नियर टर्म में बाजार में हाई वोलेटिलिटी देखने को मिल सकती है. (pixabay)

Swing Trading क्या है ? और कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग यहाँ जाने पूरी जानकारी

Swing Trading शेयर बाजार मे मुनाफा कमाने का एक और बढ़िया विकल्प है। लेकिन स्विंग ट्रेडिंग को बुनियादी तौर पर समझे बिना इसका प्रयोग करने से आपको कभी लाभ नहीं मिल सकता। अगर आप शेयर बाजार मे नए है और निवेश की शुरवात कर रहे है तो आपको इसे अपनाने के पहले ठीक से जानना जरुरी है।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?(What Is Swing Trading)

  • स्विंग ट्रेडिंग को आप इंट्राडे ट्रेडिंग भी नहीं कह सकते और डिलीवरी ट्रेडिंग भी नहीं कहा जा सकता।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे ख़रीदे हुए शेयर 1 दिन से ज्यादा और उसके बाद 2 से 3 दिन या फिर 1 सप्ताह कर होल्ड किये जाते है।
  • इंट्राडे मे होल्ड की गयी शेयर पोजीशन उसी दिन सेल की जाती है और डिलीवरी ट्रेडिंग शेयर खरीदने के बाद उन्हें लम्बे समय तक होल्ड किया जाता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग के जरिये छोटे समय मे मुनाफा कामबे का उद्देश्य होता है।
  • ऐसे समय शेयर के छोटे से कीमत के बदलाव पर मुनाफा कमाया जाता है।
  • स्वाँग ट्रेडिंग मे लाभ कमाने के लिए रणनीति के आधार पर ट्रेड किया जाता है।
  • इसे आप डिलीवरी ट्रेडिंग का एक उप प्रकार भी कह सकते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग करने वाले निवेशक शेयर की कीमतों का अंदाज़ा लगाने के लिए तकनिकी विश्लेषण करते है
  • इसी समय निवेशक उस शेयर के बारे मे बारीकी से अभ्यास करते है जैसे की कंपनी का प्रोडक्ट और छोटे समय मे कंपनी मे होने वाले बदलाव जो शेयर पर असर डालते है।
  • बिना विश्लेषण किये स्विंग ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा है विश्लेषण के जरिये स्टॉप लॉस लगाकर जोखिम को कम किया जा सकता है।

कैसे करे स्विंग ट्रेडिंग :(How To Start Swing Trading)

  • सबसे पहले ट्रेडिंग या निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट और ट्रेडिंग खाता होना चाहिए जिसे आप किसी भी ब्रोकर के जरिये खोल सकते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग करना काफी जोखिम भरा साबित हो सकता है स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए आपको सबसे पहले सही शेयर को चुनना चाहिए। (जिसेक लिए स्विंग ट्रेडिंग के रणनीतियों को इस्तेमाल कर सकते है )
  • स्विंग ट्रेडिंग करते समय जब शेयर बाजार मे उतार चढाव होता है ऐसे समय ट्रेड करना चाहिए।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे कम समय मे कीमत बढ़ने पर लाभ होता है इसलिए ज्यादा लिक्विडिटी वाले शेयर चुनने चाहिए।
  • शेयर को चुनने के बाद उस शेयर का तकनिकी और कंपनी का अंतर्गत विश्लेषण काफी ज्यादा मायने रखता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही शेयर चुना है या नहीं ये जानने के लिए आप स्विंग ट्रेडिंग के लोकप्रिय राणिनीतिया अपना सकते है जो की तकनिकी संकेतो के जरिये शेयर के कीमत के बारे मे अंदाज़ा लगाने मे मदत करते है।
  • आप चार्टिंग के जरिये विश्लेषण के लिए इंट्राडे टूल्स का इस्तेमाल कर सकते है इसी समय सामन्य चार्टिंग से भी 1 सप्ताह के संकेतो का विश्लेषण किया जा सकता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग शेयर निवेश करने के बाद आपको आपके विश्लेषण के अनुसार स्टॉप लॉस रखना चाहिए इससे रिस्क कम होती है।
  • स्विंग ट्रेडिंग निवेश समय आपके होल्डिंग पोजीशन को हर समय नजर रखनी चाहिए और हर बदलाव का असर समझाना चाहिए।
  • आखिर मे आपके स्विंग ट्रेड रणनीति के अनुसार मुनाफा आने पर होल्डिंग बेचनी चाहिए।
  • स्टॉप लॉस हिट होने के बाद होल्डिंग स्क्वायर ऑफ कर लेनी चाहिए।

कब करनी चाहिए स्विंग ट्रेडिंग :(When Is Best Time To Do Swing Trading)

  • स्विंग ट्रेडिंग निवेश के लिए कोई तय समय नहीं है ये आपके ऊपर निर्भर करता है की आपने इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज शेयर को कितनी अच्छी तरह से जांचा है।
  • जब आप शेयर का तकनिकी विश्लेषण करते है तब आपको शेयर के ट्रेंड का पता लग जाता है।
  • इसका मतलब शेयर करेक्शन करते समय अपना ट्रेडन बदल देता इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज है ऐसे समय स्विंग ट्रेडिंग अच्छा रिजल्ट दे सकती है और लॉस होने की जोखिम भी कम होती है।
  • इस ट्रेंड और करेक्शन को जानना स्विंग ट्रेडिंग मे काफी जरुरी होता है जिसके लिए अलग अलग प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है।
  • निवेशक अलग अलग संकेतो का इस्तेमाल करके स्विंग हाई लौ ,मूविंग एवरेज ,ओवरबॉट ओवरसोल्ड की जानकारी को देखकर निर्णय लेते है।

स्विंग ट्रेडिंग के लाभ :(Benifits Of Swing Trading)

  • स्विंग ट्रेडिंग एक छोटे समय याने 1 हफ्ते से लेकर 1 महीने तक की जाती है इसमे छोटे समय मे आप ट्रेडिंग मुनाफा कमा सकते है।
  • शेयर के लम्बे समय तक का रिसर्च करने की जरुरत नहीं पड़ती है क्यों की आपको इसमे सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही निवेश करना होता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे जोखिम है लेकिन इंट्राडे के मामले मे यह जोखिम काफी कम है।
  • अच्छी शेयर मे स्विंग ट्रेडिंग करने पर ज्यादा लॉस होने की संभावना कम होती है क्यों की इसे आप रणनीति बदलकर होल्ड भी कर सकते है।
  • स्विंग ट्रेडिंग मे आपको 1 से 2 दिन मे अच्छा मुनाफा भी मिल जाता है जो की इंट्राडे ट्रेडिंग आपको नहीं देती है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए लोकप्रिय रणनीति :(Best Strategies For Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग के लिए रणनीति बनाकर कम समय मे अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.रणनीति मे मुनाफा कमाने की कीमत तय की जाती है इसी समय स्टॉप लॉस पर भी ध्यान दिया जाता है जिससे जोखिम नियंत्रित होती है।

Stocks in News: Nazara, JK Cement, V-Mart, Wipro समेत इन शेयरों में दिखेगा एक्शन, इंट्राडे में करा सकते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज कमाई

नियर टर्म में बाजार में हाई वोलेटिलिटी देखने को मिल सकती है. हालांकि इस बीच किसी न किसी पॉजिटिव सेंटीमेंट के चलते आज के कारोबार में कुछ शेयर एक्शन दिखा सकते हैं.

Stocks in News: Nazara, JK Cement, V-Mart, Wipro समेत इन शेयरों में दिखेगा एक्शन, इंट्राडे में करा सकते हैं कमाई

नियर टर्म में बाजार में हाई वोलेटिलिटी देखने को मिल सकती है. (pixabay)

Stocks in Focus Today: रूस और यूक्रेन संकट के चलते घरेलू शेयर बाजार पर बिकवाली का दबाव बना हुआ है. आज भी बाजार के लिए ग्लोबल संकेत बेहद कमजोर हैं. क्रूड 130 डॉलर प्रति बैरल के पार ट्रेड कर रहा है. दुनियाभर के बाजारों में गिरावट है. जानेकार मान रहे हैं कि नियर टर्म में बाजार में हाई वोलेटिलिटी देखने को मिल सकती है. हालांकि इस बीच किसी न किसी पॉजिटिव सेंटीमेंट के चलते आज के कारोबार में कुछ शेयर एक्शन दिखा सकते हैं. इनमें Nazara Tech, JK Cement, V-Mart, Balkrishna Industries, Wipro, KPIT, 3i Infotech और PNB Housing Finance जैसे शेयर शामिल हें. अगर आप इंट्राडे के लिए किसी बेहतर शेयर की तलाश में हैं तो इन पर नजर रख सकते हैं.

Nazara Technologies

मोबाइल गेमिंग कंपनी Nazara Technologies ने कहा कि उसके बोर्ड ने Datawrkz बिजनेस सॉल्यूशंस के मौजूदा शेयरधारकों को 25 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर जारी करने को मंजूरी दे दी है. ये शेयर प्रिफरेंशियल बेसिस पर 2260 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर जारी किए जाएंगे. इस अधिग्रहण के पूरा होने के बाद, कंपनी Datawrkz बिजनेस सॉल्यूशंस में 33 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी रखेगी. इसके अलावा, कंपनी अपनी सब्सिडियरी नेक्स्ट वेव में और इक्विटी शेयरों में सब्सक्रिप्शन के जरिए 30 करोड़ रुपये तक का निवेश करेगी.

Balkrishna Industries

Balkrishna Industries ने कहा है कि उसने निर्धारित समय से पहले भुज प्लांट में ब्राउन फील्ड विस्तार और डिबॉटलनेकिंग प्रोजेक्ट का व्यावसायिक उत्पादन सफलतापूर्वक शुरू कर दिया है. इससे टायरों का उत्पादन 50,000 एमटीपीए तक बढ़ जाएगा. अगले 6 महीनों में उत्पादन में पूर्ण रैंप-अप हासिल होने की उम्मीद है.

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JK Cement

JK Cement ने घोषणा की है कि वह पेंट बिजनेस में एंट्री करेगा. कंपनी ने कहा कि उसके बोर्ड ने सहायक कंपनी में पहले पांच साल में 600 करोड़ रुपये तक के निवेश को मंजूरी दी है.
पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के गठन से संगठन पूरी तरह से पेंट कारोबार पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा.

3i Infotech

3i इन्फोटेक को मिला 12.85 करोड़ रुपये का ठेका मिला है. कंपनी को राजस्थान स्टेट इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (RSPCB) से इसके ई-गवर्नेंस सॉल्यूशंस 2.0 के डिजाइन, विकास, इंप्लीमेंटेशन और रखरखाव के लिए एक वर्क आर्डर मिला है.

PNB Housing Finance

PNB Housing Finance की फंड जुटाने की योजना है. फंड जुटाने पर इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज विचार करने के लिए कंपनी 9 मार्च को बोर्ड की बैठक करेगी. स्टॉक पिछले एक साल में 7 फीसदी कमजोर हुआ है.

V-Mart Retail

एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 3 मार्च को ओपेन मार्केट ट्रांजेक्शन के जरिए V-Mart में 4.5 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है. ​​इसके साथ, कंपनी में इसकी हिस्सेदारी 4.2 के मुकाबले 8.76 फीसदी हो गई है. पिछले एक साल में स्टॉक में 20 फीसदी की तेजी आई है लेकिन पिछले एक महीने में इसमें 9 फीसदी की गिरावट आई है.

KPIT Technologies

रेटिंग एजेंसी ICRA ने KPIT टेक्नोलॉजीज की बैंक सुविधाओं के लिए स्टेबल आउटलुक के साथ लॉन्ग टर्म में कंपनी को ‘AA’ रेटिंग दिया है. जबकि शॉर्ट टर्म रेटिंग ‘A1+’ रखा है.

Wipro

विप्रो ने Designit के लिए एक नया सीईओ चुना है. Designit विप्रो के स्वामित्व वाली कंपनी है. विप्रो के शेयर में पिछले एक साल में 31 फीसदी की तेजी आई है.

Khadim India

Khadim India के प्रमोटर तनुश्री रॉय बर्मन ने 2 मार्च को ओपन मार्केट ट्रांजैक्शन के जरिए कंपनी में 41,600 इक्विटी शेयर खरीदे हैं. इसके साथ ही तनुश्री की कंपनी में शेयरहोल्डिंग अब 0.49 फीसदी हो गई है, जो पहले 0.26 फीसदी थी.

Option ट्रेडिंग क्या है? | ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं

option trading kya hai

दोस्तों आप में से बहुत से लोग ट्रेडिंग करते होंगे और ट्रेडिंग कई तरह की होती है उन्ही में से एक होती है ऑप्शन ट्रेडिंग, लेकिन क्या आपको पता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है और ये कितने तरह की होती है अगर नही, तो आइये आज इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज इस आर्टिकल में हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी इनफार्मेशन देते हैं.

option trading kya hai

Image Credit: Shutterstock

Table of Contents

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है (What is Option Trading in Hindi)

ऑप्शन ट्रेडिंग एस ऐसी ट्रेडिंग होती है जो किसी भी कस्टमर को किसी खास तारीख को एक खास कीमत के साथ किसी शेयर्स को खरीदने या बेचने का अधिकार देती है.

शुरुआत में ऑप्शन ट्रेडिंग करना थोड़ा कठिन होता है लेकिन वास्तविकता यह है कि ऑप्शन कुछ ऐसे होते हैं जिससे कोई भी आसानी से सीखकर कर सकता है भारत में ऑप्शन ट्रेनिंग सब से ज्यादा की जाती है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग करने के बहुत सारे फायदे होते हैं

जब भी आप ऑप्शन खरीदते हैं तो आपके पास अंतर्निहित ऐसेट को ट्रेड करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है लेकिन आप इसके लिए बाध्य नहीं होते हैं यदि आप आप ऐसा करते है तो इससे ऑप्शन का यूज़ करना कहा जाता है आपसे ट्रेडिंग में आप किसी भी स्टॉक इंडेक्स सिक्योरिटी में थ्रेट कर सकते हैं

ऑप्शन ट्रेडिंग कितने तरह की होती है?

ऑप्शन ट्रेडिंग दो तरह की होती है-

कॉल ऑप्शन

कॉल ऑप्शन ऐसा ऑप्शन ट्रेडिंग होता है जिसमे आपको एक निश्चित समय में एक उचित मूल्य पर किसी भी स्टॉक को खरीदने का अधिकार देता है लेकिन इसका दायित्व नहीं देता है कॉल ऑप्शन में ऑप्शन खरीदने के लिए आपको एक उचित मूल्य देना होता है जिसे प्रीमियम कहा जाता है कॉल अफसर का यूज़ करने वाले आखिरी तारीख को समाप्ति तारीख भी कहते हैं

पुट ऑप्शन

पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन के ठीक विपरीत होता है इसमें किसी भी स्टॉक को खरीदने का अधिकार होने की बजाय एक पुट ऑप्शन आपको एक उचित मूल्य पर स्टॉक बेचने का अधिकार देता है

ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं

ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिससे आप ऑनलाइन ब्रोकरेज खातों के द्वारा कर सकते हैं और ये आपको स्वतः निर्देशित ट्रेडिंग की अनुमति भी देता है ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के बाद आप स्टॉक ब्रोकर द्वारा दिए गए ट्रेंडिंग ऐप का यूज़ करके ऑप्शन में ट्रीट कर सकते हैं.

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना जरूरी होता है-

स्टॉक सिंबल क्या होता है

लगता है कि एक स्टॉक कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी किसी भी स्टॉक की पहचान करने के लिए क्या यूज़ किया जाता है जैसे Nifty 16,000 CE.

समाप्ति तिथि क्या होती है

समाप्ति तिथि वह डेट होती है जिसपर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाता है

स्ट्राइक मूल्य क्या होता है

जिसपर कस्टमर ऑप्शन का यूज़ करने में सक्षम होता है.

प्रीमियम क्या होता है

जब आप ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते हैं तो उसमें लगने वाली लागत को प्रीमियम कहा जाता है.

ऑप्शन ट्रेडिंग के लाभ क्या है?

ऑप्शन ट्रेडिंग करने के कुछ प्रमुख लाभ है-

  • अन्य ट्रेडिंग ऑप्शन्स की कंपेयर मे, आप कम इन्वेस्टमेंट के साथ भी ट्रेड करने में सफल हो इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज सकते हैं.
  • ऑप्शन का यूज़ आप मार्केट की किसी भी कंडीशन में कर सकते हैं और ये किसी भी अन्य ट्रेडिंग में नहीं किया जा सकता है.
  • ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले कस्टमर्स को ये फ्लेक्सिबिलिटी के साथ ही लिक्विडिटी भी प्रोवाइड कर सकता है.
  • ऑप्शन्स का इस्तेमाल हेजिंग के लिए भी किया जाता है जिसके द्वारा आप अपने पोर्टफोलियों को मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव में होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.

ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान क्या होते हैं?

ऑप्शन ट्रेडिंग के कई नुकसान होते हैं-

  • ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए इस स्टॉक का विश्लेषण करना इक्विटी स्टॉक से बिल्कुल अलग होता है जिसके लिए जरूरी है कि आप डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग की पूरी जानकारी लेने के बाद ही इसमें ट्रेड करें.
  • इसमें आपको किसी भी स्टॉक मूल्य के मूवमेंट के बारे में कुछ कह पाना मुश्किल होता है और अगर आपका अंदाजा गलत हो जाता है तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपको काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.

इसे भी पढ़े?

आज आपने क्या सीखा?

हमे उम्मीद है कि हमारा ये (option trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.

हमारी ये (option trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.

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New Margin क्या है ? जानिए सेबी के नए नियम – पूरी जानकारी

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New Margin क्या है ? यदि आप भी शेयर मार्केट में invest और trade करते हैं तो ऐसे में आपको SEBI के नए नियमों के बारे में जानना बहुत जरुरी है। ताकि आप अपने द्वारा किये हुए invest के risk को कम कर सके। तो आज हम आपको new margin के update के बारे में बताएँगे।

जिससे आपको किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। आज आप इस article में delivery, Intra-day,option & future ट्रेडिंग के साथ-साथ commodity, cash market के लिए new margin rule के बारे में जानेंगे जो एक traders के लिए बहुत ज़रूरी है। तो आईये चलिए जानते है कि – New Margin इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज Rule क्या है ?

New Margin Rule क्या है ?

New Margin Rule, जो stock broker द्वारा अपने clients को trading कराने के लिए provide कराया जाता था, उसे क्रमसः 25%, 50%, 75%, 100% चार चरणों में ख़त्म कर दिया जायेगा। यानी अब client को trade करने के लिए उसे खुद का पैसा अपने demat account में रखना अनिवार्य होगा। अन्यथा वह stock market में trade नहीं कर पायेगा।

अब client को ट्रेड करने के लिए उसे खुद का margin अपने Demat account में रखना पड़ेगा तभी वह trade कर पायेगा। ऐसा कर पाना एक retail trader के लिए भारी चुनौती भरा काम हो सकता है। क्योंकि रिटेल ट्रेडर के लिए पर्याप्त मात्रा में fund जुटाना आसान नहीं होता।

इसे यदि हम आसान भाषा में समझे तो पहले यदि आपके पास 1000 रुपये होते थे तो आपका stock broker आपको trade कराने के लिए 20 गुना margin provide करा देते थे और आप एक 1000 रुपये होते हुए भी 20,000 हजार रुपये तक की trading कर सकते थे।

लेकिन सेबी के New Rule Margin आ जाने से अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि यदि आप trade करना चाहते हैं तो आप जितने शेयर्स में ट्रेड करेंगे तो आपके demat account में उतना fund का होना अनिवार्य है।

Margin क्या है ?

शेयर मार्केट में margin का मतलब उधार होता है। यह margin स्टॉक ब्रोकर द्वारा अपने clients को trading कराने के लिए provide कराया जाता है। ताकि traders ज्यादा संख्या में trade कर पाएं और वह brokers clients से ज्यादा revenue generate कर पाएं।

यह market से 5 गुना, 10 गुना, 20 गुना तक हो सकता है। यह broker पर निर्भर करता है कि – वह कितने गुना तक margin अपने clients को provide करा सकता है।

New Peak Margin Rule For Delivery & Intraday In Hindi

पहले जब सेबी का new peak margin rule नहीं आया था; तब आप पूर्व में ख़रीदे गए किसी भी stock holding को sell करते थे। तो sell किये हुए stocks की जितनी कीमत होती थी वह पूरा amount आपके Demat Account में show हो जाता था।

लेकिन new peak margin rule आ जाने से अब ऐसा नहीं है अब आप अपनी जो भी holding sell करेंगे उसका 80% आपके Demat account में दिखाई देगा। आप उस 80% amount को ही उसी दिन (sameday) इंट्राडे में उपयोग कर पाएंगे बाकी का 20% amount अगले दिन आपके demat accont में show होगा।

लेकिन अब Intra-day trading के लिए stock Broker द्वारा आपको 1 सितंबर से किसी भी प्रकार से मार्जिन provide (उपलब्ध) नहीं करायी जाएगी। अब आपको Intra-Day में ट्रेडिंग करने के लिए अपने Demat account में पूरा Fund रखना होगा। तभी आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर पाएंगे।

लेकिन यदि आप उसी दिन Option और Future में ट्रेड करते हैं तो आप उसी दिन sell holding का मात्र केवल 60% मार्जिन का ही use कर पायेंगे। लेकिन जो इंट्राडे में मार्जिन चार्ज लिया जाता था, वह अब applicable नहीं होंगे और Brokerage charges same रहेंगे।

derivative segment में buy करना पहले जैसा ही रहेगा लेकिन आपको short selling के लिए ज्यादा amount अपने Demat account में रखना होगा। तभी आप short selling कर पाएंगे।

अंतिम राय –

सेबी का यह New margin इंट्राडे ट्रेडिंग के एडवांटेज rule आम तौर पर बड़े ट्रेडर के लिए ठीक है किन्तु यह retail traders के लिए मुश्किलें खड़ा कर सकता है। क्योंकि एक retail trader के लिए इतना ज्यादा fund जुटा पाना संभव नहीं होता। ऐसे में मार्केट से ज्यादातर Retail ट्रेडर्स गायब हो जायेंगे।

अतः सेबी को 100% margin rule को 33%-50% तक कर देना चाहिए ताकि एक retail trader को भी ट्रेड करने में आसानी हो।

उम्मीद है कि आप New Margin क्या है ? जान गए होंगे लेकिन फिर भी यदि आपको कोई doubts हो तो आप comment कर पूछ सकते सकते है। यदि आप भी हिंदी से प्यार करते है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करे।

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