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[2023]शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है? Trading vs Investing in Hindi
यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है? जानना चाहते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाला है क्योंकि इस आर्टिकल में शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग के बारें में आसान शब्दों में बेहतर ढ़ंग से समझाया गया है. लेकिन जब तक इस आर्टिकल को पूरा नहीं पढेंगे तब तक समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, इसलिए उम्मीद है की आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़कर, अच्छे से समझने की कोशिश करेंगे.
शेयर मार्केट में दिलचस्वी रखने वाले नए निवेशक हमेशा इस बात को लेकर कंफ्यूजन में रहते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या होता है. तो चलिए सबसे पहले जानते हैं की शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग क्या है?
ट्रेडिंग क्या होता है? What’s Trading in Stock Market Hindi
Table of Contents
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग क्या है? इसे जानने से पहले हमें शेयर मार्केट क्या है? यह जानना ज़रूरी है, तो “जहाँ पर कंपनियों के शेयर्स अथवा हिस्सेदारी की ख़रीद या बिक्री होती है उसे शेयर मार्केट(Share Market) या शेयर बाजार कहते हैं.”
अब बात आती है ट्रेडिंग क्या होता है? अगर आसान शब्दों में समझें की ट्रेडिंग का क्या मतलब होता है तो किसी भी वस्तु की सेवा का ख़रीद और बिक्री करके मुनाफ़ा कमाना ही ट्रेडिंग कहलाता है. यदि दूसरे शब्दों में समझें तो शेयर मार्केट में किसी भी कंपनी के शेयर्स को एक दिन से एक वर्ष तक होल्ड करके रखने की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं.
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं? Types of Trading in Stock Market Hindi
स्टॉक मार्केट(Stock Market) में ट्रेडिंग को मुख्यतः चार पार्ट में डिवाइड किया गया है.
- इंट्राडे ट्रेडिंग
- स्कैल्पिंग ट्रेडिंग
- स्विंग ट्रेडिंग
- पोजिसनल ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? What’s Intraday Trading in Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? शेयर मार्केट में जब किसी स्टॉक को एक दिन के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) कहा जाता है, इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको एक ही दिन के अंदर स्टॉक को ख़रीदना और बेचना पड़ता है अगर आपने इंट्राडे ट्रेडिंग में किसी भी एक ही दिन में नहीं बेचा तो आपका ब्रोकर उसे बेच देगा फिर चाहे आपको मुनाफ़ा हुआ रहे या फिर नुकसान. केवल एक दिन में ख़रीदने और बेचने की वजह से इसे डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है, इसमें रिस्क और मुनाफ़ा दोनों ही बहुत ही ज्यादा होता है.
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या अंतर है? Trading vs Investing in Hindi
अगर बहुत ही सरल शब्दों में समझें तो ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में मुख्य अंतर यही होता है की ट्रेडिंग में किसी भी शेयर को बहुत ही शार्ट टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है और इन्वेस्टिंग में किसी कंपनी के शेयर को लॉन्ग टर्म के लिए ख़रीदा और बेचा जाता है. इसके अलावा भी आइये जानते है ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में क्या फ़र्क होता है?
ट्रेडिंग | इन्वेस्टिंग |
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कम समय के लिए होता है जैसे- कुछ मिनट, कुछ घंटे, एक दिन, कुछ हफ़्तों या फिर एक वर्ष तक | शेयर मार्केट में इन्वेस्टिंग लॉन्ग टर्म के लिए होता है जैसे- एक वर्ष से कई सालों तक |
शेयर मार्केट के किसी भी स्टॉक में ट्रैड करने के लिए स्टॉक बहुत ही कम पैसों में मिल जाता है. | इन्वेस्टिंग में किसी शेयर्स को पूरा ख़रीदना पड़ता है क्योंकि वह लंबे समय तक होल्ड पर होता है. |
ट्रेडिंग में किसी भी स्टॉक का टेक्निकल एनालिसिस करना होता है जबकि | इन्वेस्टिंग में किसी भी स्टॉक का फंडामेंटल एनालिसिस करना पड़ता है. |
ट्रेडिंग में ट्रेडर बहुत ही कम समय में बहुत ही ज्यादा पैसा कमाते है. | इन्वेस्टिंग में इन्वेस्टर को ज्यादा रिटर्न पाने के लिए लंबे समय तक शेयर को होल्ड करके रखना पड़ता है. |
इसमें जितना कम समय में अच्छा मुनाफ़ा होता है उतने ही कम समय में पैसा भी डूब जाता है. यानी रिस्क ज्यादा होता है. | इसमें इन्वेस्टर लॉन्ग टर्म के लिए किसी भी स्टॉक को होल्ड करके रखता है इसलिए पैसे डूबने का रिस्क बहुत ही कम हो जाता है. |
ट्रेडिंग में कम समय के अन्दर किसी भी स्टॉक को ख़रीदने और बेचने वालों को ट्रेडर कहा जाता है. | इन्वेस्टिंग में लंबे समय तक किसी भी क्यों scalping अपने नाम मिल गया? स्टॉक को होल्ड रखने वालों को इन्वेस्टर कहा जाता है. |
क्यों बढ़ेगी बिटकाॅइन की कीमत और घटेगी रूपए की कीमत? (Will Bitcoin’s Value Appreciate And Rupee’s Value Depreciate With Time?
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Note: This post has been written by a WazirX Warrior as a part of the “WazirX Warrior program“.
बिटकॉइन और पैसे के बीच में ऐसी बहुत सी बातें हैं जो बिटकॉइन को दुनिया की किसी भी मुद्रा से बेहतर और सबसे ज्यादा तेज़ गति से बढ़ने वाला निवेश बनती है।इस एक आर्टिकल में जानते हैं कुछ खास बातें मुद्रा और बिटकॉइन के बारे में।
बिटकॉइन की संख्या निर्धारित और मुद्रा की नहीं
किसी भी देश की मुद्रा पर सौ प्रतिशत नियंत्रण उस देश के केंद्रीय बैंक और सरकार का होता है और यही केंद्रीय नेतृत्व देश की मुद्रा से सम्बंधित सभी तरह के निर्णय लेता है।इस की सबसे बड़ी समस्या यह है की यह केंद्रीय नेतृत्व अपनी सुविधा और जरुरत के अनुसार जितना चाहे उतनी मुद्रा को बना सकते हैं,यह आमतौर पर देश की अर्थव्यवस्था को सही रूप से चलाने के लिए किया जाता है।लेकिन इस से एक बहुत बड़ी समस्या पैदा होती है और वह है मुद्रा की कीमत में गिरावट।आज से 30-40 साल पहले भारत में एक पैसा,दो पैसा,तीन पैसा,पांच पैसा,दस पैसा,बीस पैसा,पचीस पैसा और पचास पैसा भी बाजार में प्रचलन में था लेकिन आज रिज़र्व बैंक ने इन सभी सिक्कों को बनाना बंद कर दिया है और इसका कारण है रुपए की घटती हुई कीमत।आज एक रुपए से निचे के सिक्के से कुछ नहीं ख़रीदा जा सकता और जैसे जैसे समय आगे बढ़ेगा वैसे वैसे और मुद्रा छपेगी और रुपए की कीमत गिरती चली जाएगी।यही एक कारण है की भारत में दो हज़ार का नोट भी छापा गया जबकि अमेरिका जैसे देश में सौ डॉलर से बड़ा नोट नहीं छपता।अगर आप अफगानिस्तान,इंडोनेशिया या कुछ और देशों में देखेंगे तो आपको यहाँ बहुत बड़ी कीमत के नोट भी देखने को मिल जाते हैं क्योंकि इन देशों की मुद्रा की कीमत बहुत कम है।
मुद्रा की नकल लेकिन बिटकॉइन की नहीं
बिटकॉइन की कीमत के बढ़ने का कारण इसे हैक न कर पाना और इसकी नकल न कर पाना भी है।बिटकॉइन नेटवर्क को हैक कर पाना लगभग असंभव है क्योंकि बिटकॉइन नेटवर्क को माइनर्स CPU से सुरक्षा देते हैं और बिटकॉइन नेटवर्क को हैक या नकली ब्लॉकचेन बनाने के लिए आज तक बने सभी ब्लॉक को दोबारा बनाना होगा और आज की ब्लॉकचेन से ज्यादा हैश पावर बनानी होगी लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि एक ब्लॉक अगर 10 मिनिट से पहले बनता है तो डिफीकल्टी बढ़ती जाएगी और मुख्य चेन की बराबरी असंभव हो जएगी।इस कारण से बिटकाॅइन की नकल क्यों scalping अपने नाम मिल गया? असंभव है जबकि किसी भी देश की मुद्रा की नकल करना आसान है और लगभग हर देश की नकली मुद्रा बाजार में है और यह भी एक कारण है मुद्रा की कीमत के निचे गिरने का।
किसी भी देश की सरकार के पास यह अधिकार होता है की वह अपने द्वारा संचालित मुद्रा को कभी भी बंद कर सकती है और उसमे बदलाव कर सकती है।ऐसा समय से साथ साथ हर देश में होता आया है जबकि बिटकॉइन नेटवर्क विकेन्द्रीयकरण होने के कारण बिटकॉइन को न तो रोका जा सकता है और न ही बैन किया जा सकता है।यह एक बहुत बड़ा कारण है की एक समझदार निवेशक जिसे बिटकॉइन की जानकारी है वह सुरक्षित निवेश के लिए हमेशा बिटकॉइन को चुनेगा और जैसे जैसे लोगों को इसकी जानकारी होगी और बिटकॉइन में निवेश बढ़ेगा वैसे वैसे बिटकॉइन की कीमत भी ऊपर की तरफ बढ़ती जाएगी।
Stock Market/Share Market exchange कितने तरह के होते हैं –
नेशनल stock एक्सचेंज , इंडिया
भारत में मूलतः दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं। पहला और सबसे बड़ा है NSE और दूसरा BSE।
NSE का अर्थ है नेशनल स्टॉक एक्सचेंज।
BSE का अर्थ है बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज।
कोई कंपनी कैसे Share Market/Stock Market में listed होती है ?
किसी भी कंपनी के Stock Market में listed होने के लिए कुछ Rules बने होते हैं। जैसे –
1 कंपनी को IPO ( इनिशियल पब्लिक ऑफर ) में रजिस्टर्ड होना जरुरी है जो की Indian Government के आधीन आती है।
2 उस कंपनी का ३ से ५ साल का रिकॉर्ड क्यों scalping अपने नाम मिल गया? देखा जाता है। उस कंपनी का कोई डिफाल्टर लिस्ट में नाम नहीं होना चाहिए।
3 कंपनी का सभी financial रिकॉर्ड, प्रोजेक्ट्स इत्यादि सारी जानकारी जमा करनी पड़ती है।
4 इन सब के बाद उसका रिकॉर्ड सेबी के पास भेजा जाता है जो की Central Government के आधीन आती है।
5) तत्पश्चात उसका एक मूल्य निर्धारित किया जाता है।
6 ये वही Price होती है जो हमें BUY या SELL प्राइस के तौर पर दिखता है और जो की उस कंपनी के मार्किट वैल्यू के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
Stock Market में Share कितने तरह के होते हैं-
Common Share-
वैसे शेयर जिसे कोई भी खरीद बेच सकता है उसे कॉमन शेयर कहते हैं।
ऐसे शेयर्स क्यों scalping अपने नाम मिल गया? प्रॉफ़िट्स तोह बहुत दे सकते यहीं पर उतना हिन् रिस्क फैक्टर रहता है|
Preferential Share –
ऐसे शेयर्स मूलतः खास होते हैं और कुछ चुनिंदा लोगों को हिन् जारित की जातीं हैं।
जैसे की किसी ऑफिस के एम्प्लाइज, ज्यादा मुनाफा देने के लिए, आपसी समझौते के लिए इत्यादि।
Ready made Share –
कुछ कम्पनीज अपने शेयर होल्डर्स को प्रॉफिट का हिस्सा न दे कर उन्हें अपने कुछ शेयर्स दे देती है। क्यों scalping अपने नाम मिल गया? क्यों scalping अपने नाम मिल गया? इसे डिविदेनेड शेयरिंग भी कहा जाता है।
Commodity Market को सरल शब्दों में कच्चे माल का बाजार कहा जा सकता है। यहाँ पर वैसे उत्पाद जो की या तो कृषि, प्रकृति, या अन्य उन्ही तरह के उत्पाद को BUY ( खरीद ) या SELL ( बेच ) सकते हैं। जैसे की –
लौह अयस्क ( METAL ) – ZINC, COPPER, इत्यादि
क्रूड आयल ( PETROLEUM PRODUCTS )
इलाइची ( CARDAMOM ), रुई (COTTON) इत्यादि।
EQUITY मार्किट किसी कंपनी के आम स्टॉक होते हैं। उनकी आधिकारिक मूल्य को स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा निर्धारित किया जाता है और उसी के ऊपर उसका सारा व्यापार होता है।
Commodity की एक्सपायरी होती है पर EQUITY को आप जब तक चाहे तब तक रख सकते हैं।
आगे चलकर हम किसी अन्य लेख में कमोडिटी और इक्विटी पर विस्तार से बातें करेंगे।
Trading Account कैसे बनायें?
दोस्तों, ट्रेडिंग के लिए Trading Account भी बनाए जाते हैं, और यह Account Online Documents Submit करके बनाये जा सकते हैं। स्टॉक ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए आपको एक Stock Broker की क्यों scalping अपने नाम मिल गया? जरूरत होगी, जो आपका ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट बनाए।
पहले के समय में यह Account Offline बनाया जाता था, लेकिन अभी कई Company है, जो ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता बनाते है, जैसे Upstox, Angelone, Zerodha, Coinswitch etc.
दोस्तों, यह Account Zero Fees के साथ Open किये जाते है, हालांकि इसके लिए आपको अपनी बैंक डायर व पैन कार्ड देना होगा, जिससे आप अपनी KYC पूरी करेंगे। लेकिन ध्यान दे कि KYC के लिए कई Froud होते हैं, पहले Stock Broker का कोई भी Company से संबंधित प्रूफ मांगे और उसके बाद अपनी जानकारी दे। इसके अलावा उनके साथ OTP, Password और User ID बिल्कुल Share न करें।
Trading Account बनाने के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स
दोस्तों, ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए कुछ जरूरी डाक्यूमेंट्स की भी जरूरत होती है जैसे कि –
- बैंक की डायरी
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी/ड्राइविंग लाइसेंस
- डीमैट अकाउंट के लिए 18 साल होनी चाहिए
Trading के प्रकार
दोस्तों, Trading काफी लोकप्रिय हो चुकी है और आज के समय में ट्रेडिंग बहुत तरीके से की जा रही है। हमने बताया था कि यह एक Mind Game हैं, और वर्ल्ड में सभी लोगों के सोचने का तरीका अलग-अलग होता है हमरे कहने का मतलब है कि ट्रेडिंग के बहुत से प्रकार क्यों scalping अपने नाम मिल गया? होते हैं, और ट्रेडिंग को अलग-अलग तरीकों से करने के आधार पर बनाये गये है।
- Scalping Trading
- Positional Trading
- Intraday Trading
- Swing क्यों scalping अपने नाम मिल गया? Trading
1. Scalping Trading
दोस्तों, इस तरह की ट्रेडिंग में बहुत कम Time मिलता है और बहुत ज्यादा Quantity में Share खरिदे व बेंचे जाते हैं। मतलब आपको किसी भी Share को खरिदने के लिए सिर्फ 2 Min या 3 Min का Time दिया जाता है, जिसमें यह Decide करना है, कि सामने वाली Company के Share खरिदने है या नही।
Trading से पैसे कैसे कमाएं 2022
दोस्तों, अब तक आप लोगो को पता चल गया होगा कि Trading क्या है? लेकिन ट्रेडिंग कैसे करें और ऑनलाइन ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएं? तो ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए आपके पास Demate Account और एक Trading Account होना चाहिए। वर्तमान समय में बहुत सारी कम्पनियाँ Application और Website के द्वारा Demate Account व Trading Account बनाती हैं, जैसे Upstox, Samaco, Angelone, Kavy, Motilal Oswal Online Etc.
दोस्तों, Account बनाने के बाद आप Broker से Help लें सकते हैं, जो आपको बताया कि आप किस Company के Share खरीद सकते है और बेच सकते हैं। हालांकि आप यह काम खुद भी कर सकते हैं, अगर आपके पास जानकारी है तो। हमारा मानना है कि आप शुरूआती समय में Broker का सहायता लें, और छोटे निवेश से जानकारी प्राप्त करें।
ट्रेडिंग का मतलब सही Time पर Stock को चुनना होता है और उनके Share को खरीदना होता है। इसके साथ ही उन ख़रीदे हुए Share को सही TIme पर Sell करना भी होता है। अत: ट्रेडिंग का पुरा खेल सही समय पर सही Stock के Share को खरीदना व बेचना है।
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