मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.

कमोडिटी मार्केट में करनी है ट्रेडिंग तो इन बातों का ना कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर करें नजरअंदाज

अगर आप कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं या फिर ट्रेडिंग शुरु करने का मन बना रहे हैं तो आज के खास एपिसोड में हम आपको कमोडिटी में कारोबार से जुड़ी हर बारीकियां बताने वाले हैं। ब्रोकर का चुनाव करने से लेकर सौदा लेने तक की पूरी कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर डिटेल्स पर बात होगी। साथ ही कमोडिटी एक्सचेंज कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर किस तरह से काम करता है और BUY/SELL की स्थिति में भुगतान और डिलिवरी को लेकर क्या नियम हैं, इसपर भी चर्चा करेंगे।

कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए गाइडलाइंस

कमोडिटी में सिर्फ एक्सचेंज में रजिस्टर्ड ब्रोकर के जरिए ही ट्रेडिंग करें। ट्रेडिंग शुरू करने से पहले KYC करना जरूरी होता है। सभी ट्रेड Unique Client Code के जरिए करना चाहिए। अपना मोबाइल नंबर और E-Mail जरूर रडिस्टर्ड करें। SMS, E-Mail के जरिए एक्सचेंज ट्रेड की जानकारी देता है। एक्सचेंज की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर की सुविधा भी मिलती है।

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BUY/SELL पर एक कामकाजी दिन में भुगतान/डिलीवरी होता है। 24 घंटे के अंदर एक्सचेंज हर ट्रेड की डिटेल्स भेजता है। एक्सचेंज ये डिटेल्स SMS, E-Mail के जरिए ट्रेड डिटेल्स भेजता है। एक्सचेंज हर 7 कामकाजी दिन में वीकली स्टेटमेंट देता है। वीकली स्टेटमेंट में फंड बैलेंस/डिलीवरी डिटेल्स होती है। ट्रेड डिटेल्स गलत होने पर 15 दिन में शिकायत की सुविधा मिलती है। ब्रोकर समाधान नहीं निकाले तो एक्सचेंज में शिकायत करें। अगर किसी कारणवंश एक्सचेंज के समाधान से संतुष्ट ना होने पर SEBI में जाएं।

शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद

commodity trading

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST

मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.

शेयर मार्केट से कितना अलग है कमोडिटी मार्केट, जानिए कैसे होती है कमोडिटी ट्रेडिंग?

शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है.

कोरोना महामारी के बाद शेयर मार्केट में निवेशकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़त देखने को मिली है. इसी साल अगस्त में डीमैट खातों की संख्या पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंच गई. हालांकि, शेयर बाजार ने भी निवेशकों को निराश नहीं किया. तेजी कमोडिटी ट्रेडिंग ब्रोकर से दौरान निवेशकों को बंपर मुनाफा मिला. लेकिन यूरोप में यूद्ध के माहौल से सुरक्षित निवेश की मांग तेजी से बढ़ी है. क्योंकि शेयर बाजार में कमजोरी का ट्रेंड है. ऐसे में कमोडिटी मार्केट में सोने और चांदी की मांग तेजी देखने को मिली है. क्या आपको पता है कि कमोडिटी मार्केट क्या है और यह इक्विटी यानी शेयर मार्केट से कितना अलग है.

कमोडिटी मार्केट क्या है?

कमोडिटी मार्केट (Commodity Market) यह एक ऐसा मार्केटप्लेस है जहां निवेशक मसाले, कीमती मेटल्स, बेस मेटल्स, एनर्जी, कच्चे तेल जैसी कई कमोडिटीज की ट्रेडिंग करते हैं.

  • एग्री या सॉफ्ट कमोडिटीज में मसाले जैसे काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च हैं. इसके अलावा सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना भी इसी का हिस्सा हैं.
  • नॉन-एग्री या हार्ड कमोडिटीज में सोना, चांदी, कॉपर, जिंक, निकल, लेड, एन्युमिनियम, क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस शामिल हैं.

इक्विटी मार्केट और कमोडिटी मार्केट में क्या अंतर है?

  • इक्विटी मार्केट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं. वहीं कमोडिटी मार्केट में कच्चे माल को बेचा और खरीदा जाता है.
  • इक्विटी के होल्डर को शेयरहोल्डर कहा जाता है, जबकि कमोडिटी के होल्डर को ऑप्शन कहा जाता है.
  • शेयरहोल्डर को पार्शियल कंपनी का मालिक माना जाता है, लेकिन कमोडिटी मालिकों को नहीं.
  • इक्विटी शेयरों की समाप्ति तिथि नहीं होती है. जबकि कमोडिटी में ऐसा नहीं होता है.
  • इक्विटी मार्केट में शेयरहोल्डर डिविडेंड के योग्य माना जाता है. वहीं कमोडिटी मार्केट में डिविडेंड का प्रावधान नहीं होता.

भारत में कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए प्रमुख एक्सचेंज हैं. इसमें मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) के साथ-साथ यूनिवर्सल कमोडिटी एक्सचेंज (UCX), नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (NMCE), इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज (ICEX), ACE डेरिवेटिव्स एंड कमोडिटी एक्सचेंज लिमिटेड शामिल हैं.

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