रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत है
डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है. The post रुपये के 81.09 प्रति डॉलर पहुंचने के बाद वित्त मंत्री बोलीं- दूसरी मुद्राओं की तुलना में मज़बूत डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? है appeared first on The Wire - Hindi.
डॉलर के मुकाबले रुपये की क़ीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिरने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुक़ाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की ज़रूरत है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण. (फोटो: पीटीआई)
पुणे: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कहीं अधिक मजबूती से खड़ा रहा है.
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत के रिकॉर्ड स्तर पर गिर जाने के बाद भारतीय मुद्रा की स्थिति को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय रुपये की स्थिति पर लगातार करीबी नजर रखे हुए हैं.
सीतारमण ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा, ‘अगर मुद्राओं के उतार-चढ़ाव की मौजूदा स्थिति में किसी एक मुद्रा ने अपनी स्थिति को काफी हद तक बनाए रखा है तो यह भारतीय रुपया ही है. हमने काफी अच्छी तरह इस स्थिति का सामना किया है.’
उन्होंने रुपये की गिरती कीमत के बारे में पूछे जाने पर कहा कि गिरावट के मौजूदा दौर में डॉलर के मुकाबले अन्य मुद्राओं की स्थिति पर भी अध्ययन करने की जरूरत है.
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81.09 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था. पिछले कुछ महीनों में रुपये की कीमत में लगातार गिरावट आई है.
गुरुवार को रुपया एक ही दिन में 83 पैसे तक लुढ़क गया जो पिछले सात महीनों में आई सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है.
यह लगातार तीसरा दिन था जब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट देखी गई. इन तीन दिनों में रुपये की कीमत 124 पैसे प्रति डॉलर तक गिर गई थी.
जानकारों का मानना है कि साल की शुरुआत में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद बढ़े भू-राजनीतिक तनाव ने डॉलर की तुलना में दूसरी मुद्राओं की स्थिति को कमजोर किया है. इसके अलावा बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिका समेत कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरों में वृद्धि की है जिससे मुद्राओं डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? पर दबाव बढ़ा है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विदेशी मुद्रा एवं सर्राफा विश्लेषक गौरांग सोमैया कहना है, ‘इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढ़ाए जाने के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार नए निचले स्तर की तरफ बढ़ा है. हालांकि दुनिया की अधिकतर मुद्राओं में डॉलर के मुकाबले दबाव का रुख बना हुआ है.’
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसंधान विश्लेषक दिलीप परमार ने कहा, ‘भारतीय रुपये ने अप्रैल 2021 के बाद एक मजबूत डॉलर सूचकांक के बीच सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट दर्ज की है….’
इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के समक्ष डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक 0.72 प्रतिशत चढ़कर 112.15 पर पहुंच गया था.
विपक्ष ने साधा था मोदी सरकार पर निशाना
गुरुवार को कांग्रेस ने डॉलर के मुकाबले रुपये के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंचने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और भारतीय रिजर्व बैंक के एक कथित परिपत्र (सर्कुलर) का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार अपने कदमों से स्थिति सुधारने की बजाय आग में घी डाल रही है.
पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया था कि मोदी सरकार के उस फैसले से रुपया लगातार नीचे की ओर जा रहा है जिसमें मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को एक अरब डॉलर के मूल्य तक की भारतीय मुद्रा को अमेरिकी मुद्रा में तब्दील करवाने की अनुमति दी गई है.
वल्लभ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, ‘मोदी जी आप कहते थे कि रुपया गिरता है तो सरकार की साख गिरती है, अब आप बताइए कि कितनी साख गिरेगी?’’
उनका कहना था, ‘रिजर्व बैंक ने एक 22 अगस्त को एक परिपत्र जारी किया जिसके अनुसार, पिछले तीन साल तक मुनाफे में रहने वाली कंपनी एक अरब डॉलर तक की कीमत में रुपये को अमेरिकी मुद्रा में बदलवा सकती है. इससे मध्यवर्ग पर असर पड़ेगा, उपचार महंगा होगा, पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा.’
वल्लभ ने सवाल किया, ‘मोदी जी, हम जवाब जानते हैं कि आपने रुपये की गिरती कीमत में आग में घी डालने का काम क्यों किया? यह बताइए कि इस परिपत्र से किसे फायदा मिला?’
Gold Silver Price Today: फिर बढ़े सोने और चांदी के दाम, जानें क्या है नया भाव
नई दिल्ली : Gold Silver Price Today : देश में सोने-चांदी के भाव हर रोज ऊपर नीचे होते है। हर रोज सोने और चांदी की कीमतों में बदलाव देखने को मिलता है। वहीं एक बार फिर सोने की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है। बीते कल सर्फाफा मार्केट खुलने पर सोने के दाम 54,770 रुपये प्रति तोला से शुरू हुए, जो दिन में अपने सबसे ऊंचे स्तर 54,890 रुपये पर पहुंच गए। वहीं चांदी की बात करें तो उसकी शुरुआत 68,866 रुपये प्रति किलो से हुई, जो बाद में 69,070 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई मामूली गिरावट
Gold Silver Price Today : बताते चलें कि इंटरनेशनल मार्केट में अभी सोने की कीमतें लाल निशान पर ट्रेंड कर रही हैं और उनमें गिरावट का मामूली सा दौर है। मंगलवार के मुकाबले बुधवार को सोने की कीमतों में 0.04 फीसदी की गिरावट देखी गई, जिसके चलते सोना 1,809 डॉलर प्रति औंस पर बिजनेस करता नजर आया।
फीकी पड़ी चांदी की चमक
Gold Silver Price Today : इसी तरह चांदी के रेट्स में भी पिछले दिन के मुकाबले बुधवार को 0.13 फीसदी की गिरावट देखी गई। बुधवार को चांदी की कीमतें 23.68 डॉलर प्रति औंस के आसपास बनी रहीं। अगर पिछले एक महीने की बात करें तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें 2.17 प्रतिशत बढ़ गई हैं। वहीं चांदी के रेट्स में भी 9.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सोने-चांदी के दामों दिखी तेजी
Gold Silver Price Today : वहीं भारतीय सर्राफा बाजार की बात करें तो मामूली उतार-चढ़ाव के बावजूद यह अब भी ऊंचे दाम पर बना हुआ है। मंगलवार को दिल्ली में सोने के दाम में 8 रुपये प्रति ग्राम की कमी दर्ज की गई थी, जिसके चलते यह 54,542 रुपये प्रति तोला पर बंद हुआ। वहीं चांदी के दामों में तेजी दिखी और वह 82 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 68267 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई। लेकिन बुधवार को इन दोनों के दामों में फिर तेजी दिखाई दी और वे नई ऊंचाई पर बंद हुए।
बॉक्स ऑफिस पर क्यों हो रहा बॉलीवुड फिल्मों का बुरा हाल,? करन जौहर ने पहली बार मानी यह वजह
मुंबई। कोरोना (डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? Corona) और लॉकडाउन (Lockdown) के बाद बॉलीवुड फिल्मों का लगातार बुरा हाल है। चंद फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो जो भी फिल्म आ रही है, वह धराशायी हो रही है। अब बॉलीवुड के प्रमुख फिल्ममेकर्स में से एक करन जौहर (Karan Johar) ने इसकी वजह बताई है।
दरअसल, करन जौहर हाल ही में एक यूट्यूब चैनल के स्पेशल प्रोग्राम में अभिनेता वरुण धवन, राइटर निपुण धर्माधिकारी, एक्ट्रेस श्रीनिधि शेट्टी, पूजा हेगड़े, दुल्कर सलमान और डायरेक्टर अनुराग शेट्टी और अन्य लोगों के साथ मौजूद थे।
बॉलीवुड में क्वालिटी की कमी
करन जौहर ने इस दौरान कहा कि मैनस्ट्रीम सिनेमा इंडस्ट्री होने के नाते बॉलीवुड में स्ट्रॉन्ग क्वालिटी की कमी है। वे कहते हैं, "मुझे लगता है कि दिक्कत यह है कि हम डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? हिंदी सिनेमा की मैनस्ट्रीम इंडस्ट्री से आते हैं, जिसमें दूसरे सिनेमा के मुकाबले बहुत ज्यादा स्ट्रॉन्ग क्वालिटी नहीं है। इसमें मैं भी शामिल हूं। यह दृढ़ विश्वास है। हम हमेशा फ्लो के साथ चलते हैं।"
70 के दशक का उदाहरण दिया
करन जौहर ने इस दौरान 70 के दशक की याद दिलाई। उन्होंने बताया कि उस समय बॉलीवुड ने एंग्री यंगमैन को जन्म दिया और वे आगे बढ़ गए। उन्होंने 80 के दशक का जिक्र किया और बताया कि कैसे यह रीमेक्स के लिए डेडिकेटेड था। करन ने 90 के दशक के बारे में कहा कि वह दौर रोमांस के लिए और 2010 का दशक कमर्शियल और मसाला एंटरटेनर्स के लिए डेडिकेटेड था।
बकौल जौहर, "हमारे पास 70 के दशक में वाकई सलीम-जावेद जैसी ओरिजिनल आवाज थी। हमने एक निश्चित किरदार का निर्माण किया और उस गुस्सैल और चिडचिडे हीरो की अवधारणा को दूसरे सनेमाओं ने कैरी किया। फिर 80 के दशक में अचानक हिंदी सिनेमा में रीमेक्स की भरमार आ गई।
ऐसा माना जाता है कि यहीं से नुकसान होना शुरू हुआ। हम तमिल और तेलुगु की पॉपुलर फिल्मों की रीमेक बनाने लगे। 90 के दशक में एक लव स्टोरी आई, जिसने देश को झकझोर कर रख दिया, 'हम आपके हैं कौन'। सब यहां तक कि मैंने भी प्यार के रथ पर सवार होने का फैसला लिया और शाहरुख़ खान किंग ऑफ़ रोमांस बने। 'लगान' 2021 में ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुई। दबंग ने बेहतर प्रदर्शन किया और हम फिर से कमर्शियल फ़िल्में बनाने लगे।"
दूसरी इंडस्ट्री से यह सीखने की जरूरत
करन जौहर ने अंत में कहा कि एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के रूप में बॉलीवुड में मजबूती और दृढ़ विश्वास की कमी है। यह सोचना चाहिए कि बाक़ी इंडस्ट्रीज की तरह अपनी कला को कैसे संजोया जाए।बकौल करन, "समस्या यही है। असल में हमारे अंदर मजबूती और दृढ़ विश्वास की कमी है और यह मैं किसी और के मुकाबले अपने लिए यह ज्यादा कह रहा हूं। हमें दूसरी इंडस्ट्रीज से यह सीखने की जरूरत है।"
करन जौहर की इस साल 4 फ़िल्में आईं
वर्कफ्रंट की बात करें तो 2022 में करन जौहर बतौर प्रोड्यूसर चार फ़िल्में 'गहराइयां' (OTT), 'जुगजुग जियो', 'लाइगर' और 'ब्रह्मास्त्र पार्ट वन: शिवा' रिलीज हुईं, जिनमें से 'जुगजुग जियो' एवरेज और 'ब्रह्मास्त्र' हिट साबित हुई। हालांकि, बाकी दो फ़िल्में फ्लॉप हो गईं। पांचवी फिल्म 'गोविंदा नाम मेरा' इसी महीने रिलीज हो रही है।
Petrol Diesel Price Update: करीब 7 महीने से नहीं घटे पेट्रेल-डीजल के दाम, जानें क्या आज मिली राहत ?
Petrol Diesel Price Update: इंटरनेशनल मार्केंट में कच्चा तेल भले ही सस्ता हो गया है लेकिन देश में पेट्रोल डीजल के दाम कम होने का नाम नहीं रहे हैं। करीब 7 महीने से दाम नहीं घटे हैं। आज 15 दिसंबर 2022 की करें तो देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों (Petrol-Diesel Price) में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली से लेकर मुंबई और कोलकाता से लेकर चेन्नई तक सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर है.बता दें कि इंटरनेशनल बाजार में कच्चे तेल (ब्रेंट) की कीमत जनवरी से निचले स्तर पर हैं। यह अब 81 डॉलर से नीचे आ गया है। अमेरिकी क्रूड 74 डॉलर प्रति बैरल के करीब है।
यहां मिल रहा सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) की आधिकारिक वेबसाइट iocl.com के मुताबिक, पोर्ट ब्लेयर में सबसे सस्ता पेट्रोल-डीजल बिक रहा है. जहां पेट्रोल की कीमत 84.10 रुपये प्रति लीटर और डीजल का भाव 79.74 रुपये प्रति लीटर है.
ये हैं Petrol Diesel Price Update
S.No. | City | Petrol price per Litre (In Rs.) | Diesel Price per Litre (In Rs.) |
1. | Delhi | 96.72 | 89.62 |
2. | Mumbai | 106.31 | 94.27 |
3. | Chennai | 102.73 | 94.33 |
4. | Kolkata | 106.03 | 92.76 |
5. | Lucknow | 96.47 | 89.76 |
6. | Hyderabad | 109.66 | 97.82 |
7. | Bengaluru | 101.94 | 87.89 |
8. | Jaipur | 108.67 | 93.48 |
9. | Ahmedabad | 96.57 | 92.32 |
10. | Patna | 107.24 | 94.04 |
क्यों नहीं घट रहे पेट्रोल-डीजल के दाम?
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कुछ दिन पहले ही जानकारी दी थी कि तेल कंपनियां अपने पिछले नुकसान की भरपाई करने के लिए अभी पेट्रोल-डीजल के भाव में कटौती नहीं कर रही हैं. ऐसे में कच्चे तेल के दाम में गिरावट आने के बाद भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें फिलहाल स्थिर हैं. बता दें कि अप्रैल में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान कच्चा तेल रिकॉर्ड ऊंचाई पर था जिसकी वजह से राष्ट्रीय तेल कंपनियों को काफी नुकसान हुआ था.
भारत में पेट्रोल कीमत को प्रभावित करने वाले 5 कारण
कच्चे तेल की लागत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में बदलाव घरेलू बाजार में कच्चे तेल की कीमत को सीधे प्रभावित करता है, भारतीय घरेलू बाजार में पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार यह सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है।
दाम में बढ़ोतरी
भारत और अन्य विकासशील देशों में आर्थिक विकास से पेट्रोल और अन्य आवश्यक ईंधन की मांग में भी वृद्धि हुई है। हाल ही में निजी वाहनों के मालिकों की संख्या भी बढ़ी है, जिससे भारत में पेट्रोल की मांग बढ़ी है।
आपूर्ति और मांग का मिलान
कच्चे तेल के इनपुट मूल्य की उच्च लागत के कारण भारत में तेल रिफाइनरी कंपनियों को बाजार की मांगों को पूरा करने में समस्या का सामना करना पड़ता है जिसके परिणामस्वरूप देश में पेट्रोल की कम आपूर्ति और अधिक मांग होती है।
रुपए से डॉलर की एक्सेंज रेट रुपया-डॉलर विनिमय दर उन प्रमुख कारकों में से एक है जो भारत में पेट्रोल की कीमत को प्रभावित करती हैं। भारतीय तेल कंपनियां डॉलर के संदर्भ में अन्य देशों से आयातित तेल को भुगतान करती हैं।
पेट्रोल की रिकॉर्ड खपत
2021-22 के दौरान ईंधन की मांग 4.3 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 20.27 करोड़ टन पर पहुंच गई। यह 2019-20 के बाद डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? का उच्च स्तर है। इस दौरान वाहन ईंधन और रसोई गैस की खपत में इजाफा हुआ। पेट्रोल की खपत 10.3 फीसदी बढ़कर 3.08 करोड़ टन हो गई, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है।
डीजल में 6.7 फीसदी बढ़ोतरी
देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले डीजल की कुल ईंधन खपत में हिस्सेदारी 40 फीसदी रही। मार्च में डीजल की मांग 6.7 फीसदी बढ़कर 77 लाख टन पर पहुंच गई। पेट्रोल की खपत 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 29.1 लाख टन रही। खास बात यह है कि पेट्रोल एवं डीजल दोनों ही ईंधनों की मांग मार्च में महामारी-पूर्व स्तर को पार कर गई।
घर बैठे चेंक करें Petrol Diesel Price Update
अगर आप घर बैठे पेट्रोल औऱ डीजल के रेट जानना चाहते हैं तो उसके लिए आपको गुड्स रिटर्न वेबसाइट और मोबाइल नंबर पर एक SMS के करना होगा जिसमें आपको अपने शहरे के रेट पता चल डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? जाएंगे. इंडियन ऑयल (IOCL) के ग्राहकों को RSP कोड लिखकर 9224992249 नंबर पर मैसेज सैंड करना होगा.
सब देशों के मुकाबले भारत में सबसे सस्ता है पेट्रोल: केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, इस पर आपकी राय?
नई दिल्ली: केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि मौजूदा वैश्विक स्थिति और अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों के मद्देनजर अन्य देशों की तुलना में भारत में पेट्रोल की कीमतें शायद सबसे कम हैं. 2021-2022 की अवधि में भारत में पेट्रोल की कीमतों में महज दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि, इस दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई.
गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क में कमी के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी लाने के लिए वैट घटाया था, जबकि कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने ऐसा नहीं किया था.पुरी ने कहा, “मैं यह बताना चाहूंगा कि पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल और झारखंड ने अपने करों में कटौती नहीं की है.” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कीमत को उचित स्तर पर बनाए रखने के लिए नवंबर, 2021 और मई, 2022 में दो बार उत्पाद शुल्क घटाया.
पुरी ने कहा, “मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कुछ अन्य राज्यों ने भी वैट कम कर दिया है. कुछ राज्य 17 रुपये की दर से वैट वसूल रहे हैं और अन्य गैर-भाजपा राज्य 32 रुपये की दर से डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? वैट वसूल रहे हैं. सदस्य कह रहे थे कि आज पेट्रोल की कीमत कुछ जगहों पर 100 रुपये प्रति लीटर है और कुछ जगहों पर 8-10 रुपये सस्ता है. इसका यही कारण है. आज, महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि ऐसे समय में जब विश्व स्तर पर मैं भू-राजनीति के बारे में बात कर रहा हूं. हम कई अनिश्चितताओं का सामना कर रहे हैं. मैं आपको पेट्रोल की कीमतों का उदाहरण देता हूं. पेट्रोल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़े अंतर से बढ़ी हैं. कभी-कभी 40 प्रतिशत या 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है. भारत में, 2021 और 2022 की अवधि के दौरान पेट्रोल की कीमतों में केवल दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है. क्यों?”
पुरी ने कहा,”मेरे पास यहां कुछ आंकड़े हैं, जो बहुत कुछ कह रहे हैं. OMCs ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 28,360 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ कमाया. यह 28,360 करोड़ रुपये का कर पूर्व लाभ है, ये तीन कंपनियां, अर्थात्, IOCL, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने अगले साल की पहली छमाही में 27,276 करोड़ रुपये का संयुक्त घाटा दर्ज किया है. इसलिए, यह केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क में कटौती का एक संयोजन है, जब हम एक बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे थे और अन्य व्यय देनदारियों, और राज्य सरकारें अपने वैट को कम कर रही हैं.”
हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “ऐसा इसलिए है, क्योंकि हमने अपना उत्पाद शुल्क कम किया है और हमने राज्यों डॉलर की कीमत रुपये के मुकाबले क्यों बढ़ रही है? से भी वैट कम करने का आग्रह किया है. कुछ ने किया, कुछ ने नहीं किया.” उन्होंने कहा कि कीमतों को स्थिर रखने और पेट्रोल की कीमत में केवल दो प्रतिशत की वृद्धि की अनुमति देने की क्षमता तेल विपणन कंपनियों के कारण संभव हो सकी. उन्होंने अच्छे कॉर्पोरेट नागरिकों के रूप में नुकसान उठाया. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ चुकीं थीं. यूजी उत्पाद शुल्क में कटौती का एक संयोजन है, जब हम एक बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे थे और अन्य व्यय देनदारियों, और राज्य सरकारें अपने वैट को कम कर रही हैं.”केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री, “आज, भारत में पेट्रोल की कीमतें शायद सबसे कम हैं. भारतीय टोकरी में कच्चे तेल की औसत कीमत में 102 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह नवंबर 2020 और नवंबर 2022 के बीच 43.34 डॉलर से बढ़कर 87.55 डॉलर हो गई. यह 102 प्रतिशत तक बढ़ गया था. पेट्रोल की खुदरा कीमत केवल 18.95 प्रतिशत बढ़ी. अब, यह कितना विनिमय दर भिन्नता है? यह एक सवाल है. सरकार ऊर्जा सुरक्षा और सामर्थ्य के लिए प्रतिबद्ध है.
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