• खाता खोलने के लिए प्रपत्र डाउनलोड करें (हिंदी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है ) (अंग्रेजी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है )
  • क्या आपको मदद की ज़रूरत है? आप पीएमजेडीवाई सहायता केन्द्र - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है से संपर्क कर सकते हैं।
  • राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर : 1800 11 0001 और 1800 180 1111

प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय)

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गरीबी दूर करने के लिए भारत सरकार ने वित्तीय समावेशन को बेहद महत्वपूर्ण बताया है। यदि लोग बड़ी संख्या में वित्तीय सेवाओं से वंचित रहेंगे तो यह हमारे देश के विकास में बाधा बनेगा। नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए इस योजना की आवश्यकता थी जिससे सभी इससे होने वाले लाभ और विकास का हिस्सा बन सकें।

विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) की घोषणा प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2014 को ऐतिहासिक लाल किले से की थी जिसका शुभारम्भ 28 अगस्त 2014 को पूरे देश में किया गया। योजना के शुभारम्भ के समय माननीय प्रधानमंत्री जी ने इसे गरीबों की इस दुष्चक्र से मुक्ति के त्योहार के रूप में मनाने का अवसर बताया।

माननीय प्रधानमंत्री जी ने एक प्राचीन संस्कृत श्लोक -सुखस्‍य मूलम धर्मः , धर्मस्‍य मूलम अर्थः, अर्थस्‍य मूलम राज्‍यम का सन्दर्भ दिया जिसके अनुसार आर्थिक गतिविधियों में लोगों को शामिल करने की चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड ज़िम्मेदारी राज्य की है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि "सरकार ने यह ज़िम्मेदारी उठा ली है"। प्रधानमंत्री जी ने इसके लिए तक़रीबन 7.25 लाख बैंक कर्मचारियों को ईमेल भेजा था जिसमें उन्होंने 7.5 करोड़ बैंक खातों को चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड खोलने के लक्ष्य को प्राप्त करने और वित्तीय अस्पृश्यता को समाप्त करने में मदद करने का आग्रह किया था।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है ने भी प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) के तहत प्राप्त उपलब्धियों को सराहा है। इसमें यह कहते हुए प्रमाण-पत्र जारी चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड किया गया "वित्तीय समावेशन अभियान" के एक भाग के रूप में एक सप्ताह में जो सबसे अधिक बैंक खाते खोले गए, उसकी संख्या है - 18,096,130 और भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग ने 23 से 29 अगस्त 2014 चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड के बीच यह उपलब्धि हासिल की। केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) को अर्थव्यवस्था का एक जबर्दस्त परिवर्तन बताया एवं कहा कि इससे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए एक मंच मिला है जिससे सब्सिडी में आ रही खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी एवं राजकोष में बचत को बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना क्या है?

प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) वित्तीय समावेशन के लिए एक राष्ट्रीय मिशन है जिसका उद्देश्य बैंकिंग/बचत, जमा खाता, प्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन इत्यादि वित्तीय सेवाओं को प्रभावी ढंग से सभी तक पहुँचाना है।

इस योजना के अंतर्गत मैं कहाँ खाता खोल सकता हूँ?

खाता किसी भी बैंक शाखा अथवा व्यवसाय प्रतिनिधि (बैंक मित्र) आउटलेट में खोला जा सकता है।

  • खाता खोलने के लिए प्रपत्र डाउनलोड करें (हिंदी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है ) (अंग्रेजी - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है )
  • क्या आपको मदद की ज़रूरत है? आप पीएमजेडीवाई सहायता केन्द्र - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है से संपर्क कर सकते हैं।
  • राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर : 1800 11 0001 और 1800 180 1111

  • यदि आधार कार्ड/आधार नंबर उपलब्ध है तो किसी अन्य प्रलेख की आवश्यकता नहीं है। यदि आपका पता बदल गया है तो वर्तमान पते का स्वप्रमाणन पर्याप्त है।
  • यदि आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है तो उस स्थिति में मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाईसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट तथा नरेगा कार्ड जैसे सरकारी रूप से वैध प्रलेखों (ओवीडी) में से किसी एक की आवश्यकता होगी। यदि इन दस्तावेजों में आपका पता भी मौजूद है तो ये पहचान तथा पते के प्रमाण के रूप में कार्य करेगा।
  • यदि किसी व्यक्ति के पास कोई भी "वैध सरकारी प्रलेख" नहीं हैं, लेकिन इसे बैंक द्वारा 'कम जोखिम' की श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है तो वह व्यक्ति निम्नलिखित में से कोई एक प्रलेख जमा करके बैंक खाता खुलवा सकता/सकती है:
    • केंद्र/राज्य सरकार के विभाग, वैधानिक / विनियामक प्राधिकरण, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और लोक वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी किये गए पहचान पत्र जिसमे आवेदक की तस्वीर लगी हो;
    • व्यक्ति की सत्यापित तस्वीर के साथ राजपत्रित अधिकारी द्वारा जारी किया गया पत्र।

    क्या चेकबुक उपलब्ध कराई जाएगी?

    प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाय) में खाते शून्य जमा राशि के साथ खोले जा रहे हैं। यदि खाता धारक को चेकबुक चाहिए तो उसे संबंधित बैंक के न्यूनतम शेष राशि से संबंधित मानदंड मानने होंगे।

    एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली)

    लिंक पर क्लिक करके आपको थर्ड पार्टी की वेबसाइट पर रीडायरेक्ट कर दिया जाएगा। थर्ड पार्टी वेबसाइट का स्वामित्व या नियंत्रण बैंक ऑफ इंडिया के पास नहीं है और इसकी सामग्री बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रायोजित, अनुमोदित या अनुमोदित नहीं है। बैंक ऑफ इंडिया वेबसाइट के माध्यम से पेश किए गए लेनदेन, उत्पाद, सेवाओं या अन्य चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड मदों सहित उक्त वेबसाइट की किसी भी सामग्री के लिए कोई गारंटी या गारंटी या जिम्मेदारी नहीं लेता है। इस साइट चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड तक पहुंचने के दौरान, आप स्वीकार करते हैं कि साइट पर उपलब्ध किसी भी राय, सलाह, कथन, ज्ञापन या जानकारी पर कोई निर्भरता आपके एकमात्र जोखिम और परिणामों पर होगी। बैंक ऑफ इंडिया और उसके सहयोगी, सहायक कंपनियां, कर्मचारी, अधिकारी, निदेशक और एजेंट ऐसी तृतीय पक्ष वेबसाइटों की सेवा में कमी की स्थिति और इस लिंक के माध्यम से तीसरे पक्ष की वेबसाइट तक पहुंचने के लिए उपयोग किए जाने वाले इंटरनेट कनेक्शन उपकरण हार्डवेयर या सॉफ़्टवेयर की त्रुटि या विफलता के किसी भी परिणाम सहित किसी भी नुकसान, दावे या क्षति के लिए चालू खाता खोलने के लिए विधान मानदंड उत्तरदायी नहीं होंगे। इस साइट या उसमें निहित डेटा को बनाने में शामिल किसी भी अन्य पार्टी के कार्य या चूक सहित किसी भी कारण से तीसरे पक्ष की वेबसाइट का मंदी या टूटना, जिसमें पासवर्ड, लॉगिन आईडी या अन्य गोपनी सुरक्षा जानकारी के किसी भी दुरुपयोग के लिए इस वेबसाइट पर लॉगिन करने के लिए या आपकी पहुंच से संबंधित किसी अन्य कारण से, बैंक ऑफ इंडिया और उसके अनुसार साइट या इन सामग्रियों का उपयोग करने में असमर्थता और इसके सभी संबंधित पक्षों को सभी कार्यवाहियों या उससे उत्पन्न होने वाले मामलों से क्षतिपूर्ति की जाती है। उक्त वेबसाइट तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ने से यह माना जाता है कि आप उपरोक्त और लागू अन्य नियमों और शर्तों से सहमत हो गए हैं

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