India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है Cryptocurrency meaning in Hindi wikipedia
Cryptocurrency meaning in Hindi wikipedia : क्रिप्टो करेंसी का नाम तो सभी जानते है लेकिन सवाल भी सबके मन में होता है क्रिप्टो करेंसी क्या होता है और कैसे काम करती है ऐसे में हम जानकारी लेकर हाजिर है क्रिप्टो करेंसी के बारे में पूरी जानकारी लेकर Cryptocurrency meaning in Hindi wikipedia
इंडिया से लेकर पुरे दुनिया में एक समय था जब वास्तु के बदले वस्तु का लेनदेन किया जाता था समय बदला और कई तरह के मुद्रा चलन में आये और आज के समय में सिक्का और नोट का चलन है लेकिन साथ ही आज के समय में एक और करेंसी बहुत ही तेजी से दुनिया में पैर पसार रहा है वह है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी ऐसी करेंसी है जो पूरी तरह से डिजिटल करेंसी है इस डिजिटल करेंसी एक वर्चुवल कर्रेसी है जिसे केवल आभास किया जा सकता है इसे आप छू नहीं सकते है आगे जाने क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है
क्रिप्टो करेंसी क्या है विकिपीडिया इन हिंदी
क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है इसे वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है इस करेंसी को केवल आप आभास कर सकते है लेकिन छू नहीं सकते है. डिजिटल वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ रही है ऐसे में बहुत से देश में आज के समय क्रिप्टो करेंसी को मान्यता दी गई है क्योकि क्रिप्टो करेंसी प्रयोग में लेने वाले देशो की अर्थव्यस्था बहुत तेजी से बढ़ रही है इसलिए और भी कई देश क्रिप्टो करेंसी को अपने देश में मान्यता देने के बारे में विचार कर रहे है . भारत में क्रिप्टो करेंसी फिलहाल मान्य नहीं है लेकिन आने वाले समय में भारत भी इस करेंसी को अपना सकता है
भारत की करेंसी नोट और सिक्के है जिसे आप अपने पर्स में रखकर कही भी घूम सकते है और इस करेंसी से आप कुछ भी ऑफलाइन या ऑनलाइन खरीद सकते है वही क्रिप्टो करेंसी एक ऑनलाइन करेंसी है जिसे आप अपने पर्स में नहीं रख सकते लेकिन क्रिप्टो करेंसी से आप कुछ भी ऑनलाइन खरीद जरुर सकते है साथ ही कई तरह के लेनदेन भी कर सकते है
आसान भाषा में हम कह सकते है क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारिक एक वर्चुअल करेंसी है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है. क्रिप्टोकरेंसी से जुडी सभी कार्य पावरफुल कंप्यूटर्स के जरिए होता है. साथ ही यह भी दावा किया जाता है क्रिप्टोकरेंसी के कोड को कॉपी करना लगभग नामुमकिन है.
क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है इन हिंदी
क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके बारे में अब आपको पता है लेकिन क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है चलिए जानते है :
ये क्रिप्टोकरेंसी कर रही हैं अच्छा प्रदर्शन !
क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने के कई अलग-अलग तरीके हैं। आप सिक्कों, टोकनों और अन्य डिजिटल संपत्तियों में निवेश करना चुन सकते हैं। वहां कई नई परियोजनाएं हैं, और यह जानना कठिन हो सकता है कि कौन से निवेश करने योग्य हैं। इसे समझने में समय और प्रयास लग सकता है। जब आप किसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हों, तो टीम के विवरण सहित टोकन की उपयोगिता और बुनियादी बातों को देखना सुनिश्चित करें।
यहां हमने भारत में लंबी अवधि के लिए खरीदने के लिए सर्वश्रेष्ठ 5 क्रिप्टोकरेंसी की सूची बनाई है
1. वीटा इनु टोकन ($ वीएनयू):
वीटा इनु टोकन का उपयोग वीएनयू पारिस्थितिकी तंत्र को नियंत्रित करने में मदद के लिए किया जाता है। इसे वाइट डीएजी चेन पर स्टोर किया जाता है। 2021 में, एक नए प्रकार की आभासी वास्तविकता (वीआर) प्रणाली का आविष्कार किया गया जिसे "फीललेस वर्चुअल रियलिटी" (एफवीआर) कहा जाता है। यह प्रणाली पारंपरिक वीआर सिस्टम की तुलना में उपयोग करने में अधिक आरामदायक और मज़ेदार है, और इसमें उच्च प्रसंस्करण गति और स्मार्ट अनुबंध भी हैं। इसलिए, इस नई तकनीक के आविष्कार का जश्न मनाने के लिए, "डॉग-थीम्ड मेमे कॉइन" नामक एक सिक्का बनाया गया था। वीएनयू का दर्शन एक आकर्षक, वायरल समुदाय के भीतर मज़े करना, नए दोस्त बनाना और हमारे जीवन की सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति - क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सीखना है। VINU एक बड़ा डिजिटल एसेट इकोसिस्टम बनाने में मदद करना चाहता है जहां विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी को आसानी से, सुरक्षित और कुशलता से इधर-उधर ले जाया जा सके। "वीएनयू मेटावर्स" एक नई तरह की आभासी वास्तविकता दुनिया है जो विकास के अधीन है। इस दुनिया में कई अलग-अलग विशेषताएं हैं, जिनमें एक पूर्ण VR दुनिया, VenusSwap dapps, NFTs (अपूरणीय टोकन), शर्त, पुरस्कार, घटनाएँ, और बहुत कुछ शामिल हैं। वीएनयू टोकन के धारक वीएनयूवर्स के भीतर मूल रूप से स्थानांतरित करने और विभिन्न लाभों का आनंद लेने में सक्षम होंगे। एक नया मेम टोकन है जो तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। आप बायबिट पर वीएनयू टोकन खरीद सकते हैं, एक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज जिसे दुनिया में सबसे अच्छा माना जाता है। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का दुनिया भर के विभिन्न एक्सचेंजों पर कारोबार होता है।
2. ट्रेस मेटावर्स ($TRC) टोकन:
Trace.Top एक नया क्रिप्टो गेम है जो विकास में क्रिप्टो करेंसी कब बनी? है और जल्द ही रिलीज़ होने की उम्मीद है। गेम खेलकर प्लेयर्स रिवार्ड कमा सकते हैं। मेटावर्स एक नई आभासी दुनिया है जो ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करती है। कंपनी टोकन सेल और एनएफटी सेल के जरिए पैसा जुटा रही है। इसने इसे प्रमुख मीडिया के ध्यान का केंद्र बना दिया है। आप अपने Android और iOS उपकरणों पर क्रिप्टो करेंसी कब बनी? भी मेटावर्स का उपयोग कर सकते हैं! ट्रेस ने एक बड़े गेमिंग मेटावर्स बनाने के लिए एक प्रसिद्ध क्रिप्टो एक्सचेंज, बिटमार्ट और एक ब्लॉकचैन कंपनी, पॉलीगॉन स्टूडियोज के साथ मिलकर काम किया है। इस दुनिया में बहुत सारे अलग-अलग खेल होंगे, और खिलाड़ी नए बनाने के लिए एक साथ जुड़ सकेंगे। ट्रेस गेम को दुनिया के लिए समझने योग्य बनाता है, पोकेमॉन गो, स्टेपएन, फोरस्क्वेयर का एक एनालॉग। खेल नया नहीं है, लेकिन यांत्रिकी का नया मिश्रण उन तरीकों को बदल देगा जिससे खिलाड़ी अपने अवतारों, कारों को पंप कर सकते हैं और पैसे कमा सकते हैं। इससे खेल में अधिक उत्साह और भागीदारी पैदा होगी। गेम को पूरी तरह से खेलने के लिए, आपको एनएफटी कारों और ट्रेस में एक अवतार खरीदना होगा। यदि आप अवतार नहीं खरीदते हैं, तो आप क्रोधित हो सकते हैं। जब कार को सार्वजनिक बिक्री पर बेचा जाता है, तो इसकी कीमत करीब 100 डॉलर होने की उम्मीद है। मूव एंड अर्न प्रोजेक्ट्स की तुलना में एनएफटी जैसी संपत्ति के लिए यह काफी कम कीमत है, जिससे कमाई करना संभव हो जाएगा के योग्य हो सकें। क्या हो रहा है, इस पर अद्यतित रहने के लिए आप डिस्कॉर्ड समुदाय, ट्विटर पेज या ट्रेस जियोमेटावर्स के टेलीग्राम समुदाय से जुड़ सकते हैं।
3. Heart Of Shades ($HOS):
ज्यादातर महिलाएं हार्ट ऑफ शेड्स को पसंद करती हैं, क्योंकि वे वेब3 नामक नई तकनीक का समर्थन कर रही हैं। हार्ट ऑफ़ शेड्स एक नया लक्ज़री कॉस्मेटिक ब्रांड क्रिप्टो करेंसी कब बनी? है जो ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक और डिजिटल संपत्ति का उपयोग करता है। हार्ट ऑफ़ शेड्स™️ अपने बारे में सीखने और यह जानने के बारे में है कि आप अपनी ताकत का सर्वोत्तम उपयोग कैसे कर सकते हैं। निहारिका डोलुई ग्लोबल वन नामक एक नए स्टार्ट-अप की सीईओ और सह-संस्थापक हैं। इस कंपनी को चार्लोट टिलबरी, बॉबी ब्राउन और रेयर ब्यूटी जैसे हाई-एंड ब्रांड्स के उत्पादों से लड़ने में महिलाओं की मदद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। शेड्स का विजन मामाअर्थ, शुगर जैसे क्रिप्टो करेंसी कब बनी? अन्य किफायती भारतीय सौंदर्य ब्रांडों से अलग है। वे सुंदरता को और भी अनोखे और खास तरीके से देखते हैं। हार्ट ऑफ शेड्स एक नई क्रिप्टोकरेंसी है जिसे अभी भारत क्रिप्टो करेंसी कब बनी? में लॉन्च किया गया है। यह यहाँ के लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है, और इसे वहाँ के सबसे अच्छे नए विकल्पों में से एक माना जाता है।
4. सोलाना ($SOL):
विकेन्द्रीकृत वित्त (DeFi), विकेन्द्रीकृत ऐप्स (DAPPS), और स्मार्ट अनुबंधों का समर्थन करने के लिए विकसित, सोलाना एक अद्वितीय हाइब्रिड प्रूफ-ऑफ-स्टेक और प्रूफ-ऑफ-हिस्ट्री मैकेनिज्म है जो लेनदेन को संसाधित करने में मदद करता है। जल्दी और सुरक्षित रूप से। प्लेटफ़ॉर्म को शक्ति प्रदान करने के लिए सोलाना अपने मूल टोकन, एसओएल का उपयोग करता है। 2020 में, एसओएल उपयोग करने के लिए स्वतंत्र था। 1977 में, यह $0 की लागत से शुरू हुआ था। 1 मार्च, 2022 को किसी चीज़ की कीमत में लगभग 13,000% का उछाल आया।
5. कार्डानो ($एडीए):
कार्डानो एक क्रिप्टोकरंसी है जिसे शोध-आधारित पद्धति का उपयोग करके बनाया गया था। चार्ल्स हॉकिंसन उन लोगों में से एक हैं जिन्होंने एथेरियम बनाने में मदद की। उन्होंने परियोजना शुरू करने में भी मदद की। दुनिया का 8वां सबसे बड़ा वॉल्यूम कॉइन एक मध्यम-जोखिम वाला दांव है।
Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या होगा. ये संसद में आने वाले बिल के बाद तय होगा. क्योंकि बहुत जल्द सरकार संसद में क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन बिल पेश करने वाली है. ऐसे में निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग गया तो उनके पैसे का क्या होगा. तो हम आपको पूरी रिसर्च के बात बताते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर आगे की राह क्या होगी. ऐसे में अगर बैन लग गया तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए रुपये को डॉलर या दूसरी करेंसी में कन्वर्ट नहीं कर पाएंगे. साथ ही दूसरी करेंसी में खरीदे गए क्रिप्टो कॉ़इन को बेचकर रुपये में ट्रांजेक्शन नहीं होगा.
भारत में कितना बड़ा है क्रिप्टो मार्केट?
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में 10 करोड़ ऐसे निवेशक हैं. जिनका पैसा क्रिप्टोमार्केट में लगा है. दावा है कि करीब 6 लाख करोड़ रुपया इस वक्त भारतीयों का क्रिप्टो मार्केट में लगा है. इसमें औसतन हर निवेशख का 9 हजार रुपये का इनवेस्टमेंट है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की चिंता इसलिए है, क्योंकि 60 फीसदी निवेशक ऐसे हैं, जो छोटे शहरों से आते हैं। इसके अलावा निवेशकों की औसत उम्र 24 साल है. मतलब ज्यादातर युवा इस नए तरह के इनवेस्टमेंट मार्केट से जुड़े हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या फर्क?
क्रिप्टोकरेंसी आम करेंसी से अलग है. इसे न तो छू सकते हैं, न ही इससे कुछ खरीद सकते हैं, बल्कि इसे सिर्फ ऑनलाइन रख सकते हैं. चिंता की वजह ये है कि इस करेंसी को लेकर कोई रेग्युलेटर नहीं है. दुनिया की किसी सरकार का इस पर कंट्रोल नहीं है. इस वक्त दुनिया में 1,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में है और 308 से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज हैं. इस मार्केट की शुरुआत 2009 में हुई थी. इस करेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा होता है. कोरोना काल में तो भारत में क्रिप्टो मार्केट काफी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जबकि डिजिटिल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होती क्रिप्टो करेंसी कब बनी? है. इसे केंद्रीय बैंक ही जारी करता है, इसीलिए इसकी कीमतों पर केंद्रीय बैंक का कंट्रोल रहता है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कब क्या हुआ?
2018 में भारत में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया, लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने बैन हटा दिया, लेकिन क्रिप्टोमार्केट को लेकर चिंता जारी रहीं. 11 नवंबर 2021 को आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी पर गंभीर चिंताएं जाहिर की. इसके बाद 13 नवंबर 2021 को पहली बार पीएम मोदी ने क्रिप्टो मार्केट पर बैठक की. इस बैठक के बाद क्रिप्टो करेंसी पर लगातार सवाल उठने लगे. 15 नवंबर 2021 को संसदीय समिति में क्रिप्टो पर चर्चा की गई और संसदीय समिति में बैन की बजाय रेगुलेट करने पर बातचीत हुई. इसके बाद 18 नवंबर 2021 को सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने क्रिप्टो पर एक बार फिर चिंता जाहिर की.
क्रिप्टो पर किस देश का क्या रुख
भारत में क्रिप्टो को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगर टेंडर घोषित कर दिया, जबकि अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी के हिसाब से अपनी नीतियां बना रहा है. दक्षिण कोरिया भी इस करेंसी को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इस करेंसी का लगातार विरोध कर रहा है.
किन-किन क्रिप्टोकरेंसी के प्राइवेट होने का डर
जानकारों के मुताबिक कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध रही है. इसीलिए इन क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात चल रही है. इसमें कुछ नाम इस तरह हैं. Monero(XMR), Dash Coin, Zcash(ZEC), Verge(XVG), Beam, Grin, Horizen(ZEN), Firo(FIRO), Byte Coin(BCN), UCoin और Delta. हालांकि 2019 में सरकार के पेश किए गए विधेयक के नाम में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना का जिक्र था, लेकिन 2021 आते आते विधेयक के नाम में से बैन शब्द हट गया है, जिसके बाद क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को उम्मीद जगी है. अब कुल मिलाकर अब इंतजार संसद में पेश होने वाले मसौदे का है, जिसमें ये तस्वीर साफ हो पाएगी, कि भारत में क्रिप्टो मार्केट चलता रहेगा या फिर निवेशकों की गाड़ी कमाई डूब जाएगी.
shiba inu के भाव जल्द पांच गुना बढ़ सकते हैं, BITGERT के भाव बढ़ने की गुंजाईश 100 गुना तक है
SHIB टोकन एक ERC-20 है, जो इथेरियम नेटवर्क के साथ तालमेल से बनाया गया है. शीबा इनु को इसके समुदाय द्वारा 'डॉजक्वाइन किलर' कहा गया है. टोकन को सिक्का धारकों के एक बड़े समुदाय का समर्थन मिला है. shiba inu का रेडिट और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर प्रचार किया जा रहा है.
पिछले कुछ समय में शीबा इनु क्रिप्टो करेंसी ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन साल 2022 में यह बहुत तेजी से रिटर्न देने वाली क्रिप्टो करेंसी बन गई है. क्रिप्टो बाजार के जानकारों का क्रिप्टो करेंसी कब बनी? कहना है कि इस साल शीबा इनु के भाव 5 गुना तक बढ़ सकते हैं. इसके साथ ही क्रिप्टो बाजार के जानकारों का कहना है कि बिटगर्ट नाम की एक क्रिप्टो करेंसी के भाव इस साल 100 गुना तक बढ़ सकते हैं.
साल के शुरुआत में गिरा था भाव
साल 2022 की शुरुआत के साथ शुरू हुई क्रिप्टो बाजार में गिरावट का असर दुनिया की 10 सबसे पसंदीदा क्रिप्टोकरेंसी में से एक शीबा इनु पर भी पड़ा था. एक-दो दिनों की तेजी को छोड़कर साल के शुरुआती दिनों में शीबा इनु का दाम गिरा ही था.
लाइमलाइट में शीबा इनु
शीबा इनु को बनाने वाले क्रिप्टो एक्सपर्ट का उद्देश्य SHIB को केवल एक मजाक से अधिक कुछ बनाना था. SHIB टोकन एक ERC-20 है, जो इथेरियम नेटवर्क के साथ तालमेल से बनाया गया है. शीबा इनु को इसके समुदाय द्वारा 'डॉजक्वाइन किलर' कहा गया है. टोकन को सिक्का धारकों के एक बड़े समुदाय का समर्थन मिला है. shiba inu का रेडिट और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया पर प्रचार किया जा रहा है.
Bitgert में काफी तेजी की उम्मीद
Bitgert (BRISE) नाम के नए क्रिप्टो की बात करें तो बिटगर्ट की कीमत में इस साल 100 गुना तक तेजी की उम्मीद है. साल 2022 में इस प्रोजेक्ट में काफी ग्रोथ क्रिप्टो करेंसी कब बनी? और डेवलपमेंट देखा जा सकता है. बीआरसी 20 ब्लॉकचेन इस प्रोजेक्ट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. बिटगर्ट की टीम साल 2022 में कई नए प्रोडक्ट लाने और क्रिप्टो करेंसी कब बनी? 1,000 से अधिक प्रोजेक्ट पर काम करने की योजना बना रही है. बिटगर्ट इको सिस्टम साल 2022 में 100 नए प्रोजेक्ट के साथ सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन सकता है.
जिस ब्लॉकचेन पर चलता है Bitcoin और अन्य क्रिप्टोकरेंसी, उसी पर आधारित RBI की डिजिटल करेंसी: जानिए कैसे करेगा काम
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि 'डिजिटल करेंसी' ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी।
RBI की नई डिजिटल करेंसी इसी साल होगी जारी (प्रतीकात्मक चित्र साभार: Bitcoin.Com)
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (1 फरवरी, 2022) को आम बजट पेश क्रिप्टो करेंसी कब बनी? करते हुए बताया कि ‘रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI)’ अपनी एक डिजिटल करेंसी लेकर आएगा। उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि ‘सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency)’ को चालू करने से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बहुत अधिक बढ़ावा मिलेगा। बताया गया कि डिजिटल करेंसी के माध्यम से एक और अधिक दक्ष और सस्ती करेंसी प्रबंधन व्यवस्था देखने में आएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि इस डिजिटल करेंसी का निर्माण एवं संचालन ब्लॉकचेन सहित अन्य तकनीकों के जरिए किया जाए। 2022-23 से ही इसे जारी कर दिया जाएगा और RBI इसे चालू करेगा। अगर आपने क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना है तो आप ब्लॉकचेन तकनीक के बारे में भी जानते होंगे, जिस पर Bitcoin और Ethereum सहित ये सभी कॉइन्स आधारित हैं। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर भी सरकार ने 30% कर वसूलने की बात कही है।
आपके मन में ये सवाल ज़रूर उठ रहा होगा कि ये डिजिटल करेंसी आखिर है क्या? ये CBDC आखिर काम कैसे करेगा? दरअसल, रिजर्व बैंक CBDC के माध्यम से लीगल टेंडर जारी करेगा। मार्किट में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनमें से कोई भी ‘लीगल टेंडर’ नहीं हैं। अर्थात, मुद्रा के रूप में भारत सरकार ने उन्हें कोई मान्यता नहीं दी है। यह अंतर होगा CBDC और अन्य कॉइन्स में। ये एक ‘फ़िएट’ (Fiat) करेंसी के समान ही होगा, जिसे हम आजकल कागज़ की शक्ल में देखते हैं और प्रयोग करते हैं।
अर्थात, ये डिजिटल करेंसी किसी भी अन्य मुद्राओं (फिजिकल या डिजिटल) के बदले आदान-प्रदान में उपयोग में लाया जा सकेगा। इससे आम नागरिकों को सुविधा मिलेगी, क्योंकि ‘डिजिटल करेंसी’ ऑनलाइन सुरक्षित भी रहेगी। साथ ही सभी बैंकों में इसे मान्यता भी प्राप्त होगी। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई बार RBI ने मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग और टैक्स चोरी का जिक्र करते हुए आगाह किया है। आप आजकल सर्कुलेशन में जो देखते हैं, उनमें से अधिकतर ‘प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी’ हैं।
India took a step towards legalising crypto with a 30% tax on crypto income, but experts think the new tax may drive away retail investors.
आखिर ‘डिजिटल करेंसी’ से बदलाव क्या आ जाएगा? लोगों का पूछना है कि इसका लेनदेन कैसे होगा। इन सवालों के जवाब समय के साथ केंद्र सरकार खुद देगी, लेकिन तब तक इतना जान लीजिए कि इसके लेनदेन में समय नहीं लगेगा और ट्रान्जक्शन्स तेजी से होंगे। इसके लिए एक वॉलेट बनाया जा सकता है, या फिर बैंक ही इसकी लेनदेन के लिए खुद को ब्लॉकचेन तकनीक से जोड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि नई प्रौद्योगिकी के प्रति मोदी सरकार के रुझान को भी ये कदम दिखाता है।
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