China Covid Restrictions: चीन के लिए 'No Entry' की तैयारी! आखिर क्यों परेशान हैं अमेरिका समेत कई देश

चीन ने देश में बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच डाटा शेयर करने से मना कर दिया है. इस फैसले को लेकर कई देशों ने काफी चिंता जाहिर की है.

तीन साल तक कोरोना पाबंदियों में कैद रखने के बाद अब चीन ने विदेशी यात्रियों के लिए अपनी सीमाएं खोलने का ऐलान कर दिया है, 8 जनवरी से चीन कोरोना के प्रतिबंधों को खत्म कर देगा. लेकिन चीन के इस कदम ने दुनिया को डरा दिया है, चीन ने भले ही दुनिया के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं, लेकिन दुनिया के कई देश चीन के लिए अपने दरवाजे बंद करने की तैयारी कर रहे हैं.

चीन के फैसले ने बढ़ाई कई देशों की चिंता

इस लिस्ट में सबसे पहला नाम अमेरिका का है, अमेरिका ने चीन आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल के उस फैसले पर चिंता जाहिर की है, जिसमें उसने कोविड का डेटा रोजाना शेयर करने से मना कर दिया है. अमेरिका और कई पश्चिमी देशों ने चीन के इस रवैये पर फिक्र जताई है.

अमेरिकी सरकार ने घोषणा की है कि वो चीन से आने वाले यात्रियों के लिए नए COVID-19 नियम लागू कर सकता है. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि बीजिंग से आने वाले पारदर्शी डेटा की कमी के कारण उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है.

चीन पर कैसे करें भरोसा?

जापान, आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल भारत और मलेशिया ने घोषणा की है कि वो चीन से आने वाले सभी यात्रियों के लिए नियमों को और भी कड़ा करने वाले आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल हैं.

ये कदम चीन में बढ़ रहे कोरोना मामले को ध्यान में रखते हुए उठाए जा रहे हैं. जापान में घोषणा की गई है कि वहां आने वाले सभी विदेशी यात्रियों के पास निगेटिव COVID-19 टेस्ट रिपोर्ट होना अनिवार्य होगा. वहीं, मलेशिया ने ट्रैकिंग और निगरानी के लिए और भी कई उपाय अपना लिए हैं. भारत भी विदेश से आने वाले 2% यात्रियों की टेस्टिंग कर रहा है.

एक दिन में 3.7 करोड़ लोग संक्रमित

चीन इस वक्त कोविड की सबसे बड़ी मार झेल रहा आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल है, तीन साल तक कोविड को काबू में नहीं कर पाने के बाद अब अचानक से कोविड-जीरो पॉलिसी को खत्म करने का फैसला दुनिया भर के सार्वजनिक-स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा रहा है. सरकार के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी के मुताबिक, आशंका है कि पिछले हफ्ते एक दिन में लगभग 3.7 करोड़ लोगो वायरस से संक्रमित हो हुए हैं.

डेटा छिपा रहा है चीन

कई देशों के अधिकारियों ने कहा कि चीन में चल रहे COVID-19 के मामलों में उछाल, वायरल जीनोम सीक्वेंसिंग डाटा और आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल पारदर्शी डाटा की कमी का नतीजा है.

इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंताएं बढ़ रही हैं चीन के कई हॉस्पिटल्स और अंतिम संस्कार की जगहों पर पैर रखने की जगह नहीं मिल रही है. इसे देखकर कहा जा सकता है कि 1.4 बिलियन लोगों के देश में वायरस बड़े पैमाने पर अनियंत्रित रूप से फैल गया है.

चीन की ओर से पेश किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सात दिनों में सोमवार तक कोविड की वजह से सिर्फ एक मौत हुई. इसलिए सरकार आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल के आंकड़ों ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चीन के लोगों के बीच संदेह पैदा किया है.

बता दें कि चीन ने बीते सोमवार को ही अपनी सीमाओं पर प्रतिबंधों को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने की बात कही है.चीन ने ऐलान किया है कि 8 जनवरी से देश के अंदर यात्रा करने वाले किसी भी यात्री को क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं होगी.

YES Bank Share Price | नए साल में यस बैंक का शेयर 50 रुपये के पार चला जाएगा, क्या निवेश करना चाहिए?

YES Bank Share Price

YES Bank Share Price | दिसंबर के अंतिम सप्ताह में यस बैंक के शेयरों में तेजी देखी गई। इसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने एनपीए को जेसी फ्लावर्स एआरसी में ट्रांसफर करने को हरी झंडी दे दी है। हालांकि 15 दिसंबर के बाद बाजार की गिरावट में इस प्राइवेट बैंक के शेयरों में एक बार फिर मजबूती देखने को मिली। बुधवार (28 December) दोपहर 12.10 बजे एनएसई पर कंपनी का शेयर 20.4 रुपये पर कारोबार कर रहा था। तो इन उतार-चढ़ाव के बीच सवाल यह है कि क्या यस बैंक के शेयरों में 2023 में फिर से तेजी आएगी।

विशेषज्ञों की सलाह क्या है?
विशेषज्ञों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे काफी हद तक यह तय करेंगे कि नए साल में यस बैंक के शेयरों का प्रदर्शन कैसा रहेगा। साथ ही यस बैंक के तीसरी तिमाही में अपनी आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल प्रोविजनिंग घटाने की उम्मीद है। इससे यस बैंक का मार्जिन तेजी से बढ़ेगा और इस प्राइवेट बैंक के मुनाफे में आने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो अगले 6 से 9 महीनों में इस प्राइवेट बैंक के शेयर का भाव 40 से 50 रुपये तक जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यस बैंक ने मार्च 2020 में बैंक में हिस्सेदारी हासिल करने वाले एक्सिस बैंक, आईडीएफसी बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक सहित अन्य बड़े निवेशकों को तीन साल के लिए लॉक-इन रखने का काम किया होगा। इसलिए वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में यस बैंक के अन्य बैंकों की तरह प्रोविजनिंग घटाने की उम्मीद है। ऐसे में बैंक के मार्जिन में काफी सुधार हो सकता है और मुनाफा हो सकता है।

GCL सिक्योरिटीज के सीईओ रवि सिंघल का कहना है, ‘काफी हद तक बैंक के तीसरी तिमाही के नतीजे तय करेंगे। अगर यह निजी बैंक अन्य बैंकों की तरह प्रदर्शन करता है तो यह भी बहुत आकर्षक होगा.’ उन्होंने आगे कहा कि यस बैंक का तिमाही प्रदर्शन अच्छा रहने पर मौजूदा शेयरधारकों को मुनाफा वसूली नहीं करनी आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल चाहिए. अच्छे तिमाही नतीजों से बैंक के शेयर 40 रुपये से 45 रुपये के जोन में जा सकेंगे।

बैंक के शेयर प्राइस अगले 6 से 9 महीने में 50 रुपये के लेवल तक जाने की संभावना है। चॉइस ब्रोकिंग के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर सुमित बगाड़िया कहते हैं, ‘अगर कोई व्यक्ति मौजूदा स्तर पर खरीदारी कर रहा है तो उसे 10,000 रुपये का भुगतान करना चाहिए। 17 के स्टॉपलॉस को ध्यान में रखना चाहिए, जिसका टारगेट प्राइस 10,000 करोड़ रुपये है। यह 24 है।

यस बैंक की Q2 का परिणाम
जुलाई-सितंबर 2022 तिमाही में यस बैंक ने शुद्ध ब्याज आय (एनआईएम) में 31.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने के बावजूद साल-दर-साल या साल-दर-साल आधार पर शुद्ध लाभ में 32.20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की। निजी वित्तीय संस्थान ने उस समय दावा किया था कि प्रोविजनिंग बढ़ने से बैंक के शुद्ध लाभ में गिरावट आई है। बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध यस बैंक के अनटाइटल्ड परिणामों के अनुसार, वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही के लिए यस बैंक का प्रावधान 10,000 करोड़ रुपये है। वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में यह 583 करोड़ रुपये था। यह 377 करोड़ रुपये था।

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