. वैश्विक स्तर पर लंबे समय से जारी तनाव से परिदृश्य के समक्ष सबसे बड़ा जोखिम वैश्विक मंदी और वैश्विक वित्तीय स्थिति का कड़ा होना है।

डेली न्यूज़

हाल ही में भारतीय डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है रिज़र्व बैंक (RBI) ने अपनी तरलता प्रबंधन पहल के हिस्से के रूप में 5 बिलियन डॉलर-रुपए की स्वैप नीलामी आयोजित की। इस कदम से डॉलर का प्रवाह मज़बूत होगा और वित्तीय प्रणाली से रुपए की निकासी होगी।

भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में मांग आधारित मुद्रास्फीति में निम्नलिखित में से किसके कारण/वृद्धि हो सकती है? (2021)

1. इक्स्पैन्सनरी पालिसी
2.राजकोषीय प्रोत्साहन
3. मज़दूरी का मुद्रास्फीति-सूचकांक
4. उच्च क्रय शक्ति
5. बढ़ती ब्याज दरें

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2, 3 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (a)

डॉलर-रुपया स्वैप नीलामी:

  • यह एक विदेशी मुद्रा उपकरण (Forex Tool) है जिससे केंद्रीय बैंक अपनी मुद्रा का उपयोग दूसरी मुद्रा या इसके विपरीत खरीद के लिये करता है।
  • डॉलर-रुपया खरीद / बिक्री स्वैप: केंद्रीय बैंक भारतीय रुपए (INR) के बदले बैंकों से डॉलर (अमेरिकी डॉलर या USD) खरीदता है और तुरंत बाद की तारीख में डॉलर बेचने का वादा करने वाले बैंकों के साथ एक विपरीत (रुपए को बकना) सौदा करता है।
  • जब केंद्रीय बैंक द्वारा डॉलर की बिक्री की जाती है तो समान मात्रा में रुपए की निकासी होती है, इस प्रकार सिस्टम में रुपए की तरलता को कम होती है। डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है
    • इन स्वैप परिचालनों (Swap Operations) में कोई विनिमय दर या अन्य बाज़ार जोखिम नहीं होते हैं क्योंकि लेन-देन की शर्तें अग्रिम रूप से निर्धारित की जाती हैं।
    • RBI ने बैंकों को 5.135 बिलियन अमेरिकी डाॅलर बेचे और साथ ही स्वैप निपटान अवधि के अंत में डॉलर को वापस खरीदने के लिये सहमति प्रदान की है।
    • यहाँ आशय यह है कि केंद्रीय बैंक विक्रेता से डॉलर प्राप्त करता है तथा दो वर्ष की अवधि के लिये संभव न्यूनतम प्रीमियम वसूल करता है।
    • तद्नुसार नीलामी की निचली सीमा पर बोली लगाने वाले बैंक नीलामी में सफल होते हैं।
      • डॉलर की दर 75 रुपए मानकर सिस्टम की तरलता 37,500 करोड़ रुपए कम हो जाएगी।

      विगत वर्षों के प्रश्न

      प्रश्न. अंतर्राष्ट्रीय तरलता की समस्या निम्नलिखित में से किसकी अनुपलब्धता से संबंधित है? (2015)

      (a) वस्तुओं और सेवाओं
      (b) सोना और चांदी
      (c) डॉलर और अन्य कठोर मुद्राएँ
      (d) निर्यात योग्य अधिशेष

      डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है

      (संबंधित खबरों को जोड़ते हुए)

      वाशिंगटन, 16 अक्टूबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले इस वर्ष भारतीय मुद्रा रुपये में आई आठ फीसदी की गिरावट को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा है कि कमजोरी रुपये में नहीं आई बल्कि डॉलर में मजबूती आई है।

      अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने के बाद सीतारमण ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से बातचीत में भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपया में स्थिरता बनी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में मुद्रास्फीति कम है और मौजूदा स्तर पर उससे निपटा जा सकता है।

      रुपये में गिरावट आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘सबसे पहली बात, मैं इसे इस तरह नहीं देखूंगी कि रुपया फिसल रहा है बल्कि मैं यह कहना चाहूंगी कि रुपये में मजबूती आई है। डॉलर लगातार मजबूत हो रहा डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है है।’’

      डॉलर के मुकाबले रुपए में मजबूती

      नई दिल्ली। देसी करेंसी रुपए में बुधवार को डॉलर के मुकाबले मजबूती आई। डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सत्र यानी सोमवार की क्लोजिंग के मुकाबले 27 पैसे की बढ़त के साथ 73.81 रुपए प्रति डॉलर के भाव पर खुलने के बाद 73.89 रुपए प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था। हालांकि आरंभिक कारोबार के दौरान रुपया 73.97 से लेकर 72.81 के बीच बना रहा।

      बाजार के जानकार बताते हैं कि दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकतें मौजूदा परिस्थितियों से निपटने के लिए राहत पैकेज ला सकती हैं और इस संबंध में विचार किया जाने लगा है, जिसके कारण प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर कमजोर हुआ है और भारतीय करेंसी में भी मजबूती डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है आई है। बता दें कि कोरोनावायरस के प्रकोप के चलते घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में उथल-पुथल और कच्चे तेल को लेकर छिड़ी कीमत जंग के कारण विगत दिनों डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 74 रुपए प्रति डॉलर को पार कर गया था।

      'रुपया नहीं गिर रहा, डॉलर मजबूत हो रहा है', अमेरिका में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया तर्क

      डीएनए हिंदी: भारतीय करेंसी डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है रुपया (Rupee) लगातार गिरने का नया रिकॉर्ड बनाता जा रहा है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ये 82.32 के स्तर पर पहुंच गया है. इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है ने लगातार गिरते रुपये पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि रुपया गिर नहीं रहा है, बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है. वित मंत्री इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं. वाशिंगटन डीसी में मीडियो को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही. उन्होंने कहा कि अन्य देशों की करेंसी देखें तो रुपया डॉलर की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है.

      वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत बताते हुए कहा है कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती के बावजूद भारतीय रुपया में स्थिरता बनी हुई है. दुनिया के अन्य हिस्सों की तुलना में भारत में इन्फ्लेशन कम है और मौजूदा स्तर पर उससे निपटा डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद अच्छी है, व्यापक आर्थिक बुनियाद भी अच्छी है. विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा है. मैं बार-बार कह रही हूं कि इन्फ्लेशन भी इस स्तर पर है जहां उससे निपटना संभव है.’

      मौद्रिक नीति समीक्षाः रिजर्व बैंक ने दिया झटका, मई से लेकर अबतक पांच बार रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि, जानें 12 मुख्य बातें

      Monetary policy Reserve Bank increased repo rate by 2-25 percent in total five times since May know 12 main things | मौद्रिक नीति समीक्षाः रिजर्व बैंक ने दिया झटका, मई से लेकर अबतक पांच बार रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि, जानें 12 मुख्य बातें

      Highlights सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) दर तथा बैंक दर 6.50 प्रतिशत हो गयी है। मई से लेकर अबतक कुल पांच बार में डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। मई में रेपो दर 0.40 प्रतिशत तथा जून, अगस्त तथा सितंबर में 0.50-0.50 प्रतिशत बढ़ाई गयी थी।

      मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुख्य रूप से महंगाई को काबू में लाने के मकसद से बुधवार को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में डॉलर की मजबूती का क्या मतलब है नीतिगत दर रेपो 0.35 प्रतिशत और बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दी। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को सात प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।

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