Bitcoin Legal Status After Budget: क्या बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को अब भारत में मिल जाएगी कानूनी मान्यता?


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए कहा कि डिजिटल एसेट्स (digital assets) से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। इसके साथ ही इस तरह की एसेट्स के ट्रांजैक्शन पर एक फीसदी टीडीएस (TDS) कटेगा। सरकार के इस ऐलान के बाद माना जा रहा है कि सरकार ने बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज (Cryptocurrency) को मान्यता देने का मन बना लिया है। तो क्या भारत में अब क्रिप्टोकरेंसी वैध (Cryptocurrency Legal in India) हो जाएगी, देखिए इसे लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट।

क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी, डेढ़ साल की सजा और 20 करोड़ तक जुर्माना का होगा प्रावधान

क्रिप्टो करेंसी

क्रिप्टो करेंसी को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि सरकार संसद में चल रहे शीतकालीन सत्र में इसके लिए कानून बनाएगी और वो तैयारी पूरी होती दिख रही है। सूत्र कह रहे कि क्रिप्टोकरेंसी के लिए कानून की तैयारी पूरी हो चुकी है। इस कानून के तहत लेन-देन करने पर गैर जमानती धाराओं में बिना वारंट गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा सकता है। इसके अलावा ₹20 करोड़ रुपये तक के जुर्माना का भी प्रावधान होगा।

इस मामले से जुड़े अधिकारी ने बताया कि संसद में पेश होने वाले बिल में क्रिप्टो करेंसी की खरीदी बिक्री, जमा करने, होल्ड करने का काम सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगा। इसमें नियमों का उल्लंघन करने पर बिना वारंट गिरफ्तारी होगी क्योंकि धाराएं गैर जमानती होगी।

माना जा रहा है कि सरकार 20 करोड़ तक जुर्माना और डेढ़ साल तक की सजा के साथ साथ अंधाधुन विज्ञापनों पर भी रोक होगी और गलत जानकारी देकर उकसाने की शिकायत यदि मिलती है तो उस पर कड़ी कार्रवाई भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? की जाएगी।

क्रिप्टोकरंसी को होल्ड करने वाले वॉलेट पर भी प्रतिबंध लगाया जा सकता है। इसकी छूट सिर्फ एक्सचेंज के जरिए होगी।

एक अनुमान के मुताबिक करीब 2 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टोकरंसी में 45,000 करोड़ का निवेश किया है इसलिए भी सरकार इस पर कानून लाने जा रही है और उस कानून में सख्त धाराएं और प्रावधान होंगे।

सूत्र यह भी कह रहे हैं कि बाजार नियामक सेबी को क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी का जिम्मा सौंपा जाएगा। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार जून 2021 तक भारत में क्रिप्टोकरंसी का बाजार 641 फ़ीसदी बढ़ चुका है।

Cryptocurrency पर सरकार का बड़ा फैसला, नहीं मिलेगी कानूनी मान्यता

Cryptocurrency Bill को लेकर फिर एक बार नया डेवलपमेंट देखने को मिला है। खबर है कि इस बिल पर सरकार की तरफ से एक कैबिनेट नोट जारी किया गया है जिसमें ये कहा गया है कि इस बिल के ज़रिए सरकार की मंशा प्राइवेट Cryptocurrencies को रेगुलेट करने की है, ना कि इन्हें बैन करने की। मगर, इसके साथ ही इस cabinet नोट में ये भी साफ कर दिया गया है कि भारत में क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी । ये बिल Cryptocurrency को Cryptocurrency नहीं बल्कि Crypto asset के नाम से डिस्क्राइब करेगा ।

तो ये Cryptocurrency और Crypto asset के बीच क्या फर्क है और इससे investors पर क्या फर्क पड़ेगा, आज बात करेंगे इसी के बारे में।

Cryptocurrency भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? और Crypto asset के बीच क्या अंतर है ये समझने से पहले ये समझ लीजिए कि currency किसे कहते हैं? मुद्रा या currency पैसे के उस रूप को कहते हैं जिससे हम रोजमर्रा के जीवन में किसी भी चीज़ या सेवा को खरीदते या बेचते हैं । इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। अब इसे ध्यान से सुन लीजिए। किसी देश में इस्तेमाल की जाने वाली करेंसी उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है और back भी की जाती है। इस नोट को ध्यान से देखिए। इस पर ये लिखा हुआ है कि मैं धारक को — रुपए देने का करता हूँ। ऐसा आपको हर नोट पर लिखा मिल जाएगा। भारत में रुपया और पैसा करेंसी है, दुबई की करेंसी दिरहम है, अमेरिका की डॉलर तो भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? uk की करेंसी पौंड है।

अब क्योंकि भारत की सरकार किसी भी प्रकार की Cryptocurrency, फिर चाहे वो पब्लिक हो या प्राइवेट, को मान्यता नहीं देती, और ना ही आगे इन्हें मान्यता देने का कोई इरादा है, इसीलिए इन्हें करेंसी नहीं कहा जाएगा। यानी भारत में Cryptocurrency को “लीगल टेन्डर” नहीं माना जाएगा।

अब बड़ा सवाल ये है कि अगर Cryptocurrency को रेगुलेट किया जाएगा तो उसे किस प्रकार और कौन रेगुलेट करेगा?

बता दें Crypto asset को मौजूदा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म से संचालित किया जाएगा जिसे Securities & Exchange Board of India यानी सेबी के द्वारा रेगुलेट किया जाएगा। इसके अलावा Crypto asset रखने वालों के लिए इसे declare करने और क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के अंदर लाने के लिए एक कट-ऑफ डेट भी निर्धारित की जाएगी।

कई लोगों को क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो-एसेट्स के बीच के अंतर के बारे में काफी confusion हैं। Cryptocurrency, जैसा कि हम सभी जानते भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? हैं, virtual currency हैं, यानी ये नोट या सिक्के जैसे physical form में नहीं होती। अब आप पूछेंगे कि फिर ये जो bitcoin और Ethereum का जो सिकका हम देखते हैं वो क्या है? दरअसल वो सिर्फ representational images या सिक्के होते हैं। यानी आपके पास अगर ये सिक्के हैं तो आप इनसे वो चीज़ें भी नहीं खरीद सकते जिसके बदले में बिटकॉइन acceptable हो। आपको कोई भी क्रिप्टो ऐसेट डिजिटल फॉर्म में ही खरीदना या बेचना पड़ेगा।

Cryptocurrencies लेनदेन करने के लिए क्रिप्टोग्राफ़िक प्रक्रियाओं का इस्तेमाल करती हैं। वे decentralized होती हैं, जिसका मतलब ये है कि उनहें किसी भी central authority या governing body रेगुलेट नहीं करती हैं।

दूसरी तरफ, Crypto Assets में सभी क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट किया जाएगा और इनका लेजर भी बनाया जाएगा। आसान भाषा में समझे तो Crypto Assets रेगुलेटेड Cryptocurrencies को कहा जा सकता है।

अब क्योंकि Crypto Assets का बकायदा लेजर मेंटेन किया जाएगा इसका मतलब अगर कोई इनका आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग समेत किसी भी तरीके से गलत इस्तेमाल करता है तो उसे Prevention of Money Laundering Act यानी PMLA के तहत सज़ा दी जाएगी।

खबरों की माने तो अगर कोई व्यक्ति exchange के provisions का उल्लंघन करता है तो उसे 1.5 साल तक की जेल और 5 से 20 करोड़ तक का फाइन भी उसपर लगाया जा सकता है।

इसके पहले भी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी के गलत हाथों में जाने के जोखिम पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने ये भी कहा था कि डिजिटल करेंसी के विज्ञापनों को रोकने को ले कर कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है।

सरकार सदन के इसी शीतकालीन सत्र में Cryptocurrency Bill ले कर आ रही है। ऐसे में ये नई तकनीक भारत का भविष्य बदलती है या भारत की सरकार इस तकनीक का भविष्य, ये देखना दिलचस्प होगा।

क्रिप्टोकरेंसी: कहीं बैन तो कहीं बनी लीगल टेंडर…क्या चीन की राह पर है भारत!

भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है?

बिजनेस डेस्कः क्रिप्टो करेंसी को लेकर मोदी सरकार एक्शन के मूड में है। संसद के आगामी भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? शीतकालीन सत्र में इसे लेकर सरकार बिल लेकर आ रही है। जिसमें प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने से लेकर इसके लिए नियम भी बनाए जा सकते हैं। इस विधेयक का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ है। देश में बड़ी संख्या में लोगों भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? ने बिटकॉइन जैसी कई क्रिप्टो करंसी में बड़ी मात्रा में निवेश किया हुआ है। मोदी सरकार के ताजा फैसले का असर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले लाखों लोगों पर पड़ सकता है। हालांकि यह मांग भी है कि अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों को अनुमति दी जाए।

आखिर क्या है क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है। इसे आप देख या छू नहीं सकते। लेकिन इसे ऑनलाइन वॉलेट में जमा कर सकते हैं, डिजिटल भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? कॉइन के रूप में। इसे एक डिजिटल कैश प्रणाली कह सकते हैं, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बेस्ड है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी किसी भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? एक देश की सीमा या नागरिकों तक सीमित नहीं है बल्कि यह अलग-अलग देशों और नागरिकों से ताल्लुक रखती है।

चीन पहले ही कर चुका है बैन
चीन का सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सभी ट्रांजेक्शन को अवैध करार दे चुका है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कह चुका है। उसने ये भी कहा है कि वह घरेलू निवेशकों को सेवा देने वाले विदेशी एक्सचेंजों पर पाबंदी लगाएगा। चीन में ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों में क्रिप्टो पर बड़ा दांव लगाया है, विशेष रूप से टेक इंडस्ट्री की कंपनियां। अब अगर भारत की बात करें तो भारत में भी कई निवेशकों का पैसा क्रिप्टोकरेंसी में लगा है। ऐसे में अगर भारत में इन पर बैन लगा तो कई निवेशकों की सांस हलक में अटक जाएगी।

​इन देशों में भी क्रिप्टो पर है प्रतिबं
चीन के अलावा कुछ अन्य देश भी हैं, जिनमें क्रिप्टोकरेंसी या क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट्स पर प्रतिबंध है। इनमें नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, अल्जीरिया कतर, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, वियतनाम के नाम प्रमुख हैं। मिस्त्र में शरिया कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी को हराम मान गया है, हालांकि यह प्रत्यक्ष तौर पर प्रतिबंधित नहीं है।

अल सल्वाडोर में लीगल टेंडर बन चुका है बिटकॉइन
एक ओर जहां कई देश क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं, वहीं मध्य अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने सितंबर माह में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी रूप से स्वीकार कर लिया था। अल सल्वाडोर में अब वित्तीय लेनदेन के लिए बिटकॉइन का भी इस्तेमाल हो सकेगा यानी बिटकॉइन वहां पर लीगल टेंडर बन चुका है। ऐसा करने वाला अल सल्वाडोर दुनिया का पहला देश है।

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