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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में पत्तनों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं। इन्हीं पत्तनों द्वारा जहाज़ी माल तथा यात्री विश्व के एक भाग से दूसरे भाग को जाते हैं। पत्तन जहाज के लिए गोदी, लादने, उतारने तथा भंडारण हेतु सुविधाएँ प्रदान करते हैं तथा पत्तन अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लाभ आयत और निर्यात करने के क्षेत्र हैं।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लाभ
कैसे निर्यात वर्ल्डवाइड आप अंतरराष्ट्रीय व्यापार के फायदे प्रदान कर सकते हैं
ExportWorldwide एक अंतरराष्ट्रीय अग्रणी पीढ़ी के मंच है जो आपके
उत्पादों या सेवाओं को दुनिया भर में बढ़ावा देता है। यह मंच अंतरराष्ट्रीय
बाजारों में आपके व्यवसाय को दिखाई देने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतःक्रिया
विपणन रणनीतियों, वैश्विक एसईओ तकनीकों और एक अद्वितीय हाइब्रिड अनुवाद
उपकरण का उपयोग करता है।
वैश्विक एसईओ मंच निम्नलिखित प्रदान करता है:
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लाभ
Que : 15. अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय के लाभ लिखिये।
अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय निम्न प्रकार के लाभ हैं-
(1) अतिरिक्त उत्पादन का निर्यात-हर देश उसी वस्तु को अपने यहाँ अधिक से अधिक बनाता है , जिस वस्तु के बनाने में उसे विशेष कुशलता प्राप्त है , अतः अपने देश के अधिक उत्पादन को दूसरे देशों में आसानी से भेजा जा सकता है जिसके बदले अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ दूसरे देशों से मँगवाई जाती हैं। विदेशी व्यापार की सहायता से एक देश ऐसी वस्तुओं का उपयोग कर सकता है जिनका बनाया जाना उस देश में बिल्कुल असंभव है।
(2) श्रम-विभाजन-सब देश अलग-अलग वस्तुओं का उत्पादन करते हैं , जिसके कारण सब अपने उद्योग-धंधों में श्रम-विभाजन , वैज्ञानिकीकरण और विशिष्टीकरण के नियम लागू कर सकते हैं। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की मशीनरी बनाने की विशेष सुविधाएँ प्राप्त नहीं हैं , अतः हम आसानी से दूसरे देशों से उनका आयात कर सकते हैं।
(3) अकाल से सुरक्षा- पुराने जमाने में अकाल के समय जनता अनाज के दाने-दाने के लिए तरसती थी। लेकिन अब यातायात एवं संचार के साधनों की सुलभता और विदेशी व्यापार की उन्नति के कारण अनाज किसी न किसी मूल्य पर अवश्य प्राप्त हो जाता है। हमारे देश में अन्न संकट के समय कनाडा , रूस तथा अमेरिका ने बहुत बड़ी मात्रा में अनाज पहुँचाया था।
( 4) जीवन-स्तर में वृद्धि-विदेशी व्यापार में सभी संबंधित देशों का जीवनस्तर बढ़ जाता है क्योंकि सब देशों की पारस्परिक सहायता से वस्तुएँ सस्ते मूल्य पर आसानी से तैयार की जा सकती है और हर देश अपने धन से अधिक उपयोगिता प्राप्त कर सकता है।
(5) राष्ट्रीय आय में वृद्धि-विदेशी व्यापार से जनता को लाभ होने के अतिरिक्त सम्पर्ण देश को भी सामूहिक लाभ होता है , क्योंकि इससे प्रत्येक देश की राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है , जिससे राष्टीय विकास की अनेक योजनाएँ कार्यान्वित की जा सकती हैं।
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अंतरराष्ट्रीय व्यापार से देश कैसे लाभ प्राप्त करते हैं?
( कक्षा 12: मानव भूगोल के मूल सिद्धांत, अध्याय 9 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार )
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से दुनिया भर के देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान होता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार निम्नलिखित तरीकों से देशों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद है:
क्षेत्रीय विशेषज्ञता को बढ़ावा देता हैं।
उत्पादन का उच्च स्तर बनाये रखने में मदत करता हैं।
लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाता हैं।
दुनिया भर में वस्तुओं और सेवाओं की उपलब्धता करता हैं।
कीमतों और मजदूरी का समानीकरण में मदत करता हैं।
ज्ञान, प्रौद्योगिकी और संस्कृति का प्रसार में मदत करता हैं।
क्षेत्रीय विशेषज्ञता:
क्षेत्रीय विशेषज्ञता का अर्थ है कि एक विशेष क्षेत्र विशेष वस्तुओं और सेवाओं की उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार क्षेत्रीय विशेषज्ञता की अनुमति देता है क्योंकि यह उसी के लिए वैश्विक बाजार प्रदान करता है। उदाहरण के लिए,
उत्तरी अफ्रीका चमड़े के काम की सर्वोत्तम गुणवत्ता के लिए जाना जाता है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार चमड़े के उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार प्रदान करता है।
भारत दुनिया को सर्वश्रेष्ठ आईटी सेवाएं साबित करने के लिए जाना जाता है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार उन्हीं चीजों को सुगम बनाता है।
उत्पादन का उच्च स्तर:
न केवल उस क्षेत्र को बल्कि अन्य क्षेत्रों को भी माल उपलब्ध कराने के लिए विशेष उद्योग स्थापित किए जाते हैं। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार ने, उद्योगों को कच्चे माल की उपलब्धता के साथ साथ बने हुए माल को भी वैश्विक बाजार तक पहुँच प्रदान करके, उद्योगों के उत्पादन का उच्च स्तर बनाने में सुविधा प्रदान करता है।
लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना:
भारत के 1991 के एलपीजी (उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण) सुधार के बाद, भारत में विदेशी व्यापार में वृद्धि हुई; नतीजतन, यह भारत में नौकरी के अवसरों में वृद्धि किया है जो लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने में मदद करता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार देशों और फर्मों को उन वस्तुओं और सेवाओं तक पहुँचने की अनुमति देता है जो घरेलू स्तर पर उपलब्ध नहीं हैं या वस्तु उपलब्ध भी है लेकिन अधिक कीमत पर उपलब्ध है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार उद्योगों को उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है और उद्योगों को उत्पादन की लागत को कम करने में भी मदत करता हैं।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार देशों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ाता है और इससे फर्मों को उत्पादन में दक्षता लाने में मदद मिलती है।
रुपये (₹) में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के सेटलमेंट को केंद्र की अनुमति, जानें इसके फायदे
Rupees Allowed for International Trade Settlement: केंद्र सरकार ने 9 नवंबर (बुधवार) को विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात संवर्धन योजनाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार निकायों को भारतीय रुपए में लेनदेन की अनुमति दे दी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की रुचि में वृद्धि को देखते हुए रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के निपटाने को मंजूरी देने का फैसला लिया गया है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार भारतीय रुपए में अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधी लेनदेन को सुगम और आसान बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसका उद्देश्य घरेलू मुद्रा में व्यापार को सुगम बनाना और बढ़ावा देना है।
मंत्रालय ने बताया कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने निर्यातकों को विदेश व्यापार नीति के तहत प्रोत्साहन का लाभ देने के लिए मानदंडों को अधिसूचित कर दिया है। इससे आयात और निर्यात के बारे में इनवॉयस तैयार करने, भुगतान और निपटान भारतीय रुपए में किया जा सकेगा।
मंत्रालय ने कहा कि नए बदलावों को निर्यात के लिए आयात, स्टेटस होल्डर्स के रूप में मान्यता के लिए निर्यात प्रदर्शन, अग्रिम प्राधिकरण व शुल्क मुक्त आयात प्राधिकरण योजनाओं के तहत निर्यात आय की वसूली और निर्यात प्रोत्साहन पूंजीगत सामान योजना के तहत निर्यात आय की वसूली के लिए अधिसूचित किया गया है।
इस बीच, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, डॉलर की अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लाभ कमजोरी और निरंतर विदेशी फंड प्रवाह के बीच कल 9 नवंबर को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 45 पैसे की तेजी के साथ 81.47 (अनंतिम) पर बंद अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लाभ हुआ। इंटरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में स्थानीय इकाई डॉलर के मुकाबले 81.43 रुपये के स्तर पर खुली और सत्र के दौरान 81.23 रुपये के इंट्रा-डे हाई और 81.62 रुपये के निम्नतम स्तर के बीच कारोबार करती दिखी।
डॉलर पर कम होगी निर्भरता
RBI डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए रुपये में विदेशी कारोबार को बढ़ावा देना चाहता है। पिछले महीने RBI और वित्त मंत्रालय ने बैंकों और कारोबारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों से रूपये में आयात-निर्यात लेनदेन को बढ़ावा देने को कहा था।
RBI से मंजूरी मिलने के बाद खोले वोस्ट्रो खाते
RBI ने विदेशों में कारोबार संबंधी दिशा-निर्देशों की घोषणा इस साल जुलाई में की थी। इसके बाद रूस के दो बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अनुमति मिलने के बाद नई दिल्ली में विशेष ‘वोस्ट्रो खाते’ खोले हैं जिससे विदेश में रुपये में कारोबार संभव हो सकेगा। रूस के सबसे बड़े बैंक स्बरबैंक और दूसरे सबसे बड़े बैंक वीटीबी बैंक किसी अन्य देश के ऐसे पहले बैंक हैं जिन्हें रुपये में कारोबार करने की मंजूरी मिली है।
इससे पहले, RBI ने सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक को रूस के गैजप्रोमबैंक के साथ विशेष ‘वोस्ट्रो’ खाता खोलने की अनुमति दी थी। इस प्रकार का खाता होने से भारत तथा रूस के बीच व्यापार के लिए भुगतान रूपये में करने की सुविधा मिलेगी। इस तरह भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार करना संभव हो पाएगा।
रुपये को और ताकतवर बनान लक्ष्य
भारतीय करेंसी रुपये (Indian Currency Rupee) का अंतरराष्ट्रीयकरण यानी डॉलर की तरह आने वाले समय में पूरी तरह से कारोबार रुपये में करना मुमकिन हो जाएगा। DGFT ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करके रुपये में विदेशी कारोबार के रास्ते में आने वाले ब्रेकर्स या दिक्कतों की आशंका को खत्म कर दिया है। दरअसल, सरकार की मंशा साल 2047 तक इंडियन करेंसी को अंतरराष्ट्रीय करेंसी के तौर पर स्थापित करने की है। इसका मकसद साफतौर पर देश को आजाद हुए 100 साल होने पर भारतीय करेंसी रुपये को दूसरी करेंसियों के बराबर ताकतवर बनाना है।
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