सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग
बैंक लोन धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैसर्स सिंभावली शुगर्स लिमिटेड, हापुड़ की 109.80 करोड़ की संपत्ति जब्त की है। ईडी पूरे मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच कर रही है। धनशोधन रोकथाम अधिनियम 2002 के तहत ईडी ने यह कार्रवाई की है। इसमें जब्त की गई संपत्ति में जमीन, बिल्डिंग, प्लांट और सिंभावली में स्थित डिस्टलरी यूनिट की मशीनरी शामिल हैं।
सीबीआई ने गन्ना किसानों को वित्तीय मदद देने के बहाने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में सिंभावली शुगर्स लिमिटेड और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। ईडी ने इस प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद पीएमएलए के तहत कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
कंपनी ने 5,762 किसानों के नाम पर कर्ज लिया था
सीबीआई की ओर से जो एफआईआर दर्ज है, उसके मुताबिक, कंपनी ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के साथ मिलकर 5,762 किसानों के नाम पर किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज ले लिया था।
सीबीआई ने किया था मामला दर्ज
सीबीआई ने पिछले दिनों बैंक लोन धोखाधड़ी के मामले में सिंभावली शुगर्स के चेयरमैन गुरमीत सिंह मान, उप-प्रबंध निदेशक गुरपाल सिंह और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कम्पनी के अधिकारियों कहा कि उन्होंने कहा कि कार्य को बढ़ाने के लिए जो बैंक से कर्ज लिया था, जिसका वह नियमित रूप से भुगतान कर रहे है, लेकिन चीनी उद्योग में प्रतिकूल हालात के मद्देनजर कुछ समय में दिक्कत हुई है।
भाटिया ग्रुप पर १८०० करोड़ का कर्ज वसूली अभियान शुरू,29 संपत्तियों पर नोटिस,70 प्रॉपर्टी कुर्क होंगी
भोपाल/नागपुर : बकाया लोन नहीं चुकाने पर एसबीआई (मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़) भोपाल की टीम ने संपत्ति कब्जे में लेने की मप्र में सबसे बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने साेमवार काे 1800 करोड़ रुपए का लोन नहीं चुकाने वाले भाटिया कोल समूह की इंदौर स्थित 29 संपत्तियों पर नोटिस चस्पा कर दिए। अब ग्रुप की कुल 70 संपत्तियाें पर कुर्की की कार्रवाई हाेगी। यह ग्रुप उस वक्त चर्चा में आया था, जब इसने काेयला घाेटाले के वक्त नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (नालको) के सीएमडी काे रिश्वत में साेने की ईंटें दी थीं। इसके बाद समूह पर सीबीआई और आयकर विभाग ने छापे मारे थे।इस समूह का मुख्य कार्यालय इंदौर के मनोरमागंज में हैं और क्षेत्रीय कार्यालय नागपुर,अहमदाबाद,चंद्रपुर,चेन्नई,ह्यदेरबाद,मुंबई,पोरबंदर,सूरत आदि में हैं.
एसबीआई की तनावग्रस्त आस्ति प्रबंधन शाखा (एसएएम) के एजीएम यूएस पांडे की टीम ने सिक्योरिटी इंटरेस्ट एक्ट 2002 की धारा 13 उपधारा 4 और 13 की उपधारा 9 के तहत लोन नहीं चुकाने पर प्रापर्टी कुर्क की है। भाटिया समूह का कारोबार सिंगापुर, इंडोनेशिया और साउथ अफ्रीका तक फैला हुआ है। समूह के गुरविंद सिंह भाटिया, सुरिंदर सिंह भाटिया, कुलवंत सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, अमनदीप सिंह भाटिया की करोड़ों की संपत्ति को कुर्क किया गया है। बैंक ने इंदौर के नवरत्न बाग, पिपल्याराव, सिद्धार्थ नगर, मंगल नगर के पॉश इलाकों में यह कार्रवाई की।
नोटिस के बाद भी नहीं चुकाया लोन
भाटिया कोक एण्ड एनर्जी लिमिटेड और उसके गारंटर को एसबीआई ने 12 जून 2018 को लोन की राशि वापस करने के लिए 21 करोड़ 30 लाख 75 हजार 373 रुपए की डिमांड भेजी थी। इसी फर्म को बैंक ने 30 अप्रैल 2018 को 99 करोड़ 99 लाख 84 हजार 481 रुपए का डिमांड नोटिस भेजा था। भाटिया कोल वॉश रीस लिमिटेड और उसके गारंटर को 7 अगस्त 2018 को 21 करोड़ 81 लाख 99 हजार 350 रुपए का मांग पत्र भेजा गया था।
भाटिया ग्लोबल ट्रेडिंग और गारंटर को 11 जनवरी 2019 को लोन राशि वापस करने के लिए ग्यारह सौ बीस करोड़ 64 लाख 59 हजार 427 रुपए का डिमांड नोटिस भेजा था। एशियन नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड कंपनी को 31 जनवरी 2019 को 534 करोड़ 67 लाख 9 हजार 669 रुपए का लोन वापसी का मांग पत्र भेजा था।तब पकड़ी थी 70 कराेड़ की टैक्स चाेरीघटिया कोयला सप्लाई के मामले में सीबीआई ने वर्ष 2014 में समूह पर छापा मारा था।
आयकर विभाग ने 70 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी थी। समूह पर एनटीपीसी और एनएसपीसीएल के अफसरों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने का आराेप लग चुका है। दोनों कंपनियों के लिए इंडोनेशिया का घटिया श्रेणी का नॉन कुकिंग कोयला खरीदा गया था। इससे केंद्र सरकार को 116 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सिंगापुर स्थित भाटिया ग्रुप की कंपनी ने ही इसकी आपूर्ति की थी।
महाराष्ट्र से नजदीकी नाता
जानकारों ने बताया कि इस समूह का नागपुर और महाराष्ट्र से काफी नजदीकी नाता है. महाराष्ट्र सरकार के बिजली विभाग और कई प्राइवेट बिजली कम्पनियों से इस कम्पनी का सीधा संबंध है. कई बड़े मंत्रियों और कुछ बड़े अधिकारियों के साथ भी इस ग्रुप की निकटता के कारण महाराष्ट्र में इसके संचालकों की तूती बोलती है. वर्धमाननगर में कम्पनी का एक कार्यालय भी है. कहा तो यह भी जा रहा है कि बैंक प्रबंधन इस ग्रुप का नागपुर में भी कोई प्रापर्टी है क्या, इसकी तलाश कर रहा है. सोमवार को जो कार्रवाई मध्यप्रदेश में की गई वह हाल के दिनों की सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है.
सिंगापुर-इंडोनेशिया तक फैला कारोबार
समूह का कारोबार सिंगापुर, इंडोनेशिया और साउथ अफ्रीका तक फैला हुआ है. गुरविंदसिंह भाटिया, सुरिंदरसिंह भाटिया, कुलवंतसिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, अमनदीपसिंह भाटिया की इंदौर के पॉश इलाकों की करोड़ों की संपत्ति कुर्क की गई है. भाटिया कोक एण्ड एनर्जी लिमिटेड और उसके गारंटर को एसबीआई ने 12 जून 2018 को लोन की राशि वापस करने के लिए 21 करोड़ 30 लाख 75 हजार 373 रुपए की डिमांड भेजी थी. इसी फर्म को बैंक ने 30 अप्रैल 2018 को 99 करोड़ 99 लाख 84 हजार 481 रुपए का डिमांड नोटिस भेजा था.
भाटिया कोल वॉशरीस लिमिटेड और उसके गारंटर को 7 अगस्त 2018 को 21 करोड़ 81 लाख 99 हजार 350 रुपए का मांग पत्र भेजा गया था. भाटिया ग्लोबल ट्रेडिंग और गारंटर को 11 जनवरी 2019 को लोन राशि वापस करने के लिए 1120 करोड़ 64 लाख 59 हजार 427 रुपए का डिमांड नोटिस भेजा था. उसी तरह एशियन नेचुरल रिसोर्सेज लिमिटेड कम्पनी को 31 जनवरी 2019 को 534 करोड़ 67 लाख 9 हजार 669 रुपए का लोन वापसी का मांग पत्र भेजा था.
घटिया कोल सप्लाई में CBI ने की थी छापेमारी
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में घटिया कोयला सप्लाई के मामले में सीबीआई ने वर्ष 2014 में समूह पर छापा मारा था. आयकर विभाग ने 70 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी थी. समूह पर एनटीपीसी और एनएसपीसीएल के अफसरों के साथ मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप लग चुका है. दोनों कम्पनियों के लिए इंडोनेशिया का घटिया श्रेणी का नॉन कुकिंग कोयला खरीदा गया था. इससे केंद्र सरकार को 116 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. सिंगापुर स्थित भाटिया ग्रुप की कम्पनी ने ही इसकी आपूर्ति की थी. वैसे महाराष्ट्र में कई बिजलीघरों में घटिया कोयला आपूर्ति का इनका रिकार्ड है, लेकिन सत्ता के गलियारों में ऊपर तक पहुंच होने के कारण इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती.
राबड़ी आवास के 2 'सीक्रेट' कमरों के सीबीआई ने तोड़े ताले
छापेमारी के दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने राबड़ी आवास में दो बंद कमरों को देखा। दोनों में ताले लगे थे। पहले तो अधिकारियों ने राबड़ी देवी से चाबी मांगी, लेकिन उन्होंने चाबी देने से इनकार कर दिया। इसके बाद ताला खोलने वाले को बुलाया गया।
सीबीआई की टीम ने लालू और राबड़ी के परिजनों के यहां छापामार कार्रवाई की।
शनिवार। आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिजनों के 16 ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने छापेमारी की। रेलवे भर्ती में गड़बड़ी को लेकर दिल्ली, पटना, गोपालगंज समेत के कई ठिकानों पर सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग सीबीआई ने छापेमारी की। 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की। सीबीआई की टीम को राबड़ी आवास में दो बंद कमरे मिले।
बताया जा रहा है कि ने सीबीआई के अधिकारी ने पहले जब बंद कमरे का ताला खोलने के लिए चाबी मांगी, तब राबड़ी देवी ने चाबी नहीं दी। इसके बाद ताला तोड़नेवाले शख्स को राबड़ी आवास पर बुलाया गया। औजार का बक्शा लेकर आए शख्स ने दोनों कमरों का ताला तोड़ा। इसके बाद सीबीआई की टीम ने पूरे रूम की तलाशी ली। दावा किया जा रहा है कि सीबीआई को उन कमरों से कुछ सबूत हाथ लगे हैं।
16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी
बता दें कि लालू प्रसाद के 16 ठिकानों पर शुक्रवार को सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने एक साथ छापेमारी की। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, लालू प्रसाद के पटना, दिल्ली और गोपालगंज समेत 16 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर भी सीबीआई की टीम ने छापेमारी की।
रेल मंत्री रहते घोटाला करने का आरोप
सीबीआई के अनुसार, यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने से जुड़ा है, जिसकी जांच के मामले में छापेमारी की गई। यह पूछे जाने पर कि लालू और अन्य ने इसके माध्यम से कितनी भूमि का अधिग्रहण किया, सूत्र ने बताया कि वे उसकी सूची बना रही है। सीबीआई अधिकारी उन लोगों के बयान भी दर्ज किया जो उस वक्त वहां मौजूद थे।
लालू-राबड़ी समेत 15 के खिलाफ एफआईआर
सीबीआई ने लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों सहित 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई की ओर से बताया गया कि यह मामला लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कथित रूप से रिश्वत लेने, जमीन और संपत्ति लेने के मामले से जुड़ा है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने आरोपों की प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे प्राथमिकी में बदल दिया गया है। लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा तथा हेमा के अलावा कई के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद सीबीआई ने शुक्रवार की सुबह दिल्ली, पटना और गोपालगंज में 16 स्थानों पर तलाशी ली।
सीबीआई वापस जाओ का लगे नारे
वहीं, सीबीआई की इस कार्रवाई के विरोध में आरजेडी कार्यकर्ता सड़क पर उतर गये और राबड़ी आवास के पास धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन लोगों ने जमकर नारेबाजी भी की। साबीआई वापस जाओ का नारे लगाए। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि लालू परिवार को परेशान करने के लिए राजनीति से प्रेरित होकर सीबीआई द्वारा यह कार्रवाई सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग की गई है।
CBI ने किया बड़े घोटाले का खुलासा, एक ही कर्मचारी चला रहा था चार कंपनियां
Update: Thursday, September 22, 2022 @ 3:10 PM
उत्तर प्रदेश के कानपुर की रोटोमैक कंपनी ने चार कंपनियों से 26 हजार करोड़ का कारोबार किया। हालांकि, इन चारों कंपनियों के कर्मचारी और पता एक ही है। सीबीआई (CBI) ने इस घोटाले का खुलासा किया है। अब सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि कैसे एक कर्मचारी वाली कंपनियों से कारोबार के आधार पर रोटोमैक को 2100 करोड़ का कर्ज दिया गया।
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जानकारी के अनुसार, सीबीआई को अभी तक की जांच में पता चला है कि रोटोमैक (Rotomac) ने सिर्फ चार कंपनियों के साथ 26,143 करोड़ रुपए सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग का कारोबार किया था। इन कंपनियों का पता भी एक ही है, जो कि 1500 वर्ग फुट का हॉल है। हैरानी की बात ये है कि इन चारों कंपनियों में वही कर्मचारी हैं, जो कंपनी का सीईओ भी है। इतना ही नहीं इन कंपनियों के साथ हो रहे अरबों रुपए के कारोबार के आधार पर बैंकों ने रोटोमैक को 2100 करोड़ रुपए का कर्ज सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग भी दिया था। सीबीआई का आरोप है कि निदेशकों विक्रम कोठारी, जिसकी मौत हो चुकी है और राहुल कोठारी ने अन्य लोगों के साथ अपनी बैलेंस शीट के साथ फर्जीवाड़ा करके बैंक को धोखा दिया। पीएनबी की शिकायत के आधार पर सीबीआई ने रोटोमैक ग्लोबल के निदेशक राहुल, साधना कोठारी और अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 93 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
ये कंपनी खरीद रही थीं सामान
सीबीआई के अनुसार, रोटोमैक ग्रुप के साथ कारोबार करने वाली चार कंपनियां रोटोमैक के सीईओ राजीव कामदार के भाई प्रेमल प्रफुल्ल कामदार के स्वामित्व में हैं। रोटोमैक ने इन चार कंपनियों को कागज में उत्पादों का निर्यात किया, ये सभी कंपनियां बंज ग्रुप से रोटोमैक को सामान बेच रही थीं यानी जिस कंपनी ने सामान बनाया वह उसका माल खरीद रही थी। इन चार कंपनियों में मैग्नम मल्टी ट्रेड, ट्रायम्फ इंटरनेशनल, पैसिफिक यूनिवर्सल जनरल ट्रेडिंग और पैसिफिक ग्लोबल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम शामिल हैं।
पीएनबी ने की शिकायत
जानकारी के अनुसार, पीएनबी की शिकायत के आधार पर मंगलवार को नई एफआईआर दर्ज की गई। सीबीआई जांच में सामने आया कि 26 हजार करोड़ का कारोबार दिखाने वाली चार कंपनियों में एक ही कर्मचारी था, जिसका नाम प्रेमल प्रफुल्ल कामदार था। यही कर्मचारी एक कमरे में बैठ कर पोर्ट से लेकर लोडिंग-अनलोडिंग तक का सारा काम कर रहा था। अधिकारियों का कहना है कि रोटोमैक समूह की कंपनियां पहले ही सात बैंकों के एक संघ से सीबीएम ग्रुप के साथ ट्रेडिंग 3,695 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ इंडिया से 806.75 करोड़ रुपए के लोन घोटाले में जांच का सामना कर रही है।
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