Option ट्रेडिंग क्या है? | ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं
दोस्तों आप में से बहुत से लोग ट्रेडिंग करते होंगे और ट्रेडिंग कई तरह की होती है उन्ही में से एक होती है ऑप्शन ट्रेडिंग, लेकिन क्या आपको पता है कि ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है और ये कितने तरह की होती है अगर नही, तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी इनफार्मेशन देते हैं.
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Table of Contents
ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होता है (What is Option Trading in Hindi)
ऑप्शन ट्रेडिंग एस ऐसी ट्रेडिंग होती है जो किसी भी कस्टमर को किसी खास तारीख को एक खास कीमत के साथ किसी शेयर्स को खरीदने या बेचने का अधिकार देती है.
शुरुआत में ऑप्शन ट्रेडिंग करना थोड़ा कठिन होता है लेकिन वास्तविकता यह है कि ऑप्शन कुछ ऐसे होते हैं जिससे कोई भी आसानी से सीखकर कर सकता है भारत में ऑप्शन ट्रेनिंग सब से ज्यादा की जाती है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग करने के बहुत सारे फायदे होते हैं
जब भी आप ऑप्शन खरीदते हैं तो आपके पास अंतर्निहित ऐसेट को ट्रेड करने का अधिकार प्राप्त हो जाता है लेकिन आप इसके लिए बाध्य नहीं होते हैं यदि आप आप ऐसा करते है तो इससे ऑप्शन का यूज़ करना कहा जाता है आपसे ट्रेडिंग में आप किसी भी स्टॉक इंडेक्स सिक्योरिटी में थ्रेट कर सकते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग कितने तरह की होती है?
ऑप्शन ट्रेडिंग दो तरह की होती है-
कॉल ऑप्शन
कॉल ऑप्शन ऐसा ऑप्शन ट्रेडिंग होता है जिसमे आपको एक निश्चित समय में एक उचित मूल्य पर किसी भी स्टॉक को खरीदने का अधिकार देता है लेकिन इसका दायित्व नहीं देता है कॉल ऑप्शन में ऑप्शन खरीदने के लिए आपको एक उचित मूल्य देना होता है जिसे प्रीमियम कहा जाता है कॉल अफसर का यूज़ करने वाले आखिरी तारीख को समाप्ति तारीख भी कहते हैं
पुट ऑप्शन
पुट ऑप्शन कॉल ऑप्शन के ठीक विपरीत होता है इसमें किसी भी स्टॉक को खरीदने का अधिकार होने की बजाय एक पुट ऑप्शन आपको एक उचित मूल्य पर स्टॉक बेचने का अधिकार देता है
ऑप्शन ट्रेडिंग कैसे करते हैं
ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिससे आप ऑनलाइन ब्रोकरेज खातों के द्वारा कर सकते हैं और ये आपको स्वतः निर्देशित ट्रेडिंग की अनुमति भी देता है ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करने के बाद आप स्टॉक ब्रोकर द्वारा दिए गए ट्रेंडिंग ऐप का यूज़ करके ऑप्शन में ट्रीट कर सकते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें जानना जरूरी होता है-
स्टॉक सिंबल क्या होता है
लगता है कि एक स्टॉक कॉन्ट्रैक्ट से जुड़ी किसी भी स्टॉक की पहचान करने के लिए क्या यूज़ किया जाता है जैसे Nifty 16,000 CE.
समाप्ति तिथि क्या होती है
समाप्ति तिथि वह डेट होती है जिसपर ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो जाता है
स्ट्राइक मूल्य क्या होता है
जिसपर कस्टमर ऑप्शन का यूज़ करने में सक्षम होता है.
प्रीमियम क्या होता है
जब आप ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीदते हैं तो उसमें लगने वाली लागत को प्रीमियम कहा जाता है.
ऑप्शन ट्रेडिंग के लाभ क्या है?
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के कुछ प्रमुख लाभ है-
- अन्य ट्रेडिंग ऑप्शन्स की कंपेयर मे, आप कम इन्वेस्टमेंट के साथ भी ट्रेड करने में सफल हो सकते हैं.
- ऑप्शन का यूज़ आप मार्केट की किसी भी कंडीशन में कर सकते हैं और ये किसी भी अन्य ट्रेडिंग में नहीं किया जा सकता है.
- ऑप्शन ट्रेडिंग करने वाले कस्टमर्स को ये फ्लेक्सिबिलिटी के साथ ही लिक्विडिटी भी प्रोवाइड कर सकता है.
- ऑप्शन्स का इस्तेमाल हेजिंग के लिए भी किया जाता है जिसके द्वारा आप अपने पोर्टफोलियों को मार्केट में होने वाले उतार-चढ़ाव में होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.
ऑप्शन ट्रेडिंग के नुकसान क्या होते हैं? ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान
ऑप्शन ट्रेडिंग के कई नुकसान होते हैं-
- ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए इस स्टॉक का विश्लेषण करना इक्विटी स्टॉक से बिल्कुल अलग होता है जिसके लिए जरूरी है कि आप डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग की पूरी जानकारी लेने के बाद ही इसमें ट्रेड करें.
- इसमें आपको किसी भी स्टॉक मूल्य के मूवमेंट के बारे में कुछ कह पाना मुश्किल होता है और अगर आपका अंदाजा गलत हो जाता है तो ऑप्शन ट्रेडिंग आपको काफी ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है.
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आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (option trading kya hai) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको ऑप्शन ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (option trading kya hai) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है आपके मन मे भी ये सवाल जरूर आया होगा की आखिर स्टॉक मार्केट में कितने प्रकार की ट्रेडिंग होती है. मै आपको बता दू स्टॉक मार्केट में चार प्रकार की ट्रेडिंग होती है intraday trading. Swing trading. Short term trading. Long term trading. ये चार प्रकार की ट्रेडिंग कैसे की जाती है ये हम आज आपको बतायेंगे तो चलीये जानते है.शेअर मार्केट मे ट्रेडिंग कैसे होती है. और कितने प्रकार की होती है.
Intraday trading – इंट्राडे ट्रेडिंग
जब मार्केट 9 बजकर 15 मिनिट में शुरू होता है. और 3 बजकर 30 मिनिट मे बंद होता है. उस टाइम के अंदर आप जो कोई भी शेअर्स खरीद लेते ऑनलाइन ट्रेडिंग के नुकसान है. या बेज देते है उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. यांनी की आपको इसी टाइम के अंदर शेअर्स खरीद लेना है और बेच देना है. अब हम जानते है इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे
इंट्राडे ट्रेडिंग मे आपको शेअर बाजार के उतार-चढाव के बारे मे पता होना बेहात जरुरी है. इंट्राडे ट्रेडिंग से अगर अच्छे स्टॉक का शेअर्स आप खरीद लेते है तो आप 8000 रुपये per day से भी ज्यादा कमा सकते हो
इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान
इंट्राडे ट्रेडिंग मे जितना फायदा होता है उतना ही रिक्स और loss होता है,इस ट्रेडिंग मे आपको कोई ये नही बताएगा आखिर इंट्राडे मे ट्रेडिंग कैसे करे अगर आपके पास knowledge नही है और आप नये हो तो मेरी ये राय रहेगी आपके लिए ये ट्रेडिंग नही है. क्युकी नये लोग सबसे पहले यही ट्रेडिंग करना शुरू करते है और बाद में उनको असफलता मिलती है अब हम जानते है स्विंग ट्रेडिंग
Swing trading स्विंग ट्रेडिंग
इस ट्रेडिंग मे कोई भी स्टॉक खरीदकर कुछ दिनो मे या कुछ हप्तो के अंदर बेच सकते हो इसे स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है .इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर loss और profit को आसानी से झेल सकते हो
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
अगर आप नये हो तो सुरुवात मे आपको यही ट्रेडिंग करनी चाहिए तभी आप अच्छा स्टॉक select कर पाओगे और शेअर मार्केट के उतार और चढाव के बारे मे आसानी से और बारीकीसे जान पाओगे
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग मे अगर आप अच्छे स्टॉक को नही चुन, पाओगे तो आपको लॉस ही होगा क्यूकी इस ट्रेडिंग मे अच्छे स्टॉक को चूनना बेहद जरूरी है ताकी आप ज्यादा दिन तक अच्छे से स्टॉक मे invest कर सके
Short term trading शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग
जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो मे complete होता है.उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक active trade investment हे आपको इसमे अपने स्टॉक पर नजर रखनी पडती है तभी आप अपने स्टॉक को minimise कर सकते है
शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के फायदे
वैसे तो इस ट्रेडिंग मे आप अगर पुरी research के साथ stock स्सिलेक्ट करोगे तो आप अपने लॉस ओर प्रॉफिट को मिनिमाईज कर पावोगे
शॉर्ट ट्रेडिंग के नुकसान
अगर आप किसीके कहने पर या YouTube पर video देखकर किसी स्टॉक को खरीद लेते हो तो आपको पक्का लॉस ही होगा क्युकी आप जिस किसी भी स्टॉक को सिलेक्ट करते हो ऊस कंपनी के fundamentals के बारे मे हि आपको पता नही होता तभी आप लॉस मे जाते हो
Long term trading लॉंग टर्म ट्रेडिंग
अब आप इसके नाम से ही जान गये होंग आखिर लॉंग टर्म ट्रेडिंग क्या है. इस ट्रेडिंग में आप जो कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा के लिये खरीद लेते हो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है
लॉंग टर्म ट्रेडिंग के नुकसान और फायदे
इसमे अगर आप कोई अच्छा स्टॉक सिलेक्ट नही कर पाओगे तो आपको नुकसान होगा .और रिसर्च करके अगर सिलेक्ट करोगे तो आपको बहुत ज्यादा प्रॉफिट भी हो सकता है
दोस्तो आशा करता हु आपको यह आर्टिकल देहत पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल है तो आप हमे नीचे comment मे जरूर बताये और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे
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FAQ
ट्रेडिंग कितने प्रकार कि होती है
ट्रेडिंग चार प्रकार की होती है
1, Intraday trading
2, Swing trading
3, Short term trading
4, Long term trading
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