अगर मिल रहे हैं ये 5 संकेत तो समझिए कि आपके घर में हो चुका है नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश
ऊर्जाओं का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं। ये ऊर्जाएं दो प्रकार की मानी जाती हैं। नकारात्मक और सकारात्मक। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहना बहुत आवश्यक माना गया है। जहां सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह से आपके घर में सुख-शांति समृद्धि बनी रहती है और तरक्की आती है, तो वहीं नकारात्मक ऊर्जा के कारण आपके जीवन में एक के बाद एक परेशानियां आने लगती हैं। नकारात्मक ऊर्जा के कारण आपके घर की खुशहाली भंग हो जाती है। कभी-कभी नकारात्मक ऊर्जा के कारण व्यक्ति को जीवन में ऐसे दिन भी गुजारने पड़ जाते हैं जो पूरी उम्र भर उसके साथ रहते हैं। नकारात्मक ऊर्जा को पहचानकर यदि इसका निवारण कर लिया जाए तो आप परेशानियों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। नकारात्मक ऊर्जा को आप कई संकेतों से पहचान सकते हैं।
घर एक ऐसी जगह होती है जहां पर व्यक्ति स्वयं को शांत और सहज महसूस करता है। यदि आपको अपने घर के किसी हिस्से में आपको असहज महसूस होता है या फिर किसी न किसी बात पर बार-बार विवाद होता रहता है तो आपके घर में नकारात्मकता का प्रभाव हो सकता है। एक बात का ध्यान रखें कि नकारात्मक ऊर्जा का मतलब भूत-प्रेत आदि से नहीं होता है। घर में किसी प्रकार से वास्तु दोष आदि होने की दशा में नकारात्मक ऊर्जा आने लगती है जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है। इसका समय रहते निवारण करना चाहिए।
ये संकेत बताते हैं कि आपकी आंत में है कोई ना कोई गड़बड़
आज के दौर में पाचन संबंधी समस्याएं सभी आयु वर्ग के लोगों में दिखती हैं. आजकल की लापरवाह जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी, बेवक्त और उलटा-सीधा खाने की आदतें पाचन क्रिया को बिगाड़ देती हैं, जिससे पेट से जुड़ी कई समस्याएं जन्म ले लेती है. अनियमित उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है खान-पान की आदतें और खराब जीवनशैली, पाचन शक्ति को कमजोर कर सकती है. इससे पेट और आंत कमजोर पड़ने लगते हैं और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
व्यक्ति के शरीर में हर अंग का अपना अलग महत्व है. जिस प्रकार से इंसान का मस्तिष्क काम करता है, ठीक उसी तरह से व्यक्ति के शरीर में आंत का महत्व होता है. प्राण पॉइंट्स की संस्थापक डिंपल जांगडा मानती हैं कि आंत की देखभाल करने का अर्थ है शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखना. ऐसा इसलिए क्योंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा सेरोटोनिन यानी हैप्पीनेस हार्मोन हृदय या मस्तिष्क में नहीं बल्कि आंत में बनता है.
credit- getty images
आयुर्वेद के अनुसार, अच्छा आहार अच्छी सेहत की कुंजी है. अगर पाचन क्रिया दुरुस्त है तो शरीर और मन दोनों ठीक तरह से काम करते हैं. 'द कादम्ब ट्री' की को-फाउंडर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आंत को लेकर अहम जानकारी साझा की है. आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ आंत, अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और खुशी की कुंजी है.
डॉ दीक्सा ने बताया कि किस तरह से एक स्वस्थ आंत अच्छी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है. आंत न केवल भोजन को पचाती है, बल्कि ये हमारी भावनाओं को प्रोसेस कर शरीर के अन्य हिस्सों की देखरेख करती है. इतना ही नहीं, वो कहती हैं कि अस्वस्थ आंत सभी बीमारियों का मूल कारण होती है (रोगाः सर्वे अपि मंदे अग्नौ).
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डॉक्टर के अनुसार, चिंता से लेकर, तनाव, पर्याप्त भोजन न मिलना और व्यायाम की कमी और एक गतिहीन जीवनशैली (जिसमें कोई फिजिकल एक्टीविटी न हो) हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं. भूख से अधिक खाना या अनियमित भोजन करना, कुछ भी ऊट-पटांग खा लेना भी खराब पाचन का कारण हो सकता है. इसके अलावा, लंबे समय तक उपवास रखने से या भूखा रहने से आंत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. डॉक्टर मानती हैं कि खुद उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केवल 'खाते समय खाओ और खेलते समय खेलो' के नियम का पालन करना चाहिए. आइए जानते हैं डॉ दीक्षा के अनुसार, आंत में गड़बड़ के क्या लक्षण हो सकते हैं.
अगर किसी व्यक्ति को हर समय पेट में भारीपन या फूला हुआ महसूस होता है, कब्ज या दिन में दो या ज्यादा बार मल त्याग करना पड़ता है, मुंह की उचित साफ-सफाई के बावजूद भी सांसों से दुर्गंध आती है. इसका मतलब आपकी आंत अस्वस्थ है.
अगर आप वजन बढ़ाने की या घटाने की सोच रहे हैं, लेकिन मेहनत करने पर भी असफलता हासिल हो रही है. तो उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है ये आपकी आंत के सही ढंग से काम ना करने के कारण हो सकता है.
अगर आप खुद एनर्जेटिक महसूस नहीं करते हैं या थकावट का एहसास होता रहता है तो कहीं न कहीं इसके लिए आपकी खराब आंत जिम्मेदार है. इसके अलावा, अनियमित पीरियड्स, एक्ने जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं भी अस्वस्थ आंत के कारण हो सकती हैं.
डॉ भावसार कहती हैं, एक स्वस्थ आंत से आपको हैप्पी हार्मोन, कम तनाव, पोषक तत्व, अच्छी नींद, अच्छी याददाश्त, चमकती त्वचा, चमकदार बाल, स्वस्थ आंत और बहुत कुछ प्राप्त हो सकता है. वो कहती हैं कि, इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ सुधार करने की जरूरत है. इनमें खाने की आदत, सोने के पैटर्न, व्यायाम की आदत डालना, तनाव से दूरी उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है रखना आदि शामिल हैं. अपनी आंत को हमेशा खुश और स्वस्थ रहने के लिए बस इतना ही चाहिए.
ये संकेत बताते हैं कि आपकी आंत में है कोई ना कोई गड़बड़
आज के दौर में पाचन संबंधी समस्याएं सभी आयु वर्ग के लोगों में दिखती हैं. आजकल की लापरवाह जीवनशैली, भागदौड़ भरी जिंदगी, बेवक्त और उलटा-सीधा खाने की आदतें पाचन क्रिया को बिगाड़ देती हैं, जिससे पेट से जुड़ी कई समस्याएं जन्म ले लेती है. अनियमित खान-पान की आदतें और खराब जीवनशैली, पाचन शक्ति को कमजोर कर सकती है. इससे पेट और आंत कमजोर पड़ने लगते हैं और पाचन संबंधी समस्याएं पैदा हो जाती हैं.
व्यक्ति के शरीर में हर अंग का अपना अलग महत्व है. जिस प्रकार से इंसान का मस्तिष्क काम करता है, ठीक उसी तरह से व्यक्ति के शरीर में आंत का महत्व होता है. प्राण पॉइंट्स की संस्थापक डिंपल जांगडा मानती हैं कि आंत की देखभाल करने का अर्थ है शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों का ध्यान रखना. ऐसा इसलिए क्योंकि 70 प्रतिशत से ज्यादा सेरोटोनिन यानी हैप्पीनेस हार्मोन हृदय या मस्तिष्क में नहीं बल्कि आंत में बनता है.
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आयुर्वेद के अनुसार, अच्छा आहार अच्छी सेहत की कुंजी है. अगर पाचन क्रिया दुरुस्त है तो शरीर और मन दोनों ठीक तरह से काम करते हैं. 'द कादम्ब ट्री' की को-फाउंडर और आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर आंत को लेकर अहम जानकारी साझा की है. आयुर्वेद के अनुसार, स्वस्थ आंत, अच्छे स्वास्थ्य, लंबी उम्र और खुशी की कुंजी है.
डॉ दीक्सा ने बताया कि किस तरह से एक स्वस्थ आंत अच्छी सेहत के लिए महत्वपूर्ण है. आंत न केवल भोजन को पचाती है, बल्कि ये हमारी भावनाओं को प्रोसेस कर शरीर के अन्य हिस्सों की देखरेख करती है. इतना ही नहीं, वो कहती हैं कि अस्वस्थ आंत सभी बीमारियों का मूल कारण होती है (रोगाः सर्वे अपि मंदे अग्नौ).
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डॉक्टर के अनुसार, चिंता से लेकर, तनाव, पर्याप्त भोजन न मिलना और व्यायाम की कमी और एक गतिहीन जीवनशैली (जिसमें कोई फिजिकल एक्टीविटी न हो) हमारे स्वास्थ्य को बिगाड़ सकते हैं. भूख से अधिक खाना या अनियमित भोजन करना, कुछ भी ऊट-पटांग खा लेना भी खराब पाचन का कारण हो सकता है. इसके अलावा, लंबे समय तक उपवास रखने से या भूखा रहने से आंत पर बुरा प्रभाव पड़ता है. डॉक्टर मानती हैं कि खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए केवल 'खाते समय खाओ और खेलते समय खेलो' के नियम का पालन करना चाहिए. आइए जानते हैं डॉ दीक्षा के अनुसार, आंत में गड़बड़ के क्या लक्षण हो सकते हैं.
अगर किसी व्यक्ति को हर समय पेट में भारीपन या फूला हुआ महसूस होता है, कब्ज या दिन में दो या ज्यादा बार मल त्याग करना पड़ता है, मुंह की उचित साफ-सफाई के बावजूद भी सांसों से दुर्गंध आती है. इसका मतलब आपकी आंत अस्वस्थ है.
अगर आप वजन बढ़ाने की या घटाने की सोच रहे हैं, लेकिन मेहनत करने पर भी असफलता हासिल हो रही है. तो ये आपकी आंत के सही ढंग से काम ना करने के कारण हो सकता है.
अगर आप खुद एनर्जेटिक महसूस नहीं करते हैं या थकावट का एहसास होता रहता है तो कहीं न कहीं इसके लिए आपकी खराब आंत जिम्मेदार है. इसके अलावा, अनियमित पीरियड्स, उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है एक्ने जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं भी अस्वस्थ आंत के कारण हो सकती हैं.
डॉ भावसार कहती हैं, एक स्वस्थ आंत से आपको हैप्पी हार्मोन, कम तनाव, पोषक तत्व, अच्छी नींद, अच्छी याददाश्त, चमकती त्वचा, चमकदार बाल, स्वस्थ आंत और बहुत कुछ प्राप्त हो सकता है. वो कहती हैं कि, इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ सुधार करने की जरूरत है. इनमें खाने की आदत, सोने के पैटर्न, व्यायाम की आदत डालना, तनाव से दूरी रखना आदि शामिल हैं. अपनी आंत को हमेशा खुश और स्वस्थ रहने के लिए बस इतना ही चाहिए.
अगर मिल रहे हैं ये 5 संकेत तो समझिए कि आपके घर में हो चुका है नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश
ऊर्जाओं का प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं। ये ऊर्जाएं दो प्रकार की मानी जाती हैं। नकारात्मक और सकारात्मक। घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहना बहुत आवश्यक माना गया है। जहां सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह से आपके घर में सुख-शांति समृद्धि बनी रहती है और तरक्की आती है, तो वहीं नकारात्मक ऊर्जा के कारण आपके जीवन में एक के बाद एक परेशानियां आने लगती हैं। नकारात्मक ऊर्जा के कारण आपके घर की खुशहाली भंग हो जाती है। कभी-कभी नकारात्मक ऊर्जा के कारण व्यक्ति को जीवन में ऐसे दिन भी गुजारने पड़ जाते हैं जो पूरी उम्र भर उसके साथ रहते हैं। नकारात्मक ऊर्जा को पहचानकर यदि इसका निवारण कर लिया जाए तो आप परेशानियों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। नकारात्मक ऊर्जा को आप कई संकेतों से पहचान सकते हैं।
घर एक ऐसी जगह होती है जहां पर व्यक्ति स्वयं को शांत और सहज महसूस करता है। यदि आपको अपने घर के किसी हिस्से में आपको असहज महसूस होता है या फिर किसी न किसी बात पर बार-बार विवाद होता रहता है तो आपके घर में नकारात्मकता का प्रभाव हो सकता है। एक बात का ध्यान रखें कि नकारात्मक ऊर्जा का मतलब उत्तम–प्रवाह संकेतक कैसे काम करता है भूत-प्रेत आदि से नहीं होता है। घर में किसी प्रकार से वास्तु दोष आदि होने की दशा में नकारात्मक ऊर्जा आने लगती है जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है। इसका समय रहते निवारण करना चाहिए।
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