मकसद
Social Stock Exchange क्या है, जाने हिंदी में
शेयर बाजार (Stock Exchange), एक ऐसी जगह है जहां पर विभिन्न कंपनियों के शेयर का लेन – देन होता है। शेयर बाजार के माध्यम से विभिन्न कंपनियाँ पैसा जुटाती है तथा इन कंपनियों के शेयर खरीदने वाले व्यापारी मुनाफा कमाते हैं। भारत का सबसे पुराना Stock Exchange, BSE (Bombay stock exchange) है और जल्द ही इसके अंतर्गत एक और Stock Exchange जुड़ने वाला है। शेयर बाजार सोशल स्टॉक एक्सचेंज के विनियम बोर्ड, SEBI ने BSE को Social Stock Exchange शुरू करने की अनुमति दे दी है। ज्ञात हो, 2019- 2022 के वित्तीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोशल स्टाॅक एक्सचेंज को बनाने की बात की थी। आइये इसके बारें में और जानते हैं।
Social Stock Exchange क्या है? सोशल स्टॉक एक्सचेंज
सोशल स्टाॅक एक्सचेंज उन संस्थाओं के लिए है जो कई प्रकार के कल्याणकारी सामाजिक कार्य करते हैं और उन लोगों के लिए भी है जो इन सभी संस्थाओं की मदद करना चाहते हैं परंतु कार्य पारदर्शिता की कमी के कारण मदद करने में झिझकते हैं। सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने तथा उसके लिए फ़ंड इक्कठा करने लिए सोशल स्टॉक एक्स्चेंज का निर्माण किया गया है जो BSE के अंतर्गत कार्य करेगा तथा यह मौजूदा स्टॉक एक्स्चेंज से बिलकुल भिन्न होगा। इसके द्वारा विभिन्न सामाजिक कार्य करने वाली संस्थाएं पैसे जुटा सकती है तथा सोशल स्टॉक एक्स्चेंज में सभी गैर लाभकारी संगठन (non – profit organization) और लाभकारी संगठन (for profit enterprises) पंजीकृत हो सकते हैं।
Social Stock Exchange के संबंध में SEBI द्वारा लागू किए गए सोशल स्टॉक एक्सचेंज नियम
सोशल स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्ट होने वाली संस्थाओं के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड, SEBI ने कार्य रूपरेखा जारी कर दी है, जानते हैं इसके अंतर्गत क्या – क्या नियम लागू किए हैं
- SSE में सभी लाभकारी संस्थाएं (FPE) और गैर – लाभकारी संस्थाएं (NPO) लिस्ट हो सकती हैं तथा लिस्ट होने वाली सभी सामाजिक संस्थाओं का प्राथमिक लक्ष्य वंचित और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों और क्षेत्रों में मदद तथा सेवा पहुंचाना होना चाहिए।
- विनियम बोर्ड द्वारा योग्य सामाजिक कार्यों को 15 विभागों में बांटा गया है जिनमें गरीबी और भूखमारी को मिटाना, स्वास्थ्य देखभाल और स्वच्छ्ता को बढ़ावा देना, शिक्षा तथा लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संबन्धित कार्य करना, खेल – कूद को बढ़ावा देने जैसे कार्य शामिल है। Social stock Exchange में लिस्ट होने वाली सभी संस्थाओं को इन सभी योग्य गतिविधिओं में शामिल होना होगा।
- गैर लाभकारी संस्थान को सोशल स्टॉक एक्स्चेंज में लिस्ट सोशल स्टॉक एक्सचेंज होने से पहले वह संस्था, एक ‘चैरिटेबल ट्रस्ट’ के तौर पर रजिस्टर हो तथा कम से कम तीन साल तक सामाजिक कार्य किये हों।
- इसके साथ – साथ पिछले वित्तीय वर्ष में गैर लाभकारी संस्थान ने 50 लाख रुपये सामाजिक कार्य में खर्च किए हो तथा 10 लाख रुपयों की फ़ंडिंग संस्था को प्राप्त हुई हो।
- सभी योग्य गैर लाभकारी संस्थायें इस stock exchange में zero coupon zero principal bond के माध्यम से लिस्ट हो सकती है और इसके साथ – साथ इन सभी संस्थाओं को जुटाये गए फ़ंड का लेखा – जोखा तिमाही के अंत से 45 दिनों के भीतर तक SSE के सामने प्रस्तुत करना होगा।
- सामाजिक कार्य कर रहे विभिन्न राजनैतिक तथा धार्मिक दल, व्यापार संघ, कॉर्पोरेट फ़ाउंडेशन, इन्फ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग संस्थाएं SSE में लिस्ट नहीं हो सकती हैं।
- गैर – लाभकारी संस्थाओं के वार्षिक प्रकटीकरण के दौरान वे सभी संस्थाएं जिन्होने social stock exchange से फ़ंड जुटाये हैं या इसमे पंजीकृत हैं, उन्हे सबसे अधिक निवेश करने वाले पाँच निवेशकों की भी जानकारी देनी होगी।
- सभी लाभकारी संस्थाओं के ऊपर SSE में लिस्ट होते समय SEBI द्वारा निर्धारित वर्तमान समय के सभी debt और equity के नियम लागू होंगे।
- सोशल स्टाॅक एक्सचेंज में लिस्ट हुई सभी गैर – लाभकारी और लाभकारी संस्थाओं को सालाना अपनी social impact report को SEBI के सामने प्रकट करना होगा। इस रिपोर्ट में विभिन्न सामाजिक कार्यों के उद्दयेश, उनसे संबन्धित विभिन्न गतिविधियों, पूरे वर्ष में विभिन्न सामाजिक कार्यों में खर्च किए जाने वाले रुपयों का विवरण इत्यादि शामिल होगा।
सेबी ने सामाजिक शेयर बाजार की रूपरेखा को अधिसूचित किया
सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) के लिए यह रूपरेखा बाजार नियामक की तरफ से गठित एक कार्यसमूह और तकनीकी समूह की सिफारिशों के आधार पर तैयार की गयी है।
एसएसई का विचार सबसे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 अपने बजट भाषण के में पेश किया था। इसका उद्देश्य निजी और गैर-लाभकारी क्षेत्रों को अधिक जुटाने का अवसर देना है।
सेबी की तरफ से सोमवार को जारी तीन अलग-अलग अधिसूचनाओं के अनुसार, नए नियमों के तहत एसएसई मौजूदा शेयर बाजारों का एक अलग खंड होगा।
सेबी ने कहा कि सामाजिक उपक्रमों को नियामक द्वारा सूचीबद्ध 16 व्यापक गतिविधियों में से एक में काम करना होगा। इसमें भुखमरी उन्मूलन, गरीबी, कुपोषण और असमानता, स्वास्थ्य सेवा का प्रसार, शिक्षा को समर्थन, रोजगारोन्मुखता और आजीविका और महिलाओं का सशक्तीकरण जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
सेबी ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज को दी मंजूरी, जानिए क्या है ये और कैसे करेगा काम?
- Money9 Hindi
- Publish Date - September 28, 2021 / 07:38 PM IST
बाजार नियामक सेबी (SEBI) के बोर्ड ने मंगलवार को कई सुधारों का ऐलान किया है. इसमें गोल्ड एक्सचेंज के साथ ही सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों के लिये पूंजी जुटाने का रास्ता खोलते हुए सोशल स्टॉक एक्सचेंज (Social stock exchange) खोलने के लिए फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी है. सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज को लाने के प्रस्ताव को सेबी के बोर्ड ने मंजूरी दे दी है. इस सोशल स्टॉक एक्सचेंज दरवाजे के खुलने से सामाजिक सेक्टर में काम करने वाली कंपनियां आसानी से बाजार से पैसा जुटा सकेंगी.
बनेगा सोशल स्टॉक एक्सचेंज, कोविड-19 से पीड़ित सहित इन लोगों को होगा फायदा
- दुनिया में अभी केवल 7 देशों में सोशल स्टॉक एक्सचेंज मौजूद है। अब भारत भी इस कैटेगरी में शामिल होगा।
- सोशल स्टॉक एक्ससेंज का उद्देश्य ऐसी कंपनियों के लिए पूंजी जुटाने में सहयोग करना है जो सामाजिक क्षेत्र में काम करती हैं।
- सोशल स्टॉक एक्सचेंज से फॉर प्रॉफिट सोशल एंटरप्राइजेज (FPE) और नॉट फॉर प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन (NPO) पूंजी जुटा सकेंगे।
नई दिल्ली: सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज का रास्ता साफ कर दिया है। इसके लिए सेबी ने 28 सितंबर को एक्सचेंज के फ्रेम वर्क को मंजूर कर लिया है। सोशल स्टॉक एक्सचेंज की परिकल्पना एक दम नई है। और इसके बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019-20 के बजट में ऐलान किया था। दुनिया में अभी केवल 7 देशों में सोशल स्टॉक एक्सचेंज मौजूद है। ऐसे में भारत के लिए भी यह नया मॉडल है। ऐसे में सवाल उठता है कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है और यह कैसे काम करेगा।
नया एक्सचेंज: सोशल स्टॉक एक्सचेंज को लेकर वर्किंग ग्रुप ने सेबी को रिपोर्ट सौंपी, एनजीओ भी स्टॉक एक्सचेंज पर हो सकेंगे लिस्ट
सेबी द्वारा गठित वर्किंग ग्रुप ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के लिस्ट को लेकर अपनी रिपोर्ट सेबी को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय स्टॉक एक्सचेंज पर आनेवाले दिनों में एनजीओ जैसे संगठन लिस्ट हो सकेंगे। इसे सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) के नाम से जाना जाएगा।
2019-20 में बजट भाषण में किया गया था प्रस्ताव
बता दें कि वित्तमंत्री ने वित्त वर्ष 2019-20 में अपने बजट भाषण में सोशल स्टॉक एक्सचेंज के निर्माण को लेकर एक प्रस्ताव दिया था और इस दिशा में सेबी को कदम उठाने को कहा था। सेबी ने इसी आधार पर सोशल एंटरप्राइज और वॉलेंटरी संस्थानों को लिस्ट कराने के लिए एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया था। सेबी ने इसके लिए सितंबर 2019 में इशात हुसैन के चेयरमैनशिप के रूप में शेयरधारकों के साथ एक वर्किंग ग्रुप का गठन किया था। इस ग्रुप में सोशल वेलफेयर, सोशल इंपैक्ट, निवेश, वित्त मंत्रालय, स्टॉक एक्सचेंज और एनजीओ के प्रतिनिधियों का समावेश था।
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