RBI ने बैंक लॉकर किराए पर लेने से संबंधित दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।

RBI ने बदले बैंक लॉकर के नियम, अब नुकसान की जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं बैंक

नए दिशानिर्देशों के तहत आग लगने की घटना, चोरी, इमारत ढहने तथा बैंक कर्मचारियों द्वारा धोखाधड़ी के मामलों में लॉकर को लेकर बैंक का दायित्व उसके सालाना किराए के 100 गुना तक सीमित रहेगा। लॉकरों के बारे में संशोधित दिशानिर्देश 1 जनवरी, 2022 से लागू होंगे।

RBI ने बैंक लॉकर किराए पर लेने से संबंधित दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।

RBI ने बैंक लॉकर किराए पर लेने से संबंधित दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।

हाइलाइट्स

  • RBI ने बैंक लॉकर किराए पर लेने से संबंधित दिशानिर्देशों में संशोधन किया
  • नुकसान होने पर बैंकों को देना होगा सालाना किराए से 100 गुना मुआवजा
  • लॉकरों के बारे में संशोधित दिशानिर्देश 1 जनवरी, 2022 से विदेशी मुद्रा पर नुकसान मुआवजा प्रणाली लागू होंगे

रिजर्व बैंक ने कहा कि उसने बैंकिंग और प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में विभिन्न घटनाक्रमों, उपभोक्ता शिकायत की प्रकृति और बैंकों और इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर ‘बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली जमा लॉकर/सुरक्षित अभिरक्षा सामान सुविधा’ विदेशी मुद्रा पर नुकसान मुआवजा प्रणाली की समीक्षा की है। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय में अमिताभ दासगुप्ता विरुद्ध यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के मामले के आधार पर उभरे सिद्धान्तों के अनुरूप भी इसकी समीक्षा की गई है।

खाली लॉकरों की सूची
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि संशोधित निर्देश नए और मौजूदा सुरक्षित जमा लॉकरों तथा सुरक्षित सामान अभिरक्षा सुविधा के लिए लागू होंगे। रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंकों को शाखावार खाली लॉकरों की सूची बनानी होगी। साथ ही उन्हें लॉकरों के आवंटन के उद्देश्य से उनकी इंतजार सूची की जानकारी कोर बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) या साइबर सुरक्षा ढांचे के अनुपालन वाली किसी अन्य कंप्यूटरीकृत प्रणाली में डालनी होगी। बैंकों को लॉकरों के आवंटन में पारदर्शिता सुनिश्चित करनी विदेशी मुद्रा पर नुकसान मुआवजा प्रणाली होगी।

आरबीआई के निर्देश में कहा गया है कि बैंकों को लॉकर आवंटन के सभी आवेदनों विदेशी मुद्रा पर नुकसान मुआवजा प्रणाली के लिए पावती या रिसीट देनी होगी। यदि लॉकर उपलब्ध नहीं है, तो बैंकों को उपभोक्ताओं को इंतजार सूची (वेट लिस्ट) का नंबर देना होगा। इसके अलावा बैंकों को आईबीए द्वारा तैयार किए जाने वाले आदर्श मॉडल करार को भी अपनाना होगा।
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मुआवजा नीति
रिजर्व बैंक ने संशोधित निर्देशों में बैंकों के लिए मुआवजा नीति और देनदारी का भी विस्तार से उल्लेख किया है। बैंकों को अपने बोर्ड द्वारा मंजूर ऐसी नीति को लागू करना होगा जिसमें लापरवाही की वजह से लॉकर में रखे सामान को लेकर उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके। रिजर्व बैंक ने कहा है कि प्राकृतिक आपदा या ‘एक्ट ऑफ गॉड’ यानी भूकंप, बाढ़, आकाशीय बिजली या आंधी-तूफान की स्थिति में बैंक किसी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।

हालांकि, बैंकों को अपने परिसर को इस तरह की आपदाओं से बचाने के लिए उचित इंतजाम करने की जरूरत होगी। इसके अलावा विदेशी मुद्रा पर नुकसान मुआवजा प्रणाली जिस परिसर में सुरक्षित जमा लॉकर हैं, उसकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी। निर्देश में कहा गया है कि आग, चोरी, डकैती या सेंधमारी की स्थिति में बैंक अपने दायित्व से नहीं हट सकता। ऐसे मामलों में बैंक का दायित्व लॉकर के वार्षिक किराए का सौ गुना तक होगा।

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