2022 में शेयर बाजार के अवकाश
इस साल के बाकी बचे महीनों में साप्ताहिक अवकाश के अलावा शेयर बाजार की कुल 4 दिन छुट्टी रहेगी. इस दिन बाजार में कोई कारोबार नहीं होगा. 31 अगस्त 2022 के बाद स्टॉक मार्केट की अगली छुट्टी अक्टूबर के महीने में पड़ेगी यानी सितंबर में कोई मार्केट हॉलिडे नहीं है. स्टॉक एक्सचेंज अक्टूबर और नवंबर में कुल मिलाकर चार अन्य मौकों पर बंद रहेंगे. 5 अक्टूबर (भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है बुधवार) को दशहरे, 24 अक्टूबर (सोमवार) को दिवाली और 26 अक्टूबर (बुधवार) को दीवाली बलि प्रतिपदा के मौके पर बंद रहेंगे. नवंबर में गुरुनानक जयंती के कारण 8 नवंबर (मंगलवार) को एक बाजार बंद रहेगा. गौरतलब है कि कुल मिलाकर कैलेंडर वर्ष 2022 में बाजार के 13 अवकाश घोषित थे.
आईपीओ क्या है, आईपीओ में इन्वेस्ट करने से पहले ध्यान देने वाले बातें
इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग एक प्रक्रिया है जिसमें एक कंपनी पहली बार अपनी शेयर्स स्टॉक मार्केट में जनता को, फंड जुटाने के लिए ऑफर करती है।
एक आईपीओ में, इंस्टीटूशन्स और साथ ही रिटेल इन्वेस्टर्स, दोनों भाग ले सकते हैं और इस कारण से, इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग में इंवेस्टमेंट्स, इन्वेस्टर्स द्वारा काफी उत्साह से देखा जाता है ।
स्टॉक की कीमत आईपीओ के दौरान इश्यू सेल द्वारा निर्धारित की जाती है, जो ऊपर या नीचे जा सकती है और यह कंपनी के स्टॉक में इन्वेस्टर्स की रुचि (इंटरेस्ट) पर निर्भर करती है।
साल 2021 के दौरान, भारत में विभिन कंपनियों ने 1.2 लाख करोड़ रूपए का रिकॉर्ड पैसा आईपीओ के द्वारा स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टर्स से उठाएं थें। जो की भारत में किसी एक कैलेंडर साल में अब तक का, आईपीओ से उठाये गए सबसे बड़ा अमाउंट है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के डेटा के अनुसार, साल 2021 में कुल मिला कर 115 कंपनियों ने SEBI के पास अप्रूवल के लिए अपने डाक्यूमेंट्स जमा दिए थें। इनमे से 63 इंडियन कंपनियों ने साल 2021 में आईपीओ स्टॉक मार्केट में लॉन्च किये थें।
IPO में उपयोग की जाने वाली प्रमुख टर्म्स।
नीचे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग में इस्तेमाल किये जाने बाले टर्म्स दिए गएँ हैं जिनका उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब हम आईपीओ पर चर्चा या उसकी एनालिसिस करते हैं:
- Abridgedप्रॉस्पेक्टस – यह आईपीओ प्रॉस्पेक्टस का समरी है जिसमें प्राइमरी प्रॉस्पेक्टस की सभी मुख्य विशेषताएं शामिल हैं।
- Draft Red Herring Prospectus,ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) – यह डॉक्यूमेंट सिक्योरिटीज & एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) को, कंपनी द्वारा आईपीओ के 21 दिन पहले जमा किया जाना चाहिए।
- एप्लीकेशन सपोर्टेड बाई ब्लॉक्ड अमाउंट (ASBA) – इसमें इन्वेस्टर्स द्वारा शेयरों के लिए पेमेंट किया गया पैसा इन्वेस्टर्स के खाते में रहता है। जब तक इन्वेस्टर्स को कंपनी द्वारा शेयर अल्लोट नहीं किए जाते तब तक अमाउंट ब्लॉक्ड रहता है।
- रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस -इस डॉक्यूमेंट में वे सभी इनफार्मेशन शामिल हैं जो इन्वेस्टर्स को कंपनी के बारे में जानना चाहिए, जैसे कि कंपनी का बिज़नेस अकाउंट, मैनेजमेंट क्वॉलिफिकेशन्स (Management Qualifications ), बिज़नेस का फ्यूचर एप्रोच, आईपीओ प्राइस बैंड, आदि।
- लिस्टिंग डेट, लिस्टिंग की तारीख – यह वह दिन है जिस दिन स्टॉक एक्सचेंज में आईपीओ शेयरों का कारोबार शुरू होता है।
- लॉट साइज – शेयरों की मिनिमम संख्या जिसके लिए आईपीओ में बोली लगाई जा सकती है। यदि आप अधिक शेयरों के लिए बोली लगाना चाहते हैं, तो आप मल्टीप्लेस में बोली लगा सकते हैं।
- ऑफर डेट,ऑफर की तारीख – यह वह शुरुआती तारीख होती है जिस दिन से इन्वेस्टर्स आईपीओ में शेयरों के लिए बोली लगाना शुरू कर सकते हैं।
- मिनमम सब्सक्रिप्शन (Minimum Subscription) – यह आईपीओ शेयरों का मिनिमम प्रोपोरशन है जिसे रिटेल इन्वेस्टर्स को आईपीओ के लिए सब्सक्राइब करना चाहिए, जो कि कर्रेंटली 90% है।
- ओवर सब्सक्राइब – यह तब होता है जब इन्वेस्टर्स, कंपनी द्वारा प्रोपोसड शेयरों की संख्या से अधिक बोली लगाते हैं।
- प्राइस बैंड – यह वह मूल्य लिमिट है जिसके अंदर इन्वेस्टर आईपीओ शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं।
- बुक बिल्डिंग प्रोसेस – यह आईपीओ के लिए इश्यू प्राइस तय करने की प्रोसेस है जो इन्वेस्टर्स द्वारा बोली लगाने वाली कीमतों पर निर्भर करती है।
- फ्लोर प्राइस – यह आईपीओ के लिए आवेदन करते समय प्रति शेयर का सबसे कम कीमत है। इश्यू प्राइस- यह वह कीमत है जिस पर शेयर, एक्सचेंज में लिस्टेड होने पर इन्वेस्टर्स को अलॉट किया जाता है।
- कट-ऑफ प्राइस – यह सबसे कम इशू प्राइस है, जिस पर शेयर्स आल्लोट किए जाते हैं।
- अंडरराइटर (underwriter) – वे इन्वेस्टमेंट बैंकर्स हैं जो कंपनी की इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग और बुक बिल्डिंग प्रोसेस मैनेज करते है।
आईपीओ में इन्वेस्ट करने से पहले, नीचे दिए गए कुछ विशेष बातों को चेक करें।
रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस पढ़ें:
ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस एक कंपनी द्वारा सेबी (SEBI) के पास जमा किया जाता है जब वह जनता को अपने शेयर बेचकर धन जुटाना चाहती है।
यह डॉक्यूमेंट बताता है कि कंपनी कैसे, जुटाई जाने वाली जनता के पैसे का उपयोग करना चाहती है, और इन्वेस्टर्स के लिए पॉसिबल रिस्क्स क्या हैं। DRHP में कंपनी के बारे में वह सब कुछ लिखा होता है जो एक इन्वेस्टर को कंपनी के बारे में पता होना चाहिए। जैसे फाइनेंसियल हिस्ट्री, कंपनी का स्ट्रेंथ, रिस्क, कंपनी के विरुद्ध कोई कानूनी प्रक्रिया चल रही है या नहीं, आदि। इस लिए, इन्वेस्टर्स को किसी भी आईपीओ में इन्वेस्ट करने से पहले इस डॉक्यूमेंट को पढ़ना चाहिए ।
फण्ड जुटाने के पीछे कारण:
ध्यान दें कि यह जांचना आवश्यक है कि कंपनी द्वारा IPO से जुटाई गई फंड्स का उपयोग कैसे किया जाएगा।
कल बंद रहेगा बाजार, देखें अब बाकी बचे साल में कितने दिन रहेगी स्टॉक मार्केट की छुट्टी
31 अगस्त के बाद इस साल बाजार की 4 और दिन छुट्टी होगी.
इस साल 31 अगस्त के बाद अब 4 और दिन शेयर बाजारों की छुट्टी रहेगी. इसमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं है. आपको बता दें कि स . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : August 30, 2022, 20:15 IST
शेयर बाजारों की साप्ताहिक अवकाश के अलावा कल के बाद इस साल 4 छुट्टियां और होंगी.
31 अगस्त को बाजार गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में बंद रहेंगे. कमोडिटी मार्केट शाम के सत्र में खुलेंगे.
शेयर मार्केट की इस साल 13 छुट्टियां निर्धारित थीं. इनमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं हैं.
नई दिल्ली. बुधवार को गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में शेयर बाजार कारोबार के लिए बंद रहेंगे. बीएसई हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (एसएलबी) सेगमेंट 31 अगस्त को बंद रहेगा. वहीं, मल्टीकमोडिटी एक्सचेंज केवल सुबह के सत्र (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) बंद रहेगा. जबकि शाम के सत्र (शाम 5 बजे से रात 11.30 बजे तक) में कारोबार होगा.
NSE INDIA : BSE INDIA : WHAT IS NSE AND BSE
नमस्कार दोस्तों आज के इस लेख में हम National Stock Exchange और Bombay Stock Exchange के बारे में जानकारी देने जा रहे है. इस लेख में हम NSE और BSE क्या है? NSE India? BSE India? National Stock Exchange क्या है? Bombay Stock Exchange क्या है? difference between NSE and BSE? आदि के बारे में जानकारी देने जा रहे है.
अगर आप भी National Stock Exchange और Bombay Stock Exchange के बारे में जानना चाहते है या फिर NSE India, BSE India के बारे में जानकारी हाशिल करना चाहते है. तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़े. यक़ीनन यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा.
NATIONAL STOCK EXCHANGE – NSE INDIA
NSE FULL FORM –
NSE – NATIONAL STOCK EXCHANGE
यदि आप शेयर मार्केट में interested हैं, और शेयर मार्केट के बारे भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है में जानकारी रखते हैं, तो आपने जरूर सुना होगा NSE और BSE के बारे में, लेकिन क्या आपको इन दोनों में अंतर पता है, कि यह दोनों क्या है, तथा इन दोनों में क्या-क्या अंतर है, यदि नहीं पता तो आप इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें, ताकि आपको इसके बारे में एक अच्छी जानकारी हो सकें.
देखा जाए तो इंटरनेट पर बहुत सारे सर्च किए जाते हैं, NSE और BSE के बारे में, भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है इसी को देखते हुए हमने भी सोचा क्यों ना हम भी इस पर एक आर्टिकल लिखें, ताकि लोगों भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है को इससे मदद हो सके.
दोस्तों मैं आपको बताना चाहूंगा यदि आप शेयर मार्केट में interested हैं, और आप शेयर मार्केट के बारे में बहुत सारी जानकारी जानना चाहते हैं, तो हमारे इस ब्लॉग में शेयर मार्केट के बारे में बहुत सारी जानकारी दी गई है जिसे आप सर्च करके पढ़ सकते हैं.
BOMBAY STOCK EXCHANGE – BSE INDIA
BSE FULL FORM –
BSE – BOMBAY STOCK EXCHANGE
यह भारत का सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज है, जिसे 1875 में स्थापित किया गया था.
BSE की बात करें तो, यह बहुत पुराना स्टॉक एक्सचेंज है, लेकिन भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है इस स्टॉक एक्सचेंज को ऑनलाइन ट्रेडिंग की जल्द व्यवस्था ना करने के कारण इसका वॉल्यूम गिरता चला गया और आज के समय में देखा जाए तो BSE का वॉल्यूम NSE जी मुकाबले बहुत कम होता है.
Chairman | T.C Suseel Kumar |
CEO | Shri Ashishkumar Chauhan |
Market Capitalization | 800.19 Trillion+ |
Index | Sensex |
DIFFERENCE BETWEEN NSE AND BSE
आइए हम एक चार्ट द्वारा NSE और BSE में अंतर के बारे में आपको बताते हैं.
भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है
मॉयल के बारे में
- त्वरित सम्पक
- निगम के सामाजिक उत्तरदायित्व
- सूचना का अधिकार
- बिल स्थिति
- भर्ती
- इकाइयों का भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज है स्थान
- प्रतिबंधित फर्मों की सूची
- माल की मांग / आवश्यकता
- कोविड
मॉयल एक अनुसूची "ए" मिनीरत्न श्रेणी-1की कंपनी है। इसे मूल रूप से वर्ष 1962 में मैंगनीज ओर (इंडिया) लिमिटेड के रूप में शामिल किया गया था। इसके बाद,2010-11 वित्तीय वर्ष के दौरान कंपनी का नाम मैंगनीज ओर (इंडिया) लिमिटेड से मॉयल लिमिटेड में बदल दिया गया।
मॉयल को मूल रूप से वर्ष 1896 में सेंट्रल प्रोस्पेक्टिंग सिंडिकेट के रूप में स्थापित किया गया था, जिसे बाद में सेंट्रल प्रोविंस मैंगनीज अयस्क कंपनी लिमिटेड (CPMO) के रूप में बदल दिया गया जो एक ब्रिटिश कंपनी ब्रिटेन में निगमित हुई। 1962 में, भारत सरकार और CPMO के बीच एक समझौते के परिणामस्वरूप, सरकार द्वारा बाद की परिसंपत्तियों को ले लिया गया और सरकार के बीच 51% पूंजी के साथ मॉयल का गठन किया गया। भारत सरकार और महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सरकारें और शेष CPMO द्वारा 49% यह 1977 में था, शेष 49% शेयरधारिता सीपीएमओ से प्राप्त की गई थी और मॉयल इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में 100% सरकारी कंपनी बन गई थी।
इस साल 31 अगस्त के बाद अब 4 और दिन शेयर बाजारों की छुट्टी रहेगी. इसमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं है. आपको बता दें कि स . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : August 30, 2022, 20:15 IST
शेयर बाजारों की साप्ताहिक अवकाश के अलावा कल के बाद इस साल 4 छुट्टियां और होंगी.
31 अगस्त को बाजार गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में बंद रहेंगे. कमोडिटी मार्केट शाम के सत्र में खुलेंगे.
शेयर मार्केट की इस साल 13 छुट्टियां निर्धारित थीं. इनमें साप्ताहिक अवकाश शामिल नहीं हैं.
नई दिल्ली. बुधवार को गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में शेयर बाजार कारोबार के लिए बंद रहेंगे. बीएसई हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (एसएलबी) सेगमेंट 31 अगस्त को बंद रहेगा. वहीं, मल्टीकमोडिटी एक्सचेंज केवल सुबह के सत्र (सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक) बंद रहेगा. जबकि शाम के सत्र (शाम 5 बजे से रात 11.30 बजे तक) में कारोबार होगा.
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