मौलिक विश्लेषण फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? क्या है (Fundamental Analysis kya hai ) – शेयर मार्केट में इसका महत्व
शेयर मार्केट के चर्चे आज हम हर जुबान पर सुन सकते है। जिस तरीके से शेयर मार्केट lockdown या कोरोना काल में जमीन को छूकर सातवे आसमान पर पहुँचा है। यह देखकर लोगो का इस फील्ड में रुझान बढ़ने लगा है। अब हर आदमी शेयर मार्केट को पैसा कमाने का जरिया बनाना चाहता है। लेकिन शेयर मार्केट में फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? इन्वेस्ट करने से पहले हमें उसे पूरा समझ कर, विश्लेषण करके निवेश करना चाहिए।
Fundamental Meaning In Hindi
अगर आप देखेंगे जिंदगी में कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से पहले विश्लेषण करना जरूरी है। जैसे बच्चा कॉलेज जाने से पहले कोर्स और कॉलेज का विश्लेषण करता है। उसी प्रकार हमें भी शेयर मार्केट में पैसे डालने से पहले अच्छी तरह से विश्लेषण करना चाहिए ताकि हमारे पैसे सुरक्षित रहें। अधिकतर लोगों के शेयर मार्केट में पैसे इसलिए डूब जाते है क्योंकि वह बिना सोचे-समझे और विश्लेषण किये बिना ही या किसी ओर के सुझाव पर स्टॉक खरीदते हैं। इससे आप समझ ही गए होंगे कि Fundamental Meaning In Hindi Kya Hai.
शेयर मार्केट के विशेषज्ञ मुख्य दो प्रकार से विश्लेषण करते हैं 1. टेक्निकल और 2. Fundamental या मौलिक विश्लेषण।
टेक्निकल विश्लेषण
टेक्निकल विश्लेषण में हम यह देखते हैं कि कंपनी के शेयर्स में कितना उतार-चढ़ाव हो रहा है। पिछले कई सालों में कंपनी के शेयर्स की क्या हालत है या हम यह भी देखते हैं कि वर्तमान समय में क्या यह शेयर खरीदना ठीक रहेगा? इसमें चार्ट, ग्राफ और lines बनाकर हम कंपनी के शेयरों का विश्लेषण करते हैं। कई बार यह Fundamental Analysis For Small Investors के लिए किया जाता है या फिर उनके लिए किया जाता है जो थोड़े समय के लिए ही निवेश करना चाहते हैं। इसमें हमें कंपनी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है और risk भी ज्यादा हो फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? सकता है।
Fundamental Analysis Kyo Karna Chye
कोई भी निवेशक अधिक समय तक किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करना चाहता है तो वह फंडामेंटल विश्लेषण जरूर करेगा। आमतौर पर फंडामेंटल विश्लेषण उन स्टॉक्स पर किया जाता है जिन्हें 1 साल या उससे अधिक समय तक पोर्टफोलियो में रखना है। फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा हम कंपनी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। फंडामेंटल विश्लेषण हमें कंपनी को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है। फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा शेयर मार्केट में निवेश करना सुरक्षित माना जाता है। कई बड़े निवेशक Fundamental Analysis ce investment करके पैसे कमाते हैं।
फंडामेंटल विश्लेषण के द्वारा हम अच्छी क्वालिटी वाले शेयर को परखते हैं और उनमे अधिक समय के लिए निवेश करते हैं l फंडामेंटल विश्लेषण करने के लिए हमें कंपनी के बारे में अधिक जानकारी हासिल करनी होती है। हम कंपनी के भूतकाल और वर्तमान काल में किए गए परफॉर्मेंस के अनुसार भविष्य की परफॉर्मेंस का अंदाजा लगाते हैं। जो कंपनी भविष्य में अच्छा परफॉर्म करने वाली है, हम उनमें निवेश करने की सोचते हैं। चीन कंपनी के शीर्ष पर हमें ज्यादा रिटर्न मिलने वाला होता है हम उन में इंटरेस्ट लेना शुरू करते हैं।
हर कंपनी के Share Price बढ़ते हैं या Share Price घटते भी हैं क्योंकि यह शेयर मार्केट का स्वभाव है l लेकिन क्वालिटी वाले शेयर्स लॉन्ग टर्म के लिए हमें अच्छा रिटर्न्स देते हैं। इन्हीं क्वालिटी वाले शेयर शेयर्स को पहचानने के लिए हम Fundamental Analysis Process करते हैं। इसीलिए Fundamental Analysis Process Important हो जाता है।
Fundamental Analysis Kaise Kare ??
फंडामेंटल विश्लेषण करना ज्यादा आसान भी नहीं है और ज्यादा मुश्किल भी नहीं है l
लेकिन इसे करने के लिए थोड़ी मेहनत जरूर लगती है। फंडामेंटल एनालिसिस में निम्न सवालों के जवाब ढूंढे जाते हैं। आइए जानते हैं Why We Use Fundamental Analysis
- कंपनी कौन सा प्रोडक्ट बेच रही है या कौन सी सर्विस प्रोवाइड कर रही है?
- क्या उसका प्रोडक्ट या उसकी सर्विस मार्केट में डिमांड में है? क्या आप कंपनी प्रॉफिट में है या फिर loss में चल रही है?
- क्या कंपनी ने कोई कर्जा ले रखा है? अगर ले रखा है तो बड़ा है या छोटा?
- कंपनी जिस सेक्टर से है क्या वह सेक्टर अच्छा रिटर्न देता है?
- क्या कंपनी की मार्केट में अच्छी reputation है?
इन सब बातों का अच्छी तरीके से analysis करके हम उस कंपनी के shares को डिस्काउंट प्राइस में खरीद कर लंबे समय तक अपने पास रखते हैं। फिर हम उन शेयर्स को भविष्य में Premium प्राइस में बेच देते हैं। इससे हमें ज्यादा प्रॉफिट होता है।
Fundamental Analysis types
- गुणात्मक विश्लेषण (Qualitative analysis)
गुणात्मक विश्लेषण में हम कंपनी के बिजनेस मॉडल को पर रखते हैं l उनके प्रोडक्ट ओर सर्विस को अच्छी तरह से जाने की कोशिश करते हैं l कंपनी का मैनेजमेंट विश्लेषण के बारे में भी हम जानकारी प्राप्त करते हैं। इसके अलावा हम और भी कई गुणों (आर्थिक दृष्टि से) को परखते हैं।
- मात्रात्मक विश्लेषण (Quantitative analysis)
मात्रात्मक विश्लेषण में हम कंपनी में cash flow कैसे हो रहा है और sales growth कैसे चल रही है यह जानते हैं। इसमें हम कंपनी की बैलेंस sheet, प्रॉफिट और loss अकाउंट भी देखते हैं। इसी के साथ हम कंपनी आर्थिक दृष्टि से किस स्तर पर काम कर रही है यह जानने की कोशिश करते हैं।
फंडामेंटल विश्लेषण मैं हम यह भी देखते हैं कि global economy, local economy और sector growth आने वाले सालों में कैसी रहेगी। इसे हम top-down approach भी कह सकते है। इसमें हम कंपनी की आर्थिक स्थिति को ऊपर से नीचे तक पूरी तरीके से और अच्छे से स्कैन कर लेते हैं।
फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी के निम्न अकाउंट को देखा जाता है –
- Balance sheet
- Profit and loss account
- Cash flow rate
- Annual Report
- Sales growth
- Position of opponent company
- Sector analysis
- Financial ratio
- Management analysis and others as required
इसी के साथ हमने फंडामेंटल विश्लेषण को अच्छी तरह से समझ लिया है। आशा करते हैं कि आपको Fundamental Meaning In Hindi भी अच्छे से समझ आ गया होगा l यह आर्टिकल पसंद आया है तो अपने दोस्तों के साथ ही शेयर करना मत भूलना l धन्यवाद l
Best Career Option: स्टॉक ट्रेंडिंग में रखते हैं इंट्रेस्ट, तो 12वीं के बाद बनाएं ट्रेडर के तौर पर करियर
Career in Stock Trending: ट्रेडिंग इंडस्ट्री में रोजगार के स्कोप भी काफी बढ़ रहे हैं. एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए फाइनांशियल स्टेटस, फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस का नॉलेज होना जरूरी है. जानें फुल टाइम ट्रेडर बनने के फायदे
Arti Azad | Updated: Oct 29, 2022, 12:01 AM IST
Career in Stock Trending: वर्तमान में शेयर बाजार दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. वहीं, ट्रेडिंग इंडस्ट्री में ग्रोथ होने के साथ-साथ ही इस सेक्टर रोजगार के स्कोप भी काफी बढ़ रहे हैं. बहुत से युवा स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग (Stock Market Trading) में दिलचस्पी ले रहे हैं. आपको एक अच्छा ट्रेडर बनने के लिए फाइनांशियल स्टेटस (Financial Status), फंडामेंटल एनालिसिस (Fundamental Analysis) और टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) का बेसिक नॉलेज होना बेहद ही जरूरी है.
पहले स्टॉक एक्सचेंज कागज-आधारित फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट्स के साथ ट्रेडिंग करते थे, लेकिन अब तकरीबन 100 फीसदी ट्रेडिंग टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के जरिए की जा रही है. यहां जानें फुल टाइम ट्रेडर बनने के फायदे और इसके लिए जरूरी योग्यता क्या होनी चाहिए.
आयु सीमा फंडामेंटल एनालिसिस क्या है?
शेयर फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? मार्केट में इन्वेस्ट करने की कोई न्यूनतम उम्र नहीं है.
योग्यता
1.ट्रेडिंग में करियर बनाना चाहते हैं तो किसी सम्मानजनक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन या कॉर्पोरेशन में ट्रेडिंग फंडामेंटल एनालिसिस क्या है? से रिलेटेड डिग्री होनी चाहिए.
2.ज्यादातर ट्रेडर के पास मैथ्स, फाइनेंस, अकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स में डिग्री होती है.
3.डीमैट अकाउंट के लिए पैन कार्ड जरूरी है.
डीमैट अकाउंट ओपन करते समय केवाईसी डॉक्यूमेंट्स और पैन कार्ड की एक फोटो कॉपी जमा करना होता है.
4. इस इंडस्ट्री में इनवेस्टेंट एडवाइजरी या किसी कंसल्टिंग कंपनी में प्रोफेशनल के तौर पर काम करने के लिए एनआईएसएम सर्टिफाइड होना जरूरी है.
5.इकोनॉमिक्स/बिजनेस मैनेजमेंट/फाइनेंस या इससे जुड़े किसी कोर्स में ग्रेजुएट या मास्टर्स की डिग्री होना जरूरी है.
ट्रेडिंग के फायदे
सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप खुद अपने मालिक होते हैं, किसी और के लिए काम करना जरूरी नहीं है.
सही नॉलेज और स्ट्रेटजी के साथ मार्केट से अच्छी-खासी कमाई की जा सकती है.
आप अच्छी ग्रोथ करने के साथ ही कैश मार्केट से डेरिवेटिव मार्केट तक बढ़ सकते हैं और लीवरेज को फ्रेंड बना सकते हैं.
इसमें सेबी रजिस्टर्ड निवेश एडवाइजर या सेबी रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट बन सकतें है और कंसल्टिंग कर सकते हैं.
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