बीमा पॉलिसियां बेचने के लिए अनैतिक तरीकों को न अपनाएं बैंक : वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय का सरकारी बैंकों के प्रमुखों को ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का निर्देश।
वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का निर्देश दिया वित्तीय बाजार और इसके प्रकार है।
लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए सही जानकारी नहीं दी जाती है। इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को लिखे पत्र में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग को शिकायतें मिली हैं कि बैंक और जीवन बीमा कंपनियों द्वारा बैंक ग्राहकों को पॉलिसी की बिक्री के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपनाए जा रहे हैं। ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जहां दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में 75 वर्ष से अधिक आयु के ग्राहकों को जीवन बीमा पॉलिसी बेची गई है।
आमतौर पर, बैंकों की शाखाएं अपनी अनुषंगी बीमा कंपनियों के उत्पादों का प्रचार-प्रसार करती हैं। जब ग्राहकों द्वारा पॉलिसी लेने से इनकार किया जाता है, तो शाखा अधिकारी बड़ी शिद्दत से समझाते कि उनपर ऊपर से दबाव है। जब ग्राहक किसी प्रकार का ऋण लेने या सावधि जमा खरीदने जाते हैं, तो उन्हें बीमा उत्पाद लेने को कहा जाता है।
इस संबंध में विभाग ने पहले ही एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें यह सलाह दी गई है कि किसी बैंक को किसी विशेष कंपनी से बीमा लेने के लिए ग्राहकों को मजबूर नहीं करना चाहिए। यह भी बताया गया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने आपत्ति जताई है कि बीमा उत्पादों की बिक्री के लिए प्रोत्साहन से न केवल फील्ड कर्मचारियों पर दबाव पड़ता है बल्कि बैंकों का मूल कारोबार भी प्रभावित होता है। ऐसे में कर्मचारियों को कमीशन और प्रोत्साहन के लालच की वजह से कर्ज की गुणवत्ता से ‘समझौता’ हो सकता है।
Insurance Policy in Bank: बैंक इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के लिए न अपनाएं अनैतिक तरीके, वित्त मंत्रालय ने कहा- मजबूत सिस्टम सेट अप करें
Insurance Policy in Bank: ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जहां दूसरी और तीसरी कैटेगरी के शहरों में 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के ग्राहकों को जीवन बीमा पॉलिसी बेची गई है.
Insurance Policy in Bank: वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks) के प्रमुखों को ग्राहकों को बीमा उत्पादों (insurance policies) की बिक्री के लिए ‘अनैतिक व्यवहार’ पर रोक लगाने के लिए एक मजबूत सिस्टम सेटअप करने का निर्देश दिया है. भाषा की खबर के मुताबिक, लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं कि ग्राहकों को बीमा उत्पादों की बिक्री (insurance policy in bank) के लिए सही जानकारी नहीं दी जाती है. इसके मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने यह कदम उठाया है.
सरकारी बैंकों को लिखा लेटर
खबर के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (public sector banks) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशकों को लिखे लेटर में कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग को शिकायतें मिली हैं कि बैंक और जीवन बीमा कंपनियों द्वारा बैंक ग्राहकों को पॉलिसी की बिक्री के लिए धोखाधड़ी वाले और अनैतिक तरीके अपनाए जा रहे हैं. ऐसे उदाहरण भी सामने आए हैं, जहां दूसरी और तीसरी कैटेगरी के शहरों में 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के ग्राहकों वित्तीय बाजार और इसके प्रकार को जीवन बीमा पॉलिसी (life insurance policy) बेची गई है. आमतौर पर, बैंकों की शाखाएं अपनी सब्सिडियरी बीमा कंपनियों (Insurance Companies) के प्रोडक्ट्स का प्रचार-प्रसार करती हैं.
ग्राहकों को मजबूर नहीं करना चाहिए
जब ग्राहकों द्वारा पॉलिसी लेने से इनकार किया जाता है, तो शाखा अधिकारी बड़ी शिद्दत से समझाते हैं कि उनपर ऊपर से दबाव है. जब ग्राहक किसी प्रकार का लोन लेने या सावधि जमा खरीदने जाते हैं, तो उन्हें बीमा उत्पाद (Insurance Companies) लेने को कहा जाता है. इस संबंध में विभाग ने पहले ही एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें यह सलाह दी गई है कि किसी बैंक को किसी विशेष कंपनी से बीमा (insurance policy in bank) लेने के लिए ग्राहकों को मजबूर नहीं करना चाहिए.
बैंकों का मूल कारोबार भी प्रभावित होता है
यह भी बताया गया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने आपत्ति जताई है कि बीमा उत्पादों की बिक्री (insurance policy in bank) के लिए प्रोत्साहन से न केवल फील्ड कर्मचारियों पर दबाव पड़ता है बल्कि बैंकों का मूल कारोबार भी प्रभावित होता है. ऐसे में कर्मचारियों को कमीशन और प्रोत्साहन के लालच की वजह से कर्ज की गुणवत्ता से ‘समझौता’ हो सकता है.
Car Insurance: क्यों पड़ती है कार बीमा की जरूरत, जानिए कौन सी पॉलिसी करवाएगी आपका फायदा
कार में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण ये पॉलिसियां वित्तीय नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है। बीमा कंपनियां कई प्रकार की कार बीमा पॉलिसी प्रदान करती हैं।
Car Insurance: नए कार खरीदारों को कार बीमा कवरेज से संबंधित पहलुओं को जरूर समझना चाहिए, क्योंकि कभी भी दुर्घटना हो सकती है। आपकी गलती हो या न हो, यात्रा के दौरान अचानक टायर फटने, टूटने, प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के कारण आपको या आपके वाहन को नुकसान हो सकता है। इसलिए ऐसे में वित्तीय नुकसान से निपटने के लिए बीमा पॉलिसी खरीदना सबसे अच्छा और अहम माना जाता है।
सभी प्रकार की कार बीमा योजनाएं उनकी पॉलिसी शर्तों के आधार पर भिन्न होती हैं। कार में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण ये पॉलिसियां वित्तीय नुकसान से सुरक्षा प्रदान करता है। बीमा कंपनियां कई प्रकार की कार बीमा पॉलिसी प्रदान करती हैं। उनमें से कुछ आपके लिए यहां दिए गए हैं।
कार बीमा के प्रकार (types of car insurance)
1) थर्ड-पार्टी लायबिलिटी कवर (Third-Party Liability Only Cover)
थर्ड पार्टी लायबिलिटी इंश्योरेंस प्लान खरीदने पर पॉलिसीधारक को विशेष कवरेज मिलता है। इस पॉलिसी के कवरेज के साथ, किसी अन्य व्यक्ति या उसके वाहन को नुकसान होने की स्थिति में पॉलिसी धारक कानूनी दायित्व से मुक्त हो जाता है। थर्ड पार्टी लायबिलिटी के साथ कार इंश्योरेंस कवरेज पॉलिसीधारक को थर्ड पार्टी, आपकी कार से टकराने वाले वाहन की मरम्मत या बदलने की लागत, अस्पताल में भर्ती होने और किसी व्यक्ति के दुर्घटना में घायल होने, दूसरे पक्ष की मृत्यु होने पर इलाज के खर्च से बचाता है। किए गए दायित्वों के लिए कवरेज प्राप्त करता है।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत थर्ड पार्टी वाहन बीमा अनिवार्य है। इस पॉलिसी का कवरेज ऐसा होना चाहिए कि सम एश्योर्ड इतना ज्यादा हो कि सामने के डैमेज होने की स्थिति में आपको जेब से भुगतान नहीं करना पड़े।
2) कोलिशन डैमेज या ओन डैमेज कवर
जब आप अपनी कार के लिए टक्कर क्षति या स्वयं क्षति कवर या ओडी कवर खरीदते हैं, तो इस पॉलिसी के तहत, बीमा कंपनी दुर्घटना में कार को हुए नुकसान की मरम्मत के लिए किए गए सभी खर्चों को वहन करेगी। कंपनी से क्षति कवरेज की लागत कार की उम्र और कार के बीमित घोषित मूल्य (IDV) पर निर्भर करती है।
इसके अलावा संबंधित पॉलिसी के प्रीमियम पर भी विचार किया जाता है। किसी कार का बीमित घोषित मूल्य (IDV) उसके बाजार मूल्य के आधार पर निर्धारित किया जाता है। क्षति कवरेज नीति में, आईडीवी मूल्य की गणना कार निर्माता द्वारा निर्धारित बिक्री मूल्य से कार के पुर्जों के संचित डेप्रिसिएशन को घटाकर की जाती है। अगर आपने कार लोन लिया है तो यह आपके लिए जरूर फायदेमंद हो सकता है।
3) व्यक्तिगत दुर्घटना कवर
एक व्यक्तिगत दुर्घटना कार बीमा पॉलिसी दुर्घटना के बाद सभी चिकित्सा खर्चों को कवर करके कार मालिक (चालक) की सुरक्षा करती है। व्यक्तिगत दुर्घटना कार बीमा पॉलिसी उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जो काम के सिलसिले में अक्सर ट्रेवल करते हैं।
4) शून्य डेप्रिसिएशन बीमा
भारत में कारों के लिए शून्य डेप्रिसिएशन बीमा पॉलिसी कवरेज ऐड-ऑन के रूप में उपलब्ध है। उदाहरण के लिए, सोचिए कि आपकी कार खराब हो गई है, अब हमें क्षतिग्रस्त पार्ट को बदलने की जरूरत है। इसलिए सामान्य बीमा के मामले में, बीमा कंपनी दावे का निपटान करते समय डीमैट हिस्से के डेप्रिसिएशन प्राइस पर विचार करेगी।
दूसरी ओर, यदि आपने कार पर शून्य डेप्रिसिएशन बीमा कवर लिया है, तो बीमा कंपनी पॉलिसीधारक को क्षतिग्रस्त हिस्से की पूरी राशि का भुगतान करेगी।
5) व्यापक कार बीमा (comprehensive car insurance)
व्यापक कार बीमा पॉलिसी में, पॉलिसीधारक को अधिकतम सुरक्षा कवरेज मिलता है। यह तृतीय-पक्ष देयता, वाहन क्षति, व्यक्तिगत दुर्घटना कवर और तूफान, बाढ़, आग, चोरी जैसी सभी प्रकार की गैर-टक्कर हानियों के लिए सुरक्षा प्रदान करता है। चुनिंदा ऐड-ऑन की मदद से एक व्यापक कार बीमा पॉलिसी को और मजबूत किया जा सकता है।
फिडेलिटी मेटावर्स में एनएफटी मार्केटप्लेस और वित्तीय सेवाओं की योजना बनाती है
फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स, एक अमेरिकी एसेट मैनेजमेंट फर्म, ने विभिन्न प्रकार के Web3 उत्पादों और सेवाओं के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में ट्रेडमार्क आवेदन दायर किया है, जिसमें अपूरणीय टोकन (NFT) मार्केटप्लेस के साथ-साथ वित्तीय निवेश और मेटावर्स में क्रिप्टो ट्रेडिंग सेवाएं शामिल हैं।
लाइसेंस प्राप्त ट्रेडमार्क अटॉर्नी माइक कोंडौडिस ने ट्विटर पर जानकारी साझा की। विवरण 21 दिसंबर को संयुक्त राज्य पेटेंट और ट्रेडमार्क कार्यालय (यूएसपीटीओ) को प्रस्तुत तीन ट्रेडमार्क फाइलिंग में निहित हैं।
फ़र्म के प्राथमिक क्षेत्रों में से एक मेटावर्स प्रतीत होता है, जिसमें फिडेलिटी यह संकेत देती है कि यह आभासी दुनिया के भीतर विभिन्न प्रकार की निवेश सेवाओं की पेशकश कर सकती है, जैसे कि म्यूचुअल फंड, रिटायरमेंट फंड, निवेश प्रबंधन और वित्तीय योजना।
मेटावर्स-आधारित भुगतान सेवाएं जैसे इलेक्ट्रॉनिक बिल भुगतान, फंड ट्रांसफर और क्रेडिट कार्ड खाता प्रबंधन भी कार्ड पर हैं।
क्रिप्टो सर्दी के बीच सेवाओं का विस्तार
वर्चुअल करेंसी वॉलेट सेवाओं के अलावा, कंपनी मेटावर्स में ट्रेडिंग और प्रबंधन सेवाएं प्रदान कर सकती है। ई-वॉलेट सेवाओं में वैश्विक कंप्यूटर नेटवर्क पर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान और लेनदेन का भंडारण और प्रसंस्करण शामिल है, अर्थात। आभासी मुद्रा, और क्रिप्टोक्यूरेंसी टोकन।
फिडेलिटी ने मेटावर्स और अन्य आभासी दुनिया में व्यापार विपणन और वित्तीय नियोजन के क्षेत्र में वित्तीय सेवा प्रदाताओं की व्यावसायिक जानकारी, निवेश सलाह के क्षेत्र में रेफरल सेवाओं की पेशकश करने की भी योजना बनाई है।
इसके अलावा, फिडेलिटी का सुझाव है कि यह व्यापार और वित्तीय सेवाओं के विपणन के क्षेत्र में कक्षाओं, कार्यशालाओं, सेमिनारों और सम्मेलनों के रूप में मेटावर्स में शैक्षिक सेवाएं प्रदान कर सकता है।
फिडेलिटी की अपूरणीय टोकन (एनएफटी) के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस लॉन्च करने की भी योजना है, हालांकि हम अभी भी आगे के विवरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
एफटीएक्स के पतन के बाद इस वर्ष क्रिप्टो बाजार में मंदी की प्रवृत्ति से निष्ठा प्रभावित नहीं होती है। इसके बजाय यह वेब 3.0 में अपने प्रदर्शन और पेशकशों को बढ़ाना चाहता है।
अक्टूबर की रिपोर्टों के अनुसार, फिडेलिटी 100 नए स्टाफ सदस्यों को काम पर रखकर अपने क्रिप्टो संचालन को आगे बढ़ाना चाह रही थी। यह बड़ी संख्या में क्रिप्टो फर्मों के विपरीत है, जिन्होंने इस वर्ष महत्वपूर्ण मात्रा में कर्मचारियों को निकाल दिया है।
जरुरी जानकारी | बैंक, आईटी शेयरों में लिवाली से सेंसेक्स 721 अंक चढ़ा, निफ्टी 18,000 अंक के पार
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. घरेलू शेयर बाजारों में पिछले चार दिन से जारी गिरावट पर सोमवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स में 721 अंक से अधिक की तेजी आई। वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख के साथ वित्तीय, आईटी तथा पेट्रोलियम शेयरों में लिवाली से बाजार को मजबूत समर्थन मिला।
मुंबई, 26 दिसंबर घरेलू शेयर बाजारों में पिछले चार दिन से जारी गिरावट पर सोमवार को विराम लगा और बीएसई सेंसेक्स में 721 अंक से अधिक की तेजी आई। वैश्विक बाजारों में मजबूत रुख के साथ वित्तीय, आईटी तथा पेट्रोलियम शेयरों में लिवाली से बाजार को मजबूत समर्थन मिला।
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 721.13 अंक यानी 1.20 प्रतिशत की बढ़त के साथ 60,566.42 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 988.49 अंक तक चढ़ गया था।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 207.80 अंक यानी 1.17 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,000 के ऊपर 18,014.60 अंक पर बंद हुआ।
इससे पहले, सेंसेक्स शुक्रवार तक पिछले चार दिन की गिरावट से 1,960 अंक यानी 3.29 प्रतिशत और निफ्टी 613 अंक यानी 3.99 प्रतिशत नीचे आया था।
सेंसेक्स के शेयरों में इंडसइंड बैंक सबसे ज्यादा 3.99 प्रतिशत चढ़ा। इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (3.वित्तीय बाजार और इसके प्रकार 97 प्रतिशत), टाटा स्टील (2.74 प्रतिशत), बजाज फिनसर्व (2.53 प्रतिशत), आईटीसी (2.51 प्रतिशत), एक्सिस बैंक (2.44 प्रतिशत), एचडीएफसी बैंक (1.91 प्रतिशत), अल्ट्राटेक सीमेंट (1.98 प्रतिशत), एनटीपीसी (1.87 प्रतिशत) और टाटा मोटर्स (1.73 प्रतिशत) शामिल हैं।
इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी तेजी रही।
दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक, भारती एयरटेल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और हिंदुस्तान यूनिलीवर शामिल हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘पिछले सप्ताह तीव्र बिकवाली के बाद सोमवार को बाजार में मजबूती आई। हालांकि, विदेशों में छुट्टियों के कारण कोई घटनाक्रम नहीं होने से, हमारा मानना है कि बाजार में खबरों के आधार पर सकारात्मक रुख के साथ सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’’
जियोजीत फाइनेंशियल सविर्सेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘चार दिन की बिकवाली के बाद शेयरों के भाव में आई कमी से निवेशकों ने लिवाली की। वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुख से बाजार को गति मिली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की अगुवाई में बाजार चढ़ा। वहीं मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में मानक सूचकांक के मुकाबले अच्छी बढ़त रही। रुख के उलट मंदी और कोविड फैलने को लेकर आशंका बनी हुई है।’’
बीएसई ‘स्मॉलकैप’ और ‘मिडकैप’ क्रमश: 3.13 प्रतिशत और 2.31 प्रतिशत चढ़े।
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट लाभ में रहे।
यूरोप और अमेरिका के साथ कुछ एशियाई देशों में साल के अंत में अवकाश के कारण बाजार बंद रहे।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.63 प्रतिशत चढ़कर 83.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 706.84 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
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