Advance concepts relating to stock market (Hindi)
शेयर बाज़ार को समझने से आपको अपनी वेल्थ को बढ़ाने मे मदद मिलेगी और आपको लॉन्ग टर्म मे शानदार रिटर्न अर्जित करने का मौका मिलेगा। इस कोर्स के माध्यम से आप ये समझ सकते हैं कि कैसे एक अच्छी इन्वेस्टिंग स्ट्रेटजी बनाई जाती है। इस कोर्स मे सभी चीजों के साथ साथ एडवांस्ड मटेरियल भी शामिल है जो आपको कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से निवेश करने मे मदद करेगी।
Course Outline
- सेक्टोरल एनालिसिस
- क्या करे और क्या नहीं
- स्टॉक चुनने के एडवांस तकनीक
- विभिन्न स्थितियों मे शेयर बाज़ार कैसे रिएक्ट करता है।
About Course
जब भी आप शेयर मार्केट के बारे मे सुनते हैं तो क्या आप इसे अपने आप जोखिम भरा और असुरक्षित कहते हैं ? क्या आपकी शेयर बाज़ार से जुड़ी हर जानकारी आपके रिशतेदारों, टेलिविजन और फिल्मों मे सुनी बातों पर आधारित है? तो क्या आप अपनी वेल्थ को बढ़ाने के लिए शेयर बाज़ार के बारे मे अच्छे से और सही जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं?यदि हाँ तो यह कोर्स शेयर बाज़ार के बारे मे आपके कंसेप्ट को क्लियर करने मे आपकी मदद करेगा जो इसके जोखिम भरे और असुरक्षित होने के मिथकों को दूर करेगा।
शेयर बाज़ार को समझने से आपको अपनी वेल्थ को बढ़ाने मे मदद मिलेगी और आपको लॉन्ग रन मे शानदार रिटर्न अर्जित करने का मौका मिलेगा। इस कोर्स मे हमने शेयर बाज़ार के कुछ कॉम्प्लेक्स कंसेप्ट पर चर्चा की है। हमने निवेश से जुड़ी हर बात जैसे तकनीक, एप्रोच, स्ट्रेटजी, इंडिकेटर और क्या नहीं करना चाहिए इन सभी बातों पर चर्चा की है। इसमे शेयर मार्केट मे क्या करना चाहिए और क्या नहीं इन बातों को भी बताया गया है। आप इसमे एडवांस स्टॉक-पिकिंग तकनीक के बारे मे भी जानेंगे। यह कोर्स आपको स्टॉक मार्केट के बारे मे जानने का और विभिन्न परिस्थितियों मे यह कैसे रिएक्ट करता है यह समझने का एक शानदार जरिया है।
What you will get?
Course Syllabus
सेक्टोरल एनालिसिस
- फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री
- बैंकिंग इंडस्ट्री
- इन्फ़र्मेशन टेक्नोलौजी
- ऑटोमोबाइल
- क्या MNCs अपने प्रॉफिट का सही हिस्सा निवेशकों को देते है?
क्या करें और क्या ना करें
- क्या आपको आर्बिट्राज करना चाहिए?
- फ़ायनैंशियल श्नैनिगंस
- Derivatives (डेरिवेटिव्स)
- बढ़ोतरी का पूर्वानुमान
स्टॉक्स चुनने की एडवांस तकनीकें
- अच्छे स्टॉक आईडिया कैसे जनरेट करें ?
- P/E Expansion
- आयकर का निहितार्थ
Need answers? Find them here
What are the prerequisites required for this course?
There are no prerequisites for the course. However, it would be helpful if you first watch “Beginner's guide to stock market” as it would help you understand the basics of investing.
What is the duration of this course?
This course falls under the marathon category and can be completed in a duration of 3 hrs.
What will be covered in this course?
In the course we have discussed sectoral analysis with examples of Banking and Pharmaceutical and Information Technology sectors. Further, we have discussed advanced stock picking techniques.
Do I need to install any specific software for this course?
No, you do not need to install any specific software for this course. However, it is advised for a user to have an active Internet connection and an updated web browser for a seamless learning experience.
What is the validity of this course?
Finology provides you with an opportunity to access all its tools and courses by subscribing to Finology One. Hence, you can access this course as long as your subscription of Finology One is active.
About Finology Quest
Quest is a 101 guide for anyone who wants to learn investing. The aim of these online finance courses is to make people financially literate and to make them understand the essential financial concepts and learn company analysis, so that one can know how to create & grow their wealth in the stock market.
Why choose Quest?
Quest will make you aware about investing and the secret to growing wealth. As against popular opinion, you do not always need to earn more money to be rich. In fact, financial awareness is the key to wealth creation & Quest will help you to make this journey simpler. The courses in Quest are easy to understand and explained using close-to-reality scenarios which makes learning fun and relatable. Plus, you can access it anytime and anywhere on the go, which is a cherry on the top!
For whom the Quest is?
Quest is for anybody who wants to enjoy learning finance and investing on the go. The aim of Quest is to make people financially aware. So, if you are someone making your babysteps into the markets, look no further. From personal finance to investing, Quest is your one-stop platform for almost everything finance!
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फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है ? – Fundamental Analysis In Hindi (Full Information)
फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है ? Fundamental Analysis In Hindi , Fundamental Analysis क्या है – Fundamental analysis kya hai , Fundamental analysis in Hindi ,किसी Share का Fundamental Analysis कैसे करें दोस्तों आज के समय हर कोई व्यक्ति शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने की सोच रहा है और तकनीकी उपलब्धता के कारण शेयर मार्केट की पहुंच आज प्रत्येक जन जन तक हो चुकी है
ऐसे में कोई भी शेयर को खरीदना और बेचना बहुत ही आसान हो चुका है तो लोग बहुत ही ज्यादा हर किसी शेयर को खरीद लेते हैं और उसमें नुकसान उठा लेते हैं हमें कोई भी Share खरीदने से पहले या Stock खरीदने से पहले उसका Fundamental Analysis in Hindi और टेक्निकल एनालिसिस अवश्य करना चाहिए
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What Is Fundamental Analysis In Hindi : Fundamental Analysis Kya Hai
किसी भी कंपनी का शेयर खरीदने से पहले उसका एनालिसिस करना होता है स्टॉक मार्किट में कंपनी का दो तरीके से एनालिसिस किया जाता है एक होता है Technical Analysis और दूसरा Fundamental Analysis. आज में आपको बताऊंगा की फंडामेंटल एनालिसिस क्या है – Basic of fundamental Analysis In Hindi
फंडामेंटल एनालिसिस क्या होता है: एक साल से अधिक समय के लिए जब किसी शेयर में निवेश किया जाता है तो उसे इन्वेस्टिंग कहते है और Investing के लिए Share ढूंढ़ने की प्रक्रिया को ही Fundamental Analysis कहते है।
फंडामेंटल एनालिसिस में कंपनी का बहुत की बारीकी से विश्लेषण किया जाता है की कंपनी का बिज़नेस कैसा है, कंपनी क्या Product बनाती है, मार्किट में प्रोडक्ट की डिमांड कितनी है, Company Profit में है या Loss में, Company पर क़र्ज़ कितना है।
Fundamental Analysis में यह देखा जाता है की जिस कंपनी का Share हम खरीद रहे है वह आर्थिक रूप से कितनी मजबूत है क्या लम्बे समय में वह कंपनी एक अच्छा लाभ कमा कर दे सकती है या नहीं। Fundamental Analysis करने का उदेश्य वर्तमान मैं किसी Share को Discount Price में खरीद कर भविष्य में Premium Price पर बेचना होता है।
फंडामेंटल विश्लेषण में कंपनी के बिज़नेस और फाइनेंसियल स्टेटमेंट का एनालिसिस किया जाता है क्योंकि कंपनी के बिज़नेस प्रदर्शन से ही शेयर की कीमत निर्धारित होती है कंपनी का बिज़नेस बढ़ेगा तो कंपनी का प्रॉफिट भी बढ़ेगा जिससे शेयर प्राइस भी बढ़ेगी और लम्बे समय में Share Price कंपनी की Profit Growth को ही फॉलो करती है।
Fundamental Analysis को 2 भागों में बांटा जाता है
- Qualitative Analysis (गुणात्मक विश्लेषण): Qualitative Analysis में कंपनी क्या व्यापार कर रही है, प्रोडक्ट और सर्विस, मैनेजमेंट एनालिसिस, बिज़नेस मॉडल इन सभी का एनालिसिस किया जाता है।
- Quantitative Analysis(मात्रात्मक विश्लेषण): Quantitative Analysis में कंपनी के वित्तीय हालत को दिखाने वाले नंबर्स का एनालिसिस किया जाता है जैसे: फाइनेंसियल स्टेटमेंट (Balance Sheet,Profit & Loss Statement, Cash Flow Statement), विभिन्न तरह के रेश्यो, Sales Growth, Profit Growth का एनालिसिस किया जाता है।
फंडामेंटल एनालिसिस कैसे उपयोगी है (How Fundamental Analysis Is Useful)
सभी Successful Investor जो की Long Term Investing करते है वे सभी Stock चुनने के लिए Fundamental Analysis का उपयोग करते है। Fundamental Analysis एक बढ़िया बिज़नेस को ढूंढने में मदद करता है जिसका शेयर अभी डिस्काउंट पर मिल रहा हो।
कोई भी इन्वेस्टर जब किसी कंपनी के शेयर खरीदता है तो वह उस कंपनी से यही उम्मीद करता है की ये कंपनी आने वाले कुछ सालों के अंदर एक अच्छा Profit कमा कर दे शेयर खरीदने से पहले उस कंपनी पर संपूर्ण रिसर्च करनी होती है।
टेक्निकल चार्ट और इंडिकेटर कंपनी के व्यापार के बारे में नहीं बताते है वह सिर्फ Price Movement पर ही Buy Sell सिग्नल देते है इसलिए किसी भी Share का Fundamental Analysis करना जरूरी हो जाता है।
फंडामेंटल विश्लेषण का उपयोग हमेशा Long Time Frame में किया जाता है इसमें जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नहीं रखा जाता है बल्कि अपने Portfolio को एक सही Rate of Return पर Compounding करने पर ध्यान दिया जाता है।
Fundamental Analysis के लिए हमेशा Top Down Approach का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सबसे पहले Global Economy का अध्ययन किया जाता है उसके बाद Local Economy फिर Sector, Industry और लास्ट में बिज़नेस का अध्ययन किया जाता है।
Stock Market में सफलता हासिल करने के लिए कोई Extra Ordinary Knowledge की जरुरत नहीं होती शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें है शेयर की कीमत में उतार – चढ़ाव होता रहता है क्योंकि यह मार्किट का स्वभाव है
स्टॉक के फंडामेंटल एनालिसिस के लिए इन सभी की जानकारी होना जरूरी है
निवेश करने से पहले स्टॉक या कंपनी की कैसे करें रिसर्च
जब स्टॉक के चुनाव (Stocks Selection) की बात आती है तो इससे निवेशकों को सही कंपनी में निवेश करने में मदद मिलती है। इसलिए स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों को कहा जाता है कि उन्हें उन कंपनियों में निवेश करना चाहिए जिनके बिजनेस को वह समझ पाते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। क्या आप नए निवेशक हैं, क्या आप स्टॉक मार्केट (Stock Market) में निवेश करके अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं तो आपको मार्केट में इंटर करने से पहले अपने स्टॉक रिसर्च (Stock Research) के ज्ञान को दुरुस्त करना होगा। इससे आपको सही स्टॉक और सही कंपनी चुनने में मदद मिलेगी। आइए जानते हैं कि हमें किस तरह का रिसर्च करना चाहिए।
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सेक्टर को समझें
नए निवेशकों को सबसे पहले यह समझना होगा कि उन्हें किस सेक्टर में निवेश करना है। क्योंकि सेक्टर को अच्छी तरह से समझने वाला ही उससे जुड़ी कंपनियों के बिजनेस को समझ पाता है। ऐसे में जब स्टॉक के चुनाव (Stocks Selection) की बात आती है, तो इससे निवेशकों को सही कंपनी में निवेश करने में मदद मिलती है। इसलिए स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों को कहा जाता है कि उन्हें उन कंपनियों में निवेश करना चाहिए, जिनके बिजनेस को वह समझ पाते हैं।
स्टॉक को एनालाइज करें
अब जब आपको पता चल गया है कि आपको किस सेक्टर की किस कंपनी में निवेश करना है तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि आपका काम खत्म हो गया है। इसके बाद आपको कंपनी को समझना है और उसे अलग-अलग तरीकों से एनालाइज करना चाहिए। आप किसी स्टॉक को मुख्य रूप से तीन तरीके से एनालाइज कर सकते हैं। पहला फाउंडामेंटल एनालाइज (Fundamental Analysis) - इसमें आप कंपनी की कमाई से लेकर कैश फ्लो और फाइनैंशियल तक हर स्थिति के बारे में जानते हैं और यह समझने की कोशिश करते हैं कि कंपनी भविष्य में किस तरह का प्रदर्शन करेगी। दूसरा टेक्निकल एनालाइज (Technical Analysis) - इसमें ग्राफ के माध्यम से पास्ट प्राइज और ट्रेडिंग पैटर्न से भविष्य के उतार चढ़ाव का अनुमान लगाया जाता है। इसमें तीसरा तरीका क्वांटिटेटिव एनालाइज (Quantitative analysis) है। इसमें मैथेमेटिकल और स्टैस्टिकल तरीके से स्टॉक के वैल्यू का पता लगाया जाता है।
जोखिम लेने की क्षमता को जानें
जब हम स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं तो हम तीन तरह की कंपनियों में निवेश करते हैं - लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप। इनमें से किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले यह समझ लेना जरूरी है कि आपकी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite) कैसी है और दूसरा आपका बजट कितना है। इन बातों को ध्यान में रखकर अगर आप कंपनियों को चुनेंगे तो आप अपने लक्ष्य के करीब पहुंच सकते हैं।
अपने रिसर्च में मैट्रिक्स को समझें
स्टॉक मार्केट (Stock Market) में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपको अपनी रिसर्च में स्टॉक मार्केट मैट्रिक्स (Stock Market Metrics) को जरूर शामिल करना चाहिए। यह विभिन्न रेश्यो होते हैं, जो कंपनी की फाइनैंशियल स्थिति (Financial Condition) को बताने में मदद करते हैं, जैसे पीई रेश्यो, पीबी रेश्यो, रिटर्न ऑन इक्विटी रेश्यो, डेब्ट टू इक्विटी रेश्यो आदि। कौन से मैट्रिक्स सबसे महत्वपूर्ण हैं, यह काफी हद तक आपकी पसंद की निवेश शैली पर निर्भर करता है।
कंपनी का मैनेजमेंट और दूसरे डेटा को एनालाइज करें
किसी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके डेटा को और अच्छी तरह से एनालाइज कीजिए। इसमें आपकी एसईसी रिपोर्ट (SEC reports) , कंपनी के रेवेन्यू और इनकम, कंपनी प्रेस रिलीज, इंडस्ट्री ट्रेंड (Industry trends) के बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। इसके अलावा आप किस प्लेटफॉर्म से निवेश करना चाहते हैं, आप उसके ब्रोकरेज के बारे में भी समझें। साथ ही आपको यह भी देखना चाहिए कि कंपनी का मैनेजमेंट (Company Management) कैसा है, कंपनी पर फ्रॉड का कोई केस तो नहीं है आदि।
शेयर बाजार के तकनीकी विश्लेषण को समझना
शेयर में ट्रेडिंग करते समयमंडी, हमेशा एक बड़ी रकम दांव पर लगी रहती है। इसके कारण, कई तनावपूर्ण स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं, जो दिन-ब-दिन अनावश्यक चिंता पैदा करती हैं। ऐसी स्थिति में,तकनीकी विश्लेषण एड्रेनालाईन की भीड़ को शांत करने में मदद करता है।
इसे सरल शब्दों में कहें, तो यह एक तकनीक आपको पिछले प्रदर्शन, मात्रा और कीमत का अध्ययन करके सुरक्षा मूल्य की दिशा का अनुमान लगाने में मदद कर सकती है। सब कुछ समझने योग्य शब्दों में समझाते हुए, यह पोस्ट आपको इसके अलग-अलग पहलुओं का पता लगाने में मदद करती है।
स्टॉक का तकनीकी विश्लेषण क्या है?
स्टॉक और रुझानों का तकनीकी विश्लेषण कालानुक्रमिक बाजार डेटा का एक अध्ययन है, जिसमें मात्रा और मूल्य शामिल हैं। मात्रात्मक विश्लेषण और दोनों की सहायता सेव्यवहार अर्थशास्त्र, एक तकनीकी विश्लेषक भविष्य के व्यवहार की भविष्यवाणी करने के लिए पिछले प्रदर्शन का उपयोग करने का विरोध करता है।
तकनीकी विश्लेषण कितना उपयोगी है?
रणनीतियों की एक श्रृंखला के लिए एक व्यापक शब्द, वित्तीय बाजारों का तकनीकी विश्लेषण प्रमुख रूप से एक विशिष्ट स्टॉक में मूल्य कार्रवाई की व्याख्या पर निर्भर करता है। अधिकांश तकनीकी विश्लेषण यह समझने पर केंद्रित है कि क्या वर्तमान प्रवृत्ति जारी रहने वाली है।
और अगर नहीं तो कब उलट होगा। अधिकांश विश्लेषक ट्रेडिंग के लिए संभावित निकास और प्रवेश बिंदुओं का पता लगाने के लिए उपकरणों के संयोजन का उपयोग करते हैं। उदाहरण के लिए, एक चार्ट निर्माण अल्पावधि के लिए एक प्रवेश बिंदु की ओर संकेत कर सकता है, लेकिन व्यापारियों को अलग-अलग समय अवधि के लिए चलती औसत की झलक मिल सकती है ताकि यह स्वीकार किया जा सके कि ब्रेकडाउन आ रहा है या नहीं।
आप स्टॉक रुझानों के तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे कर सकते हैं?
शेयर बाजार तकनीकी विश्लेषण का मूल सिद्धांत यह है कि कीमतें उपलब्ध जानकारी को दर्शाती हैं जो बाजार पर एक बड़ा प्रभाव छोड़ सकती हैं। इससे महत्वपूर्ण, आर्थिक या नवीनतम विकासों को देखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि उनकी कीमत पहले से ही सुरक्षा में होगी।
आम तौर पर, तकनीकी विश्लेषकों का मानना है कि कीमतों में प्रवृत्तियों में बढ़ोतरी होती है और जहां तक बाजार के मनोविज्ञान का संबंध है, इतिहास में खुद को दोहराने की अधिक संभावना है। तकनीकी विश्लेषण के दो प्राथमिक और सामान्य प्रकार हैं:
चार्ट पैटर्न
ये तकनीकी विश्लेषण का एक व्यक्तिपरक रूप है जहां विश्लेषक विशिष्ट पैटर्न का अध्ययन करके एक चार्ट पर प्रतिरोध और समर्थन के क्षेत्रों को पहचानने का प्रयास करते हैं। मनोवैज्ञानिक कारकों द्वारा प्रबलित, इन पैटर्नों को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि वे यह अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि किसी शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें विशेष समय और बिंदु से ब्रेकआउट या ब्रेकआउट के बाद कीमतें कहां बढ़ रही हैं।
तकनीकी संकेतक
ये तकनीकी विश्लेषण का एक सांख्यिकीय रूप है जहां विश्लेषक वॉल्यूम और कीमतों के लिए कई गणितीय सूत्र लागू करते हैं। मूविंग एवरेज को एक मानक तकनीकी संकेतक माना जाता है, जो कीमतों के डेटा को सुगम बनाता है ताकि स्पॉटिंग ट्रेंड की पूरी प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।
इसके अलावा, चलती औसत अभिसरण-विचलन (एमएसीडी) को एक जटिल संकेतक माना जाता है जो विभिन्न चलती औसत के बीच बातचीत को देखता है।
तकनीकी विश्लेषण की सीमाएं
जितना अधिक वे सहायक होते हैं, तकनीकी विश्लेषण में एक विशिष्ट व्यापार ट्रिगर के आधार पर कुछ सीमाएं हो सकती हैं, जैसे:
- चार्ट पैटर्न का आसानी से गलत अर्थ निकाला जा सकता है
- गठन कम मात्रा पर स्थापित किया जा सकता है
- चलती औसत का अध्ययन करने के लिए उपयोग की जाने वाली अवधि बहुत कम या बहुत लंबी हो सकती है
तकनीकी विश्लेषण की प्रक्रिया
किसी भी अन्य डोमेन की तरह, तकनीकी विश्लेषण भी विशिष्ट सिद्धांतों के बारे में है। इस दायर में शामिल अवधारणाएं वित्तीय बाजार में बेहतर निर्णय लेने के लिए तकनीकी विश्लेषक के दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती हैं। कुछ सामान्य अवधारणाएँ हैं:
चार्ट पैटर्न: विभिन्न पैटर्न का स्टॉक चार्ट विश्लेषण एक तकनीकी चार्ट पर सुरक्षा की गति के साथ होता है।
फैलना: यहां, कीमतें पूर्व प्रतिरोध या समर्थन के क्षेत्र में मजबूती से प्रवेश करती हैं। यदि आप केवल सूचकांकों में व्यापार करना चाहते हैं, तो आप निफ्टी तकनीकी चार्ट में ब्रेकआउट की तलाश कर सकते हैं।
सहायता: यह कीमत का एक स्तर है जो खरीदारी गतिविधि को बढ़ा सकता है
प्रतिरोध: यह कीमत का एक स्तर है जो बिक्री गतिविधि को बढ़ा सकता है
गति: यह मूल्य दर में बदलाव को दर्शाता है
फाइबोनैचि अनुपात: इसका उपयोग एक सुरक्षा के प्रतिरोध और समर्थन को समझने के लिए एक गाइड के रूप में किया जाता है
इलियट वेव सिद्धांत और स्वर्ण अनुपात: इन दोनों का उपयोग आम तौर पर क्रमिक मूल्य रिट्रेसमेंट और आंदोलनों की गणना करने के लिए किया जाता है
साइकिल: यह एक मूल्य की कार्रवाई में संभावित परिवर्तन के लिए समय लक्ष्य की ओर संकेत करता है
तकनीकी विश्लेषण का महत्व
तकनीकी विश्लेषण एक ऐसा संकेतक है जो निवेशकों को कीमत से संबंधित जानकारी के साथ यह जानने में मदद करता है कि किसी ट्रेड में कब प्रवेश करना या बाहर निकलना है। ऐसी जानकारी आम तौर पर आपके व्यापार के अच्छे और बुरे पहलुओं को तय करने में मदद करती है।
बहुत सारे व्यापारी और निवेशक मानते हैं कि मूल्य डेटा एक आवश्यक हैफ़ैक्टर शेयर बाजार में सफलता के लिए। यह देखते हुए कि स्टॉक की मांग और आपूर्ति काफी हद तक तकनीकी विश्लेषण पर निर्भर करती है, बाजार के खुले होने पर अधिकांश जानकारी गतिशील रूप से अपडेट हो जाती है। कुछ चार्ट दिन के अंत में भी अपडेट हो जाते हैं।
एक अच्छा investore कैसे बने
Be a good investor : Hello, दोस्तों 😊आज हम जानेंगे की एक अच्छा investor कैसे बने | दोस्तों मैं आपको एक बात बता दू किसी काम में expart होने के लिए आपको उस चीज के बारे में पूरी जान कारी लेनी होगी | और आपको रेगुलर होना पड़ेगा |
अगर आप एक expart invester बनने में रूचि रखते है तो सबसे पहले आपको उससे जुड़ी बेसिक जानकारी रखनी होगी | दोस्तों इसके लिए हम जानते है investment के कुछ रूल |
स्टॉक मार्किट कैसे काम करता है|
NSE और BSE क्या है? और इनके क्या काम है
शेयर मार्केट में पैसे कैसे इन्वेस्ट करें पता करे
SIP Investment vs Lump Sum
निफ्टी और सेंसेक्स क्या है और ये कैसे काम करता है पूरी जानकारी रखे
किसी भी स्टॉक मार्किट का Fundamental Analysis कैसे करे
किसी भी स्टॉक मार्किट का Technical Analysis कैसे करे
1.दोस्तों शेयर या स्टॉक मार्किट डिजिटल रूप है इलेक्ट्रॉनिक device द्वारा काम किया जाता है | इसमें हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते है | BSE और NSE में जो Company लिस्टेड रहती है उसके Share किसी ब्रोकर के माध्यम से ख़रीदे व बेचे जाते है |
दोस्तों मानले अगर आपने किसी कंपनी का शेयर ले रखा है और कंपनी में किसी तरह की प्रॉब्लम आ गई तो और उसका शेयर गिर गया तो उस कंपनी के शेयर खरीदने वाले को नुकसान का सामना करना परता है |
इसमें कुछ अच्छी खबर भी होती है कुछ लोग इसके शेयर सस्ते में खरीद सकते है |और फिर कंपनी की प्रोब्लेम सही होने पे उस कंपनी के शेयर तेजी से उप्पर इनक्रीस होते है |
2. दोस्तों आइये जानते है शेयर मार्किट में पैसा कैसे लगाना है सबसे पहले तो दोस्तो आप किसी company का शेयर खरीदने वा बेचने की जल्दबाजी बिलकुल भी न करे ।
दोस्तो market में अनुशासन बहुत जरूरी है कई investor stock market में उतार चढाव के कारण अपनी कमाई डूबा देते है
दोस्तों आप शेयर मार्केट के शेयर के प्रति अपना नजरिया नियंत्रित रखे आप हाई return की उम्मीद बिलकुल भी न रखे। इससे शेयर का रेट कम हो जाए तो आपको दुख न हो ।
दोस्तों आप सरप्लस फंड ही उपयोग में लाए अर्थात् सारे खर्चों के बाद बचा हुआ धन ही share market में लगाए।जिससे अच्छा return मिलने पे उसी पैसे को उसे पैसे को आप फिर से अपयोग कर सके।
दोस्तो अब आइए जानते है । SIP V/S LUMP SUM दोस्तो ये सब तरीके होते है की आप कौनसे तरीके से पैसा लगाए जिससे शेयर मार्केट में एनालिसिस कैसे करें आपका पैसा सुरक्षित रहे । जैसे की mutual found में पैसा लगाना आसान हैं लेकिन किस तरीके से लगाए।
आइए हम जानते है । SIP systematic investment plan हैं जो की एक प्लानिंग के तहत् mutual found में invest करने का तरीका बताता है । और वही LUMP SUM तरीके से आप तभी invest करे जब आपके पास लगाने के लिए बहुत पैसा हो । और SIP तब अपनाए जब आप एकदम sure हो कि आप हर महीने fixed amount invest कर सकते हो |
3.जब निष्पक्षत रूप से स्टॉक की बात होती है तो दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज याद आते है | BSE – Bombay Stock Exchange जब की दूसरा है NSB – National stock Exchange ये भारत के सबसे बढे और एशिया ,जापान ,चीन के बाद सबसे बड़े stock Exchange है।
NSE 1992 में शुरु हुआ यह stock market के मामले में भारत का सबसे बड़ा stock exchange है इससे पूरी तरह से कागज पे आधारित stock trading से राहत मिली ।
यह benchmark index bhi होता है जिसे Nifty भी कहा जाता है। इसमें 50 अधिक कारोबार वाली company listed होती है। इसे nfty 50 भी कहा जाता है।
इन सबके अलावा BSE जो की 1875 मे the native share और ब्रॉकर एसोसिएट से शुरु किया गया था। इसका भी अपना benchmark index होता है इसे सेंसेक्स भी कहा जाता है जो की electronic treding में बदल गया।
मूलतः इसमें ओसत से उप्पर कारोबार करने वाली 30 company को लिस्ट किया गया है।
Be a good investor : दोस्तों बस मैं इतना कहना चाहूंगा कि stock में invest करने से पहले अच्छी तरह से जानकारी ले ले।
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