Sim Swapping

सिर्फ एक चूक आपको कंगाल बना देगी! समझिए 'सिम स्वैप' फ्रॉड आखिर है क्या?

हैकर्स की नजर आपकी डीटेल्स पर है. डीटेल्स आपके फोन में है. ऐसे में डीटेल्स को चुराने का नया तरीका इजाद किया है. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है.

मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है.

मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. फेक नंबर से कॉल आना, SMS से लिंक भेजना, फ्रॉड के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. हैकर्स की नजर आपकी डीटेल्स पर है. डीटेल्स आपके फोन में है. ऐसे में स्वैप क्या है? डीटेल्स को चुराने का नया तरीका इजाद किया है. 'सिम स्वैप' के जरिए चंद मिनटों में आपके खाते का पैसा चुरा लिया जाता है. आप इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा पाते लेकिन, खाता साफ हो चुका होता है. आपकी सिर्फ एक चूक आपको कंगाल बना सकती है. सिम स्वैप इन दिनों सबसे बड़े साइबर-फ्रॉड के तौर पर सामने आया है.

क्या है 'सिम स्वैप'?
सिम स्वैप के जरिए फ्रॉड करने के कई तरीके हैं. जैसा नाम से ही समझा जा सकता है कि सिम स्वैप का मतलब स्वैप क्या है? आपके फोन के सिम का इस्तेमाल करना. सिम कार्ड में यूजर का डाटा स्टोर होता है. सिम यूजर की ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. सीधे तौर पर कहा जाए तो, आपके पास जो भी सिम है, वह अचानक बंद हो जाता है. आपके नाम से जो भी सिम है, उस सिम को हैकर स्वैप कर लेते हैं. फिर स्वैप किए गए सिम को क्लोन करके उसका नकली (डुप्लीकेट सिम) बनाया जाता है. अब वही नंबर को हैकर अपने नाम से शुरू करता है. फिर हैकर आपके सभी बैंकों के OTP को जेनरेट करके उसका गलत फायदा उठता है. OTP की मदद से अकाउंट से चंद मिनटों में पैसे निकाले जाते हैं.स्वैप क्या है?

कैसे शुरू होती है धोखाधड़ी?
सिम स्वैप फ्रॉड का सबसे आसान तरीका है. यह एक कॉल के जरिए शुरू होता है. आपके नंबर पर एक कॉल आएगी, जिसमें टेलीकॉम कंपनी का एग्जीक्यूटिव बनकर हैकर आपको कॉल करेगा. इस कॉल पर आपको नेटवर्क बेहतर बनाने के लिए फोन नंबर ऑथेंटिकेट करने के लिए कहा जाएगा. साथ ही कुछ प्लान और ऑफर बताए जाएंगे. कॉलर आपसे नेटवर्क सुधारने के लिए आपसे सिम के पीछे प्रिंट 20 डिजिट वाला नंबर पूछता है. हैंकर्स को जैसे ही आप 20 डिजिट वाला नंबर बताएंगे तो आपसे 1 दबाने को कहेगा. यह सिम स्वैप करने की सहमति के लिए होता है. टेलीकॉम कंपनी आपकी इस रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेगी. इस तरह आपका सिम कार्ड ब्लॉक हो जाएगा और दूसरा यानी स्वैप किया गया सिम एक्टिवेट हो जाएगा.

OTP के लिए होता है सिम स्वैप
सिम स्वैप करने वाले हैकर के पास आपके बैंक अकाउंट की डिटेल्स होती हैं या फिर आपका डेबिट कार्ड का नंबर होता है. बस जरूरत होती है तो ओटीपी की, सिम स्वैपिंग की मदद से उसे ओटीपी भी मिल जाएगा. इसके बाद चंद मिनटों में आपके अकाउंट से सारे पैसे ट्रांसफर कर लिए जाएंगे.

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सिम स्वैप फ्रॉड से बचने के लिए क्या करें?
सिम स्वैप फ्राड से बचने के लिए 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए.
1. अगर आपका नंबर कुछ घंटों के लिए अचानक काम करना बंद कर दे, तो तुरंत अपने ऑपरेटर से इसका कारण पता कीजिए.
2. सिम के पीछे लिखा हुआ 20 अंकों वाला सिम नंबर किसी के भी साथ शेयर न कीजिए. ध्यान रखें आपकी कंपनी कभी सिम नंबर नहीं पूछेगी.
3. जिस मोबाइल नंबर से आपके बैंक और दूसरे खाते लिंक हैं, उसे कभी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डिस्प्ले न करें.
4. अपने बैंक के साथ इंस्टैंट बैंक अलर्ट का रजिस्ट्रेशन करा लें.
5. अगर किसी अनजाने ई-मेल या फोन कॉल में आपके अकाउंट या मोबाइल नंबर की डीटेल्स मांगी जाएं तो कभी शेयर न करें.

Cyber Security: सिम स्वैपिंग क्या है, कैसे मिनटों में खाली हो जाता है आपका बैंक अकाउंट?

Cyber Security: सिम स्वैपिंग क्या है, कैसे मिनटों में खाली हो जाता है आपका बैंक अकाउंट?

डीएनए हिंदी: अगर आपकी आदत अपने फोन को कहीं भी छोड़ देने की है तो इसे बदल दीजिए. आपके फोन में कितनी भी सिक्योरिटी क्यों न हो, जरा सी लापरवाही आप पर बहुत भारी पड़ सकती है. लॉक आपके फोन में लगा होता है सिम में नहीं. ऐसे में अगर किसी के हाथ आपका सिम लगा तो टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Authentication) स्वैप क्या है? और वेरिफिकेशन मेथड (Verification) , आपको पूरी तरह से कंगाल कर सकता है.

जब भी ठगों के हाथ आपका सिम लगता है, बेहद आसानी से वे आपकी बैंकिंग डीटेल्स से लेकर सोशल मीडिया खातों तक आसानी से एक्सेस हासिल कर लेते हैं. न ऑथेंटिकेशन काम आता है, न ही वेरिफिकेशन. सिम स्वैप दो तरीके से हो सकता है. पहला तरीका सीधे आपके फोन से सिम निकालकर हेरफेर करने का है. दूसरा तरीका है सिम डीलर से संपर्क करके आपकी प्राइवेसी में सेंध लगाकर. आइए समझते हैं.

जरा सी लापरवाही कर सकती है आपको कंगाल

सिम स्वैपिंग तब होती है जब स्कैमर आपके मोबाइल फोन कंपनी के डीलर से संपर्क करते हैं और धोखेबाजों के सिम कार्ड को एक्टिव करने के लिए धोखा देते हैं. एक बार सिम हासिल करने के बाद फ्रॉड आपके नंबर से आपके बैंक अकाउंट्स को कंगाल कर देते हैं. जैसे ही सिम का एक्सेस हाथ लगता है, स्कैमर्स आपके सिम पर पूरी तरह से कंट्रोल कर लेते हैं. आपके नंबर पर कॉल से लेकर मैसेज तक के डीटेल्स आसानी से सिम हैक करने वाले शख्स के हाथ में चल जाता है.

ओटीपी से लेकर ऑथेंटिकेशन तक आपके डिवाइस पर कुछ भी नोटिफाइ नहीं होगा लेकिन आप कंगाल हो जाएंगे. हैकर्स आपके फोन नंबर पर कंट्रोल हासिल कर लेते हैं. मोबाइल नंबर का एक्सेस हासिल करते ही हैकर्स आपके बैंक अकाउंट, मेल आईडी से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक आसानी से कंट्रोल कर लेते हैं.

कैसे होती है सिम स्वैपिंग?

सिम स्वैपिंग आसान नहीं है. फ्रॉड पहले आपके बैंकिंग यूजरनेम और पासवर्ड को हैक करते हैं. अगर किसी तरह से वे इसे ट्रेस कर लेते हैं तो आपके बैंक आकाउंट स्वैप क्या है? तक उनके लिए पहुंचना मुश्किल नहीं होता है. आपकी बैंकिंग वेबसाइट पर जाकर फ्रॉड आपके बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं.

दरअसल ज्यादातर बैंक खातों में जब आप लॉग इन करते हैं तो दो स्तर के वेरिफिकेशन से आपको गुजरना पड़ता है. सिक्योरिटी के लिए आपके फोन पर एक आपके स्मार्टफोन पर जाता है. जैसे ही आप सही कोड एंटर करते हैं आपका अकाउंट लॉग इन हो जाता है. जब आपके सिम का कंट्रोल किसी दूसरे के पास चला जाता है तो यही धोखेबाज कोड एंटर करके आपके खाते में लॉग इन कर लेते हैं.

सिम स्वैपिंग से आप भी आसानी से बच सकते हैं. आप अपने ऑलनाइन बैंक और क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स के पासवर्ड और यूजर नेम हमेशा सेफ रखें. यह पहला स्टेप है जिसके जरिए आप अपने खाते को सुरक्षित रख सकते हैं.

क्यों स्वैप क्या है? इतना अहम होता है सिम का रोल?

आपके फोन में लगा सिमकार्ड, किसी भी स्मार्टफोन की आत्मा है. बैंक से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक, हर जगह वन टाइम पासवर्ड से लेकर ऑथेंटिकेशन अप्रूवल तक, सबकुछ आपके फोन पर ही निर्भर करता है. हर कोड आपके फोन पर जाता है, तभी किसी भी सिक्योरिटी फीचर को अप्रूवल मिलता है. ऐसे में सिम को सेफ रखना सबसे जरूरी होता है.

कैसे पता चले कि आपके सिम कार्ड की हो चुकी है स्वैपिंग?

1. जब आप अपने फोन पर मैसेज और टेक्स्ट (Calls or send Texts) न रिसीव करें.
2. अगर आपके पास कोई भी नोटिफिकेशन आनी बंद हो जाए.
3. आपके मेल पर नोटिफिकेशन आए कि आपका सिम किसी दूसरे डिवाइस पर काम कर रहा है.
4. आप अपने खातों तक एक्सेस हासिल न कर पा रहे हों.
5. ऐसे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जो आप न कर रहे हों.

कैसे सिम स्वैपिंग को करें प्रोटेक्ट?

1. ऑनलाइन गतिविधियों पर हमेशा नजर रखें. कुछ भी अनकॉमन हो तो तत्काल अपने बैंक खातों पर नजर रखें.
2. अपने अकाउंट को हमेशा सिक्योर रखें. हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाएं.
3. हमेशा पिन कोड स्ट्रॉन्ग रखें. सिम के एक्सेस के लिए हमेशा पिन कोड लगाएं.
4. हमेशा अपने फोन को ही हर आईडी के वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल न करें. ईमेल का भी इस्तेमाल करें.
5. ऑथेंटिकेशन ऐप्स को ऑन रखें.
6. बैंक और मोबाइल नंबर से होने वाले हर लॉग इन से पहले नोटिफिकेशन ऑन रखें. हर स्वैप क्या है? ट्रांजैक्शन को लेकर आपको नोटिफिकेशन मिलते रहना चाहिए. अगर आप इन ट्रिक्स को अपनाते हैं तो आपने बैंक खातों को सिक्योर कर सकते हैं.
7. अपने बैंक के साथ इंस्टैंट बैंक अलर्ट का रजिस्ट्रेशन करा लें.

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SIM SWAPPING FRAUD: आपके ही मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके आपको ही लगा दिया जाएगा चूना, इस तरह करें सिम स्वैपिंग से खुद का बचाव

Sim Swapping: सिम स्वैपिंग में आपका नंबर ही आपके ले लिया जाता है. और फिर उस नंबर से जितने भी अकाउंट जुड़े होते हैं चोर उनसे आपको नुकसान करता है. इसमें वह आपके अकाउंट, ईमेल, डिजिटल पेमेंट सिस्टम, सोशल मीडिया में एक्सेस कर सकता है.

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gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2022,
  • (Updated 19 जुलाई 2022, 6:54 PM IST)

इसमें आपका मोबाइल नंबर ही आपसे ले लिया जाता है

सिम स्वैपिंग को सिम जैकिंग या सिम हाईजैकिंग भी कहा जाता है

जैसे-जैसे लोगों में टेक्नोलॉजी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है वैसे-वैसे फ्रॉड की खबरें भी बढ़ रही है. इसी कड़ी में अब सिम स्वैपिंग को लेकर चर्चा तेज हो गई है. बता दें सिम स्वैपिंग में व्यक्ति की निजी जानकारी और बैंक अकाउंट से जानकारी फ्रॉड करने वाले के पास चली जाती है. और वो इससे जिसका सिम स्वैप किया है उसको लाखों रुपये का नुकसान पहुंचा सकता है. अगर आप खुद को बचाने के लिए कोई उपाय नहीं करते हैं तो कोई भी आसानी से आपका डेटा चोरी कर सकता है.

क्या है सिम स्वैपिंग?

दरअसल, सिम स्वैपिंग का मतलब ये नहीं है कि किसी ने आपका सिम बदल दिया है. बल्कि इसमें आपका मोबाइल नंबर ही आपसे ले लिया जाता है और वो भी बिना आपकी जानकारी के. इसमें फ्रॉड करने वाला आपका नंबर जब अपने नाम से करवा लेता है तब स्वैप क्या है? वो सबसे पहले आपके नंबर से जूड़े एकाउंट से पैसे निकालने और आपके पर्सनल डेटा को चोरी करता है. कभी-कभी ये इससे भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है.

कैसे काम करता है सिम स्वैपिंग?

बताते चलें कि आपके फोन में एक डिटैचेबल चिप होती है जिसे हम सिम कहते हैं. ये सिम आपके मोबाइल अकाउंट से कनेक्टेड होता है. आपका फोन नंबर और अकाउंट से जुड़ी जानकारी एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में डाली जा सकती है.

सिम स्वैपिंग को सिम जैकिंग या सिम हाईजैकिंग भी कहा जाता है. ये एक तरह का आइडेंटिटी थेफ़्ट यानि कोई आपकी आइडेंटिटी चुरा लेता है. जिसमें चोर आपका नंबर फ्रॉड करके आपसे ले लेता है और इस नंबर को किसी और सिम से कनेक्ट कर देता है.जब उन्हें इससे जुड़े अकाउंट का एक्सेस मिल जाता है तो वो एक नए फोन में उस सिम को डालकर आपको नुकसान पहुंचाता है.

एक बार जब फ्रॉड करने वाले को डुप्लीकेट सिम मिल जाता है तो वो आ आपके ऑपरेटर को फोन करके सभी तरह के ओटीपी ले सकता है. इसके अलावा अगर वह चाहे तो आपके अकाउंट, ईमेल, डिजिटल पेमेंट सिस्टम, सोशल मीडिया में एक्सेस कर सकता है.

कैसे करें सिम स्वैपिंग से खुद का बचाव?

हालांकि, सिम स्वैपिंग से पूरी तरह नहीं बचा सकता है लेकिन आप खुद का बचाव कर सकते हैं.

-अपने मोबाइल अकाउंट का पिन ऐसे न रखें जिससे आपकी कोई भी पर्सनल जानकारी बाहर आये. जैसे आपका अड्रेस, जन्मदिन, बैंक पिन, सोशल सिक्योरिटी नंबर आदि.

-अपनी ऑनलाइन प्रोफाइल की प्राइवेसी सैटिंग्स का ख्याल रखें.

-अपनी निजी जानकारी को उन्हीं के साथ शेयर करें जो भरोसे लायक हैं.

-अपने मोबाइल प्रोवाइडर से जरूर पूछें कि सिम स्वैपिंग को लेकर वो आपको क्या सुरक्षा दे रहे हैं.

मुद्रा विनिमय (Currency Swap) क्या होता है

मुद्रा विनिमय (Currency Swap) दो पक्षों के मध्य एक मुद्रा में ऋण के विनिमय संबंधी पहलुओं (मतलब कि मूलधन और ब्याज के भुगतान) का किसी अन्य मुद्रा में ऋण के शुद्ध वर्त्तमान मान वाले समतुल्य पहलुओं हेतु एक विदेशी मुद्रा विनिमय अनुबंध होता है। विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव. मुद्रा विनिमय तुलनात्मक लाभ के माध्यम से प्रेरित होते हैं। इसके अलावा मुद्रा विनिमय को केंद्रीय बैंक के नकदी विनिमय स्वैप क्या है? से अलग माना जाना चाहिए |

अगर इसे सीधे शब्दों में कहा जाए तो पूरे विश्व में अदला-बदली का अर्थ ही विनिमय करना होता है। यदि आप भी मुद्रा विनिमय (Currency Swap) क्या होता है, इसके विषय में जानना चाहते है, तो यहाँ पर पूरी जानकारी दी जा रही है |

मुद्रा विनिमय (Currency Swap) का इतिहास

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मुद्रा विनिमय (Currency Swap) का निर्माण 1970 में यूनाइटेड किंगडम में विदेशी मुद्रा नियंत्रणों से बचने हेतु किया गया था । उस वक्त, ब्रिटेन की कंपनियों को अमेरिकी डॉलर का कर्ज प्राप्ति हेतु प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होता था। इससे स्वयं को बचाने के लिए, ब्रिटेन की कंपनियों ने स्टर्लिंग चाहने वाली संयुक्त राज्य अमेरिका की कंपनियों के साथ कई ऋण समझौते किए | लेकिन अब मुद्रा विनिमय पर इस प्रकार के प्रतिबंध दुर्लभ हो चुके हैं, तुलनात्मक फायदे की वजह से ऋण से अभी भी बचत उपलब्ध हैं |

मुद्रा ब्याज दर विनिमय (Currency Swap) वर्ष 1981 में विश्व बैंक (World Bank) द्वारा आईबीएम (IBM) के साथ नकद प्रवाह का विनिमय कर स्विस फ़्रैंक और जर्मन मार्क प्राप्ति हेतु किया गया। इस सौदे के लिए सालोमन ब्रदर्स ने 210 मिलियन डॉलर्स की अनुमानित राशि एवं दस वर्षों से अधिक के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किये।

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