भारत में मसाला उत्पादन क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जा रणनीति विदेशी मुद्रा सकता है कि दुनियाभर में मसाले की 109 किस्में पैदा होती हैं. इनमें से भारत 75 किस्मों का उत्पादन कर्ता है. 85 प्रतिशत मसालों की घरेलू खपत होती है. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत का मसाला कारोबार विश्व में तेजी से बढ़ रहा है.
वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रूझानों के बीच शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स, निफ्टी चढ़े
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। रणनीति विदेशी मुद्रा वैश्विक बाजारों में मजबूती के रूख के चलते बृहस्पतिवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़त रही। इस दौरान बीएसई का 30 शेयरों रणनीति विदेशी मुद्रा वाला सूचकांक 397.14 अंक की तेजी के साथ 61,464.38 अंक पर पहुंच गया। व्यापक एनएसई निफ्टी 119.65 अंक बढ़कर 18,318.75 अंक पर था।
सेंसेक्स में सन फार्मा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, इंफोसिस, भारती एयरटेल, कोटक महिंद्रा बैंक, विप्रो, बजाज फाइनेंस, आईटीसी और अल्ट्राटेक सीमेंट बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, बजाज फिनसर्व, रणनीति विदेशी मुद्रा एक्सिस बैंक, टाटा स्टील, लार्सन एंड टूब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में गिरावट हुई।
अन्य एशियाई बाजारों में सियोल, तोक्यो, शंघाई और हांगकांग के बाजारों में तेजी रही। अमेरिकी बाजार भी बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे। पिछले कारोबारी सत्र में, बुधवार को 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 635.05 अंक या 1.03 प्रतिशत गिरकर 61,067.24 पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा भंडार 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.5 अरब डॉलर पर
मुंबई : विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति और स्वर्ण भंडार में कमी आने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार 16 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 57.1 करोड़ डॉलर घटकर 563.5 अरब डॉलर पर आ गया जबकि इसके पिछले सप्ताह यह 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.1 अरब डॉलर रहा था।
रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 16 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 50 करोड़ डॉलर की गिरावट लेकर 499.6 अरब डॉलर रह गयी। इसी तरह इस अवधि में स्वर्ण भंडार में 15 करोड़ डॉलर की कमी आई और यह घटकर 40.6 अरब डॉलर पर आ गया।
वहीं, आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) में 7.5 करोड़ डॉलर की तेजी आई और यह बढ़कर 18.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इसी तरह इस अवधि में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि 40 लाख डॉलर की बढ़ोतरी लेकर 5.11 अरब डॉलर हो गई।
Spice Production: धनिये का रकबा 85% बढ़ा, जीरे का रकबा 5% घट गया..अन्य मसालों के उत्पादन-निर्यात की ऐसी रही स्थिति
By: ABP Live | Updated at : 23 Dec 2022 04:51 PM (IST)
भारत में मसाला बाजार वर्ष 2025 तक 1 ट्रिलियन का होगा(सोर्सः गूगल)
Spice Production In India: देश में मसालों का कारोबार लगातार बढ़ रहा है. केंद्र और राज्य सरकार भी मसाला उत्पादन को लेकर गंभीर हैं. हर स्टेट अलग अलग मसाला का उत्पादन करता है. काफी मसालों विदेशों से भी देश में इंपोर्ट किए जाते हैं, जबकि अधिकांश रणनीति विदेशी मुद्रा मसाले ऐसे हैं, जिन्हें भारत विदेशों में आपूर्ति करता है. विदेशी मुद्रा के रूप में बड़ी करेंसी भारत सरकार के खाते में आती हैं. गुजरात सरकार ने मसालों के उत्पादन को लेकर आंकड़े जारी किए हैं.
धनिये का रकबा बढ़ा, जीरे का घट गया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात गवर्नमेंट ने राज्य में मसाला उत्पादन के आंकड़ें जारी किए हैं. गुजरात सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में जीरा का रकबा 2 लाख 61 हजार 635 हो गया है. इसमें 5 प्रतिशत गिरावट तक दर्ज की गई है. वहीं धनिये के रकबे में 84 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. यह बढ़कर 218,109 हेक्टेयर हो गया है.
खत्म होगी डॉलर की बादशाहत, वैश्विक स्तर पर व्यापार के लिए उपलब्ध होगा डिजिटल रूपी
नई दिल्ली। आरबीआई ने हाल ही में डिजिटल रूपी पेश किया है। इस ऐतिहासिक कदम से न सिर्फ सरकार के डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद रणनीति विदेशी मुद्रा मिलेगी बल्कि अमेरिकी डॉलर की बादशाहत को भी झटका लगेगा। जानकारों की मानें तो यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने जिस तरह रूस के विदेशी मुद्रा भंडार पर पाबंदी लगा दी। इससे कई देश समझ गए कि वैश्विक स्तर पर व्यापार के लिए डॉलर पर निर्भर नहीं रहा जा रणनीति विदेशी मुद्रा सकता है।
डिजिटल मुद्रा दुनियाभर के देशों की यह चिंता कम कर सकता है। पहले ईरान और अब रूस ने जो रास्ता दिखाया है, उसका असर आने वाले दिनों में यह हो सकता है कि भारत अन्य देशों से कारोबार में रुपये में लेनदेन के विकल्प पर जोर देगा। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होने के साथ निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी का कहना है कि डिजिटल रूपी मुद्रा प्रणाली के रणनीति विदेशी मुद्रा सिस्टम में दक्षता लाएगी। भुगतान के तरीके में नया लचीलापन देने के साथ विदेश में होने वाले भुगतान को भी बढ़ावा देगा। सामाजिक और आर्थिक रणनीति विदेशी मुद्रा परिणामों से होने वाले नुकसानों से भी बचा जा सकेगा।
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डिजिटल रुपये का इस्तेमाल यूपीआई, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के जरिये भुगतानों के लिए किया जा सकता है। यह पारंपरिक ऑनलाइन लेनदेन से अलग है।
एमएसएमई : 1.31 करोड़ लोगों को मिला रोजगार
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को इस साल विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इससे छोटे उद्योग बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए। उद्यम पोर्टल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 8 दिसंबर के बीच उद्यम-पंजीकृत 7,995 एमएसएमई बंद हुए। इस बीच, एमएसएमई ने 1.31 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए।
अर्थव्यवस्था में क्या सुधार हो रहा है?
भारत में अर्थव्यवस्था को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले कुछ मानकों पर भारत की स्थिति सुधर रही है। हालांकि इसे भारतीय अर्थव्यवस्था का टर्नअराउंड नहीं कहा जा सकता है लेकिन जिन बातों को लेकर सरकार आलोचना के घेरे में थी, उनमें से ज्यादातर में सुधार दिख रह है। सबसे बड़ा सुधार महंगाई के मोर्चे पर हुआ है। फल, सब्जियों और खाने पीने की चीजों के दाम कम होने से खुदरा और थोक महंगाई दर दोनों में कमी आई है। थोक महंगाई करीब एक साल के सबसे निचले स्तर पर है तो खुदरा महंगाई भी इस वित्त वर्ष में पहली बार भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से तय छह फीसदी की अधिकतम सीमा के नीचे पहुंची है। थोक और खुदरा महंगाई दोनों छह फीसदी से नीचे आ गए हैं।
सरकार की दूसरी आलोचना विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने को लेकर हो रही थी। इस साल के शुरू में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 633 अरब डॉलर था, रणनीति विदेशी मुद्रा जिससे घट कर 531 अरब डॉलर तक आ गया था। यानी एक सौ अरब डॉलर से ज्यादा की कमी आई थी। पर अब धीरे धीरे इसमें बढ़ोतरी हो रही है। पिछले लगातार पांच हफ्ते से इसमें बढ़ोतरी हुई है और पिछले हफ्ते यह बढ़ कर 561 अरब डॉलर पहुंच गया। रिजर्व बैंक रुपए की कीमत नियंत्रित करने के लिए अपने रिजर्व से डॉलर निकाल रही थी। अब यह ट्रेंड उलट गया और फिर भी रुपए की कीमत लगभग स्थिर है। यह आलोचना का तीसरा बिंदु था। हालांकि अब भी एक डॉलर की कीमत 82 रुपए से ऊपर है लेकिन नवंबर में जब इसकी कीमत 83 से ऊपर गई थी तो इसके 85 से ऊपर जाने की बात हो रही थी, जो अब थम गई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों के शेयर बाजार से निकलने का ट्रेंड भी अब रणनीति विदेशी मुद्रा थम गया है और उन्होंने फिर निवेश शुरू किया है। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के अनुमान के बाद यह ट्रेंड बदलता दिख रहा है।
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