क्या होगा असर
इस सूची में शामिल होने से तत्काल भारत को कोई बड़ा नुकसान घरेलू मुद्रा क्या है? नहीं होने वाला है, लेकिन इससे वैश्विक बाजार में भारत की छवि को थोड़ा नुकसान हो सकता है. इसके दबाव में हो सकता है कि अब रिजर्व बैंक डॉलर की खरीद कम कर दे. डॉलर की खरीद कम हुई तो रुपये में और मजबूती आ सकती है. इससे हमारा निर्यात महंगा हो सकता है और ​कई देशों के साथ व्यापार घाटा बढ़ सकता है.

Rupee - India TV Hindi

घरेलू-मुद्रा के रूप में विदेशी मुद्रा की एक इकाई की कीमत क्या कहलाती है?
(i) मौद्रिक दर
(ii) विनिमय दर
(iii) विनिमय अनुपात
(iv) इनमें से कोई नहीं​

एक प्रत्यक्ष उद्धरण तब होता है जब घरेलू मुद्रा के संदर्भ में विदेशी मुद्रा की एक इकाई व्यक्त की जाती है। इसी घरेलू मुद्रा क्या है? तरह, अप्रत्यक्ष अवतरण तब होता है जब घरेलू मुद्रा की एक इकाई विदेशी मुद्रा के संदर्भ में हमारे द्वारा व्यक्त की जाती है।

  • फ्लोटिंग और फिक्स्ड एक्सचेंज रेट

विनिमय दर स्थिर नहीं रहती हैं। वे फ्लोटिंग या फिक्स्ड हो सकते हैं। विनिमय दर को अस्थायी माना जाता है जब मुद्रा की घरेलू मुद्रा क्या है? दर बाजार की स्थितियों से निर्धारित होती है। घरेलू मुद्रा क्या है? अधिकांश देश फ्लोटिंग विनिमय दर का उपयोग करते हैं। दूसरी ओर, कुछ देश अपनी घरेलू मुद्रा को एक प्रमुख मुद्रा जैसे कि USD के मुकाबले ठीक करना पसंद करते हैं।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे बढ़कर 82.19 पर पहुंचा

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 19 पैसे बढ़कर 82.19 पर पहुंचा

घरेलू शेयर बाजारों में तेजी और अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी की वजह से रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे बढ़कर 82.19 के स्तर पर पहुंच गया. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि विदेशी पूंजी की लगातार निकासी से रुपया प्रभावित हुआ, और उसकी बढ़त सीमित हुई.

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अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया डॉलर के मुकाबले 82.30 पर खुला और कुछ बढ़त के साथ 82.19 पर आ गया जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 19 पैसे की बढ़त को दर्शाता है.

रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नौ पैसे मजबूत होकर 82.38 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.23 फीसदी गिरकर 104.53 पर आ गया.

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.89 फीसदी की बढ़त के साथ 76.83 डॉलर घरेलू मुद्रा क्या है? प्रति बैरल था.

अवमूल्यन और मूल्यह्रास में अंतर स्पष्ट कीजिए। Difference between devaluation and Depreciation

अवमूल्यन वह प्रक्रिया है जिसमें सरकार स्वयं जानबूझकर अपनी घरेलू मुद्रा का मूल्य विदेशी मुद्रा में घटा देती है । अवमूल्यन का उद्देश्य प्रतिकूल भुगतान संतुलन की स्थिति में सुधार लाना है । अवमूल्यन देश घरेलू मुद्रा क्या है? के निर्यात को बढ़ाने में तथा आयातों को बढ़ाने में सहायक होता है।

बिना सरकारी हस्तक्षेप किए हुए अंतरराष्ट्रीय बाजार में जब मुद्रा का मूल्य बाजार की मांग एवं पूर्ति की शक्तियों के द्वारा स्वत: ही कम हो जाए तो मूल्यह्रास कहलाता है।

Answer - Devaluation: -

अमेरिका की निगाह में भारत 'करेंसी मैनिपुलेटर'. जानें क्या है इसका मतलब

Indian Currency

नए राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) के नेतृत्व में अमेरिका ने पहले की तरह एक बार फिर भारत को तगड़ा झटका दिया है. उसने भारत (India) को 'करेंसी मैनिपुलेटर्स' (मुद्रा घरेलू मुद्रा क्या है? के साथ छेड़छाड़ करने वाले देश) की निगरानी सूची में डाल दिया है. गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब अमेरिका ने भारत को लेकर ये कदम उठाया है. इससे पहले 2018 में भी भारत को सूची में डाला गया था लेकिन फिर 2019 में हटा दिया था. अमेरिका के वित्त मंत्रालय ने भारत सहित कुल 10 देशों को इस सूची में शामिल किया है. इनमें सिंगापुर, चीन, थाईलैंड, मैक्सिको, जापान, कोरिया, जर्मनी, इटली और मलेशिया तक शामिल हैं. मंत्रालय ने कहा है कि इन देशों में मुद्रा संग्रहण और इससे जुड़े अन्य तरीकों पर करीबी नजर रखी जाएगी. अधिकारी ने बताया कि भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस (Trade Surplus) साल 2020-21 में करीब पांच अरब घरेलू मुद्रा क्या है? डॉलर तक बढ़ गया है. यहां ट्रेड सरप्लस का मतलब है, किसी देश का निर्यात उसके आयात से अधिक हो जाना.

रुपये में गिरावट के पीछे तर्क

अजय सेठ के मुताबिक रुपये को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया गया है, ऐसे में घरेलू मुद्रा की विनिमय दर में गिरावट को लेकर निश्चित तौर पर चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि रुपया ब्रिटिश पाउंड (घरेलू मुद्रा क्या है? British Pound), जापानी येन (Japanese Yen) और यूरो (Euro) जैसी कई विदेशी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हुआ है। इससे इन मुद्राओं में आयात डॉलर के मुकाबले सस्ता हुआ है।

आर्थिक मामलों के सचिव घरेलू मुद्रा क्या है? ने रुपये के मूल्य में गिरावट के लिये फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत दर में वृद्धि को वजह घरेलू मुद्रा क्या है? बताया। इससे अमेरिका में निवेश को लेकर दुनियाभर से डॉलर की निकासी हुई। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई घरेलू मुद्रा क्या है? ने दो सप्ताह पहले ही व्यापक स्तर पर कदम उठाये हैं। इसीलिए, जो भी कदम जरूरी हैं, उन्हें उठाया जा रहा है। अत: हमें इसको लेकर निश्चित रूप से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव के संदर्भ में इसे बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा रहा है।’’

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