Indicators कितने होते है

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सड़क सुरक्षा शिक्षा

एक वाहन के विभिन्न प्रकार के स .

Updated On: 27-06-2022

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Aap ko kya acha nahi laga

इस प्रेस में दिखाया गया कि एक वाहन में विभिन्न प्रकार के जो हमारे सूचना संकेत इंडिकेटर जो होते हैं उनके बारे में बताना तब हमें यह बताना कि हमारे वाहन में कितने प्रकार के जूते इंडिकेटर होते हैं तो अमित को समझते हैं तो दीजिए हम गाड़ी चला रहे होते तो उसमें बहुत रे की लाइटें लगी होती है जो मैं विभिन्न प्रकार का संकेत देते हैं कि गाड़ी रुकने वाली है कि कि धर्म होने वाली है किधर जाने वाली है वह सब हमारे सूचना संकेत कहलाते हैं हमें बताया कि यह जानकारियां देते हैं अब इसको समझ नीचे चित्र के माध्यम से जैसे यह मालिक हमारी कोई कार है तो इसमें जो मारे सूचना संकेत होते हैं वह आगे भी लगे होते हैं पीछे भी लगे होते हैं तो यहां पर जो पीछे लगे रहते हैं उसको पीछे के सूचना संकेतक या फिर हम बाइक इंडिकेटर कहते हैं और जो हमारे आगे होते हैं Indicators कितने होते है उसे हम फ्रंट इंडिकेटर या फिर आगे की सूचना संकेतन कहते हैं

श्री के पीछे क्या होता है पीछे हमारी गली में आकर हमारे एक सबसे नीचे दो लाइट लगे रहते हैं और यह जो हमारी जलती है कि हमारी किस कलर की रंग की होती है लाल रंग की होती हैं तो जब भी हमारी गाड़ी चल रही थी रात में जला करती हैं लगातार तो यह इनके दिल ने तुझे पता चलता है कि हमारी गाड़ी आगे हमारे कोई गाड़ी जा रही है और जब वैसे ही बहुत धीमी चलती है लेकिन जब चलने लगती है तो इसका मतलब होता है गाड़ी रुकने वाली है जो गाड़ी हमारे आगे चल रही है अगर उसकी लाल यहां पर यह बत्ती ज्योति लाल रंग की होती है अगर यह बहुत तेजी से जले मतलब ज्यादा तेज जलन समझ लीजिए कि गाड़ी हमारी रुकने वाली आगे वाली गाड़ी रुकने वाली तो पीछे वाला व्यक्ति अपनी जरूरत तार है वह कम कर लेता है उसके बाद इसमें क्या होता है उसके बाद यहां पर बीच में दो ऊपर अलग रंग के होते हैं यह रिश्ता जूते मारे पीले रंग में होते यह जग जलते हैं इसका क्या मतलब होता है इसका मतलब होता है गाड़ी हमारी जो मरने वाली है यह में बताता है गाड़ी किधर मरने वाली है मोड़ को दर्शाते हैं

हमारे होते हैं यह हमारे पीछे भी होते हैं और यही दोनों चीजें ज्योति हमारे आगे भी लगी होती हैं कि यहां पर भी यह दोनों लगे होते हैं दोनों हमारे जूते एक एकता जलते हैं यहां पर भी लगे थे इधर भी लेगा तो जैसे हमारी गाड़ी अगर हमारी बाएं तरफ मोड़ेगी तुम्हारी भाई तरक्की है जो पीछे वाला ही हमारे पीले रंग में चलने लगेगा उसी प्रकार जब पीछे का पीले लंका जले का तो आगे कभी हमारे पीले रंग में चलने लगेगा जब सामने से कोई व्यक्ति आ रहा होगा यह देखकर समझ जाएगा यह गाड़ी मारी बाएं तरफ आने वाली हो पीछे सारा व्यक्ति भी देखकर समझ जाएगा कि गाड़ी मारी बाएं तरफ मोड़ने वाली अगर यह हमारा जिले का लाल रंग वाला तो व्यक्ति समझ जाएगा गाड़ी मारी रुकने वाली है इसके अलावा क्या है कि यहां पर हमारी हेडलाइट लगी होती गाड़ी के आगे वह हमें क्या पता थी वह हेडलाइट होती है यह में रास्ता दिखाती का मतलब आगे जब गाड़ी चल रही थी तो यह रोड पर जो रोड पर पूरी रोशनी फैला दी थी जिससे मैं आगे की सड़क दिखाई देती है इसके अलावा जो हमारा होता है गाड़ी में

वह भी हमारा जनसूचना संकेतांक बताता है यह सूचना संकेतांक होता है क्योंकि यह बताता है कि अगर जैसे मैं बहुत तेज अपनी गाड़ी चला रहे तो हम हटा देते हैं जिससे क्या होता है कि आगे से लौट जाएं पीछे कोई गाड़ी आ रही है कभी-कभी हमारी ब्रेक कम होती है ब्रेक नहीं होती तो भी लोग हाथ में जाते हुए निकलते हैं या फिर जब मोड पर पहुंचते तो बैंड बजा देते हैं जैसे कि मान लीजिए इस तरह से कोई मोड़ अगर यहां से कोई गाड़ी हमारी आ रही है तो वह अगर इधर मोड़ना हो गया तो वह हॉट बजा देगी ताकि अगर यहां पर कोई भी गाड़ी आ रही हो तो उसको यह पता चल जाए कि आगे से कोई गाड़ी जा रही है दोनों अपने हॉर्न बजा देते हैं और यह लोग अपनी रफ्तार कम Indicators कितने होते है कर लेते अगर नहीं बताएंगे तो यह क्या है क्या यह कैसे आएगा दोनों लड़ जायेंगे इसलिए हॉर्न बजाते क्योंकि यहां पर लाइट काम नहीं आएगी क्योंकि अगर लाइट जला देंगे तो कैसे दिखाई देगा मोड़ते यहां पर हो जो भी सूचना संकेतांक का काम करता है तो हमारी गाड़ी में मुख्य रूप से यही 3 होते हैं यही तो हमारी इस प्रश्न का उत्तर था धन्यवाद

सूचक किसे कहते है ?,indicator kise kahte hain

Indicator kise kahte hain – ऐसे पदार्थ जो हनरे यह जानकारी करते हैं कि दिया गया पदार्थ अम्ल हैं या क्षार सूचक कहलाते है। आज हम सूचक के बारे में विस्तृत रूप से पढेंगे। साथ ही साथ हम यह भी जानेंगे। कि सूचक के कितने प्रकार होते है ? और उदारहण सहित सभी सूचकों के बारे में यहां पर हम आपको जनाकारी प्रदान कर रहे है। तो आइए शुरू करते है और पढ़ते हैं – सूचक किसे कहते है (indicator kise kahte hain)

सूचक किसे कहते है ? (What is indicator in hindi)

indicator kise kahte hain

सूचक एक रंजक होता है।जो किसी अम्ल या क्षार के संपर्क में लाए जाने पर अपना रंग बदलता है।सूचक अम्ल तथा क्षार में भिन्न-भिन्न रंग देता है।अतः सूचक हमें यह बताता है। कि जिस पदार्थ का हम परीक्षण कर रहे हैं।वह अम्ल है या क्षार।

अन्य शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि सूचक अपने रंग परिवर्तन से किसी पदार्थ की अम्लीय अथवा क्षारीय प्रवृत्ति को प्रस्तुत करता है।अम्लों और क्षारों के परीक्षण के लिए मुख्यतः तीन सूचकों का प्रयोग किया जाता है। – लिटमस , मैथिल ऑरेंज , फिनाफ्थलीन आदि।

सूचक के प्रकार –

सूचक के तीन प्रकार होते Indicators कितने होते है है।

  1. प्राकृतिक सूचक।
  2. कृत्रिम सूचक।
  3. गन्धिय सूचक।

प्राकृतिक सूचक किसे कहते है ?

ये पौधे में पाए जाते है – जैसे – लिटमस , लाल पत्ता गोभी, हायड्रेजिया पौधे के फूल, हल्दी आदि।

कृत्रिम सूचक किसे कहते है ?

ये रासायनिक पदार्थ होते है जैसे – मैथिल ऑरेंज , फिनाफ्थलीन आदि।

गंधीय सूचक किसे कहते है ?

इन पदार्थों की गंध अम्लीय या क्षारीय माध्यम में बदल जाती हैं । जैसे – प्याज , लौंग का तेल आदि।

सूचक और रंग या गन्ध परिवर्तन ::

सूचकरंग या गन्ध में परिवर्तन ( अम्ल के साथ )रंग या गन्ध में परिवर्तन( क्षार के साथ)
प्राकृतिक सूचक
1.लिटमसलालनीला
2.लाल पत्ता गोभीलालहरा
3. हल्दीकोई बदलाव नहीलाल
4. हयड्रेजिया के फूल का रसनीलागुलाबी
कृतिम सूचक
1.फिनाफ्थलीनरंगहीनगुलाबी
2.मैथिक ऑरेंजलालपीला
गंधीय सूचक
1. प्याज का रसतीक्ष्ण गन्धकोई गन्ध नहीं।
2.लौंग का तेलसमान गन्ध रहती हैं।कोई गन्ध नही।

Final word –

ऊपर दी गयी सूचक किसे कहते है या indicator kise kahte hain की जानकारी आपको काफी ज्यादा पसन्द आयी होगी। यह आपकी बहुत सारी परीक्षाओं हेतु उपयोगी सिद्ध होगी। यदि आपको यह जानकारी पसन्द आयी हो। तो इसे अपने दोस्तों से जरूर शेयर करे। ताकि वह भी इस महत्वपूर्ण जानकारी को प्राप्त कर सके। धन्यवाद

निवेदन

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Indicators क्या होते है?

Zerodha

और इस तरह टेक्निकल एनालिसिस में इंडीकेटर्स यानि संकेतक का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, ताकि चार्ट पर किसी स्टॉक के बारे में ऐसे संकेत देखे जा सके, जिस से ये पता चल सके स्टॉक के past performance के मुकाबले आज कैसा performance है, और future में कैसे performance कैसा हो सकता है,

Indicators कितने होते है,

इंडीकेटर्स की कोई निश्चित संख्या नहीं है, ट्रेडर्स को को जब कुछ नए पैटर्न समझ में आते है, इसी नए पैटर्न को वे एक इंडीकेटर्स मान कर उसे एक इंडीकेटर्स का नाम दे देते है,

और इसी कारण बहुत सारे नए इंडीकेटर्स बनते जाते है, और किसी एक इन्सान के लिए सारे इंडीकेटर्स को समझना बहुत बड़ा काम बन जाता है,

कोई व्यक्ति सारे इंडीकेटर्स के बारे में समझने की कोशिश करे तो उसका बहुत ज्यादा समय भी ख़राब हो सकता है, और अंत में उसे कुछ लोकप्रिय इंडीकेटर्स पर ही वापस आना पड़ेगा,

इसलिए हमें उन्ही इंडीकेटर्स को समझने की जरुरत है, जो समय के साथ जांचे और परखे (Time Tasted) Indicators कितने होते है गए है, ताकि हम भी उन इंडीकेटर्स के सही इस्तेमाल करके फायदा उठा सके,

Indicators के फायदे (Benefits of using Indicators)

इंडीकेटर्स के इस्तेमाल करने से ट्रेडर को होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार है –

  1. Price Movementकी समझ – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें किसी स्टॉक के price में होने वाले बदलाव (movement) को अच्छे से समझने बहुत हेल्प मिलता है,
  2. Price के UP और LOW लेवल की सुचना – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें किसी स्टॉक के PRICE के ऊपर और नीचे जाने के लेवल को अच्छे से समझने में बहुत हेल्प मिलता है,
  3. TREND की ADVANCE में समझ – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें मार्केट के ट्रेंड का कन्फर्मेशन मिलने के साथ आगे आने वाले ट्रेंड को भी समझने में बहुत हेल्प मिलता है, यानी इंडीकेटर्स से CURRENT TREND की कन्फर्मेशन मिलने के साथ आने वाले TREND को भी समझा जा सकता है,
  4. Confirming Other Technical Tools – इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें technical analysis के दुसरे tools जैसे कि – कैंडलस्टिक पैटर्न, volume और सपोर्ट and रेजिस्टेंस द्वारा दिए जाने वाले signal को भी हम कन्फर्म कर सकते है , और इस से हमें double कन्फर्मेशन मिलता है कि हमें कोई ट्रेड करना चाहिए या नहीं,

और इस तरह इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हम बेहतर ट्रेड ले सकते है,

इंडीकेटर्स के प्रकार (Type of Indicators)

Indicators दो प्रकार के होते है –

  1. Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स )
  2. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)

अब आइये इसे डिटेल में समझने की कोशिस करते है –

1 . Leading Indicators (लीडिंग इंडीकेटर्स)

हिंदी में Lead का का अर्थ होता है – नेतृत्व, और इस तरह लीडिंग इंडीकेटर्स ऐसे इंडीकेटर्स होते है, जो price को लीड करते है,

और ये leading इंडीकेटर्स हमें किसी स्टॉक के भाव में आने वाले तेजी या मंदी (Trend Reversal) की एडवांस सुचना देते है, लेकिन लीडिंग इंडीकेटर्स द्वारा दिए जाने वाले सभी इंडिकेशन यानि signal सही नहीं होते है, और इसलिए हमें पूरी तरह से इंडीकेटर्स के ऊपर भरोसा नहीं करना चाहिए,

लीडिंग इंडीकेटर्स के इस्तेमाल के साथ साथ हमें टेक्निकल एनालिसिस के दुसरे tools को जरुर इस्तेमाल में लेना चाहिए,

Leading Indicators में आने वाले कुछ प्रमुख इंडीकेटर्स है –

  1. RSI (Relative Strength Index )
  2. MACD (Moving Convergence and Divergence)
  1. Lagging Indicators (लैगिंग इंडीकेटर्स)

हिंदी में Lagging का का अर्थ होता है – पिछड़ना, पीछे चलना, और इस तरह lagging इंडीकेटर्स ऐसे इंडीकेटर्स होते है, जो price के पीछे चलते है,

Lagging इंडीकेटर्स मार्केट में चल रहे ट्रेंड को कन्फर्म करने का काम अच्छे से करते है,

और इस तरह ये कहा जा सकता है कि Lagging indicators हमें ट्रेंड के बारे में तब बताता है, जब ट्रेंड आलरेडी मार्केट में बन चूका होता है, ये बस उस ट्रेंड को कन्फर्म करने का काम करता है,

चाहे बुलिश ट्रेंड हो या bearish ट्रेंड Lagging इंडीकेटर्स के इस्तेमाल से हमें ट्रेंड के रेवेर्सल का कन्फर्मेशन मिलता है, कि ये ट्रेंड बन चूका है,

Lagging Indicators में आने वाले कुछ प्रमुख इंडीकेटर्स है –

Leading Indicators और Oscillators (ओसिलेटर)

सभी Leading indicators को oscillators कहा जाता है, oscillators का अर्थ है – एक सीमा (Boundary) के अन्दर Price ऊपर या नीचे होना, इस ऊपर या नीचे के रेंज को हम Indicators कितने होते है oscillation range कहा जाता है,

और इस तरह Leading Indicators को टेक्निकल एनालिसिस के चार्ट में दो वैल्यू (oscillation range) के बीच दिखाया जाता है, जैसे – 0 से 100 के बीच का वैल्यू

और सबसे प्रमुख लीडिंग इंडीकेटर RSI (Relative Strength Index ) इसका सबसे अच्छा example है, RSI को हमेशा 0 से 100 के बीच दिखाया जाता है, ये न तो 0 से नीचे जा सकता है और न 100 से ऊपर,

Momentum (Use in Indicators)

Momentum किसी स्टॉक के price में होने वाले Change का प्रतिशत (Rate) होता है, Momentum ये बताने की कोशिश करता है कि Indicators कितने होते है Indicators कितने होते है किस Rate से प्राइस में बदलाव हो रहा है,

जैसे – अगर किसी स्टॉक का price एक week में 15 % change हो रहा है, तो इस change को fast momentum कहा जा सकता है,

और इस change के मुकाबले अगर किसी दुसरे स्टॉक में 2 महीने में 15 % price change हो रहा, तो उसे slow momentum कहा जायेगा,

ध्यान देने वाली बात ये है कि – किसी स्टॉक में जितना जल्दी price change देखने को मिलता है, तो इस change को उतना अधिक momentum माना जाता है,

आशा करता हु कि TECHNICAL ANALYSSIS के ये टॉपिक, आपको जरुर पसंद आया होगा, और आपसे REQUEST कि आप अपने सुझाव, सवाल और कमेंट को निचे जरुर लिखिए,

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नमस्ते दोस्तों। आज हम देखने वाले है की शेयर बाजार में intraday trading indicators in hindi क्या होते है। और कैसे काम करते है।और intraday trading में indicators को कैसे इस्तेमाल करते है। और क्या इंडीकेटर्स से स्टॉक प्राइज की मूवमेंट का पता चलता है। इन सब के बारे में हम आज जानने वाले है।

intraday trading indicators meaning in hindi

इंडिकेटर्स का हिंदी में मतलब होता है सूचक। या आप सिग्नल भी कह सकते है। जैसे हमें वाहन चलते वक्त इंडिकेटर्स होते है। वैसे ही स्टॉक के चार्ट में स्टॉक का ट्रेंड पता करने में या उनकी दिशा दिखने का काम ये intraday trading indicators करते है।

इंडीकेटर्स के भी दो प्रकार के होते है। एक होता है leading indicators .और दूसरा होता है lagging indicators .

  • leading indicators

ये वो इंडीकेटर्स होते है जो शेयर का ट्रेंड चेंज हो रहा है ये पहलेही बता देते है। लेकिन सिर्फ इन इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करके हम शेयर को खरीद या बेच नहीं सकते। इसके साथ दूसरे इंडीकेटर्स का भी इस्तेमाल करना चाहिए। तभी आपको सिंगल सही मिलेगा। नहीं तो आपको गलत सिग्नल भी मिल सकता है। और उससे आपको नुकसान हो सकता है। leading indicators में कुछ इंडीकेटर्स आते है जैसे की -rsi ,stochastic ,roc etc .

  • lagging indicators .

ये वो इंडीकेटर्स होते है ,जो स्टॉक का ट्रेंड चेंज होने के बाद सिग्नल देते है। यानि स्टॉक के चार्ट का ट्रेंड बदलता है। तब जेक lagging indicators सिग्नल देते है। लेकिन इनका सिग्नल ज्यादातर सही होता है। जैसे की moving avarage ,bollinger band ,MACD etc .इनका सिंग्नल लेट होता है। लेकिन ज्यादातर परफेक्ट होता है।

top indicators for intraday trading

हम ऐसे इंडीकेटर्स देखने वाले है ,जो interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल Indicators कितने होते है Indicators कितने होते है किये जाते है। और उनकी एक्यूरेसी भी बहुत बढ़िया होती है। जो आपको ट्रेडिंग में सिग्नल देने में सक्षम है। और आपको स्टॉक को buy या sell करने के सिग्नल देते है। तो चलिए देखते है top indicators for intraday trading.

१. RSI (relative strength index )

ये एक ऐसा इंडिकेटर है जो ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर है। rsi इंडिकेटर चार्ट में होने वाले मूमेंटम का ट्रेंड दर्शाता है। और ये ० से लेकर १०० के बिच में रहता है। और स्टॉक overbought हे या oversold ये दर्शाने का काम rsi इंडिकेटर करता है।इसे खासकर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।

rsi kaise kam karta hai

rsi इंडिकेटर ० से लेकर १०० बिच होता है। ये कभी ० के निचे नहीं जाता। और नहीं कभी ये १०० के ऊपर जा सकता है। और इसके तीन महत्वपूर्ण स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।

rsi अगर ७० के ऊपर चला जाता है तो स्टॉक की प्राइज overbought मणि जाती है। और अगर rsi ३० के निचे चली जाती है तो स्टॉक का प्राइज oversold मन जाता है।

२.vwap

vwap का मतलब होता है valume waighted avarage prize . vwap का इस्तेमाल सिर्फ आप interday trading के लिए कर सकते है। ये हर प्रकार के मार्किट में इस्तेमाल क्या जाता है। जैसे की इसे आप forex trading में भी इस्तेमाल कर सकते है। या फिर future market या commodity market .इन सब में vwap का इस्तेमाल ज्यादातर किया जाता है।

vwap kaise kam karta hai

vwap के नामसे ही पता चलता है की ये एक valume के avarage प्राइज को इंडीकेट करता है। vwap एक सिंपल इंडिकेटर है। स्टॉक प्राइज vwap के ऊपर जाने से स्टॉक को buy करने का सिग्नल होता है। और अगर स्टॉक प्राइज vwap के नीछे जाती है तो स्टॉक को बेचने के सिग्नल होता है।

vwap को जिस साइड से स्टॉक का प्राइज क्रॉस करता है उस साइड से आप अपनी पोजीशन बना सकते है। लेकिन vwap का इस्तेमाल इंटरडे में होने के कारन आप इसे ५ मिनिट ,१० मिनिट ,या फिर १५ मिनिट के ही टाइम फ्रेम में लगाकर इस्तेमाल कर सकते है।

३. moving avarage

moving avarage एक ऐसा इंडिकेटर है जो लॉन्ग टर्म यानि लम्बे समय के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। और कम समय यानि इंटरडे के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। moving avarage के दो प्रकार होते है। जैसे की एक होता है simpale moving avarage और दूसरा होता है exponential moving avarage .

moving average kaise kam karta hai

स्टॉक प्राइज के पिछले दिनों के क्लोजिंग प्राइज से moving average निकला जाता है। ये आपको ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर में मिल जाता है। लेकिन इसकी सेटिंग आप लगा सकते है की आपको कितने दिनों का moving average निकलना है। अगर आपको ५० दिनों का moving average निकलना है तो आपको पिछले ५० दिनों के क्लोजिंग प्राइज को जोड़कर उसे ५० से भाग देना। तभी आपका ५० दिनों का moving average निकलता है।

जब स्टॉक का प्राइज ५० दिनों के मूविंग average को ऊपर क्रॉस करता है तो उसे बुलिश मोमेंटम कहा जाता है। और अगर स्टॉक का प्राइज moving average के ५० Indicators कितने होते है दिनों के क्लोजिंग प्राइज के निचे चला जाता है। तो उसे बेयरिश मोमेंटम कहा जाता है।

निष्कर्ष

कोई भी इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करने से पहले उसे अच्छे से बैकटेस्ट करके जान लीजिये। क्युकी कोई भी इंडिकेटर हमेशा ही सही सिग्नल नहीं देता। कभी कभी आपका स्टॉपलॉस भी हिट कर देता है। तो अपने अनुभव से ही intraday trading indicators का इस्तेमाल करना चाहिए।

आज हमने क्या सीखा

आज हमने सीखा की intraday trading indicators in Hindi क्या होता है। और कोनसे इंडीकेटर्स का इस्तेमाल ट्रेडिंग में ज्यादा किया जाता है। और हमने आज जाना की स्टॉक मार्केट में top indicators for intraday trading कोण कोनसे है। और वो कैसे काम करते है इन सब के बारे में आज हमने जाना।

यकीं है की आज की ये हमारी intraday trading indicators in hindi पोस्ट आपको काफी पसंद आयी होगी। अगर आपको हमारी पोस्टर अच्छी लगे तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा।

अगर आपको भी शेयर बाजार में इंडीकेटर्स का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग करना है। तो Indicators कितने होते है आप हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब जरूर कीजियेगा। ताकि आपको शेयर बाजार के नए नए पोस्ट पढ़ने को मिल सकते और आप उससे ट्रेडिंग अच्छे से सिख सके।

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Indicators कितने होते है

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Acids , Bases And Salts

What are indicators? How do th .

Solution : Speical type of substances which are used to test whether a substance is acidic basic are called indicators. The indicators change their colour when added to a solution containing an acidic or basic substance.

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