तो बढ़ती इच्छाओं की इस सर्वव्यापी घटना की क्या व्याख्या होगी?

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क्या आप पीरियड्स के दौरान कैलोरी बर्न करती हैं?

यह सामान्य ज्ञान है कि जब महिलाओं को मासिक धर्म होता है तो भोजन की लालसा बढ़ जाती है और इससे यह भ्रम पैदा होता गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या है कि हमारी चयापचय दर सामान्य से अधिक होनी चाहिए क्योंकि, सरल रूप से, हम चयापचय दर में वृद्धि के अनुपात में अपनी लालसा को समान करते हैं। हालांकि, इस लोकप्रिय धारणा के विपरीत, अनुसंधान के माध्यम से यह साबित हो गया है कि मासिक धर्म चक्र के दौरान बढ़े हुए बीएमआर (बेसल मेटाबॉलिक रेट) के साथ उच्च कैलोरी खाद्य पदार्थों के लिए बढ़ी हुई क्रेविंग के बीच ऐसा कोई संबंध नहीं है। वास्तव में, यह पाया गया है कि हमारा बीएमआर पीरियड्स के गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या दौरान काफी कम हो जाता है और इस तरह, आप प्रभावी रूप से अपनी अवधि के दौरान सामान्य से कम कैलोरी बर्न करते हैं। तो आइए चर्चा करते हैं कि क्या आप पीरियड्स के दौरान कैलोरी बर्न करती हैं और फिर कुछ।

तो ऐसे समय में वास्तव में क्या होता है जब हम भोजन के लिए इतना तरसते हैं?

स्वॉट विश्लेषण क्या होता है

एक छात्र के रुप में सफल होने के लिए आपको एक विशेष रणनीति की आवश्यकता होती है। रणनीतिक निर्णय लेते समय, विचार करने के लिए बहुत सारे कारक होते हैं। संबंधित परिस्थितियों, विकल्पों और आंकड़ों से अभिभूत होना आसान है। स्वॉट आंतरिक विशलेषण है। इसकी सहायता से हम अपनी खुबियों, कमजोरियों, अवसरों और चुनौतियों के बारे में जान सकते है । इसमें हमें अपने आप से कुछ सवाल पुछकर उनका उत्तर देना है। सामान्य तौर पर यह पाया गया है कि जितनी आसानी से हम दुसरों की कमियों और खुबियों का मुल्यांकन कर सकते उतनी आसानी से स्वयं का मुल्यांकन नहीं कर पाते है। परन्तु ये बात भी सच है कि जितनी सटीकता और वास्तविकता से हम अपना मुल्यांकन कर सकते है ऐसा ओर कोई दूसरा व्यक्ति नहीं कर सकता है। हमारी खुबियां और कमियां हम से बेहतर भला और कौन जान सकता है ?

स्वॉट (SWOT) में व्यवसाय उद्यम या परियोजना का लक्ष्य उल्लिखित करना और आंतरिक और बाह्य कारक, जो उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनुकूल और प्रतिकूल हैं, उनको पहचानना शामिल है। एसडब्ल्यूओटी ये चार श्रेणियां वर्णन करती हैं कि क्या निर्णय का एक पहलू नकारात्मक या सकारात्मक है, और क्या यह संगठन के लिए बाहरी या आंतरिक है। गहन स्वॉट विश्लेषण ध्वनि रणनीतिक योजना की रीढ़ हो सकती है। आप सही रुप से स्वॉट का अनुसरण करके अपने करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। स्वॉट ना केवल आपकी कमजिरयों औऱ शक्तियों को बताता है बल्कि यह आपको भय और आप क्या करना चाहते हैं उसे भी बताता है। आपको आपके लक्ष्य के प्रति एकाग्र करने में स्वॉट अहम भूमिका अदा करता है।

स्वॉट का मूल्याकंन कैसे करें

एक अच्छा SWOT विश्लेषण सही प्रश्न पूछने से शुरू होता है। नीचे एक खाका है जिसे आपने अपने स्वॉट विश्लेषण पर शुरू किया है। जैसे कि आप इसे पूरा करते समय अपने आप से निम्नलिखित प्रश्न पूछने का प्रयास करें, और उपयुक्त सेल में प्रत्येक के लिए सबसे मुख्य जवाब की कल्पना करें। जितना हो सके, दिमाग पर जोर डालें। प्रत्येक चतुर्थांश के लिए चार या पांच वस्तुओं पर ध्यान देने की कोशिश करें। इसके अलावा, विशिष्ट और ठोस रहें, अस्पष्ट बयानों से बचें।

SWOT स्वॉट विश्लेषण इतना प्रभावशाली होता है कि इससे आपको नए करियर के अवसर ढूंढ़ने में सहायता मिल सकती है और आप अच्छी तरह से इनका उपयोग कर सकते हैं। साथ ही आप अपने आप के कमजोर बिंदुओं को समझकर, बिना निष्क्रिय रहे इन जोखिमों को संभाल सकते हैं और गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या इनका निवारण कर सकते हैं। सबसे पहले एक पेन और कागज साथ में लें और किसी एकान्त और शांत जगह पर चले जाएं । यह शांत जगह आपका कमरा, छत, कुछ भी हो सकती है । अब कागज को चार बराबर हिस्सों में बांट लें और उसके चार भागों में अंग्रजी के अक्षर S (Strengths) ताकत, W (Weaknesses) कमजोरियां, O (Opportunities) अवसर और T (Threats) खतरें को लिखें । इसमें से पहले और तीसरे हिस्से वाली चीजें आपके लिए उपयोगी है तथा दुसरे और चौथे हिस्से वाली चीजें कि नुकसानदायी हो सकती है।

शोध : प्रविधि और प्रक्रिया/शोध क्या है?

व्यापक अर्थ में शोध या अनुसन्धान (Research) किसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना' या 'विधिवत गवेषणा' करना होता है। वैज्ञानिक अनुसन्धान में वैज्ञानिक विधि का सहारा लेते हुए जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है। नवीन वस्तुओं की खोज और पुरानी वस्तुओं एवं सिद्धान्तों का पुनः परीक्षण करना, जिससे कि नए तथ्य प्राप्त हो सकें, उसे शोध कहते हैं। शोध के अंतर्गत बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक बुद्धि से उसका अवलोकन-विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है। शोध का परिचय देते हुए डॉ. नगेन्द्र लिखते हैं कि-"अनुसंधान का अर्थ है परिपृच्छा, परीक्षण, समीक्षण आदि। संधान का अर्थ है दिशा विशेष में प्रवृत्त करना या होना और अनु का अर्थ है पीछे, इस प्रकार अनुसंधान का अर्थ हुआ—किसी लक्ष्य को सामने रखकर दिशा विशेष में बढ़ना—पश्चाद्गमन अर्थात् किसी तथ्य की प्राप्ति के लिए परिपृच्छा, परीक्षण आदि करना।" [१]

मानक उच्च क्‍वालिटी वाले प्रश्न

उत्तर और स्पष्टीकरण के लिए मूल स्रोतों का संदर्भ

सभी प्रमुख एनसीईआरटी की किताबें शामिल

मानक किताबें और रिपोर्ट जैसे कि लक्ष्‍मीकांत, रमेश सिंह, जीसी लियोंग, आर्थिक सर्वेक्षण और एआरसी रिपोर्ट भी कवर किए गए हैं

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SprintUPSC एक तय मॉक टेस्‍ट सीरीज से कहीं अधिक है।

व्‍यक्तिगत अभ्‍यास

किन्‍हीं अन्‍य IAS प्रीलिम्‍स टेस्‍ट सीरीज से अलग यहां आप किसी और तरीके से नहीं बल्कि अपने पढ़ाई की योजना के अनुसार प्रैक्टिस टेस्‍ट बना सकते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि प्रश्नों का अभ्यास करना आपकी दैनिक आदत का हिस्सा बन जाए। आपके पास कितना समय है और सीखने की अवस्‍था पर आप कहां पर हो इसके आधार पर आप प्रैक्टिस टेस्‍ट की लंबाई और कठिनाई स्‍तर को चुन सकते हैं। यदि आपने पहली बार टॉपिक/अध्‍याय पढ़ा है तो हम सलाह देंगें कि आसान प्रश्‍नों से शुरूआत करें और धीरे-धीरे उससे थोड़े कठिन और उसके बाद कठिन प्रश्‍नों की ओर आगे बढ़ें। यह सुनिश्चित करेगा कि आपमें उत्‍साह की कमी न हो। हम समझते हैं कि हर कोई अलग होता है और सबके सीखने की अवस्‍था भी अलग-अलग है।

गहन विश्‍लेषण

आपको सटीकता, कवरेज और प्रदर्शन स्‍कोर के मामले में अपने तरह का पहला गहन विश्‍लेषण मिलता है जो गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या आपके प्रदर्शन पर नजर रखने और उसे सुधारने में मदद करता है।

वैयक्तिक अध्ययन की परिभाषा (vaiyaktik adhyaya ki paribhasha)

गुडे एवं के शब्दों में,गहन विश्लेषण और विस्तृत व्याख्या " वैयक्तिक अध्ययन सामाजिक तथ्यों को संगठित करने की एक ऐसी विधि है जिससे अध्ययन किये जाने वाली सामाजिक इकाई की एकात्मक प्रकृति की पूर्णतया रक्षा हो सकती है।"
सिन पाओ यंग के अनुसार, "व्यक्तिगत-अध्ययन पद्धति को किसी व्यक्ति के सूक्ष्म, गहन तथा सम्पूर्ण अध्ययन के रूप मे परिभाषित किया जा सकता है, जिसमे शोधकर्ता अपनी क्षमताओं और विधियों का प्रयोग करता है।"
बीसेन्ज एवं बीसेन्ज के शब्दों में, "वैयक्तिक अध्ययन गुणात्मक विश्लेषण का एक विशेष स्वरूप है जिसके अन्तर्गत किसी व्यक्ति, परिस्थिति अथवा संस्था का अत्यधिक सावधानीपूर्वक और पूर्ण अवलोकन किया जाता हैं।
गिडिंग्स के अनुसार, "शोध के अन्तर्गत विषय केवल मानव प्राणी हो सकता है, या उसके जीवन का एक उपाख्यान अथवा विचारपूर्ण रूप से यह राष्ट्र, सामज्रज्य अथवा इतिहास का एक गुण हो सकता है।"

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