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सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान-सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस)
हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. सिंगल मेच्योरिटी स्कीम (एसएमएस) के तहत, आपको मेच्योरिटी पर मूलधन और ब्याज मिलता है. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.
सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान- मासिक मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस)
हमने रेकरिंग डिपॉजिट (आवर्ती जमा) में दिलचस्पी लेने वाले कस्टमर के लिए एक विशेष डिपॉजिट प्लान बनाया है, जिसे सिस्टमेटिक डिपॉजिट प्लान (एसडीपी) कहा जाता है. एसडीपी में, आप एक निर्धारित अवधि (12 से 60 महीने) के लिए हर महीने रु. 5,000 तक इन्वेस्ट कर सकते हैं. मंथली मेच्योरिटी स्कीम (एमएमएस) के तहत, आपको हर महीने ब्याज का भुगतान मिलेगा और मूलधन का भुगतान मेच्योरिटी पर किया जाएगा. प्रत्येक नए डिपॉजिट पर ब्याज को राशि डिपॉजिट किए जाने वाले महीने में लागू ब्याज दरों के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है.
SBI की 5 बेस्ट स्कीम: 10 साल में 9 गुना तक रिटर्न, 5 हजार मंथली जमा करने वालों को मिले 22.5 लाख
SBI म्यूचुअल फंड की कई स्कीम हैं, जो निवेशकों के लिए रिटर्न मशीन साबित हुई हैं. 10 साल के रिटर्न चार्ट को देखते एक मुश्त निवेश करने वालों को यहां 9 गुना तक रिटर्न मिला है.
SBI म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए रिस्क प्रोफाइल और जरूरत को देखते हुए कई कटेगिरी में स्कीम ऑफर कर रहा है. (reuters)
SBI Best Mutual Fund Scheme: बाजार में कई फंड हाउस हैं, जो म्यूचुअल फंड स्कीम ऑफर कर रहे हैं. इन्हीं में एक SBI म्यूचुअल फंड भी है जो देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की म्यूचुअल फंड आर्म है. SBI म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए उनकी उम्र, रिस्क प्रोफाइल और जरूरत को देखते हुए कई कटेगिरी में स्कीम ऑफर कर रहा है. चाहे लार्जकैप हो मिडकैप, स्मालकैप हो सेक्टोरल फंड, हर कटेगिरी में निवेशकों के लिए विकल्प है. यह देश के सबसे पुराने म्यूचुअल फंड में शामिल हैं, जिनकी कुछ स्कीम 20 साल या इससे भी पुरानी है. SBI म्यूचुअल फंड की कई स्कीम हैं, जो निवेशकों के लिए रिटर्न मशीन साबित हुई हैं. 10 साल के रिटर्न चार्ट को देखते एक मुश्त निवेश करने वालों को यहां 9 गुना तक रिटर्न मिला है. इनमें SIP करने वाले भी मोटा फंड जुटाने में सफल रहे हैं. यहां 10 साल के प्रदर्शन के आधार पर हमने बेस्ट 5 स्कीम की जानकारी दी है.
SBI Small Cap Fund
10 साल का रिटर्न: 25% CAGR
SBI म्यूचुअल फंड की बीते 10 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली स्कीम SBI Small Cap Fund है. इसने 10 साल में 25% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 9 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 22.5 लाख का फंड हो गया.
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इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 11,288 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.73 फीसदी था.
SBI Tech Opportunities Fund
10 साल का रिटर्न: 20% CAGR
SBI Tech Opportunities Fund ने 10 साल में 20% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 6.35 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 20 लाख का फंड हो गया.
इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 2,313 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 2.23 फीसदी था.
SBI Magnum Midcap Fund
10 साल का रिटर्न: 20% CAGR
SBI Magnum Midcap Fund स्कीम भी निवेशकों के टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प लिए रिटर्न मशीन साबित हुई है. फंड ने 10 साल में 20% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 6.16 टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 16.5 लाख का फंड हो गया.
इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 6,859 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.94 फीसदी था.
SBI Focused Equity Fund
10 साल का रिटर्न: 18% CAGR
SBI Tech Opportunities Fund ने 10 साल में 18% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 5.28 लाख हो गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 15.5 लाख का फंड हो गया.
इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 23,186 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 1.92 फीसदी था.
SBI Consumption Opportunities Fund
10 साल का रिटर्न: 17.87% CAGR
SBI म्यूचुअल फंड की 10 साल में टॉप रिटर्न देने के मामले में टॉप 5 में SBI Consumption Opportunities Fund भी शामिल है. इस ने 10 साल में 17.87% CAGR रिटर्न दिया है. यहां 1 लाख का एकमुश्त निवेश 10 साल में 5.18 लाख हो टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प गया. वहीं जिन्होंने इस दौरान 5000 रुपये की मंथली SIP की, उनके पास 14 लाख का फंड हो गया.
इस स्कीम में कम से कम 5000 रुपये एकमुश्त और कम से कम 500 रुपये की SIP की जा सकती है. 31 जनवरी 2022 तक फंड का कुल एसेट्स 892 करोड़ था, जबकि 31 दिसंबर 2021 तक एक्सपेंस रेश्यो 2.44 फीसदी था.
टॉप-अप सिप के जरिये बढ़ा सकते हैं म्यूचुअल फंड से मिलने वाला रिटर्न, जानें इसके दूसरे फायदे
Mutual Fund SIP: सामान्य एसआईपी के तहत निवेशक अपने एसआईपी टेन्योर के दौरान अपना योगदान नहीं बढ़ा सकते हैं, लेकिन टॉप अप एसआईपी के तहत योगदान बढ़ाया जा सकता है.
By: ABP Live | Updated at : 02 Dec 2022 03:35 PM (IST)
म्युचुअल फंड (फाइल फोटो)
Mutual Fund SIP: म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) एक ऐसा तरीका है, जिससे लांग टर्म में निवेश कर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. SIP निश्चित समय में फिक्स्ड अमाउंट निवेश (Fixed Amount Invest) का एक आसान सिस्टम है. इसकी मदद से निवेशक मार्केट के रिस्क और मुनाफे को समझकर निवेश का प्लान बना सकते हैं.
एक्सपर्ट अक्सर सलाह देते हैं कि अगर आपके पास अतिरिक्त पैसा है, तो उसे पहले से ही SIP में जमा करके रखें. ताकि इमरजेंसी के समय इसका उपयोग किया जा सके. वहीं, म्यूचुअल फंड के तहत एक टॉप-अप SIP भी होता है, जो निवेशकों को SIP राशि बढ़ाने की अनुमति देता है. इसमें सालाना निवेश किया जा सकता है. यह सुविधा उन लोगों के लिए है, जो अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं. इसे SIP बूस्टर के नाम से भी जानते हैं.
क्या है सामान्य SIP और टॉप-अप SIP में अंतर
एक सामान्य एसआईपी के तहत निवेशक अपने एसआईपी टेन्योर के दौरान अपना योगदान नहीं बढ़ा सकते हैं. ज्यादा निवेश के लिए उन्हें नई स्कीम का विकल्प चुनना होगा, जबकि टॉप-अप एसआईपी या एसआईपी बूस्टर निवेशकों को अपने एसआईपी योगदान को ऑटोमेटिक करने की सुविधा देता है और आय में बढ़ोतरी के साथ ही कंट्रीब्यूशन को बढ़ाने की अनुमति देता है.
टॉप-अप SIP कैसे करेगा काम
म्यूचुअल फंड में टॉप अप फैसिलिटी विकल्प से निवेशक अपना मंथली कंट्रीब्यूशन अभी चल रहे SIP में बढ़ा सकते हैं. उदाहरण से समझें, अगर किसी निवेशक ने म्युचुअल फंड के तहत 10 हजार रुपये हर महीने कंट्रीब्यूट कर रहा है और इससे अधिक निवेश करना चाहता है, तो उसके पास एसआईपी टॉपअप का विकल्प होता है और हर कैलेंडर वर्ष या वित्तीय वर्ष या फिर प्रत्येक छह महीने के अंत में राशि जोड़ सकता है.
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टॉप अप SIP के फायदे
टॉप अप एसआईपी की मदद से आप अपने फाइनेंशियल टारगेट को जल्द पूरा कर सकते हैं. इसके लिए आपको ज्यादा समय तक इनवेस्ट नहीं करना पड़ेगा. एसआईपी प्लान के बीच में ही निवेश को बढ़ाकर यह टारगेट हासिल किया जा सकता है.
बढ़ती महंगाई के साथ पैसे का मूल्य नीचे जाता रहता है. इस स्थिति से अधिकतम लाभ उठाने का एक स्मार्ट तरीका यह है कि एसआईपी योगदान को मुद्रास्फीति दर या उससे अधिक के बराबर बढ़ाया जाए. इससे महंगाई से लड़ने में मदद मिलती है. टॉप-अप एसआईपी एक ऑटो पायलट मोड में काम करता है, जिसका अर्थ है कि यह निवेशकों को हर बार नए एसआईपी खाते खोलने की परेशानी से बचाता है.
Published at : 02 Dec 2022 03:12 PM (IST) Tags: SIP Mutual fund investment Plan हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Utility-news News in Hindi
12-15 साल के निवेश हेतु म्यूचुअल फंड सर्वश्रेष्ठ विकल्प
लंबी अवधि के निवेश के लिये यही सलाह बनती है कि म्यूचुअल फंड में निवेश सुरक्षितहै
10 जुलाई 2010
हम और आप पैसा कमाने के लिए काफी मेहनत करते हैं। हम उस कमाई हुई रकम में से कुछ खर्च करते हैं और थोड़ा बचाते हैं। वैसे तो बचत के बहुत से ज़रिए है लेकिन हम चाहते हैं कि पैसा सिर्फ बचे ही नहीं बल्कि इसमें बढ़त भी होती रहे।
अगर आप सही जगह निवेश करते हैं तो आपकी हर महीने की छोटी से छोटी बचत एक दिन एक बहुत बड़ी रकम बनकर आपके पास वापस आ सकती है। इस काम के लिये आपको कुछ निवेश योजना बनाकर चलने की आवश्यकता है।
वर्तमान निवेश विकल्पों में म्युचुअल फंड पर काफ़ी अधिक विश्वास किया जा रहा है। वाइज इंवेस्ट एडवाइजर्स के सीईओ हेमंत रुस्तोगी ने सीएनबीसी आवाज़ के साथ इस पर चर्चा की और म्युचुअल फंड के बारे में बहुमूल्य जानकारी उपलब्ध करायी।
अगर कोई पहली बार म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहा है तो उसे एक साथ ढेर सारा पैसा इनमें लगाने की बजाय सिस्टोमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के तहत निवेश करना चाहिये। म्यूचुअल फंड निवेश के लिहाज़ से हमेशा ही बेहतर विकल्प साबित होते हैं पर इसके लिये निवेशकों को अनुशासित रुप से निवेश की आदत डालनी ही होगी और अपनी निवेश सीमा भी लंबी अवधि के लिये रखनी होगी।
एसआईपी के लिए एचडीएफसी इक्विटी फंड, एचडीएफसी टॉप 200 फंड, आईडीएफसी प्रीमियर इक्विटी फंड बेहतर फंड हैं। इसके अलावा रिलायंस ग्रोथ फंड में भी फंड में निवेश की सलाह बन रही है।
जो लोग लंबी अवधि के लिये निवेश करना चाहते हैं तो उनके लिये यही सलाह बनती है कि म्यूचुअल फंड में निवेश सुरक्षित भी है और इसमें अच्छे रिटर्न भी मिलते हैं।
12-15 साल के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड सबसे अच्छा विकल्प है। इसके अलावा लंबी अवधि में इक्विटी में सबसे ज्यादा रिटर्न मिलते हैं इस बात को भूलना नहीं चाहिये। आपके पैसे की सुरक्षा बनी रहे इसके लिये ज़रूरी है कि निवेश के साथ सही इंश्योरेंस भी लिया जाए।
म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर आपको सिस्टोमैटिक ट्रांसफर प्लान लेने का भी विकल्प मिलता है जिसके तहत आप अपनी धनराशि को एक फंड से दूसरे फंड में बदल सकते हैं। इस प्लान में निवेशक इक्ट्ठी धनराशि एक प्लान में लगाते हैं और समय समय पर दूसरे फंड में पैसै स्विच कर सकते हैं।
फ्लेक्सिबल एसटीपी के लाभ
गिरते बाज़ारों में एसटीपी के लिए तय रकम से ज़्यादा पैसे लगा सकते हैं। इसमें निचले स्तरों पर ज्यादा यूनिट खरीद पाने की सहूलियत मिलती है। एसटीपी के जरिए एचडीएफसी के फंड में निवेश कर सकते हैं इसके लिये ये एक अच्छा विकल्प है।
इसके अलावा रिलायंस म्यूचुअल फंड में भी आपको एसटीपी की तर्ज पर 'स्मार्ट स्टेप' विकल्प मिल सकता है। एसटीपी के लिये हर महीने कोई तारीख निश्चित होती है जिस पर आपका पैसा ट्रांसफर हो सकता है।
निवेशकों के लिए ये सुझाव हैं कि निवेश करने से पहले कुछ तैयारी करनी आवश्यक हैं। जैसे आपको निवेश की अवधि पहले से तय करना काफी जरूरी होता है। अलग-अलग अवधि के लिए निवेश रणनीति और विकल्प भी अलग अलग होंगे।
यदि आप छोटी अवधि के लिये पैसा निवेश करना चाहते हैं तो आपको पैसे की सुरक्षा पर ध्यान रखना होगा। वहीं अगर आप लंबी अवधि के लिये निवेश कर रह हैं तो अच्छे रिटर्न मिलें इसके साथ ही साथ महंगाई दर का भी ध्यान रखकर चलना होगा क्योंकि इसी समय महंगाई इतनी अधिक है तो भविष्य में इसके और भी बढ़ने की संभावना है।
एचडीएफसी एमआईपी एलटीपी फंड 2-3 साल के निवेश नज़रिये से काफ़ी अच्छा फंड साबित हो सकता है। इस फंड में एक बात ध्यान रखने योग्य है कि इसमें जोखिम डेट फंड्स से थोड़ा ज्यादा होता है।
जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं उनके लिये हेमंत रस्तोगी ने राय दी है कि पहले टॉप 12 लाभदायक निवेश विकल्प से मौजूद गोल्ड ईटीएफ में पैसे लगाने चाहिये। क्योंकि ये लिक्विडिटी के साथ बेहतर वॉल्यूम भी देते हैं। इसके साथ साथ गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय फंड के खर्चों का खयाल भी रखना चाहिये।
2-3 साल के लिए हाइब्रिड फंड्स सही होते हैं। इससे ज्यादा समय के लिये इक्विटी फंड्स में पैसे लगाएं तो बेहतर होगा। ईएलएसएस में अगर कोई निवेश करना चाहता है तो इसके लिये कैनरा रोबेको इक्विटी टैक्स सेवर फंड अच्छा है।
म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे बङ़ा लाभ ये है कि ये काफ़ी सुगठित निवेश कहलाता है और इसमें विकल्प भी काफी अधिक होते हैं। आप को टैक्स छूट का लाभ भी मिल सकता है और म्यूचुअल फंड में सम्पूर्ण पारदर्शिता की सुविधा भी मिलती है।
रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज फंड और टाटा इंडो ग्लोबल इंफ्रा फंड को निवेश के लिये अच्छा विकल्प बताया जा रहा है। इसके साथ ही यूटीआई इंफ्रा फंड में भी निवेश किया जा सकता है। ध्यान रखना चाहिये कि हर फंड की अपनी कुछ सीमाऐं हैं। किसी भी फंड में निवेश करने से पहले इसकी सारी जानकारी लेने के बाद ही आप इसमें निवेश करें तो बेहतर होगा।
ELSS: टैक्स सेविंग ही नहीं रेगुलर निवेश के लिए भी बेहतर विकल्प, रिटर्न चार्ट में टॉप पर हैं कई स्कीम
टैक्स सेविंग के लिए निवेश करते समय बहुत से लोग यह ध्यान देने से चूक जाते हैं कि ऐसी स्कीम चुनें, जहां टैक्स की बचत तो हो भी, रिटर्न भी हाई मिले.
बाजार में बहुत सी स्कीम हैं, जिनमें निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट का फायदा मिल रहा है. (image: pixabay)
Tax Saver Mutual Funds: बाजार में बहुत सी स्कीम हैं, जिनमें निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट का फायदा मिल रहा है. इनमें स्माल सेविंग्स स्कीम हैं तो म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) भी एक विकल्प है. टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत प्रावधानों के तहत, अपना टैक्स बचाने के उपाय करते हैं. लेकिन बहुत से लोग ऐसे हैं जो यह ध्यान देने से चूक जाते हें कि ऐसी स्कीम चुनें, जहां टैक्स की बचत तो हो भी, रिटर्न भी हाई मिले. अगर आप ऐसे विकल्प की तलाश में हैं तो ELSS आपके लिए अच्छा विकल्प है. यहां आमतौर पर संभावना यही होती है कि फिक्स्ड इनकम वाले विकल्पों से ज्यादा फायदा होगा. ये स्कीम मार्केट से जुड़े रिटर्न की पेशकश करती हैं, लेकिन सीधे इक्विटी के बजाए म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करने से रिस्क कम होता है.
3 साल और 5 साल में हाई रिटर्न देने वाले फंड
Quant Tax Plan: 35%, 24%
BOI AXA Tax Advantage: 26%, 19.5%
Mirae Asset Tax Saver: 22%, 19%
Canara Robeco Eqt Tax Saver: 21%, 18%
IDFC Tax Advantage: 21%, 18%
PGIM Ind ELSS Tax Saver: 20%, 16%
JM Tax Gain Dir: 19%, 16%
Invesco Ind Tax Plan: 17, 16%
Axis Long Term Equity: 17%, 16%
DSP Tax Saver: 19%, 16%
Kotak Tax Saver: 19%, 15%
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