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पेराई सत्र 2022-23 में घटतौली नियंत्रण पर रहेगा विशेष फोकस

उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घटतौली पर प्रभावी अंकुश लगाने के सख्त निर्देश विभाग को दिये गये हैं। इन्हीं निर्देशों का पालन करने तथा घटतौली पर नियंत्रण लगाने के दृष्टिगत प्रदेश के गन्ना मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा दिये गये आदेशों के क्रम में प्रदेश की समस्त चीनी मिलों के मुख्य वित्त अधिकारी एवं आई. टी. प्रमुखों के साथ गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में आज बैठक आहूत की गयी। इस बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा की गयी।

इस सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि पेराई सत्र 2022-23 गतिमान है तथा कृषकों द्वारा अपने गन्ने की सतत् आपूर्ति चीनी मिलों को की जा रही है। पेराई सत्र 2022-23 में चीनी मिल गेट एवं वाह्य गन्ना क्रयकेन्द्रों पर गन्ना तौल में घटतौली एवं तौल हेतु प्रयुक्त हो रहे वेब्रिजों एवं साफ्टवेयर में छेड़-छाड़ (Tampering) किये जाने की शिकायतें विविध माध्यमों से संज्ञान में आई हैं, जिसके दृष्टिगत प्रदेश की समस्त चीनी मिलों के मुख्य वित्त अधिकारी एवं आई. टी. प्रमुखों के साथ बैठक कर घटतौली पर अंकुश लगाने हेतु निर्देश दिये गये।

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हिमाचल में ACC-अंबुजा सीमेंट प्लांट पर जड़ा ताला: स्थिति तनावपूर्ण, उत्तर भारत में होगी सीमेंट की कमी; 20 हजार परिवारों के रोजगार पर संकट

हिमाचल में अडानी ने दो सीमेंट प्लांट अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए है। इससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया है। आनन-फानन में राज्य के मुख्य सचिव आरडी धीमान ने DC सोलन और DC बिलासपुर को जल्द विवाद का हल निकालने के निर्देश दिए है। मगर, अभी विवाद सुलझता नजर नहीं आ रहा है।

बिलासपुर के बरमाणा में ACC और सोलन के दाड़लाघाट में अंबुजा सीमेंट प्लांट कुछ ओर दिन बंद रहे तो आने वाले दिनों में प्रदेश सहित समूचे उत्तर भारत में सीमेंट का संकट गहरा सकता है और वित्तीय बाजार के मुख्य कार्य इसकी कालाबाजारी बढ़ेगी। सीमेंट नहीं मिलने से सभी विकास कार्य ठप हो जाएंगे।

बरमाणा में सीमेंट फैक्ट्री के बाहर पुलिस कर्मी तैनात

आरबीआई सरकार की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी उप-समिति ने आर्थिक स्थिति की समीक्षा की

उप-समिति के अन्य सदस्य, जिनमें अजय त्यागी, अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और सुप्रतिम बंद्योपाध्याय, अध्यक्ष, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) शामिल हैं, ने भी बैठक में भाग लिया।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली FSDC उप-समिति ने गुरुवार को COVID-19 महामारी की पृष्ठभूमि में आर्थिक स्थिति की समीक्षा की और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने की दृष्टि से सामने आने वाले घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखने का संकल्प लिया।

वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) उप-समिति (FSDC-SC) की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई और SEBI, IRDAI, PFRDA और IBBI सहित सभी वित्तीय क्षेत्र के नियामकों ने भाग लिया।

आरबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, “सदस्यों ने सामने आने वाले घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से कार्य करने का संकल्प लिया कि वित्तीय संस्थान और वित्तीय बाजार महामारी के वित्तीय बाजार के मुख्य कार्य पुनरुत्थान से उत्पन्न चुनौतियों के बीच लचीला बने रहें।”

कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क के प्रमुख लक्ष्य

Image credit @ UN CBD

संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में वित्तीय बाजार के मुख्य कार्य संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता कन्वेंशन (UN Convention on Biological Diversity-CBD) का 15वां सम्मेलन (COP15) चीन की अध्यक्षता में और कनाडा द्वारा मॉन्ट्रियल में आयोजित किया गया।

7-19 दिसंबर को मॉन्ट्रियल के पलैस डेस कांग्रेस में आयोजित COP15 में 188 सरकारों के प्रतिनिधि (UN CBD के सभी 196 पक्षकारों में से 95%, साथ ही दो गैर-पक्षकार – संयुक्त राज्य अमेरिका और वेटिकन) ने भाग लिया।

UN CBD के पक्षकार देशों ने 19 दिसंबर को “कुनमिंग-मॉन्ट्रियल ग्लोबल बायोडायवर्सिटी फ्रेमवर्क” (GBF: Kunming-Montreal Global Biodiversity Framework) को अपनाया, जिसमें वर्ष 2030 तक चार गोल और 23 टार्गेट्स शामिल हैं।

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