EPFO का PF पर हाई रिटर्न एक बड़ा रहस्य! जानिए दरों में कटौती कितनी सही कितनी गलत..
रेकरिंग डिपॉजिट (RD)
छोटे निवेशकों के बीच आरडी एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है। इसके जरिए व्यक्ति अपनी छोटी-छोटी बचत को निवेश कर सकता है। यहां भी आप हर महीने 1,000 रुपये निवेश कर सकते हैं। ग्राहक बैंक (Bank RD) और पोस्ट ऑफिस (Post Office RD) में जाकर अपना आरडी खाता (RD Account) खुलवा सकते हैं। निवेशक बैंक में छह महीने से लेकर दस साल तक की आरडी कर सकते हैं। वहीं, पोस्ट ऑफिस में केवल पांच साल तक की आरडी ही होती है। हालांकि, आरडी में पीपीएफ की तुलना में कम ब्याज मिलता है। टैक्स की बात करें, तो बैंक आरडी पर आपका ब्याज 40,000 रुपये से अधिक है तो टीडीएस (TDS) कटता है। पोस्ट ऑफिस में आरडी में इस समय 5.8 फीसद ब्याज दर मिल रही है। यह बैंकों की आरडी की तुलना में बेहतर ब्याज दर है। अगर आप पोस्ट ऑफिस की आरडी में हर महीने 1,000 रुपये निवेश करें, तो पांच साल में 60,000 रुपये जमा होंगे। इस पर आपको 5.8 फीसद ब्याज दर के हिसाब से 9694 रुपये ब्याज मिलेगा। इस तरह आप 69,694 रुपये का फंड जमा कर पाएंगे। पोस्ट ऑफिस की आरडी में मिले ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं कटता है।
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट कैसे करे – आसान हिन्दी में बेहतरीन आर्टिकल्स की एक शुरुआती गाइड
म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट हर एक इन्वेस्टर के बीच काफ़ी लोकप्रिय हैं । जिसका कारण है इससे मिलने वाले फायदे। इसके कईं फायदों में से कुछ सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदे नीचे दिए हैं, जो इन्वेस्टर्स को अपनी ओर खींचते है और जिसकी वजह से –
- इन्वेस्टर्स कितनी भी राशि के साथ शुरुआत कर सकते हैं ( 500 जितना कम भी )
- इन्वेस्टर्स, अलग-अलग स्टॉक्स और डेट,गोल्ड जैसे इंस्ट्रूमेंट्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं
- हर महीने ऑटोमेटेड इन्वेस्मेंट्स शुरू कर सकते हैं (SIP)
- डीमैट अकाउंट खोले बिना भी इन्वेस्ट कर सकते हैं
शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए इस म्युचुअल फंड इन्वेस्टमेंट गाइड में हमने कुछ आर्टिकल्स को आपके लिए चुना है। जो म्युचुअल फंड को समझने में और कैसे इन्वेस्ट करना शुरू करें, इसमें आपकी मदद करेंगे। हम सुझाव देंगे कि आप इस पेज को बुकमार्क कर लें ताकि आप इन आर्टिकल्स को अपनी सुविधा के अनुसार कभी भी पढ़ सकें।
1.म्युचुअल फंड्स की जानकारी
अगर आप म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में पहले से जानते हैं, तो आप सीधे अगले सेक्शन पर जा सकते है । ये 5 आर्टिकल्स, म्युचुअल फंड्स और उसके प्रकारों के बारे में सारी ज़रूरी जानकारी देंगे निवेश के लिए क्या करें । हम टैक्स सेविंग फंड्स पर भी एक विशेष आर्टिकल दे रहे हैं।
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और ये कैसे काम करते हैं?
- म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना बनाम डायरेक्ट इक्विटी
- . म्युचुअल फंड्स के फायदे और नुकसान
- टैक्स सेविंग(ईएलएसएस) फंड्स
2.म्युचुअल फंड्स का एक पोर्टफ़ोलियो बनाना
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने का सही तरीका है – सबसे पहले इसका पोर्टफोलियो बनाना । एक पोर्टफोलियो, म्युचुअल फंड का एक समूह होता है। यह आपको अपने इन्वेस्टमेंट के लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा। आपका सारा रिटर्न् आपके पूरे पोर्टफोलियो पर टिका होता है, ना कि किसी एक विशेष फंड पर। इस सेक्शन में, हम यह सीखेंगे कि म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो कैसे तैयार किया जाता है।
- पोर्टफोलियो इन्वेस्टिंग क्या है कैसे तैयार किया जाए
- अपने पोर्टफोलियो के लिए सही म्युचुअल निवेश के लिए क्या करें फंड चुनना
- म्युचुअल फंड को कब बेचें
3.म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करना
कईं शुरुआती इन्वेस्टर्स म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने की प्रक्रिया को मुश्किल मानकर उसमें इन्वेस्ट करने से कतराते हैं। ये आर्टिकल्स ऐसे ही शुरुआती इन्वेस्टर्स को म्युचुअल फंड को समझने में और इन्वेस्टमेंट शुरू करने में मदद करेंगे।
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और ये म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करने के लिए ज़रूरी क्यों है (SIP) के द्वारा इन्वेस्ट करना
4.कुछ और महत्वपूर्ण जानकारियाँ
म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करते समय कुछ ज़रूरी बातें है, जिनकी जानकारी हर शुरुआती इन्वेस्टर को होनी चाहिए । इन बातों को समझे बिना इन्वेस्ट करने से, रिटर्न्स पर काफ़ी बुरा असर पड़ सकता है।
- म्युचुअल फंड्स पर टैक्स
- म्युचुअल फंड्स से पैसे निकालने पर एग्ज़िट लोड
- म्युचुअल फंड्स का एक्सपेंस रेशो
- इन्वेस्टमेंट से जुड़ी भाषा की जानकारी
जहाँ म्युचुअल फंड्स की बात आती है वहाँ आमतौर पर लिस्ट में दिए गए इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है । हालाँकि शुरुआती इन्वेस्टर्स को इन सभी शब्दों को याद रखने की ज़रूरत नहीं है, आप किसी भी शब्द को सीखने के लिए, ग्लोसरी (डिक्शनरी) के तौर पर इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
Investment Tips: छोटी-छोटी बचत बना देगी आपको अमीर, सिर्फ 1000 रुपये से इन योजनाओं में करें निवेश
Best Investment Options: पहली बार निवेश करने वालों के लिए पीपीएफ एक अच्छा विकल्प है। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। साथ ही इस निवेश विकल्प में कोई टैक्स (Tax) देनदारी नहीं है। यहां निवेशक को चक्रवद्धि ब्याज दर (Interest Rate) का फायदा मिलता है। यहां आप हर महीने 1,000 रुपये निवेश करें तो एक साल में आप 12,000 रुपये निवेश करेंगे। यहां आप 15 साल तक नियमित निवेश करेंगे तो कुल 1,80,000 रुपये निवेश होंगे
यहां अपनी छोटी बचत निवेश कर बना सकते हैं अच्छा फंड
पहली बार निवेश करने वालों के लिए पीपीएफ एक अच्छा विकल्प है। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्प है। साथ ही इस निवेश विकल्प में कोई टैक्स (Tax) देनदारी नहीं है। यहां निवेशक को चक्रवद्धि ब्याज दर (Interest Rate) का फायदा मिलता है। यहां आप हर महीने 1,000 रुपये निवेश करें तो एक साल में आप 12,000 रुपये निवेश करेंगे। यहां आप 15 साल तक नियमित निवेश करेंगे तो कुल 1,80,000 रुपये निवेश होंगे। अब मौजूदा 7.1 फीसदी की ब्याज दर के हिसाब से ब्याज की राशि 1,45,457 रुपये बनेगी। इस तरह पीपीएफ की 15 साल की लॉक-इन अवधि में आपके पास कुल 3,25,457 रुपये की राशि जमा हो जाएगी। इस तरह आप पीपीएफ में मात्र 1,000 रुपये महीने निवेश करके सवा तीन लाख रुपये जमा कर सकते हैं।
EPFO का PF पर हाई रिटर्न एक बड़ा रहस्य! जानिए दरों में कटौती कितनी सही कितनी गलत..
रेकरिंग डिपॉजिट (RD)
छोटे निवेशकों के बीच आरडी एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है। इसके जरिए व्यक्ति अपनी छोटी-छोटी बचत को निवेश कर सकता है। यहां भी आप हर महीने 1,000 रुपये निवेश कर सकते हैं। ग्राहक बैंक (Bank RD) और पोस्ट ऑफिस (Post Office RD) में जाकर अपना आरडी खाता (RD Account) खुलवा सकते हैं। निवेशक बैंक में छह महीने से लेकर दस साल तक की आरडी कर सकते हैं। वहीं, पोस्ट ऑफिस में केवल पांच साल तक की आरडी ही होती है। हालांकि, आरडी में पीपीएफ की तुलना में कम ब्याज मिलता है। टैक्स की बात करें, तो बैंक आरडी पर आपका ब्याज 40,000 रुपये से अधिक है तो टीडीएस (TDS) कटता है। पोस्ट ऑफिस में आरडी में इस समय 5.8 फीसद ब्याज दर मिल रही है। यह बैंकों की आरडी की तुलना में बेहतर ब्याज दर है। अगर आप पोस्ट ऑफिस की आरडी में हर महीने 1,000 रुपये निवेश करें, तो पांच साल में 60,000 रुपये जमा होंगे। इस पर आपको 5.8 फीसद ब्याज दर के हिसाब से 9694 रुपये ब्याज मिलेगा। इस तरह आप 69,694 रुपये का फंड जमा कर पाएंगे। पोस्ट ऑफिस की आरडी में मिले ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं कटता है।
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) इस समय काफी लोकप्रिय निवेश विकल्प है। अगर आप अपने निवेश पोर्टफोलियों में इक्विटी को शामिल कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, यह पीपीएफ और आरडी की तरह सुरक्षित निवेश विकल्प नहीं है। म्यूचुअल फंड में रिटर्न अच्छा मिलता है, लेकिन इसमें थोड़ा जोखिम भी होता है। एसआईपी (SIP) के जरिए हर महीने एक तय राशि म्यूचुअल फंड में निवेश की जाती है। अगर आप एक हजार रुपये की एसआईपी बनाते हैं, तो पांच साल में आप म्यूचुअल फंड में कुल 60,000 रुपये निवेश कर पाएंगे। इस राशि पर 10 फीसद के औसत रिटर्न के हिसाब से आपका 78,082 रुपये का फंड बनेगा। अगर आप निवेश की अवधि को 15 साल के लिए ले जाते हैं तो 1,80,000 रुपये जमा कर पाएंगे ओर 4,17,924 रुपये का फंड बनेगा।
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?
महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?
कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब
1. शेयर क्या है?
किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.
अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.
2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?
शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.
3. डीमैट अकाउंट क्या है
डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.
4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?
जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.
5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?
जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.
6. ट्रेडिंग या निवेश?
एक्सपर्ट कहते निवेश के लिए क्या करें हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.
7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?
अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.
Share Market: किसी ने कमाए करोड़ों- इसपर न जाएं, अपनी अक्ल लगाएं
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म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
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मात्र 10 रुपये के निवेश से तैयार करें मोटा फंड, अच्छा रिटर्न पाने के लिए जानें क्या है स्कीम
म्यूचुअल फंड में निवेश को हमेशा लंबी अवधि के निवेश के तौर पर देखा जाता है. अगर आप लंबे समय तक म्यूचुअल फंड में निवेश बन . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : September 27, 2022, 20:10 IST
हाइलाइट्स
म्यूचुअल फंड हमेशा निवेशकों के लिए एक पसंदीदा ऑप्शन रहा है.
ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में 3 साल की लॉक इन पीरियड होती है
निवेश पर धारा 80सी के तहत कर छूट का दावा कर सकते हैं.
नई दिल्ली. अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो बता दें कि नवी म्यूचुअल फंड (Navi Mutual Fund) ने अपनी म्यूचुअल फंड योजनाओं में नए निवेश और अतिरिक्त निवेश दोनों के लिए न्यूनतम राशि को मौजूदा 1000, 500 और 100 रुपये से घटाकर 10 रुपये (1 रुपये के गुणकों में) कर दिया है. यह बदलाव 27 सितंबर से लागू हो गया है. इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम को छोड़कर नवी म्यूचुअल फंड की सभी योजनाओं में न्यूनतम आवेदन राशि में कमी की गई है.
म्यूचुअल फंड में निवेश को हमेशा लंबी अवधि के निवेश के तौर पर देखा जाता है. अगर आप लंबे समय तक म्यूचुअल फंड में निवेश बनाए रखते हैं, तो आपको कम्पाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है.
तीन साल का लॉक-इन
ईएलएसएस म्यूचुअल फंड में 3 साल की लॉक इन पीरियड होती है. इस वजह से अच्छा रिटर्न पाने के लिए आप इस स्कीम में लंबी अवधि के लिए निवेशित रहते हैं.
टैक्स डिडक्शन का उठा सकते हैं लाभ
इसमें आप निवेशित राशि पर 1.50 लाख रुपये तक की सीमा तक टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर धारा 80सी के तहत कर छूट का दावा कर सकते हैं.
नवी लिक्विड फंड, नवी रेगुलर सेविंग्स फंड (मुख्य रूप से डेट पेपर में निवेश करने वाली हाइब्रिड स्कीम) और नवी फ्लेक्सी कैप फंड जैसी योजनाओं के लिए न्यूनतम आवेदन राशि को 1,000 से घटाकर रु. 10 (1 रुपये के गुणकों में) कर दी गई है. इन योजनाओं के लिए, न्यूनतम अतिरिक्त आवेदन राशि को 100 रुपये से घटाकर 10 रुपये कर दिया गया है. यह नवी म्यूचुअल फंड के इक्विटी हाइब्रिड फंड पर भी लागू होता है, जो मुख्य रूप से इक्विटी में निवेश करने वाली एक हाइब्रिड स्कीम और लार्ज एंड मिडकैप फंड है.
नवी म्यूचुअल फंड के निफ्टी 50 इंडेक्स फंड, निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स फंड, निफ्टी बैंक इंडेक्स फंड, यूएस टोटल स्टॉक मार्केट फंड ऑफ फंड, निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स फंड, NASDAQ 100 फंड ऑफ फंड और निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड जैसी स्कीमों के लिए, न्यूनतम आवेदन राशि 500 रुपये से घटाकर 10 रुपये कर दी गई है.
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