INDORE NEWS- युवती की डेड बॉडी मिली, गला घोंटकर मारा गया है
इंदौर। शहर के खजराना क्षेत्र में 20-25 साल की एक लड़की की डेड बॉडी मिली है। बॉडी आधी जली हुई है। गले में दुपट्टा कसा हुआ है। पुलिस का मानना है कि लड़की को दुपट्टे से गला घोंटकर मारा गया और फिर उसकी पहचान छुपाने के लिए उसके शव को जलाने की कोशिश की गई। डेड बॉडी की पहचान नहीं हो पाई है। डॉक्टर का कहना है कि उसकी उम्र 20 से 25 साल के बीच रही होगी।
TI दिनेश वर्मा के मुताबिक घटना बाइपास के नजदीक शहीद पेट्रोल पंप के पास की है। सोमवार सुबह यहां झाड़ियों में युवती की लाश पड़े होने की जानकारी डायल-100 को मिली। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। युवती की बॉडी का ऊपरी हिस्सा जला हुआ है। गले पर दुपट्टा लिपटा था। FSL टीम ने जांच की है। शव को MY अस्पताल भेजा गया है। युवती की पहचान का प्रयास किया जा रहा है।
गला घोंटकर लड़की की हत्या की गई है
TI के मुताबिक प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि युवती का पहले गला घोंटा गया है। इससे उसकी मौत हुई है। इसके बाद पहचान छिपाने के लिए उसके चेहरे और शरीर को जलाया गया है। आसपास के थानों में गुमशुदगी को लेकर पूछताछ की जा रही है।
आसपास के CCTV जुटाने में जुटी पुलिस
घटनास्थल के करीब स्टार चौराहे के आसपास CCTV कैमरे लगे है। इसके बाद बाइपास पर कैमरे नहीं है। जहां शव मिला है, उसके पास भी कुछ स्थानों पर कैमरे लगे हैं। CCTV फुटेज को खंगाला जा रहा है। इंदौर की महत्वपूर्ण खबरों के लिए कृपया इंदौर न्यूज़ पर क्लिक करें.
गुजरात का फाइव स्टार चोर जयेश:देश की लग्जरी होटल में करता है चोरी, उदयपुर में चोरी के बाद जयपुर आया
जयपुर के पांच सितारा होटल क्लार्क्स आमेर में 2 करोड़ की ज्वैलरी और केश चुराने वाले शातिर बदमाश की पहचान जयेश रावजी सेजपाल (47) के रुप में हुई है। गुजरात में जूनागढ़ का रहने वाला जयेश इन दिनों मुंबई में रह रहा है। वह पांच सितारा होटल में होने वाली बड़े परिवारों की शादियों को ही निशाना बनाता है।
जयेश के खिलाफ हैदराबाद, मुंबई, चंडीगढ़, उदयपुर, कानपुर, आगरा, चेन्नई सहित कई बड़े शहरों में पांच सितारा होटल में चोरी के केस दर्ज है। वह एक ही पैटर्न पर चोरी की 13 वारदातें कर चुका है। फर्राटेदार अंग्रेजी और दूसरी भाषा बोलने में माहिर जयेश होटल में फोन कर 20-25 कमरे एक साथ बुक करवाने के बहाने वीआईपी शादियों के लिए बुकिंग की जानकारी जुटा लेता है। इसके बाद उस शहर में पहुंचने के लिए ज्यादातर बस से सफर करता है।
वह फाइव सितारा होटल में मेहमानों के आने का इंतजार करता है। उनके साथ ही एंट्री करता है। जयेश इतना शातिर है कि रिसेप्शन के आसपास खड़ा रहकर लगेज टैगिंग के वक्त मेहमानों पर नजर रखता है। कौन किस कमरे में रुकेगा, किसके पास क्या सामान है, कौन सा मेहमान अपना सामान को होटल कर्मी को नहीं सौंप रहा है, यह सब वह देखता है। फिर उसी मेहमान को टारगेट कर कमरा नंबर नोट कर लेता है।
जब मेहमान शादी समारोह में चले जाते है। तब जयेश होटल में कमरे वाले का नाम बताकर लॉक खुलवाता है। फिर वारदात कर भाग जाता है। वह उदयपुर और जयपुर से पहले जोधपुर में भी साल 2013 में वारदात कर चुका है। वह सबसे पहले 2006 में आगरा में गिरफ्तार हुआ था। अंतिम बार चंड़ीगढ़ में पकड़ा गया। जमानत पर छूटकर वापस चोरी करना शुरु कर दिया।
21 नवंबर को उदयपुर के होटल ट्राइडेंट में 15 लाख रुपए चुराए
जयपुर से पहले जयेश ने उदयपुर के होटल ट्राइडेंट में 21 नवंबर को वारदात की थी। वह दिल्ली के रहने वाले श्रेष्ठ कालरा के कमरे से 15 लाख रुपए चुराकर भाग निकला था। वहां भी वह सीसीटीवी फुटेज में आ गया।
जयपुर और उदयपुर में वारदात के वक्त उसने एक ही कपड़े पहन रखे थे। श्रेष्ठ कालरा ने उदयपुर के सुबह के स्टार पैटर्न को पहचानें अंबामाता थाने में केस दर्ज करवाया था। वह दोस्त की शादी में शामिल होने होटल ट्राइडेंट में आए थे। जहां जयेश ने श्रेष्ठ कालरा को टारगेट किया। उनके समारोह में जाने के बाद खुद को श्रेष्ठ कालरा बताकर रिसेप्शन पर फोन किया। फिर लॉक नहीं खुलने की बात कह कर मास्टर की से श्रेष्ठ कालरा का कमरा खुलवाया। वहां से रकम चुराकर भाग निकला।
जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में सीसीटीवी फुटेज में हुलिया सामने आने के बाद पुलिस ने प्रदेश के अन्य जिलों व बाहरी राज्यों की पुलिस से संपर्क किया। तब उसकी पहचान हो गई।
पुलिस कल तक जयेश को गिरफ्तार कर सकती है। जयेश ने जयपुर में वारदात से पहले उदयपुर के पांच सितारा ट्राइडेंट होटल में भी वारदात की थी। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि होटल क्लार्क्स आमेर में वारदात के लिए जयेश 25 नवंबर को जयपुर पहुंचा था। यहां बनीपार्क सुबह के स्टार पैटर्न को पहचानें इलाके में एक होटल में ठहरा।
जयेश सिंधी कैंप बस स्टैंड से एक ऑटोरिक्शा लेकर होटल क्लार्क्स आमेर पहुंचा था। उसने छत्तीसगढ़ के कारोबारी राजीव बोथरा की बेटी की शादी में आए मेहमानों के साथ होटल में प्रवेश किया।
उनके रिश्तेदार राहुल बंथिया को टारगेट किया। सुबह करीब तीन-चार घंटे होटल में ठहरकर वापस अपने होटल चला गया। इसके बाद शाम को जयेश दोबारा होटल क्लार्क्स आमेर पहुंचा। वहां मेहमानों के महिला संगीत समारोह में जाने के बाद राहुल बंथिया के कमरे का लॉक खुलवाया और तिजोरी में रखे जेवर लेकर भाग निकला।
क्रिकेटर बनना है, शुरुआत कैसे करूं?
मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं। यह जानना चाहता हूं कि इसके लिए मैं कहां से शुरुआत करूं? मैं अच्छी क्रिकेट एकेडमी के बारे में भी जानना चाहता हूं? संस्कार शर्मा, जमशेदपुर करियर ऑप्शन के तौर पर क्रिकेटर.
मैं क्रिकेटर बनना चाहता हूं। यह जानना चाहता हूं कि इसके लिए मैं कहां से शुरुआत करूं? मैं अच्छी क्रिकेट एकेडमी के बारे में भी जानना चाहता हूं?
संस्कार शर्मा, जमशेदपुर
करियर ऑप्शन के तौर पर क्रिकेटर बनने के लिए काफी टेलेंट, कठिन परिश्रम और किस्मत की जरूरत होती है। इसके लिए कोई कॉलेज/ यूनिवर्सिटी नहीं है, जो इस प्रोफेशन के लिए डिग्री प्रदान करती हो। यद्यपि इसके लिए देश भर में अनेक ट्रेनिंग संस्थान हैं, जहां आप अपनी स्किल को बढ़ा सकते हैं।
इस क्षेत्र में जाने से पहले आपके पास इस खेल से संबंधित प्रतिभा की भरमार होनी चाहिए। आपको अपने और अपने टेलेंट के प्रति कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए और उसी के अनुरूप अपना लक्ष्य तय करना चाहिए। इससे पहले कि आप शुरुआत करें, आपको काफी प्रैक्टिस करनी चाहिए। किसी भी खेल में प्रैक्टिस का कोई विकल्प नहीं है। आप अपने जिले की टीम में चयन के साथ शुरुआत कर सकते हैं, इसके बाद आप राज्य स्तरीय टीम में चयन की कोशिश करें और आगे के लिए खुद को साबित करें।
आज ऐसी अनेक एकेडमीज और इंस्टीटय़ूट्स हैं, जो खेल विशेष के लिए खिलाड़ियों का चयन करते और उन्हें प्रशिक्षित करते हैं। प्राइवेट सेक्टर में चल रही एकेडमीज में एमआरएफ पेस फाउंडेशन, चेन्नई और क्रिकेट प्रोफेशनल्स द्वारा चलाई जा रही एकेडमियां देश के अधिकांश शहरों में चल रही हैं, जहां खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाता है। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और कुछ स्टेट स्पोर्टिग एसोसिएशन्स भी स्पेशल एकेडमीज चलाती हैं, जहां स्वाभाविक टेलेंट को तराशने में सहायता की जाती है। दिल्ली स्थित कुछ संस्थान, जो प्रशिक्षण प्रदान करते हैं, इस प्रकार हैं-मदनलाल क्रिकेट एकेडमी, सीरी फोर्ट स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, अगस्त क्रांति मार्ग, नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया, मथुरा रोड, बदरपुर और यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली।
मैं मास्टर्स ऑफ आर्ट्स इन जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन कोर्स कर रहा हूं। मैं पीएचडी इन मास कम्युनिकेशन या पीएचडी इन पॉलिटिक्स कोर्स के बारे में विस्तार से जानकारी चाहता हूं। जेआरएफ परीक्षा क्या है? क्या इस कोर्स के लिए पीएचडी फायदेमंद साबित होती है?
सुमित कुमार चौरसिया
नेशनल एलेजिबिलिटी टेस्ट (एनईटी) नेट का आयोजन नेशनल एजुकेशनल टैस्टिंग ब्यूरो ऑफ युनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) द्वारा किया जाता है। इस टैस्ट का आयोजन लेक्चरर बनने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों की योग्यता की परख करने और जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) प्रदान करने के लिए उद्देश्य से किया जाता है। इसका मकसद टीचिंग सुबह के स्टार पैटर्न को पहचानें प्रोफेशन और रिसर्च के लिए न्यूनतम मानक सुनिश्चित करना है। जो उम्मीदवार रिसर्च करना चाहते हैं, उनके लिए जूनियर रिसर्च फैलोशिप उपलब्ध है। यह पांच साल के लिए है। यह तभी प्रदान की जाती है, जब सुबह के स्टार पैटर्न को पहचानें उम्मीदवार कुछ आवश्यक शर्तों को पूरा करता है। जेआरएफ उन प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को प्रदान की जाती है, जो लेक्चररशिप के लिए आयोजित नेट परीक्षा को पास कर लेते हैं। इसके लिए उम्मीदवार को आवेदन पत्र भरते समय जेआरएफ का चयन करना होता है।
आप पीएचडी के बारे में सोच सकते हैं, यदि आप अध्यापन या रिसर्च में करियर बनाना चाहते हैं। इसके लिए रिसर्च में काफी समय लगता है और काफी परिश्रम करना होता है। इसलिए पीएचडी वही कर सकता है, जो इतना परिश्रम करने की क्षमता रखता है। यह आपके प्रोफेशन के लिए बहुत जरूरी नहीं है।
मैं कंप्यूटर साइंस में बीटेक कर रहा हूं। मैं यह जानना चाहता हूं कि इस क्षेत्र के लोगों के लिए यूपीएससी परीक्षा में क्या स्कोप है?
शाश्वत तिवारी
हर वह छात्र, जिसने अपनी स्नातक डिग्री पूरी कर ली है, वह यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा देने की पात्रता हासिल कर लेता है। इसके लिए आयु 21 वर्ष से अधिक तथा 30 वर्ष से कम होनी चाहिए। एक छात्र यूपीएससी परीक्षा के लिए चार बार ही कोशिश कर सकता है। परीक्षा के दो सेट पास करने होते हैं, एक तो प्रिलिमिनरी एग्जाम और मेन एग्जाम। जब कोई यूपीएससी परीक्षा पास कर लेता है तो उसे उसके रैंक के अनुसार 32 सिविल सर्विसेज में से किसी एक के लिए चुना जाता है।
2011 की परीक्षाओं से यूपीएससी नया पैटर्न अपना रहा है। नए सिलेबस में समान वेटेज (दोनों के 200-200 अंक) के साथ दो कॉमन पेपर होंगे। पहले पेपर में परीक्षा देने वाले की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्त्व के करंट ईवेंट्स, भारतीय इतिहास, भारत और विश्व भूगोल, भारतीय राजनीति, गवर्नेन्स, अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास और सामान्य विज्ञान, जिसमें एनवायरमेंटल इकोलॉजी, बायोडाइवर्सिटी और क्लाइमेट चेंज शामिल है, पर पकड़ को परखा जाएगा। दूसरे पेपर में जनरल कॉम्प्रिहेंशन, इंटर पर्सनल स्किल्स जिसमें कम्युनिकशन स्किल शामिल है, लॉजिकल रीजनिंग और एनालिटिकल एबिलिटी, डिसीजन मेकिंग एंड प्रॉब्लम सॉल्विंग, जनरल मेंटल एबिलिटी, बेसिक नंबर और उनके रिलेशन्स (सेकंडरी स्तर के) और डाटा इंटरप्रिटेशन (चार्ट्स, ग्राफ्स, टेबल्स और डाटा सफिसिएंसी) के बारे में पूछा जाएगा। प्रिलिमिनरी एग्जाम के लिए आप 23 विषयों में से चयन कर सकते हैं। आप अपनी रुचि के विषयों का चयन करें, जिनमें आप अन्य विषयों की अपेक्षा ज्यादा सहज महसूस करते हों।
इसके अतिरिक्त जैसा आप इंजीनियरिंग कर रहे हैं तो आप इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस जॉइन कर सकते हैं, जहां आप की तकनीकी जानकारी और योग्यता का प्रयोग हो सकता है। यूपीएससी कंबाइंड इंजीनियरिंग सर्विसेज एग्जाम भी आयोजित करता है। इसमें आपके इंजीनियरिंग स्पेशलाइजेशन और जनरल टैस्ट, जिसमें इंग्लिश और जनरल स्टडीज भी शामिल है, की लिखित परीक्षा ली जाती है।
अगर अपनी शिक्षा और करियर को लेकर आपके जेहन में भी कोई सवाल है तो लिख भेजें-सलाह, नई दिशाएं, हिन्दुस्तान, 18-20 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नयी दिल्ली-110001 या मेल करें[email protected]
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