Members of Kisan Mazdoor Sangharsh Committee block Amritsar-Delhi highway as part of their protest against the विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर farm laws. https://t.co/Pn8tGezOfU pic.twitter.com/QLLaKuHDcZ — ANI (@ANI) November 5, 2020
शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे बढ़कर 74.29 पर
मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में तेजी और अमेरिकी मुद्रा की कमजोरी के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले छह पैसे मजबूत होकर 74.29 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी के बाहर जाने से …
मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में तेजी और अमेरिकी मुद्रा की कमजोरी के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले छह पैसे मजबूत होकर 74.29 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी के बाहर जाने से रुपये की बढ़त सीमित हुई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 74.30 पर मजबूत खुला और फिर 74.29 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद के मुकाबले छह पैसे की बढ़ोतरी दर्शाता है। रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 74.35 पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत गिरकर 93.10 पर कारोबार कर रहा था।
किसान बिल के विरोध में दिल्ली-अमृतसर हाईवे को किसान संगठनों ने किया ब्लॉक
किसान मजदूर संघर्ष समीति के सदस्यों ने किसान बिल के विरोध में अमृतसर-दिल्ली हाईवे को ब्लॉक कर दिया है। इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समीति के महासचिव सरवन सिंह ने कहा कि आज दोपहर 12 बजे से शाम 4.
किसान मजदूर संघर्ष समीति के सदस्यों ने किसान बिल के विरोध में अमृतसर-दिल्ली हाईवे को ब्लॉक कर दिया है। इससे पहले किसान मजदूर संघर्ष समीति के महासचिव सरवन सिंह ने कहा कि आज दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक किसान संगठन केंद्र सरकार के किसान बिल के विरोध में हाइवे के रास्तों को ब्लॉक करेंगे। यह विरोध कुल 46 से अधिक जगहों पर होगा। इस दौरान इमरजेंसी वाहनों की आवाजाही नहीं रोकी जाएगी।
Members of Kisan Mazdoor Sangharsh Committee block Amritsar-Delhi highway as part of their protest against the farm laws. https://t.विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर co/Pn8tGezOfU pic.twitter.com/QLLaKuHDcZ
— ANI (@ANI) November 5, 2020
आपको बता दें कि इससे पहले बीते महीने में कृषि से संबंधित अध्यादेश पर संसद में विधेयक लाने वाली केंद्र की मोदी सरकार को विपक्ष के साथ-साथ साथियों से भी झटका लगा था। विधेयक को किसान विरोधी बताते हुए केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार रात मोदी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, लोकसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य, संवर्द्धन और सुविधा विधेयक-2020; कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण, कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 साढ़े पांच घंटे की चर्चा के बाद पारित हो गया था। इस विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर दौरान विपक्ष ने वॉकआउट किया था। वहीं, इससे संबंधित आवश्यक वस्तु (संशोधन) बिल मंगलवार को ही पास हो चुका है।
अध्यादेश के समय से ही हो रहा है विरोध:
भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्यादेश के समय से ही इसका विरोध कर रही है। गुरुवार को जब विधेयक लोकसभा में पेश किया गया विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर तो अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध करते हुए कहा कि हरसिमरत कौर बादल मंत्री पद से इस्तीफा देंगी। हरसिमरत केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री है। अकाली दल भाजपा नीत एनडीए का हिस्सा है।
क्या हैं ये बिल?
किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 में एक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का प्रावधान किया गया है। इसमें किसान और व्यापारी विभिन्न राज्य कृषि उपज विपणन विधानों के तहत अधिसूचित बाजारों के भौतिक परिसरों या सम-बाजारों से बाहर पारदर्शी और बाधारहित प्रतिस्पर्धी वैकल्पिक व्यापार चैनलों के माध्यम से किसानों की उपज की खरीद और बिक्री लाभदायक मूल्यों पर करने से संबंधित चयन विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर की सुविधा का लाभ उठा सकेंगे।
वहीं, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 में कृषि समझौतों पर राष्ट्रीय ढांचे के लिए प्रावधान है, जो किसानों को कृषि व्यापार फर्मों, प्रोसेसरों, थोक विक्रेताओं, निर्यातकों या बड़े खुदरा विक्रेताओं के साथ कृषि सेवाओं और एक उचित तथा पारदर्शी तरीके से आपसी सहमति वाला लाभदायक मूल्य ढांचा उपलब्ध कराता है।
विधेयक में क्या-क्या है
1. कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक: उपज कहीं भी बेच सकेंगे। बेहतर दाम मिलेंगे। ऑनलाइन बिक्री होगी।
2. मूल्य आश्वासन तथा कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता: किसानों की आय बढ़ेगी। बिचौलिए खत्म होंगे। आपूर्ति चेन तैयार होगा।
3. आवश्यक वस्तु (संशोधन) : अनाज, दलहन, खाद्य तेल, आलू-प्याज अनिवार्य वस्तु नहीं रहेगी। इनका भंडारण होगा। कृषि में विदेशी निवेश आकर्षित होगा।
क्यों हो रहा है इस बिल का विरोध?
कई किसान संगठन इन आधारों पर इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
1. मंडियां खत्म हो गईं तो किसानों को एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा। वन नेशन वन एमएसपी होना चाहिए।
2. कीमतें तय करने का कोई मैकेनिज्म नहीं है। डर है कि इससे निजी कंपनियों को किसानों के शोषण का जरिया मिल जाएगा। किसान मजदूर बन जाएगा।
3. कारोबारी जमाखोरी करेंगे। इससे कीमतों में अस्थिरता आएगी। खाद्य सुरक्षा खत्म हो जाएगी। इससे आवश्यक वस्तुओं की कालाबाजारी बढ़ सकती है।
विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर
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विदेशी मुद्रा भंडार पांच अरब डॉलर घटकर 588.3 अरब डॉलर पर
मुंबई ।विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, स्वर्ण भंडार और विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक जुलाई को समाप्त सप्ताह में पांच अरब डॉलर घटकर 588.3 अरब डॉलर पर आ गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 2.73 अरब डॉलर बढ़कर 593.32 अरब डॉलर पर रहा था।
रिजर्व बैंक की ओर से जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 01 जुलाई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 4.5 अरब डॉलर कम होकर 524.7 अरब डॉलर पर आ गया। इसी तरह इस अवधि में स्वर्ण भंडार 50.4 करोड़ डॉलर की गिरावट लेकर 40.4 अरब डॉलर पर रहा।
आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार 7.7 करोड़ डॉलर गिरकर 18.1 अरब डॉलर पर रहा। हालांकि इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि में बढ़ोतरी हुई है और यह 4.4 करोड़ डॉलर बढ़कर पांच अरब डॉलर हो गया।
शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया छह पैसे बढ़कर 74.29 पर
मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में तेजी और अमेरिकी मुद्रा की कमजोरी के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले छह पैसे मजबूत होकर 74.29 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी के बाहर जाने से …
मुंबई। घरेलू शेयर बाजार में तेजी और अमेरिकी मुद्रा की कमजोरी के बीच रुपया बुधवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले छह पैसे मजबूत होकर 74.29 के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि हालांकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और विदेशी पूंजी के बाहर जाने से रुपये की बढ़त सीमित हुई।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर डॉलर के मुकाबले 74.30 पर मजबूत खुला और फिर 74.29 पर पहुंच गया, जो पिछले बंद के मुकाबले छह पैसे की बढ़ोतरी दर्शाता है। रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 74.35 पर बंद हुआ था। इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत गिरकर 93.10 पर कारोबार कर रहा था।
अमेरिका ने भारत को अपनी मुद्रा नगरानी विदेशी मुद्रा व्यापार अमृतसर सूची से हटाया, आखिर क्यों, यहां पढ़ें
विभाग ने गुरुवार को कांग्रेस को एक रिपोर्ट में निर्णय से अवगत कराया जिसमें कहा गया था कि भारत सूची में बने रहने की कसौटी पर खरा नहीं उतरा। सूची जो निगरानी करती है कि क्या देश अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अनुचित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्राप्त करने या भुगतान संतुलन समायोजन का फायदा उठाने के लिए अपनी मुद्रा और अमेरिकी डॉलर के बीच विनिमय दर में हेरफेर करते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इटली, मैक्सिको, थाईलैंड और वियतनाम को भी निगरानी सूची से हटा दिया गया है, जबकि चीन, जापान, कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर और ताइवान इस पर बने हुए हैं। भारत ने दो रिपोटिर्ंग अवधियों में तीन मानदंडों में से एक को पूरा किया, जिससे यह हटाने के योग्य हो गया, जैसा कि चार अन्य देशों ने किया था।
रिपोर्ट का विमोचन येलन की भारत यात्रा के दौरान व्यापार बंधनों को मजबूत करने के लिए किया गया था क्योंकि चीन पर अधिक निर्भरता से समस्याओं का सामना करने के बाद अमेरिका वैश्विक आर्थिक और विनिर्माण पुनर्गठन चाहता है। येलेन ने फ्रेंडशोरिंग की अवधारणा की बात की - मित्र देशों में आपूर्ति श्रृंखला लाना।
उन्होंने कहा- ऐसी दुनिया में जहां आपूर्ति श्रृंखला कमजोरियां भारी लागत लगा सकती हैं, हमारा मानना है कि भारत के साथ अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। भारत हमारे भरोसेमंद व्यापारिक साझेदारों में से एक है। किसी देश को निगरानी सूची में रखने के लिए जिन तीन कारकों पर विचार किया गया है, वह हैं अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष का आकार, चालू खाता अधिशेष और विदेशी मुद्रा बाजार में लगातार एकतरफा हस्तक्षेप। इसके अलावा, यह मुद्रा विकास, विनिमय दर प्रथाओं, विदेशी मुद्रा आरक्षित कवरेज, पूंजी नियंत्रण और मौद्रिक नीति पर भी विचार करता है।
रिपोर्ट में विशेष रूप से यह नहीं बताया गया है कि भारत किन मानदंडों को पूरा करता या नहीं करता है, लेकिन इसमें संबंधित क्षेत्रों में नई दिल्ली के प्रदर्शन का उल्लेख है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जून के अंत में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 526.5 अरब डॉलर था, जो सकल घरेलू उत्पाद का 16 फीसदी है। भारत, रिपोर्ट में शामिल अन्य देशों की तरह, मानक पर्याप्तता बेंचमार्क के आधार पर पर्याप्त - या पर्याप्त से अधिक - विदेशी मुद्रा भंडार को बनाए रखना जारी रखता है।
रिपोर्ट के अनुसार, इसका अमेरिका के साथ 48 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष भी था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने आर्थिक नीति में पारदर्शिता सुनिश्चित की। एकतरफा मुद्रा हस्तक्षेप के लिए विभाग का मानदंड 12 महीनों में से कम से कम आठ में विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद है, जो सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम दो प्रतिशत है। इसने कहा कि चौथी तिमाही में भारत की विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद पिछली अवधि की तुलना में नकारात्मक 0.9 थी, या 30 बिलियन डॉलर कम थी।
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