घरेलू और वैष्विक अर्थव्यवस्थाओं, दोनों पर कोविड-19 के संभावित प्रभाव की आषंका की वजह से बाजार ने इन घटनाक्रम को लेकर प्रतिक्रिया दिखाई है। मौजूदा समय में, इक्विटी मूल्यांकन सस्ता है और निवेशकों में घबराहट है। ऐतिहासिक तौर पर, ऐसा समय दीर्घावधि इक्विटी निवेश के लिए आकर्षक साबित हुआ है। इस सामान्य विदेशी मुद्रा बातचीत तरह की स्थिति एक दशक में एक बार आती है। पिछली बार निवेशकों को इस तरह के संकट से 2001 और 2008 में जूझना पड़ा था।
अल्पावधि में बाजार में तेजी के आसार नहीं
दुनियाभर के बाजारों को भारी गिरावट के बाद केंद्रीय बैंकों के राहत पैकेजों से समर्थन मिला है। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य निवेश अधिकारी एस नरेन ने पुनीत वाधवा के साथ बातचीत में कहा कि भारतीय संदर्भ में, बाजार में फिलहाल 21 दिन से आगे लॉकडाउन की आशंका का प्रभाव नहीं दिख रहा है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
सरकार और आरबीआई द्वारा ताजा उपायों पर आपका क्या नजरिया है?
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक संकट की इस घड़ी में अर्थव्यवस्था को जरूरी मदद मुहैया कराने के लिए चुनौतीपूर्ण एवं जरूरी कदम उठा रहे हैं और आरबीआई द्वारा भी इस पर अमल किए जाने की संभावना थी। सकारात्मक वृहद आर्थिक संकेतकों, वैश्विक ब्याज दरों से ऊपर भारत की ब्याज दरों, और कम मुद्रास्फीति की उम्मीदों ने आरबीआई और सरकार के लिए मौद्रिक एवं वित्तीय राहत मुहैया कराने के लिए प्रेरित किया है। आरबीआई के पास 480 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार भी है जिसने भारत को विदेशी मुद्रा भंडार के संदर्भ में आरामदायक स्थिति में ला दिया है।
कोरोना संकट में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में ऐतिहासिक वृद्धि
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है और तमाम देशों की अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है. लॉकडाउन का प्रतिकूल प्रभाव भारत की आर्थिक वृद्धि पर भी पड़ा लेकिन इस कोरोना काल में देश को एक बड़ी उपलब्धि भी हासिल हुई है.
- देश के विदेशी भंडार में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
- कोरोना काल में ये वृद्धि शानदार संकेत
- FCA है बढ़ोत्तरी की प्रमुख वजह
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नई दिल्ली: भारत में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और मरीजों के स्वस्थ होने की संख्या भी तेज गति से बढ़ रही है. ये देखकर गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन को समाप्त कर दिया है और उसके स्थान पर अनलॉक करने की व्यवस्था की है. इसका मतलब ये है कि चरणबद्ध सामान्य विदेशी मुद्रा बातचीत तरीके से लोग लॉकडाउन से बाहर आ रहे हैं और सभी व्यवस्थाएं धीरे धीरे सामान्य रूप से चलने लगी हैं. अनलॉक सामान्य विदेशी मुद्रा बातचीत की वजह से कारोबार भी शुरू हो रहा है और बड़े बड़े उद्योगों के नुकसान में कमी आनी शुरू हुई है. बड़ी खबर ये है कि भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है.
देश के विदेशी भंडार में हुई रिकॉर्ड वृद्धि
भारत सामान्य विदेशी मुद्रा बातचीत और UAE में कई मुद्दों पर हुई बातचीत, संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई
By: एबीपी न्यूज़, एजेंसी | Updated at : 18 Aug 2020 12:08 AM (IST)
नई दिल्ली: भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ विस्तृत बातचीत की. इस बातचीत में सामरिक संबंधों को मज़बूत करने और दोनों देशों के पड़ोस की स्थिति सहित कई मुद्दे शामिल थे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय पक्ष ने यूएई को भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में और निवेश के लिए आमंत्रित किया, जिनमें फूड पार्क, राजमार्ग, बंदरगाह, हवाई अड्डे, अक्षय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र शामिल हैं.
कई मुद्दों पर सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण में बातचीत हुई- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि कई मुद्दों सामान्य विदेशी मुद्रा बातचीत पर सौहार्दपूर्ण और सकारात्मक वातावरण में चर्चा हुई, जो दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है. बता दें कि इजराइल के साथ यूएई के ऐतिहासिक शांति समझौते के बाद वहां के विदेश मंत्री ने शुक्रवार को जयशंकर को फोन किया था. इजराइल और यूएई में समझौते के बाद दोनों देशों के बीच संबंध ‘‘पूरी तरह सामान्य’’ होने का रास्ता साफ हो गया है.
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