Index Fund ETF के उदाहरण – Motilal Oswal Nasdaq 100, Nippon India ETF Bank BeES

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ETF काम कैसे करता है?

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ETF क्या होते हैं | ETF के प्रकार

21 वीं सदी में स्टॉक मार्केट में बहुत से निवेश के विकल्प मौजूद हैं। ETF भी उन्हीं निवेश के विकल्पों में से एक हैं। आपने भी ETF का नाम अवश्य सुना होगा, परन्तु क्या आप जानते हैं की ETF क्या होते हैं, कैसे काम करते हैं? इस आर्टिकल के माध्यम से हम जानेंगे कि ETF क्या होते हैं What is ETF और ETF के प्रकार (Types of ETF’s) .

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भारत का ETF काम कैसे करता है? पहला ETF फण्ड वर्ष 2001 में बेंच मार्क Mutual Fund द्वारा Nifty ETF Fund के रूप में लांच किया गया था। ETF menaing ETF यानि Exchange Traded Funds.

ETF के प्रकार – Types of ETF

वर्तमान में निवेशकों की जरूरतों एवं लक्ष्यों के हिसाब से बहुत सी ETF Schemes उपलब्ध है। आपको Index, Gold, Currency से सम्बंधित ETF मिल जायेंगे। आप उनमें से अपनी जरूरत के हिसाब से ETF का चुनाव कर सकते हैं।

एक ETF स्टॉक्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, बांड्स, करेंसी और सिक्योरिटीज से मिलकर बना हो सकता हैं।

1. Index Fund ETF

आपने इंडेक्स फंड का नाम तो सुना ही होगा उसी का मिलता-जुलता रूप है Index Fund ETF. इंडेक्स फंड ईटीएफ एक Passively मैनेज फण्ड होता है जो किसी विशेष इंडेक्स को फॉलो करता है। जैसे NIFTY 50 भारत की सबसे बड़ी 50 कंपनियों से मिलकर बना है, अब यदि कोई NIFTY 50 का कोई ETF है तो वह ETF उन्हीं 50 शेयर्स के पूल से मिलकर बना होगा।

Index Fund ETF ETF काम कैसे करता है? का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष इंडेक्स की परफॉर्मेंस को ट्रैक करना होता है जैसे सेंसेक्स, बैंक निफ़्टी, निफ़्टी 50 . सरल भाषा में समझे तो यदि आप बैंक निफ़्टी का कोई ETF खरीद रहे हो तो इसका मतलब हुआ कि आप बैंक निफ़्टी के Stocks के पूल में निवेश कर रहे हैं।

ETF का अतीत क्या था?

साल 2015 में भारत में Exchange Traded Fund का AUM 15,000 करोड़ था जो बढ़ के साल 2021 में हो गया 2.3लाख करोड़ का जो 2015 के AUM का 20* है। अब जानते है इतनी बढ़ोतरी हुई कैसे और क्या ये आगे भी ऐसे ही बढ़ता रहेगा?

साल 2014 में भारत सरकार ने एक Exchange Traded Funds लांच किया जिसका नाम था CPSE ETFs इस ETF में पब्लिक Central Public Sector Enterprises के बांड्स में निवेश कर सकती थी, इसके बाद साल 2019 में Bharat Bond ETFs भी आए। ETFs की बढ़ोतरी का एक और सबसे बड़ा कारन है की EPFO जो है Employee Provident Fund Organization भी निवेश करने लगे ETF में और आज कि डेट में NPS(National Pension Scheme) भी ETFs में निवेश करती है। ये ही कुछ कारन हैं जिसे ETF प्रहलित हुआ और निवेशक भी ETF को बोहोत पसंद कर रहे है इसका बोहोत बड़ा कारन है इसकी Fees या बोले तो इसका Expense Ratio.

इसमें कितनी फीस लगती है?

इसमें हर प्रकार के ETF में अलग-अलग फीस ली जाती है।

जैसे Equity में 0.01-0.1% Sectorial में 0.1-0.3%, Debt में 0.1-0.3%, Commodity ETFs में 0.5-1%

अब अगर इसकी तुलना Mutual Fund कि फीस से किया जाये तो ये बोहतो ज्यादा कम है।

ETF में TAX कैसे लगता है?

हर Exchange Traded Fund में Tax का दर भी अलग-अलग होता है। Equity Exchange Traded Fund में अगर आपका मुनाफा ₹100000 या इसे कम होता है तो आपको कोई Tax नहीं देना होता और अगर आपका मुनाफा ₹100000 से ज्यादा है। तो इसमें अगर आपने Exchange Traded Fund को एक साल के अंदर बेचा है तो आपके ऊपर 15% ETF काम कैसे करता है? का Tax लगया जाएगा और अगर एक साल के बाद बेचते हैं तो 10% ETF काम कैसे करता है? का Tax लगाया जाएगा और ये 10-15% का Tax सिर्फ उस मुनाफे पे लगेगा जो ₹100000 से ज्यादा होगा जैसे – मेरा मुनाफा है ₹110000 तो इसमें सेल्फ ₹10000 पर 10 या 15% का Tax लगया जाएगा।

अब बात करते है Debt और Commodity ETF के बारे इन दोनों में Tax एक-जैसा ही लगया जाता है जो है अगर आपने ETF को तीन साल के आदर बेचा तो जितना प्रतिशत आपका Income Tax लगता होगा उतना ही लगेगा जैसे – मेरा Income Tax 30% लगता है तो मेरे ऊपर तीन साल से कम समय में ETF बेचते समय 30% का ही Tax लगाया जाएगा।

प्राकृतिक गैस ईटीएफ

प्राकृतिक गैसईटीएफ अर्थ को प्राकृतिक गैस वायदा खरीदने की प्रथा के रूप में वर्णित किया गया है। यह मॉनिटर करता हैमंडी प्राकृतिक गैस के रुझान और कीमतें। सरल शब्दों में, प्राकृतिक गैस ईटीएफ उन निधियों को संदर्भित करता है जो प्राकृतिक गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव की निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं। सबसे अच्छा उदाहरण UNG (यूनाइटेड स्टेट्स नेचुरल गैस ETF) है। ध्यान दें कि प्राकृतिक गैस ईटीएफ चुनने वाले निवेशकों को कोई भौतिक संपत्ति नहीं मिलती है। बल्कि उन्हें फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स का सर्टिफिकेट मिलता है।

Natural Gas ETF

आप एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध ईटीएफ की सूची पा सकते हैं। अन्य प्रतिभूतियों की तरह, प्राकृतिक गैस ईटीएफ एक अस्थिर निवेश बाजार है। यह अपने हिस्से के जोखिम के साथ आता है। आपकी वापसी प्राकृतिक गैस के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। प्रत्येक ईटीएफ की बारीकी से निगरानी करना और उनकी योजनाओं को देखना महत्वपूर्ण है कि वे सभी निवेश साधनों की पेशकश क्या करते ETF काम कैसे करता है? हैं। आप प्राकृतिक गैस ईटीएफ में विकल्प और वायदा के माध्यम से निवेश कर सकते हैं।

प्राकृतिक गैस एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड कैसे काम करता है?

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, आपको प्राकृतिक गैस ईटीएफ के साथ गैसोलीन और अन्य भौतिक ETF काम कैसे करता है? वस्तुओं को रखने की आवश्यकता नहीं है। आपको एक अनुबंध मिलेगा जो गैस की कीमतों की गति को ट्रैक करने में मदद करता है। कुछ ईटीएफ विशेष कमोडिटी के प्रदर्शन के आधार पर रिटर्न देते हैं। विनिमय बाजार में गैसोलीन, पेट्रोलियम, धातु और अन्य वस्तुओं के प्रदर्शन पर नज़र रखने के लिए सभी प्रकार के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड का उपयोग नहीं किया जाता है।

हालांकि, प्राकृतिक गैस ईटीएफ पूरी तरह से अलग हैइक्विटीज और अन्य प्रतिभूतियां। इसका उपयोग गैसोलीन की कीमत की निगरानी के लिए किया जाता है। प्राकृतिक गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव बाजार में इस कमोडिटी के प्रदर्शन को निर्धारित करेगा। प्राकृतिक गैस एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड सबसे अस्थिर वित्तीय उत्पाद होते हैं। आपका रिटर्न पूरी तरह से अस्थिरता पर निर्भर करता हैआधारभूत संपत्ति। इसके अलावा, इस निवेश में वायदा, विकल्प और स्वैप शामिल हैं, जिन्हें ETF काम कैसे करता है? काफी जोखिम भरा माना जाता है।

क्या प्राकृतिक गैस ईटीएफ एक सुरक्षित निवेश साधन है?

सभी प्रकार के निवेश साधन अपने हिस्से के जोखिम के साथ आते हैं, लेकिन जब डेरिवेटिव की बात आती है तो जोखिम अधिक होता है। कहा जा रहा है कि, प्राकृतिक गैस ईटीएफ अत्यधिक अस्थिर हैं। जब अमेरिका में इसकी शुरुआत हुई थी तब बाजार ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि, बाजार हाल ही में अस्थिर है। ध्यान दें कि कमोडिटी ईटीएफ सभी निवेशकों के लिए सबसे अच्छा निवेश विकल्प नहीं है। यह शुरुआती लोगों के लिए अनुशंसित नहीं है। अन्य प्रतिभूतियों के विपरीत, प्राकृतिक गैस के प्रदर्शन पर मौसम का बहुत ETF काम कैसे करता है? प्रभाव पड़ता है।

मौसम गर्म होने के साथ प्राकृतिक गैस की कीमत कम हो जाती है। 2016 के बाद से, संयुक्त राज्य में प्राकृतिक गैस की कीमत में सुधार नहीं हुआ है। दरअसल, निवेशकों का मानना है कि इसकी कीमत और कम नहीं हो सकती। जब तक राज्यों को खराब मौसम का अनुभव नहीं ETF काम कैसे करता है? होगा, तब तक स्थिति के बेहतर होने की उम्मीद नहीं है। घरों में जितनी अधिक गैस का उपयोग होगा, इस वस्तु की कीमत उतनी ही अधिक होगी। हालांकि, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, एक प्राकृतिक गैस ईटीएफ सबसे अस्थिर निवेश बाजारों में से एक है। इसलिए, निर्णय लेने से पहले अपना शोध करें।

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