Roselle Farming: कम पानी वाले इलाके में करें रोजेल फ़ार्मिंग, प्रति एकड़ होगी दो लाख की कमाई
डिजिटल गोल्ड की लीज कैसे काम करती है.
सेफ गोल्ड की गेन सेवा एक पीयर टू पीयर लेंडिंग की तरह काम करेगा जहां पर कस्टमर खुद ही अपने डिजिटल गोल्ड के बदले रिटर्न कमाने के लिए ज्वैलर और लीज की अवधि को चुन सकता है. सेफगोल्ड के वेबसाइट के अनुसार क्रेडिट योग्यता और केवाईसी-अनुपालन को वेरीफाइड किया जाएगा. आगे बढ़ने से पहले हम जान लेते हैं कि पीयर टू पीयर लेंडिंग क्या होती है. दरअसल यह लेंडिंग का वह तरीका होता है जिसमें कर्ज देने और कर्ज लेने वाला एक ही प्लेटफार्म पर मौजूद होते हैं और अपनी जरूरतों के हिसाब से ट्रांजैक्शन कर लेते हैं.
कितना सोना रख सकते हैं?
ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म के अनुसार गेन की सेवा के तहत कोई इंडिविजुअल कम से कम 0.5 ग्राम से अधिकतम 20 ग्राम तक डिजिटल गोल्ड लीज पर ले सकता है. डिजिटल गोल्ड को पट्टे पर 30 दिन से लेकर 364 दिन तक रखा जा सकता है. उपभोक्ता के रिटर्न की बात करें तो 3 से 6% यील्ड प्रति वर्ष उम्मीद जताई जा रही है. सेफ गोल्ड के फाउंडर और एमडी के अनुसार फिलहाल लीज 90 से 180 दिन के लिए मौजूद है. साथ ही डिजिटल गोल्ड पर मिलने वाला यील्ड मंथली बेसिस पर कैलकुलेट होगा और कस्टमर के डिजिटल गोल्ड अकाउंट में जुड़ जाएगा. ध्यान रहे यील्ड पर मिलने वाला रिटर्न सोने के रूप में होगा. एक बार लीज खत्म होने पर लीज पर दिया गया सोना और रिटर्न दोनों ही कस्टमर के खाते में जुड़ जाएगा.
डिजिटल गोल्ड क्या है?
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गोल्ड प्लेटफॉर्म Safe Gold ने लांच किया गेन सेवा, डिजिटल सोना लीज पर दे कर पाएं हाई रिटर्न
सेफ गोल्ड की गेन सेवा एक पीयर टू पीयर लेंडिंग की तरह काम करेगा जहां पर कस्टमर खुद ही अपने डिजिटल गोल्ड के बदले रिटर्न कमाने के लिए ज्वैलर और लीज की अवधि को चुन सकता है.
नई दिल्ली: ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म सेफगोल्ड ने अपने ग्राहकों के लिए गेन्स नाम की सेवा शुरू की है. जिसके तहत से सेफगोल्ड के ग्राहक अपना डिजिटल गोल्ड लीज (lease) या पट्टे पर रखकर लाभ के रूप में रिटर्न पा सकते हैं. ग्राहक अपना डिजिटल सोना जहां जमा करता है वहां के तिजोरी से गोल्ड को लेकर जौहरियों को पट्टे पर दिया जाएगा.
Roselle Farming: कम पानी वाले इलाके में करें रोजेल फ़ार्मिंग, प्रति एकड़ होगी दो लाख की कमाई
डिजिटल गोल्ड की लीज कैसे काम करती है.
सेफ गोल्ड की गेन सेवा एक पीयर टू पीयर लेंडिंग की तरह काम करेगा जहां पर कस्टमर खुद ही अपने डिजिटल गोल्ड के बदले रिटर्न कमाने के लिए ज्वैलर और लीज की अवधि को चुन सकता है. सेफगोल्ड के वेबसाइट के अनुसार क्रेडिट योग्यता और केवाईसी-अनुपालन को वेरीफाइड किया जाएगा. आगे बढ़ने से पहले हम जान लेते हैं कि पीयर टू पीयर लेंडिंग क्या होती है. दरअसल यह लेंडिंग का वह तरीका होता है जिसमें कर्ज देने और कर्ज लेने वाला एक ही प्लेटफार्म पर मौजूद होते हैं और अपनी जरूरतों के हिसाब से ट्रांजैक्शन कर लेते हैं.
कितना सोना रख सकते हैं?
ऑनलाइन डिजिटल गोल्ड प्लेटफॉर्म के अनुसार गेन की सेवा के तहत कोई इंडिविजुअल कम से कम 0.5 ग्राम से अधिकतम 20 ग्राम तक डिजिटल गोल्ड लीज पर ले सकता है. डिजिटल गोल्ड को पट्टे पर 30 दिन से लेकर 364 दिन तक रखा जा सकता है. उपभोक्ता के रिटर्न की बात करें तो 3 से 6% यील्ड प्रति वर्ष उम्मीद जताई जा रही है. सेफ गोल्ड के फाउंडर और एमडी के अनुसार फिलहाल लीज 90 से 180 दिन के लिए मौजूद है. साथ ही डिजिटल गोल्ड पर मिलने वाला यील्ड मंथली बेसिस पर कैलकुलेट होगा और कस्टमर के डिजिटल गोल्ड अकाउंट में जुड़ जाएगा. ध्यान रहे यील्ड पर मिलने वाला रिटर्न सोने के रूप में होगा. एक बार लीज खत्म होने पर लीज पर दिया गया सोना और रिटर्न दोनों ही कस्टमर के खाते में जुड़ जाएगा.
डिजिटल गोल्ड को पट्टे पर रखने से संबंधित जोखिम
सेफगोल्ड की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार पट्टे पर डिजिटल गोल्ड रखने से संबंधित पांच जोखिम के बारे में भी बताया है. आइए जानते हैं वह पांच जोखिम कौन-कौन से हैं.
1. पहला जोखिम अन रेगुलेटेड (अनियमित) उत्पाद का है. अर्थात इसका मतलब यह है कि किसी भी नुकसान या फ्रॉड होने के केस में उपभोक्ता किसी भारतीय रेगुलेटर जैसे सेबी और आरबीआई के पास निवारण के लिए नहीं जा सकता है.
2. दूसरा जोखिम तरलता का है. उपभोक्ता अगर एक बार अपने सोने को पट्टे पर रख देने के बाद वह पट्टे की अवधि खत्म होने से पहले उसको बेच नहीं सकता. अर्थात लीज की अवधि तक गोल्ड लॉक हो चुका है. जौहरी चाहे तो लीज की अवधि से पहले कैंसिल कर सकता है. लेकिन इसकी भरपाई के लिए उसे लीज बंद होने तक का रिटर्न सोने के रूप में ग्राहक के डिटेल अकाउंट में देना पड़ेगा.
3. दूसरा जोखिम पूंजी के नुकसान होने का है. पट्टे की अवधि के अंत के बाद जौहरी डिजिटल सोना कस्टमर को वापस नहीं करता तो ग्राहक अपना डिजिटल गोल्ड खो सकता है. हालाकी सेट गोल्ड यह दावा करता है कि वह अपने ग्राहकों के सुरक्षा के लिए अपने प्लेटफार्म पर केवल लिस्टेड ज्वेलर्स को रखा है. साथ ही उन लिस्टेड ज्वेलर्स से बैंक की गारंटी ली गई है. और बैंक पर ली गई गारंटी वैल्यू लीज पर लिए गए गोल्ड की वैल्यू से ज्यादा है. पट्टे पर लिए गए गोल्ड की बैंक गारंटी 105 से 110% है.
4. चौथा जोखिम है मूल्य का. पट्टे पर मिलने वाला यील्ड सोने के ग्राम के रूप में मिलता है जिस वजह से अगर मार्केट में सोने की कीमत गिरती है. तो इसका प्रभाव सोने का रुपया मूल्य पर भी पड़ेगा. साथ ही उपभोक्ता पट्टी की अवधि खत्म होने से पहले अपना सोना भी नहीं बेच सकता है.
5. अंतिम जोखिम किसी तरह की गारंटी नहीं. अर्थात सेफगोल्ड प्लेटफार्म रिटर्न की सुरक्षा पर कोई गारंटी नहीं देता है.
क्या डिजिटल गोल्ड को पट्टे पर रखना चाहिए.
भारत सरकार ने साल 2015 में सेफगोल्ड डिजिटल गोल्ड क्या है? की इस योजना से मिलती-जुलती स्वर्ण मुद्रीकरण योजना (GMS) शुरू की थी. इस योजना में घर संस्थान में रखे हुए सोने और संस्थान में पड़े सोने को निकालकर उसको प्रोडक्टिव उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करना था. लेकिन इस योजना के प्रति जनता का रूप कमजोर था. आरबीआई की ऑफिशल वेबसाइट के अनुसार वर्तमान समय में जीएमएस योजना के तहत 5-7 साल की मध्यम जमा राशि पर 2.25% प्रति वर्ष और 12-15 साल की लंबी अवधि की जमा पर 2.50% की ऑफर कर रही है. अब सेफ गोल्ड प्लेटफार्म की गेन योजना आई है. अगर कोई व्यक्ति जोखिम उठाने की क्षमता रखता है तो अपना डिजिटल ना पट्टे पर देना चाहिए. आपको रिटर्न के तौर पर डिजिटल गोल्ड ही मिलेगा. इस योजना के प्रति लोगों की क्या प्रतिक्रिया आने वाला समय ही बताएगा.
छोड़ो कल की बातें. अब सोना नहीं 'डिजिटल गोल्ड' खरीदें, न चोरी की चिंता न गुम होने का डर, ऐसे करें निवेश
डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन सोना खरीदने का एक तरीका है. इसमें गोल्ड फिजिकली ना होकर आपके डिजिटल वॉलेट में रखा होगा.
Digital Gold: मौजूदा समय में डिजिटल गोल्ड में निवेश करने को लेकर लोगों की रूचि बढ़ी है. इनमें सॉवरेन गोल्ड फंड और गोल्ड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 23, 2022, 12:49 IST
हाइलाइट्स
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम एक ग्राम सोना खरीदा जा सकता है.
गोल्ड ईटीएफ को शेयर की तरह खरीदकर डीमैट अकाउंट में रखा जा सकता है.
जरूरत पड़ने पर कुछ एक्स्ट्रा चार्ज देकर डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड बदल सकते हैं.
नई दिल्ली. सोने में निवेश सबसे सुरक्षित और हमेशा फायदे का सौदा रहा है. लेकिन गोल्ड के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं. क्योंकि सोने के जेवर या अन्य सामानों के चोरी होने और गुमने का डर हमेशा बना रहता है इसलिए निवेश के बाद इसकी सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती होती है. ऐसे में डिजिटल गोल्ड निवेश का एक नया और सुरक्षित माध्यम बनकर उभरे हैं.
मौजूदा समय में डिजिटल गोल्ड में निवेश करने को लेकर लोगों की रूचि बढ़ी है. इनमें सॉवरेन गोल्ड फंड और गोल्ड ईटीएफ (Gold Exchange Traded Fund) निवेश के दो प्रमुख माध्यम हैं.
क्या है डिजिटल गोल्ड?
डिजिटल गोल्ड ऑनलाइन सोना खरीदने का एक तरीका है. इसमें गोल्ड फिजिकली ना होकर आपके डिजिटल वॉलेट में रखा होगा. आप इसकी खरीदी-बिक्री भी कर सकते हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर कुछ एक्स्ट्रा चार्ज देकर डिजिटल गोल्ड को फिजिकल गोल्ड बदल सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कैसे करें निवेश?
सोने में निवेश के नए विकल्प के तौर पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का विकल्प ग्राहकों को 2015 से मिला. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करता है. इसमें कम से कम एक ग्राम सोना खरीदा जा सकता है. दरअसल निवेश के नजरिये से फिजिकली सोने की खरीदी में कमी लाने के लिए यह योजना लाई गई है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर सालाना 2.5 फीसदी ब्याज मिलता है. ग्राहक ऑनलाइन या कैश के जरिए इसे खरीद सकते हैं. ये 8 साल की अवधि में पूर्ण होती है. इस स्कीम में एक फाइनेंशियल ईयर में एक व्यक्ति अधिकतम 4 किलोग्राम गोल्ड के बॉन्ड खरीद सकता है.
गोल्ड ईटीएफ भी निवेश का बेहतर विकल्प
गोल्ड ईटीएफ को शेयर की तरह खरीदकर डीमैट अकाउंट में रखा जा सकता है. जब आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं, तो आपके पास वास्तव में फिजिकल सोना नहीं होता है, बल्कि आप सोने की कीमत के बराबर नकद रखते हैं. इसी तरह जब आप गोल्ड ईटीएफ बेचते हैं, तो आपको भौतिक सोना नहीं मिलता है, बल्कि उस समय सोने की कीमत के बराबर नकदी मिलती है.
गोल्डी ईटीएफ खरीदने और बेचने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है. इसका उपयोग करके स्टॉक एक्सचेंज पर कम से कम एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट खरीद और बेच सकते हैं. उन निवेशकों के लिए जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, वे गोल्ड फंड ऑफ फंड्स का उपयोग करके गोल्ड ईटीएफ में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
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Dhanteras 2022: धरतेरस के मौके पर खरीद सकते हैं डिजिटल गोल्ड, समझिए Gold ETF में निवेश के क्या हैं फायदे
Gold ETF: पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो बहुत ज्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है.
भारत में धनतेरस के मौके पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है.
Dhanteras 2022: भारत में धनतेरस के मौके पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. आज के दिन ज्यादातर भारतीय सोने में निवेश करना पसंद करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से समृद्धि बढ़ती है और अधिक धन की प्राप्ति होती है. आज के समय में सोना ऑनलाइन (डिजिटल सोना) माध्यम से डिजिटल गोल्ड क्या है? खरीदना संभव है. गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ सालों से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते डिजिटल गोल्ड क्या है? चढ़ते भावों पर आधारित होता है.पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो बहुत ज्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
क्या है Gold ETF?
गोल्ड ईटीएफ केवल फिजिकल गोल्ड का रिप्रेजेंट करने वाली यूनिट्स हैं जिन्हें डीमैट रूप में खरीदा जा सकता है. जब आप गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं, तो आपके पास वास्तव में फिजिकल सोना नहीं होता है, बल्कि आप सोने की कीमत के बराबर नकद रखते हैं. इसी तरह, जब आप गोल्ड ईटीएफ बेचते हैं, तो आपको फिजिकल गोल्ड नहीं मिलता है, बल्कि उस समय सोने की कीमत के बराबर कैश मिल जाता है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है.
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Gold ETF कैसे खरीदें और कैसे बेचें?
आप डीमैट अकाउंट का उपयोग करके बीएसई या एनएसई पर गोल्ड ईटीएफ का कम से कम एक यूनिट खरीद और बेच सकते हैं. जिन निवेशकों के लिए जिनके पास डीमैट अकाउंट नहीं है, उनके पास गोल्ड फंड ऑफ फंड्स का उपयोग करके गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने का विकल्प है. गोल्ड ईटीएफ में गोल्ड फंड ऑफ फंड निवेश करता है. इस तरह की पेशकश के माध्यम से निवेशक एसआईपी या एकमुश्त के माध्यम से सोने में निवेश करने का विकल्प चुन सकते हैं.
Gold ETF में निवेश के फायदे
- पहला फायदा तो यह है कि गोल्ड ईटीएफ में डिजिटल गोल्ड क्या है? निवेश करने से आपको न तो भंडारण की परेशानी का सामना करना पड़ता है और न ही चोरी की चिंता होती है. चूंकि गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स डीमैट रूप में होती हैं, डिजिटल गोल्ड क्या है? इसलिए आपकी होल्डिंग को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की कोई जरूरत नहीं है. इस तरह, आप लॉकर शुल्क पर भी बचत कर सकते हैं.
- चूंकि गोल्ड ईटीएफ रेगुलेटेड एंटिटी हैं, इसलिए निवेशक को होल्डिंग्स की शुद्धता को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप इसमें निश्चिंत हो सकते हैं कि प्योरिटी का लेवल हमेशा 99.5 प्रतिशत या उससे अधिक रहेगा.
- तीसरा, गोल्ड ईटीएफ यूनिट खरीदते समय कोई प्रीमियम, मेकिंग चार्ज या कोई अन्य लागत शामिल नहीं होती है.
- गोल्ड ईटीएफ के रूप में खरीदते या बेचते समय सोने के मूल्य निर्धारण में पूरी पारदर्शिता होती है.
- इसकी लागत बहुत कम है. आभूषण के रूप में सोना खरीदते समय, निवेशकों को खरीदारी करने के लिए एक निश्चित राशि जमा करनी होती है. जब गोल्ड ईटीएफ की बात आती है, तो निवेशक कम से कम 45 रुपये में निवेश करना शुरू कर सकते हैं, जो कि ICICI प्रूडेंशियल गोल्ड ईटीएफ की 1 यूनिट की कीमत है. (20 अक्टूबर, 2022 तक).
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन में मिलती है मदद
गोल्ड ईटीएफ भंडारण, सुरक्षा या शुद्धता संबंधी परेशानियों के बारे में चिंता किए बिना भौतिक सोने में निवेश करने का एक प्रभावी तरीका है. गोल्ड ईटीएफ रखने का एक अन्य लाभ यह है कि यह एक पोर्टफोलियो डायवर्सिफायर है और अन्य एसेट क्लास में महंगाई और उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव प्रदान करता है. इसलिए, अगर आपके निवेश पोर्टफोलियो में गोल्ड ईटीएफ है, तो आपको न केवल पूंजी की वृद्धि से लाभ होता है, बल्कि बाजार के उतार-चढ़ाव को से भी आप कम प्रभावित हो सकते डिजिटल गोल्ड क्या है? हैं.
सोना खरीदने पर मिलेगा 500 का डिस्काउंट और सालाना ब्याज, जानिये डिजिटल गोल्ड के फायदे
Digital Gold Benefits: डिजिटल गोल्ड में आपको फिजितल गोल्ड के मुकाबले कई तरह की सहूलियतें भी मिलती हैं. ऐसे में अगर आप चाहें तो इस फेस्टिव सीजन में डीजिटल गोल्ड की खरीददारी कर सकते हैं.
- सोना खरीदने पर मिलेगा 500 का डिस्काउंट
- जानिये क्या हैं डिजिटल गोल्ड के फायदे
ट्रेंडिंग तस्वीरें
नई दिल्ली: त्योहारी सीजन शुरू होने को है. ऐसे में सोने की डिमांड में तेजी देखने को मिल सकती है. अगर आप भी त्योहारों के समय सोना खरीदने का मन बना रहे हैं तो डिजिटल गोल्ड में निवेश करना आपके लिए एक अच्छा और बेहतर ऑप्शन साबित हो सकता है. डिजिटल गोल्ड में आपको फिजितल गोल्ड के मुकाबले कई तरह की सहूलियतें भी मिलती हैं. ऐसे में अगर आप चाहें तो इस फेस्टिव सीजन में डीजिटल गोल्ड की खरीददारी कर सकते हैं. आइये जानते डिजिटल गोल्ड के फायदों के बारे में.
मिलता है ब्याज और डिस्काउंट
अगर आप डिजिटल सोने या गोल्ड बॉन्ड में निवेश करते हैं तो आपको डिस्काउंट के साथ साथ ब्याज का फायदा भी मिलता है. डिजिटल गोल्ड में आपको अधिकतम 500 रुपये का डिस्काउंट मिल सकता है. दरअसल इसमें ऑनलाइन पेमेंट करने पर प्रति ग्राम पर 50 रुपये का डिस्काउंट मिलता है. यानी इस हिसाब से 10 ग्राम की खरीददारी पर आप 500 रुपये का डिस्काउंट हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा गोल्ड बॉन्ड योजना में आपको सालाना आधार पर 2.5 फीसदी के ब्याज का फायदा भी मिलता है.
स्टोरेज और क्वालिटी
सोना खरीदने के बाद हमारे सामने जो एक बड़ी समस्या आती हो वह इसे रखने की. कई सारे लोग अपने गहने या सोने को बैंक के लॉकरों में जमा कराते हैं इसके लिए उनको चार्ज भी देना होता है. लेकिन डिजिटल गोल्ड में आपकी यह समस्या भी हल हो जाती है. डिजिटल गोल्ड में हमें स्टोरेज की चिंता नहीं करनी होती. इसके अलावा इसमें हमें डिजिटल गोल्ड क्या है? सोने की क्वालिटी को लेकर भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है. डिजिटल गोल्ड में जो सोना खरीदा जाता है वह 24 कैरेट सोने की शुद्धता के साथ लिंक किया जाता है.
1 ग्राम सोना खरीदने की सुविधा
डिजिटल गोल्ड या गोल्ड बॉन्ड योजना में आप कम से कम 1 ग्राम सोना भी खरीद सकते हैं. साथ ही एक अकेले व्यक्ति के तौर पर इसके जरिए हमें ज्यादा से ज्यादा 4 किलो ग्राम तक सोना खरदीने का विकल्प मिलता है. गोल्ड बॉन्ड स्कीम में ग्राहकों को बाजार से सस्ते दाम में सोना खरीदने का मौका मिलता है.
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