ग्रोथ और वैल्यू इनवेस्टिंग के बीच क्या फर्क है?
ग्रोथ इनवेस्टिंग में उन कंपनियों की तलाश की जाती है जिनमें आगे चलकर बाजार के मुकाबले ज्यादा बढ़ने की उम्मीद होती है. वहीं, वैल्यू इनवेस्टिंग में उन कंपनियों को पहचाना जाता है जिनका शेयर भाव अपनी असली क्षमता से कम होता है.
ग्रोथ इनवेस्टिंग और वैल्यू इनवेस्टिंग निवेश के दो अलग-अलग स्टाइल हैं. पूंजी बढ़ाने के लिए निवेशक दोनों तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.
2. ग्रोथ इनवेस्टिंग में उन कंपनियों की तलाश की जाती है जिनमें आगे चलकर बाजार के मुकाबले ज्यादा बढ़ने की वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग उम्मीद होती है. वहीं, वैल्यू इनवेस्टिंग में उन कंपनियों को पहचाना जाता है जिनका शेयर भाव अपनी असली क्षमता से कम होता है.
3. ग्रोथ आधारित कंपनियां (शेयर) बिजनेस बढ़ाने के लिए आमतौर पर अपनी कमाई को दोबारा निवेश करती हैं. इस तरह ये विविडेंड नहीं देती हैं. वहीं, वैल्यू स्टॉक्स काफी ज्यादा डिविडेंड देती हैं.
4. ग्रोथ स्टॉक्स में रिटर्न ऑफर करने की क्षमता काफी अधिक होती है. यही कारण है कि वैल्यू स्टॉक्स की अपेक्षा इनमें जोखिम और अस्थिरता ज्यादा होती है.
5. वैल्यू स्टॉक्स के मुकाबले ग्रोथ स्टॉक्स का पीई रेशियो ज्यादा वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग होता है.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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वैल्यू और ग्रोथ निवेश के फॉर्म्युले से मिलता है ज्यादा रिटर्न
कुछ फंड मैनेजर शेयरों को उनके इंट्रिंसिक वैल्यू के आधार पर चुनते हैं तो कुछ का जोर ग्रोथ की संभावना पर होता है.
दूसरी तरफ, ग्रोथ फंड मैनेजर उन शेयरों पर नजर रखते हैं जिनके मुनाफे में बढ़ोतरी की दर औसत से ज्यादा होती है, डिविडेंड यील्ड कम और पी/ई वगैरह ज्यादा होता है। उनका दांव कंपनी के तरक्की करने की संभावना पर होता है और ये सही कंपनियों के लिए ज्यादा कीमत देने से परहेज नहीं करते। इसलिए ये तेजी से बढ़ती कंपनियों की तलाश में रहते हैं या वैसे तरक्की की संभावनाओं वाले उभरते सेक्टर में संभावनाएं तलाशते हैं जहां उनको अगली इंफोसिस या रिलायंस जैसी कंपनी मिल सके। निवेश की ग्रोथ स्ट्रैटेजी में काफी जोखिम होता है क्योंकि इसमें नुकसान की आशंका भी ज्यादा होती है।
वैल्यू और ग्रोथ की पहेली
जरूरी नहीं है कि जो चीज सस्ती है, वह अच्छी ही होगी। कभी-कभार उद्योग के डाइनैमिक्स में बदलाव होने से शेयरों में गिरावट आती है। जिसके असर का अनुमान नहीं लगाया गया था इसलिए उसको कंपनी के नतीजों में शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में इन शेयरों से निवेशकों और फंड मैनेजर को बड़ा नुकसान हो सकता है। वैल्यू इनवेस्टिंग में लंबी अवधि में कम लेकिन स्थिर रिटर्न मिलता है। चूंकि शेयरों की वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग असल कीमत में गिरावट आने का जोखिम कम होता है इसलिए इनके बाजार भाव में भी उतार-चढ़ाव का जोखिम कम रहता है। कुछ निवेशक वैल्यू इनवेस्टिंग को कॉन्ट्रेरियन इनवेस्टिंग (बाजार से उलट सोच पर निवेश) के साथ जोड़ कर देखते हैं जैसा असल में होता नहीं है। कॉन्ट्रेरियन इनवेस्टिंग में ज्यादातर निवेशक बाजार से उलट चाल चलते हैं। बाजार के तेज उतार चढ़ाव में निवेश के ऐसे मौके बनते हैं। हालांकि आर्थिक तरक्की के मौजूदा दौर में ग्रोथ इनवेस्टिंग से आमतौर पर छोटी अवधि में ऊंचा रिटर्न मिलता है। अगर किसी उद्योग में तरक्की की बेहतर संभावना है तो वहां ऐसे निवेशक जाएंगे जो बड़ी रकम का निवेश कर सकते हैं। इससे लंबी अवधि में यह उद्योग अपनी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता खो देता है।
वैल्यू या ग्रोथ में कौन सा विकल्प बेहतर?
सभी बाजारों में वैल्यू स्ट्रैटेजी का प्रदर्शन लंबी अवधि में दूसरी निवेश रणनीति से बेहतर रहा है। एमएससीआई डिवेलप्ड मार्केट वर्ल्ड इंडाइसेज के प्रदर्शन के अध्ययन के मुताबिक पिछले 25 साल में वैल्यू इनवेस्टिंग का रिटर्न ग्रोथ इनवेस्टिंग से बहुत ज्यादा रहा है। एमएससीआई इमर्जिंग मार्केट इंडाइसेज में भी पिछले 10 साल से वैल्यू इनवेस्टिंग का प्रदर्शन ग्रोथ इनवेस्टिंग से बेहतर रहा है। दुनिया के मशहूर वैल्यू इनवेस्टर वॉरेन बफेट निवेश की इस विधा को नई ऊंचाइयों पर ले गए हैं। हालांकि ग्रोथ इनवेस्टिंग में किसी को बहुत बड़ी कामयाबी मिली हो इसका ऐतिहासिक उल्लेख नहीं मिलता। इसका प्रदर्शन किसी मार्केट साइकिल में टुकड़ों में होता है। यह भारत में काफी चलन में रहा है।
घरेलू परिदृश्य
भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग अब भी शैशवावस्था में है। जिस समय से आर्थिक तरक्की की रफ्तार तेज हुई, तब से बाजार में म्यूचुअल फंड की भीड़ लगी है। शेयर बाजार में तेज उछाल की संभावनाओं को देखते हुए फंड मैनेजर ग्रोथ इनवेस्टिंग का तरीका अपनाते रहे हैं। हाल के दिनों में बाजार में तेज उतार-चढ़ाव को देखते हुए ज्यादातर फंड मैनेजर वैल्यू और ग्रोथ इनवेस्टिंग की मिली-जुली रणनीति पर काम कर रहे हैं। निवेशकों को भी चाहिए कि वे इनवेस्टिंग का मिला-जुला रूप अपनाएं।
अमर रानू
सीनियर मैनेजर,
वेल्थ मैनेजमेंट-रिसर्च
मोतीलाल ओसवाल सिक्युरिटीज
लॉन्ग टर्म में पैसा बनाने के लिए ग्रोथ और वैल्यू इनवेस्टिंग में आपके लिए कौन है बेहतर
बिज़नेस न्यूज डेस्क - आमतौर पर हर कोई कम समय में ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है। इसके लिए ज्यादातर युवा अक्सर शेयर बाजार का रुख करते हैं, क्योंकि आज के दौर में शेयर बाजार एक आदर्श बनकर उभरा है। लेकिन युवाओं को यह नहीं पता कि सही स्टॉक का चुनाव कैसे करें? अगर आप शेयर बाजार में शेयर चुनने का हुनर जानते हैं तो इसमें निवेश करना बहुत आसान हो सकता है। हालांकि, शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव हमेशा बना रहता है। वहीं, ज्यादातर युवा शेयर बाजार में निवेश कर पैसे कमाने के लिए अपने अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके लिए निवेशक वैल्यू इनवेस्टिंग और ग्रोथ इनवेस्टिंग की ओर रुख करते हैं। निवेश के ये दोनों तरीके काफी लोकप्रिय हैं। इनमें से प्रत्येक की अपनी खूबियां हैं। हालांकि, कई युवा दोनों के बीच के अंतर को नहीं समझते हैं।
दरअसल, ग्रोथ इन्वेस्टमेंट और वैल्यू इनवेस्टिंग निवेश के दो अलग-अलग तरीके हैं। निवेशक अपनी पूंजी बढ़ाने के लिए दोनों तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि दोनों ही स्टाइल निवेशकों वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग के बीच काफी लोकप्रिय हैं। निवेशकों और विश्लेषकों की विभिन्न श्रेणियां हैं जो दोनों दृष्टिकोणों में विश्वास करती हैं। वहीं, ग्रोथ और वैल्यू इनवेस्टमेंट साइकल में चलते हैं। आपको बता दें कि ग्रोथ इन्वेस्टमेंट में उन कंपनियों को खोजा जाता है, जिनके भविष्य में बाजार से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद होती है। दूसरी ओर, मूल्य निवेश उन कंपनियों की पहचान करता है जिनके शेयर की कीमत उनकी वास्तविक क्षमता से कम होती है। आम तौर पर, विकास आधारित कंपनियाँ वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग अपने शेयरों या व्यवसाय को बढ़ाने के लिए अपनी कमाई का पुनर्निवेश करती हैं। ऐसे में वे लाभांश का भुगतान नहीं करते हैं। वहीं, वैल्यू स्टॉक्स बहुत ज्यादा डिविडेंड देते हैं। ग्रोथ स्टॉक्स में रिटर्न देने की सबसे ज्यादा क्षमता होती है। यही कारण है कि वे मूल्य शेयरों की तुलना में जोखिम और अस्थिरता से अधिक प्रवण होते हैं। साथ ही, वैल्यू स्टॉक्स की तुलना में ग्रोथ स्टॉक्स का पीई रेशियो काफी ज्यादा होता है।
Money Guru: क्या हो मुनाफे की स्ट्रैटेजी? वैल्यू या ग्रोथ, एक्सपर्ट से यहां समझें क्या है सही
Investment strategy of profit: मुनाफे की स्ट्रैटेजी क्या हो, यह समझना भी बेहद जरूरी है. यह वैल्यू के एंगल वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग से या ग्रोथ के एंगल से महत्वपूर्ण हो सकता है, ताकि आपका पोर्टफोलियो और मजबूत बन सके.
Investment strategy of profit: किसी भी निवेश में एक सही और सटीक स्ट्रैटेजी बड़ी भूमिका निभाते हैं. इसकी दम पर आप सही समय पर बेहतर मुनाफा हासिल कर लेते हैं. अब मुनाफे की स्ट्रैटेजी (investment strategy) क्या हो, यह समझना भी बेहद जरूरी है. यह वैल्यू के एंगल से या ग्रोथ के एंगल से महत्वपूर्ण हो सकता है, ताकि आपका पोर्टफोलियो और मजबूत बन सके. इसी बात को लेकर क्रिडेन्स वेल्थ एडवायजर्स के सीईओ कीर्तन शाह यहां इसकी चर्चा कर रहे हैं. आइए समझते हैं.
फैक्टर इन्वेस्टिंग के फायदे
जोखिम और निवेश की रणनीति के अनुसार निवेश
रिस्क एडजस्टेड रिटर्न देने में कारगर
फैक्टर इन्वेस्टिंग से डायवर्सिफिकेशन का फायदा
एक्टिवली मैनेज्ड फंड से कम एक्सपेंस रेश्यो
फैक्टर इन्वेस्टिंग में जोखिम
सारे फैक्टर हर समय काम नहीं वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग करते
अंडरपरफॉर्मेंस की गुंजाइश
निवेशक स्ट्रैटेजी को समझकर निवेश करे
स्ट्रैटेजी सही ढ़ंग से नहीं बनी, तो नुकसान का डर
कितने तरह के फैक्टर?
वैल्यू, ग्रोथ, क्वालिटी, मोमेन्टम, वौलेटिलिटी
वैल्यू इन्वेस्टिंग
वो कंपनियां जिनका शेयर भाव,असली क्षमता से कम
ऐसे स्टॉक जो इन्ट्रिंसिक वैल्यू से कम पर ट्रेड करते हैं
वैल्यू इन्वेस्टिंग के मुताबिक हर कंपनी की वैल्यू होती है
कंपनी की वैल्यू फंडामेंटल एनालिसिस से निकलती है
फंडामेंटल एनालिसिस को इन्ट्रिंसिक वैल्यू भी कहते हैं
फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर निवेश स्ट्रैटजी
इन्ट्रिंसिक वैल्यू, कंपनी के पिछले प्रदर्शन पर आधारित
आर्थिक स्थिरता,फ्यूचर ग्रोथ पर इन्ट्रिंसिक वैल्यू आधारित
अंडर वैल्यू स्टॉक लंबी अवधि के निवेश की स्ट्रैटजी है
वैल्यू स्टॉक में डिविडेंड और स्थिरता भी
ग्रोथ इन्वेस्टिंग
ऐसी कंपनियों के स्टॉक जिनमें ग्रोथ की संभावना
ये स्टॉक हिस्टोरिकल एवरेज से ज्यादा पर ट्रेड करते हें
बाजार के मुकाबले,ज्यादा बढ़ने की उम्मीद वैल्यू इनवेस्टिंग बनाम ग्रोथ इनवेस्टिंग
किसी विश्लेषण या फंडामेंटल चेक की जरूरत नहीं
ग्रोथ स्टॉक,आर्थिक हालात पर कम निर्भर रहते हैं
ग्रोथ इन्वेस्टिंग में वोलैटिलिटी ज्यादा और रिटर्न अच्छे
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वैल्यू या ग्रोथ-क्या चुनें?
पोर्टफोलियो में दोनों निवेश स्टाइल जरूरी
वैल्यू और ग्रोथ,दोनों के अपने निवेश साइकल
बढ़ती दरों में वैल्यू इन्वेस्टिंग काम करती है
घटती दरों में ग्रोथ इन्वेस्टिंग काम करती है
महंगे मार्केट वैल्युएशन में वैल्यू इन्वेस्टिंग कारगर
सस्ते बाजार में ग्रोथ इन्वेस्टिंग स्टाइल कारगर
म्यूचुअल फंड में ग्रोथ और वैल्यू
एक्सिस ग्रोथ इन्वेस्टिंग पर आधारित
ICICI वैल्यू इन्वेस्टिंग पर आधारित है
कई स्मार्ट बीटा फंड वैल्यू,ग्रोथ स्टाइल पर आधारित
उदाहरण-Nifty50 Value 20 Index
Nifty 200 Momentum 30 Index
मोमन्टम फैक्टर पैसिल स्ट्रैटेजी पर आधारित है
वैल्यू स्ट्रैटेजी एक्टिव इन्वेस्टिंग पर बेस्ड है.
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