बांग्लादेश: घटते विदेशी मुद्रा भंडार के बीच डॉलर बिक्री की नई नीति से कारोबारी असंतुष्ट
अर्थशास्त्रियों ने सवाल उठाया है कि डॉलर की कीमत कृत्रिम ढंग से कैसे निर्धारित की जा सकती है। बांग्लादेश बैंक ने बांग्लादेश फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन (बीएएफईडीए) और एसोसिएशन ऑफ बैंकर्स- बांग्लादेश (एबीबी) के साथ एक खास बैठक के बाद नई नीति का एलान किया.
बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार में आ रही गिरावट के बीच देश के सेंट्रल बैंक ने अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए डॉलर की बिक्री की नई नीति घोषित की है। उसने देश के सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे समान दर पर डॉलर की बिक्री करें। लेकिन इससे कारोबार जगत और अर्थशास्त्रियों के एक हिस्से में असंतोष पैदा हो गया है। अर्थशास्त्रियों ने सवाल उठाया है कि डॉलर की कीमत कृत्रिम ढंग से कैसे निर्धारित की जा सकती है।
बांग्लादेश बैंक ने बांग्लादेश फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन (बीएएफईडीए) और एसोसिएशन ऑफ बैंकर्स- बांग्लादेश (एबीबी) के साथ एक खास बैठक के बाद नई नीति का एलान किया। नई नीति इसी रविवार से लागू हो जाएगी।
विदशी मुद्रा भंडार में गिरावट
देश में बढ़ रहे आयात के कारण डॉलर की मांग बढ़ गई है। इसे देखते हुए बांग्लादेश बैंक ने डॉलर की बिक्री शुरू की है। विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन 24 मई को उसने 5.80 बिलियन डॉलर जारी किए। पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने आठ बिलियन डॉलर की खरीदारी अन्य बैंकों से की थी। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में वस्तुओं की बढ़ी कीमत के कारण आयात के लिए अब अधिक रकम चुकानी पड़ रही है। नतीजा यह है कि देश के विदशी मुद्रा भंडार में गिरावट आ रही है। पिछले अगस्त में बांग्लादेश के पास 48 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा थी। बीते 25 मई को यह रकम 42.29 बिलियन डॉलर रह गई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2021 से मार्च 2022 के बीच बांग्लादेश के निर्यात में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। लेकिन इससे प्राप्त रकम विदेशी मुद्रा भंडार को संभालने विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुई है। इस वित्त वर्ष में देश का व्यापार घाटा 25 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। पिछले पूरे वित्त वर्ष की तुलना में यह नौ फीसदी ज्यादा है। इसी परिस्थिति को देखते हुए बांग्लादेश बैंक ने नई नीति घोषित की है।
अखबार द बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक बीएएफईडीए और विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन एबीबी के प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान नई नीति से असहमति जताई। एक निजी बैंक के प्रबंध निदेशक ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि इन दोनों संस्थाओं ने तय की गई नीति को अतार्किक माना है। बांग्लादेश बैंक ने इस बारे में दोनों संस्थाओं की राय लिखित रूप में मांगी है और कहा है कि वह उस पर विचार करेगा।
डॉलर की कीमत मांग और आपूर्ति पर
इसी अखबार से बातचीत में बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सलाहउद्दीन अहमद ने कहा कि डॉलर की विनिमय मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है। उन्होंने कहा कि अब अगर इसकी फिक्स्ड रेट तय करनी है, तो ऐसा डॉलर की खरीद और बिक्री दोनों स्थितियों के लिए किया जाना चाहिए। सलाहुद्दीन अहमद ने राय जताई कि ऐसी नीति के बावजूद बांग्लादेश बैंक के लिए यह जानना कठिन बना रहेगा कि डॉलर के काला बाजार में क्या हो रहा है।
लेकिन कुछ दूसरे बैंक अधिकारियों ने कहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार को अनुशासित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह नीति कुछ समय के लिए है, जो स्थिति सुधरने पर वापस ले ली जाएगी।
विस्तार
बांग्लादेश में विदेशी मुद्रा भंडार में आ रही गिरावट के बीच देश के सेंट्रल बैंक ने अंतरराष्ट्रीय कारोबार के लिए डॉलर की बिक्री की नई नीति घोषित की है। उसने देश के सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे समान दर पर डॉलर की बिक्री करें। लेकिन इससे कारोबार जगत और अर्थशास्त्रियों के एक हिस्से में असंतोष पैदा हो गया है। अर्थशास्त्रियों ने सवाल उठाया है कि डॉलर की कीमत कृत्रिम ढंग से कैसे निर्धारित की जा सकती है।
बांग्लादेश बैंक ने बांग्लादेश फॉरेन एक्सचेंज डीलर्स एसोसिएशन (बीएएफईडीए) और एसोसिएशन ऑफ बैंकर्स- बांग्लादेश (एबीबी) के साथ एक खास बैठक के बाद नई नीति का एलान किया। नई नीति इसी रविवार से लागू हो जाएगी।
विदशी मुद्रा भंडार में गिरावट
देश में बढ़ रहे आयात के कारण डॉलर की मांग बढ़ गई है। इसे देखते हुए बांग्लादेश बैंक ने डॉलर की बिक्री शुरू की विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन है। 24 मई को उसने 5.80 बिलियन डॉलर जारी किए। पिछले वित्त वर्ष में बैंक ने आठ बिलियन डॉलर की खरीदारी अन्य बैंकों से की थी। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में वस्तुओं की बढ़ी कीमत के कारण आयात के लिए अब अधिक रकम चुकानी पड़ रही है। नतीजा यह है कि देश के विदशी मुद्रा भंडार में गिरावट आ रही है। पिछले अगस्त में बांग्लादेश के पास 48 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा थी। बीते 25 मई को यह रकम 42.29 विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन बिलियन डॉलर रह गई।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2021 से मार्च 2022 के बीच बांग्लादेश के निर्यात में 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। लेकिन इससे प्राप्त रकम विदेशी मुद्रा भंडार को संभालने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुई है। इस वित्त वर्ष में देश का व्यापार घाटा 25 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। पिछले पूरे वित्त वर्ष की तुलना में यह नौ फीसदी ज्यादा है। इसी परिस्थिति को देखते हुए बांग्लादेश बैंक ने नई नीति घोषित की है।
अखबार द बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक बीएएफईडीए और एबीबी के प्रतिनिधियों ने बैठक के दौरान नई नीति से असहमति जताई। एक निजी बैंक के प्रबंध निदेशक ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि इन दोनों संस्थाओं ने तय की गई नीति को अतार्किक माना है। बांग्लादेश बैंक ने इस बारे में दोनों संस्थाओं की राय लिखित रूप में मांगी है और कहा है कि वह उस पर विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन विचार करेगा।
डॉलर की कीमत मांग और आपूर्ति पर
इसी अखबार से बातचीत में बांग्लादेश बैंक के पूर्व गवर्नर सलाहउद्दीन अहमद ने कहा कि डॉलर की विनिमय मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होती है। उन्होंने कहा कि अब अगर इसकी फिक्स्ड रेट तय करनी है, तो ऐसा डॉलर की खरीद और बिक्री दोनों स्थितियों के लिए किया जाना चाहिए। सलाहुद्दीन अहमद ने राय जताई कि ऐसी नीति के बावजूद बांग्लादेश बैंक के लिए यह जानना विनिमय दर और विदेशी मुद्रा भंडार प्रबंधन कठिन बना रहेगा कि डॉलर के काला बाजार में क्या हो रहा है।
लेकिन कुछ दूसरे बैंक अधिकारियों ने कहा है कि विदेशी मुद्रा भंडार को अनुशासित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह नीति कुछ समय के लिए है, जो स्थिति सुधरने पर वापस ले ली जाएगी।
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