hindi

नई दिल्ली। धातु एवं खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी वेदांता लिमिटेड अगले तीन साल में आठ कई कारोबारों में निवेश अरब डॉलर (करीब 56,000 करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। इसका उपयोग वह अपने विभिन्न कारोबारों के माध्यम से विविध परियोजनाओं में करेगी। कंपनी की सालाना आम बैठक में चेयरमैन नवीन अग्रवाल ने यह घोषणा की और कहा कि अभी यहां वृद्धि की बहुत संभावनाएं हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘भारत के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े तेल उत्पादक के तौर पर हमारी कंपनी घरेलू कई कारोबारों में निवेश उत्पादन में 27% का योगदान करती है। हमारी योजना इसे बढ़ाकर 50% करने की है। इसके लिए हम अगले दो से तीन साल में तीन से चार अरब डॉलर का निवेश करेंगे। इसके अलावा कई अन्य वृद्धि परियोजनाएं भी हैं।’’ अग्रवाल ने बताया कि इस साल वेदांता ने जस्ता, सीसा, चांदी और एल्युमीनियम का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। कंपनी अगले दो-तीन साल में इन कारोबारों में भी तीन से चार अरब डॉलर का निवेश करेगी।

हाल में तमिलनाडु में कंपनी के तूतीकोरन स्थित संयंत्र के पास लोगों के विरोध प्रदर्शन पर पुलिस की गोलीबारी में 13 लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने संयंत्र को स्थायी तौर पर बंद कर दिया। अग्रवाल ने इस घटना में जान गंवाने वाले लोगों की मौत पर दु:ख जताते हुए कहा कि कंपनी प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद मुहैया करा रही है।

इस साल छोटे कारोबारों ने जुटाए 1,460 करोड़ रुपये, IPO के जरिए कमाए पैसे

इस साल छोटे कारोबारों ने जुटाए 1,460 करोड़ रुपये, IPO के जरिए कमाए पैसे

इस साल के पहले नौ महीनों में 87 विभिन्न छोटे और मझोले उद्यमों (SME) ने इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के जरिए 1,460 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इन आईपीओ के मजबूत प्रदर्शन से निवेशकों की दिलचस्पी भी बढ़ी है. SME उद्योग के आंकड़े बताते हैं कि यह राशि उन 56 कंपनियों के आईपीओ के मुकाबले कहीं ज्यादा है, जिन्होंने 2021 में शेयर बिक्री के जरिए 783 करोड़ रुपये जुटाए थे.

छोटे उद्योगों पर बाजार में गिरावट का असर नहीं: जानकार

फेडेक्स सिक्योरिटीज में निदेशक उदय नायर ने कहा कि प्रौद्योगिकी आधारित मंच और बड़ी ब्रोकर कंपनियां एसएमई प्लेटफॉर्म के विकास में अहम भूमिका निभा सकती हैं. हेम सिक्योरिटीज में निदेशक प्रतीक जैन ने कहा कि एसएमई क्षेत्र बाजार में गिरावट से बेअसर रहा है और निवेशक आने वाले आईपीओ को लेकर उत्सुक हैं. उन्होंने बताया कि कई कंपनियों ने बीएसई के एसएमई और एनएसई इमर्ज मंचों पर लिस्टिंग के लिए दस्तावेज जमा करवा दिए हैं तो कई इसकी तैयार कर रही हैं.

आंकड़ों में बताया गया है कि जनवरी-सितंबर 2022 के दौरान एसएमई मंच पर कुल 87 आईपीओ लाए गए हैं, जिनसे 1,460 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. ये कंपनियां आईटी, वाहन कलपुर्जों, दमा, अवसंरचना और टूरिज्म और आभूषण क्षेत्र की हैं. सितंबर में 29 एसएमई ने प्राइमेरी मार्केट में शुरुआत की है. हेम सिक्योरिटीज के निदेशक गौरव जैन ने कहा कि आकार में छोटे होने के बावजूद इन आईपीओ को निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.कई कारोबारों में निवेश

Warren Buffett turns 90: 5 सेंट से 82 अरब डॉलर तक, कैसे च्युइंगम बेचने वाले वॉरेन बफे बन गए इन्वेस्टमेंट गुरू

Warren Buffett turns 90: 5 सेंट से 82 अरब डॉलर तक, कैसे च्युइंगम बेचने वाले वॉरेन बफे बन गए इन्वेस्टमेंट गुरू

Image: Reuters

इन्वेस्टमेंट गुरू कहलाने वाले वॉरेन बफे (Warren Buffett) का आज जन्मदिन है. 1930 में पैदा हुए बफे 90 साल के हो गए हैं. उन्हें ​इन्वेस्टमेंट्स के सिलेक्शन और उनमें कामयाब होने के लिए ओरेकल ऑफ ओबामा भी कहा जाता है. बफे 82.6 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ ब्लूमबर्ग बिलियेनियर इंडेक्स में इस वक्त दुनिया के छठें सबसे रईस शख्स हैं. च्युइंगम बेचने से शुरुआत करने वाले बफे ने इन्वेस्टमेंट गुरू तक का सफर कैसे तय किया, आइए जानते हैं…

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