रिपोर्ट में भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ती लचीलापन के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों और नियामक उपायों को भी श्रेय दिया गया। इस महीने की शुरुआत में, भारतीय इक्विटी ने अब तक के उच्चतम स्तर को छुआ और निफ्टी, भारत का बेंचमार्क इंडेक्स महीने के निचले स्तर पर लौटने से पहले 18,800 अंक को पार कर गया।
भारतीय बाजारों के लिए आज क्या हैं ग्लोबल मार्केट से संकेत, किन खबरों वाले शेयरों पर रखें नजर
ECB और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी ब्याज दरों में 50 bps की बढ़ोतरी की है, साथ ही आगे भी दरें बढ़ाने के संकेत दिए हैं, जिसके बाद यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ बंद हुए.
भारतीय बाजारों के लिए गुरुवार का दिन बेहद खराब रहा, बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए थे, आज भी संकेत ज्यादा अच्छे नहीं है. फेड की पॉलिसी के बाद अमेरिकी बाजार मंदी की आशंकाओं से घिर गए और गुरुवार को यहां भी एक बड़ी गिरावट देखने को मिली.
अमेरिकी बाजारों में बड़ी गिरावट
डाओ जोंस 764 (2.25%) गिरकर बंद हुआ, इंट्रा-डे में ये गिरावट करीब 900 अंकों की थी. नैस्डेक भी 360 (3.23%) गिरकर बंद हुआ और S&P500 में 100 (2.49%) अंकों की गिरावट देखने को ग्लोबल मार्केट्स क्या है? मिली.
एशियाई बाजारों का हाल भी कुछ ज्यादा अच्छा नहीं लग रहा है, SGX Nifty की शुरुआत आज भी सुस्ती के साथ हुई है, ये 65 अंकों की गिरावट के साथ 18,400 के नीचे फिसल गया है. दूसरे एशियाई बााजारों ग्लोबल मार्केट्स क्या है? में सबसे ज्यादा गिरावट जापान के निक्केई में दिख रही है, ये 450 ग्लोबल मार्केट्स क्या है? अंक तक टूट चुका है, शंघाई का मार्केट बिल्कुल फ्लैट है, हैंग-सेंग में 130 अंकों की गिरावट है.
ECB और बैंक ऑफ इंग्लैंड ने भी ब्याज दरों में 50 bps की बढ़ोतरी की है, साथ ही आगे भी दरें बढ़ाने के संकेत दिए हैं, जिसके बाद यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ बंद हुए है. DAX-474, CAC40 भी 208 अंक और FTSE करीब 70 अंक गिरकर बंद हुआ है.
कच्चा तेल फिसला
कच्चा तेल एक बार फिर कमजोर हो गया है, ब्रेंट क्रूड ग्लोबल मार्केट्स क्या है? 82 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल गया है, वहीं WTI करीब 1% की कमजोरी के साथ 76 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. रुपया ग्लोबल मार्केट्स क्या है? भी डॉलर के मुकाबले कल 27 पैसे कमजोर होकर 82.76 पर बंद हुआ. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरें बढ़ाने के बाद उसकी आक्रामक कमेंट्री के बाद निवेशकों का मूड खराब हुआ.
अब एक नजर उन शेयरों पर जहां ग्लोबल मार्केट्स क्या है? खबरों के दम पर हलचल देखने को मिल सकती है
साल 2022 में ग्लोबल मार्केट को हुआ 1.4 ट्रिलियन डॉलर का भारी नुकसान, जानें क्या है कारण
नई दिल्ली: 2022 के वैश्विक वित्तीय बाजार में अशांत वर्षों में से एक बनने की संभावना है। वैश्विक इक्विटी 1.4 ट्रिलियन डॉलर की भारी गिरावट के साथ अपने दूसरे सबसे खराब वर्ष की ओर बढ़ रहे हैं। भारतीय रुपये में परिवर्तित ये आंकड़ा 1,15,79,47,00,00,00,000 रुपये है। ये मुख्य रूप से वैश्विक उथल-पुथल से प्रेरित है जो कोविड के बाद ग्लोबल मार्केट्स क्या है? के झटकों के साथ शुरू हुई थी और फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध से बढ़ गई थी।
Share Market: ग्लोबल मार्केट से मिलेजुले संकेत, क्या भारतीय बाजार बनाएगा बढ़त?
Stock Market News Update Today: भारतीय शेयर बाजार (Indian Share Market) ग्लोबल मार्केट्स क्या है? मंगलवार, 15 नवंबर को बढ़त बना सकता है. एशियाई मार्केट में तेजी और खुदरा महंगाई दर में गिरावट से घरेलू बाजार का सेंटिमेंट पॉजिटिव रहने की उम्मीद है.
हालांकि, सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में हल्की गिरावट देखने को मिली थी. सेंसेक्स 171 अंक गिरकर 61,624 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 21 अंकों के नुकसान के साथ 18,329 पर पहुंच गया था.
विदेशी बाजारों का क्या है हाल?
ग्लोबल मार्केट से मिलेजुले संकते मिल रहे हैं. अमेरिकी बाजार में 2 दिन की तेजी पर ब्रेक लगा है. डाओ जोन्स 0.63 फीसदी, S&P 500 0.89 फीसदी और Nasdaq 1.12 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ. डॉलर इंडेक्स 0.53 फीसदी की तेजी के साथ 106.72 पर बंद हुआ. वहीं अमेरिका के उलट यूरोपीय बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र के दौरान बड़ी तेजी दिखी.
अगर एशियाई मार्केट की बात करें ज्यादातर शेयर बाजार बढ़त के साथ खुले. सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में 0.31 फीसदी की ग्लोबल मार्केट्स क्या है? बढ़त दिख रही है. इसके अलावा हांगकांग के बाजार में 0.26 फीसदी ग्लोबल मार्केट्स क्या है? की तेजी दिख रही तो ताइवान में 1.21 फीसदी का उछाल है.
बाजार पर इसका भी असर
जनता को महंगाई से राहत मिलने के आसार हैं. सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने सोमवार को अक्टूबर 2022 के लिए घरेलू कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) डेटा जारी कर दिया गया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य उत्पादों के दाम कम होने से अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 6.77 फीसदी हो गई है.
खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में 3 महीने के निचले स्तर पर आ गई है, जो सितंबर में 7.41 फीसदी थी. हालांकि, यह लगातार 10वीं बार है, जब सीपीआई पर आधारित खुदरा महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6 फीसदी के अपर मार्जिन से ऊपर है.
FIIs/DIIs डेटा
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 1089.41करोड़ के शेयर खरीदे. वहीं घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 47.18 करोड़ के शेयर खरीदे. इसके बावजूद बाजार बढ़त बनाने में नाकाम रहा और हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ.
TCS: IT कंपनी TCS के शेयर मौजूदा स्तर से 16 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे सकते हैं. सितंबर तिमाही में कंपनी नतीजे शानदार रहे हैं. कंपनी का मुनाफा 8 फीसदी बढ़कर 10,431 करोड़ रुपए हो गया है. साथ ही रेवेन्यू भी पिछले साल से 18 फीसदी बढ़ा है.
TATA Steel: टाटा स्टील के लिए टारगेट प्राइस 115 रुपए का रखा गया है. शेयर पर स्टॉप लॉस 105 रुपए का है. बीते 6 महीने शेयर दायरे में ट्रेड किया है.
NDTV: सेबी ने मीडिया कंपनी एनडीटीवी में 26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी की खरीद के लिए अडाणी समूह को खुली पेशकश लाने की मंजूरी दे दी है. एनडीटीवी की तरफ से हाल में शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक खुली पेशकश के लिए 294 रुपए प्रति शेयर की कीमत तय की गई है.
ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत, सकारात्मक हो सकती है बाजार की शुरुआत
ग्लोबल मार्केट से मिले जुले संकेतों के बाद आज यानी 19 दिसंबर को बाजार की शुरुआत सकारात्मक होने की संभावना है। हालांकि बीते हफ्ते बाजार में बिकवाली का दबाव देखा गया। सेंसेक्स में साप्ताहिक आधार पर 1.36 फीसदी की गिरावट रही।
अमेरिकी बाजार की बात करें तो डाओ जोन्स में भी साप्ताहिक आधार पर 1.66 फीसदी की गिरावट रही। SGX Nifty में इस समय 60 अंकों से ज्यादा की तेजी देखी जा रही है। डाओ फ्यूचर में भी मजबूती है। हालांकि ग्लोबल मार्केट्स क्या है? एशियाई बाजार पर दबाव है।
जापान के निक्केई में 1 फीसदी कि गिरावट है। कोरिया के KOSPI में 0.31 फीसदी की गिरावट रही. डॉलर इंडेक्स 104.28 के स्तर पर है.
कमोडिटी बाजार की बात करें तो, ब्रेंट क्रूड और डब्ल्यूटीआई क्रूड दोनों की कीमतें क्रमशः 1.7 प्रतिशत बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल और 75 डॉलर प्रति बैरल हो गईं।
ग्लोबल मार्केट में हर तीसरे दिन गिरावट, बंद हुआ शेयर बाजार, जानिए क्या है बाते
डॉलर के मुकाबले रुपए में आ रही लगातार गिरावट के कारण बाजार की धारण प्रभावित हुई है. इसके अलावा कोरोना के ग्लोबल मार्केट्स क्या है? डेल्टा वेरिएंट से भी निवेशक का सेंटिमेंट बिगड़ा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैश्विक बाजारों में नकारात्मक रुख के बीच घरेलू बाजारों में भी बुधवार को लगातार तीसरे दिन गिरावट का रुख रहा. निवेशकों की उच्चस्तर पर बिकवाली से बंबई शेयर बाजार (बीएसई) में शुरुआती तेजी बरकरार नहीं रख सकी और अंत में बीएसई सेंसेक्स 67 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ.
बाजार सूत्रों के मुताबिक डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ते रुपये और ताजा लिवाली के अभाव में कारोबारी धारणा कमजोर रही. यही वजह है कि एक समय करीब 400 अंक ऊपर जाने के बाद 30-कंपनी शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बिकवाली दबाव में आ गया और अंत में 66.95 अंक यानी 0.13 फीसदी गिरकर 52,482.71 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 26.95 अंक यानी 0.17 फीसदी गिरकर 15,721.50 अंक पर बंद हुआ.
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