चुनाव के बाद जब मुख्यमंत्री चुनने की बारी आई तो तमाम ड्रामे के बावजूद पार्टी ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को नेता चुनवा दिया। अब इस पर बहस हो सकती है कि पार्टी आलाकमान ने उनको बनवाया या उन्होंने ताकत दिखा कर कुर्सी हासिल की। लेकिन यह सही है कि राहुल गांधी ने 2013 में तब के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के विरोध के बावजूद सुक्खू को प्रदेश अध्यक्ष बनवाया था और छह साल तक बनाए रखा था। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि राहुल ने पहले से तय कर रखा था कि पार्टी जीती तो सुक्खू मुख्यमंत्री होंगे। यह भी कहा जा रहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा चाहती थीं कि प्रतिभा सिंह को बनाया जाए, लेकिन अंत में फैसला राहुल गांधी ने कराया।
डॉलर के दृष्टिकोण में अभी भी महत्वपूर्ण घटना जोखिम और तकनीकी दबाव हैं Hindi-khabar
इस समय अमेरिकी डॉलर में कुछ प्रतिस्पर्धी मौलिक विषय चल रहे हैं। ब्याज दर की अटकलों और मुद्रा की सुरक्षित-हेवन भूमिका के बीच, हमने पिछले सप्ताह बाजार की अनिश्चितता पर मंदी के दबाव के स्तर को देखा है। आगे बढ़ते हुए देखने के लिए ये निश्चित रूप से शीर्ष चीजें होंगी, लेकिन अगले कुछ हफ्तों में सामान्य बाजार के माहौल को देखने के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि मुद्राएं (और अन्य परिसंपत्तियां) डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? मूल सिद्धांतों के साथ कैसे बातचीत करेंगी। टेप मारो। ऐतिहासिक रूप से, वर्ष के अंतिम दो सप्ताह में आम तौर पर बड़े वैश्विक घटना जोखिम और तरलता (मात्रा और खुली ब्याज) में नीतिगत निर्णयों के अंतिम सैल्वो के रूप में महत्वपूर्ण गिरावट देखी जाती है। इस नियम को उल्टा करना संभव है, लेकिन यह बहुत ही असामान्य है; और आमतौर पर, ऐसा तब होता है जब ‘डर’ की आवेशित भावना डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? होती है। यदि बाजार शांत हैं, तो यह प्रवृत्ति के विकास के खिलाफ काम करेगा – मौलिक दृष्टि से और मूल्य कार्रवाई दोनों में। उस ने कहा, पतले बाजार अस्थिरता में अधिक नाटकीय बदलाव ला सकते हैं क्योंकि आश्चर्यजनक झटकों को अवशोषित करने के लिए बाजार की गहराई कम है।
इतिहास के सबसे निचले डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? स्तर पर पहुंचा भारतीय रुपया, डॉलर के मुकाबले 78.29 हुई कीमत
भारतीय रुपये में गिरावट का दौर लगातार जारी है। सोमवार को इसमें अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 36 पैसे की गिरावट दर्ज की गई और इसी के साथ यह अपने इतिहास के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। सुबह बाजार खुलने पर भारतीय रुपये ने 78.20 से शुरूआत की, लेकिन कुछ ही देर में यह नीचे गिरते हुए 78.29 के भाव पर पहुंच गया। बता दें कि शुक्रवार को भारतीय रुपया 77.93 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
शुक्रवार को भारतीय रुपये में आई थी 19 पैसे की गिरावट
बता दें कि विदेशी डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 19 पैसे की भारी गिरावट के साथ 77.93 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। उसे रुपये का सबसे निचला स्तर माना गया था, लेकिन सोमवार को स्थिति और खराब हो गई और रुपये ने पहली बार 78 के स्तर के स्तर को पार कर लिया। डॉलर की मजबूती और रुपये के गिरते मूल्य का भारतीय बाजार सहित निवेशकों पर बुरा असर पड़ा है।
रुपये में गिरावट के बीच अमेरिकी डॉलर सोमवार को 0.4 प्रतिशत और मजूबत होते हुए 135 येन के साथ 20 साल के उच्चतर स्तर के करीब पहुंच गया है। बता दें कि साल 2002 के डॉलर का मूल्य 135.20 येन के उच्चतम स्तर पर था।
निवेशकों पर पड़ रहा है बुरा असर
विदेशी मुद्रा कारोबारियों का मनना है कि कमजोर एशियाई मुद्राएं, घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी पूंजी के लगातार बाहर जाने से भी निवेशकों पर बुरा असर पड़ रहा है। डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? अमेरिकी मुद्रास्फीति के चार दशक के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद फेडरल रिजर्व के कड़े होने की उम्मीदों ने रुपये पर खासा दबाव डाला है। गत मार्च के बाद से रुपया लगातार गिर रहा है। मार्च में पहली बार रुपया डॉलर के मुकाबले 77 रुपये पर पहुंचा था।
भारतीय रुपये की कीमत गिरने के कई कारण है। इसका एक अहम कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर का मजबूत होना है। रूस-यूक्रेन युद्ध और तेल की बढ़ती कीमतों जैसी वजहों से सुरक्षित माने जाने वाले डॉलर में निवेश बढ़ा है। इसके अलावा भारत से विदेशी निवेश के जाने और घरेलू बाजार में विदेशी निवेश के कम होने का असर भी पड़ा है। अक्टूबर 2021 से विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 3.45 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है।
RBI के प्रयासों को नहीं मिल रही सफलता
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) रुपये के मूल्य में गिरावट को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रहा है, हालांकि उसके सारे प्रयास विफल रहे हैं। 8 जून को ही RBI ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की थी और डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? अब ये 4.90 प्रतिशत हो गई है। विदेशी मुद्रा भंडार के इस्तेमाल के कारण यह पहली बार 600 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया है। इसके बावजूद रुपये की गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है।
रुपये के कमजोर होने का मतलब है कि अब देश को विदेश से पहले जितना माल खरीदने पर अधिक पैसा खर्च करना पड़ेगा। आयातीत सामान के महंगा होने का सीधा असर लोगों की जेब पर भी पड़ेगा। इसी तरह महंगाई बढ़ने से रेपो रेट में भी इजाफा होगा और बैंकों से मिलने वाला ऋण महंगा हो जाएगा। इसके अलावा रुपये से इक्विटी बाजारों में तेज गिरावट नजर आती है और शेयर तथा इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश में कमी आती है।
रुपया नहीं गिर रहा बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है, जानिए वित्त मंत्री ने क्या दिया तर्क
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय रुपया नहीं गिर रहा है, बल्कि यूएस डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि आरबीआई रुपए को नीचे जाने से रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है। सीतारमण इस समय अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा पर हैं। वे वाशिंगटन डीसी में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रही थीं। इस कांफ्रेंस में एक रिपोर्टर ने उनसे रुपए को लेकर सवाल किया था। रिपोर्टर ने पूछा, 'भू-राजनीतिक तनावों के बीच रुपए में काफी गिरावट देखी गई है। आप आने वाले समय में रुपए के सामने क्या चुनौतियां देखती हैं और उनसे कैसे निपटेंगे?
दूसरे उभरते बाजारों की करेंसीज से बेहतर है रुपया
सीतारमण ने कहा, 'सबसे पहले तो मैं इसे ऐसे नहीं देखती हूं कि रुपया गिर रहा है, बल्कि ऐसे देखती हूं कि डॉलर मजबूत हो रहा है। डॉलर तेजी से मजबूत हो रहा है। इसलिए स्वाभाविक डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? रूप से वे करेंसीज कमजोर होंगी, जिसकी तुलना में ये मजबूत हो रहा है। भारतीय रुपया दूसरे उभरते बाजारों की करेंसीज की तुलना में अच्छा परफॉर्म कर रहा है। हालांकि, आरबीआई रुपए में गिरावट को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है।' बता दें कि भारतीय रुयपा यूएस डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा है। एक डॉलर की कीमत 82.42 भारतीय रुपए के बराबर हो गई है।
वित्त मंत्री इस प्रेस कांफ्रेंस में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में भी बोलीं। सीतारमण ने कहा, 'हम क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मामलों को जी20 देशों के सामने चर्चा के लिए लाना चाहते हैं, ताकि सदस्य इस पर चिंतन कर सकें और वैश्विक स्तर पर एक फ्रेमवर्क या एसओपी पर पहुंच सकें। देशों के पास तकनीकी रूप से संचालित रेगुलेटरी फ्रेमवर्क हो सकता है।' इसके अलावा वित्त मंत्री व्यापार घाटे पर भी बोलीं। उन्होंने कहा, 'व्यापार घाटा बढ़ रहा है लेकिन हम इस पर नजर रख रहे हैं कि क्या किसी एक देश के खिलाफ डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? कोई बेमेल बढ़ोतरी होती है।'
स्विगी पर बिरयानी को फिर से सबसे ज्यादा किया गया ऑर्डर
बिरयानी ने डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? 2022 में स्विगी पर 2.28 बिरयानी ऑर्डर प्रति सेकंड के साथ नया रिकॉर्ड बनाया, जबकि इटालियन रैवियोली (एक प्रकार का पास्ता) और कोरियाई बिबिमबैप (चावल डिश) जैसे विदेशी स्वाद सबसे लोकप्रिय भोजन ऑप्शन थे। पिछले साल देशभर में 1 लाख से अधिक नए रेस्टोरेंट और क्लाउड किचन स्विगी से जुड़े।
फूड एग्रीगेटर ने कहा, "हमारे सबसे हंगियरेस्ट कस्टमर्स दिवाली के दौरान 75,378 रुपये के सिंगल ऑर्डर के साथ बेंगलुरु से आए, इसके बाद पुणे में एक ग्राहक ने 71,229 रुपये के बिल मूल्य के साथ अपनी पूरी टीम के लिए बर्गर और फ्राइज का ऑर्डर दिया।" ग्राहकों ने अपना पहला ऑर्डर श्रीनगर, पोर्ट ब्लेयर, मुन्नार, आइजोल, जालना, भीलवाड़ा और अन्य शहरों में दिया।
एसर ने भारत में नया 16 इंच का ओएलईडी लैपटॉप लॉन्च किया
ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी एसर ने गुरुवार को अपना नया 16 इंच का ओएलईडी लैपटॉप लॉन्च किया डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? जो माइक्रोसॉफ्ट प्लूटन सुरक्षा प्रोसेसर से लैस है। एसर ने एक बयान में कहा कि 'स्विफ्ट एज' लैपटॉप कंपनी के आधिकारिक ई-स्टोर और अमेजन पर 1,24,999 रुपये की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध है।
नया लैपटॉप 4के ओएलईडी डिस्प्ले डीसीआई-पी3 कलर गैमट के 100 प्रतिशत को सपोर्ट करता है और मूवी-क्वालिटी विजुअल्स के लिए 500 निट्स की पीक ब्राइटनेस देता है। भले ही यह लैपटॉप हल्का (1.17 किग्रा) है, लेकिन यह अत्याधुनिक तकनीकों से भरा हुआ है जो उत्पादकता और टीमवर्क जैसे तेज प्रसंस्करण में सुधार करता है। बढ़ते साइबर हमलों से लड़ने में मदद के लिए, यह माइक्रोसॉफ्ट प्लूटन सुरक्षा प्रोसेसर से लैस है जो सीपीयू पर एक समर्पित हार्डवेयर चिप है।
ट्विटर में बदलाव के बीच मस्क ने टेस्ला के 3.5 अरब डॉलर के शेयर बेचे
एलन मस्क ने लगभग 3.5 अरब डॉलर मूल्य के 20 मिलियन से अधिक टेस्ला शेयर बेचे हैं और इलेक्ट्रिक कार कंपनी में और अधिक स्टॉक बेचने का कोई कारण नहीं बताया है। नवंबर 2021 से मस्क ने टेस्ला के 39 अरब डॉलर से ज्यादा के शेयर बेचे हैं।
ताजा शेयर बिक्री के बाद, यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) के साथ दायर एक फॉर्म के मुताबिक, मस्क अब लगभग 66 अरब डॉलर मूल्य के टेस्ला स्टॉक के मालिक हैं।
इस साल अप्रैल में, नए ट्विटर सीईओ ने टेस्ला के 8.5 अरब डॉलर के शेयर बेचे थे, जबकि अगस्त में उन्होंने 7 अरब डॉलर के अन्य शेयर बेचे थे।
हिमाचल के फैसले से बड़ा संदेश
कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? सिंह सुक्खु को मुख्यमंत्री बना कर बड़ा संदेश दिया है। इस चुनाव से पहले तक हॉली लॉज कांग्रेस डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है? की सत्ता का केंद्र था। पूरी पार्टी के लिए वीरभद्र सिंह और उनके जाने के बाद उनका परिवार सबसे मजबूत खूंटा था। तभी पार्टी ने चुनाव लड़ने में कोई जोखिम नहीं लिया था। दिवंगत वीरभद्र सिंह की प्रतिभा सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था ताकि पार्टी खूंटे से बंधी रहे। इसके साथ साथ पार्टी ने दूसरे क्षत्रपों को भी कुछ न कुछ देकर संतुष्ट किया था। सुक्खू को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया था तो मुकेश अग्निहोत्री पहले से विधायक दल के नेता थे। टिकट बंटवारे में भी प्रदेश के हर क्षत्रप की पसंद से कुछ न कुछ लोगों को एडजस्ट किया गया था। ऐसा इसलिए भी किया गया था ताकि किसी के पास इतने विधायक न हों कि वह कोई खेला कर सके।
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