सात राज्यों ने राष्ट्रीय औसत 2.2 रुझान आधारित प्रणाली का परिचय से अधिक दर्ज किया है- उत्तर प्रदेश (3.0), बिहार (3.2), मध्य प्रदेश (2.7), राजस्थान (2.6), असम (2.3), छत्तीसगढ़ (2.4) और झारखंड (2.5) जो कि 2011 की जनगणना में कुल जनसंख्या का लगभग 45% है।
ACTech Event
हमारे आतिथ्य मूल्यवान ग्राहक के लिए एंड-टू-एंड टेक्नोलॉजी समाधान का प्रस्ताव करने के लिए कई विक्रेताओं के साथ अपनी मजबूत साझेदारी के साथ, एक्ट हिल्टन हर्गडा रिज़ॉर्ट में 17 अक्टूबर को वर्ष 2019 के लिए अपने दूसरे वार्षिक "एक्टेक इवेंट" का आयोजन करेगा।
इस कार्यक्रम में होटल के समाधान के लिए विक्रेताओं के उत्पादों का एक समृद्ध चयन शामिल होगा:
• आकाशवाणी :
- होटल प्रबंधन के सभी क्षेत्रों के लिए व्यापक कार्यक्षमता के लिए ओपेरा क्लाउड।
- कर्मचारियों की सेवाओं और संचार को सशक्त बनाने के लिए ओपेरा मोबाइल-ऐप।
• एक वैश्विक
इलेक्ट्रॉनिक और ई-वॉलेट भुगतान के लिए मिस्र में रुझान का नेतृत्व करने के लिए।
• अरूबा
अरूबा विशेषज्ञ होटल प्रबंधन के लिए वायरलेस क्षेत्रों के लिए अपने नवीनतम प्रौद्योगिकी पोर्टफोलियो का प्रदर्शन करेंगे
• डिजिलेट:
- सबसे सहज कमरे नियंत्रण के लिए iPad इंटरफ़ेस का उपयोग करने के लिए आसान तरीके की पेशकश करना, जो आपके होटल की हस्ताक्षर शैली से मेल खाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, क्योंकि होटल के मेहमान अब कमरे के नियंत्रण, टेलीविजन नियंत्रण, मांग पर फिल्में, भोजन का आदेश देने, समाचार पत्र पढ़ने, और बहुत कुछ के लिए आईपैड का उपयोग कर रहे हैं। लक्जरी होटल के लिए समाधान।
कहानी शिक्षण – Hindi Pedagogy Study Notes for CTET Exam
CTET is main teaching eligibility est which will be going to held on 5th July 2020 by CBSE .Hindi as a language is main subject in both papers of CTET 2020. The students always choose Hindi as a language 1 or 2 in CTET exam. The examination pattern and syllabus of hindi subject contains for both papers i.e.hindi paragraph comprehension, hindi Poem comprehension and hindi pedagogy. This section total contain 30 marks.
Here we are providing you Study notes related to detailed Hindi syllabus of CTET exam which will help you in your better preparation. Today Topic is : कहानी शिक्षण
कहानी शिक्षण
कहानियाँ सुनना – सुनाना प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को भाषा सीखने में बहुत मदद करती है।कहानी सुनना बच्चों के लिए रुचिकर होने के साथ रुझान आधारित प्रणाली का परिचय – साथ उनकी सृजनात्मकता को भी बढ़ाने वाला होता है। कई बार बच्चे सुनी हुई कहानी में मनचाहा बदलाव करके अपने मित्रों को सुनाते हैं। इसके द्वारा बच्चे न केवल शब्दों के अर्थ बल्कि विभिन्न घटनाओं को भी समझने लगते हैं और साथ ही यह बच्चों की कल्पनाशीलता को भी बढ़ाती है। कहानी रुझान आधारित प्रणाली का परिचय इस मायने में भी महत्त्वपूर्ण है कि यह बच्चों में अनुमान लगाने की क्षमता बढ़ाती है जैसे – जब कभी बच्चे कहानी सुन रहे होते हैं तो उनकी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है कि आगे क्या होगा? वे अपने स्तर पर अनुमान लगाते रहते हैं और अगर कहानी उनकी सोच के अनुरूप आगे बढ़ती है तो वे ज्यादा आत्मविश्वासी होने लगते हैं और समय के साथ – साथ उनके अनुमान ज्यादा सटीक होते जाते हैं।
डेली न्यूज़
73वें स्वतंत्रता दिवस रुझान आधारित प्रणाली का परिचय पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘जनसंख्या विस्फोट’ पर प्रकाश डाला और इस चिंता से निपटने के लिये ‘सामाजिक जागरूकता’ की आवश्यकता को रेखांकित किया। हालाँकि रुझानों से संकेत मिलता है कि देश में प्रजनन दर की रोकथाम के संदर्भ में लगातार सुधार आया है।
- प्रजनन दर का अर्थ है बच्चे पैदा कर सकने की आयु (जो आमतौर पर 15 से 49 वर्ष की मानी जाती है) वाली प्रति 1000 स्त्रियों की इकाई के पीछे जीवित जन्में बच्चों की संख्या। लेकिन अन्य दरों (जन्म तथा मृत्यु दर) की तरह यह दर भी अशोधित दर ही होती है यानी कि यह संपूर्ण जनसंख्या के लिये मोटे तौर पर एक स्थूल औसत दर होती है और इसमें विभिन्न आयु वर्गों में पाए जाने वाले अंतर का कोई ध्यान नहीं रखा जाता।
- विभिन्न आयु वर्गों के बीच पाया जाने वाला अंतर कभी-कभी संकेतकों के अर्थ को प्रभावित करने में बहुत महत्त्वपूर्ण हो सकता है। इसीलिये जनसांख्यिकीविद् भी आयु विशेष की दर का हिसाब लगाते हैं।
- इस बात को कहने का एक दूसरा तरीका यह है कि सकल प्रजनन दर ‘स्त्रियों के एक विशेष वर्ग द्वारा उनकी प्रजनन आयु की अवधि में पैदा किये गए बच्चों की औसत संख्या के बराबर होती है (रुझान आधारित प्रणाली का परिचय प्रजनन आयु की अवधि का अनुमान एक निश्चित अवधि में पाई गई आयु विशेष की दरों के आधार पर लगाया जाता है)।
नमूना पंजीकरण प्रणाली
- SRS एक दोहरी रिकॉर्ड प्रणाली पर आधारित है और इसकी शुरुआत गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय द्वारा वर्ष 1964-65 में जन्म और मृत्यु के आँकड़ों को पंजीकृत करने के उद्देश्य से की गई थी।
- तब से SRS नियमित रूप से आँकड़े उपलब्ध करा रहा है।
- SRS के तहत एक अंशकालिक गणक (गणना करने के लिये नियुक्त व्यक्ति) द्वारा गाँवों/शहरों के जन्म और मृत्यु दर की निरंतर गणना की जाती है और एक पूर्णकालिक गणक द्वारा अर्द्धवार्षिक पूर्वव्यापी सर्वेक्षण किया जाता है।
- इन दोनों स्रोतों से प्राप्त आँकड़ों का मिलान किया जाता है। बेमेल और आंशिक रूप से सुमेलित आँकड़ों को फिर से सत्यापित किया जाता है ताकि सही एवं स्पष्ट गणना की जा सके और वैध आँकड़े प्राप्त हो सकें।
- हर दस साल कि अवधि में नवीनतम जनगणना के परिणामों के आधार पर SRS नमूना में संशोधन किया जाता है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 604