भारत के ONDC प्लेटफॉर्म में शामिल हुआ माइक्रोसॉफ्ट, जानिए क्या है ONDC?
डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए खुले नेटवर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स पहल शुरू की गई थी। यह ओपन सोर्स पद्धति पर आधारित है। यह नेटवर्क भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में Amazon और Flipkart के एकाधिकार का मुकाबला करने के लिए विकसित किया जा रहा है। इस प्लेटफॉर्म को डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड द्वारा मई 2022 में लॉन्च किया गया था।
ONDC में शामिल कंपनियां
फिलहाल डंजो फॉर बिजनेस, कोटक, पेटीएम, डिजिट, लोडशेयर, फोनपे और गो फ्रुगल जैसी कंपनियां ONDC में शामिल हो गई हैं। स्नैपडील अगस्त 2022 में अपने प्लेटफॉर्म पर 3 मुख्य प्रोडक्ट कैटेगरी लॉन्च करने जा रही है। एयरटेल, एक्सिस बैंक और HDFC बैंक ने भी इस नेटवर्क के साथ एकीकरण शुरू कर दिया है। Flipkart और Amazon भी ONDC नेटवर्क से जुड़ने पर विचार कर रहे हैं।
ONDC काम कैसे करता है?
ONDC प्लेटफॉर्म खरीदारों और विक्रेताओं के बीच एक सेतु का काम करेगा। वर्तमान में, Paytm खरीददार इंटरफेस के लिए होस्ट है। दूसरी ओर, GoFrugal आदि विक्रेता पक्ष इंटरफ़ेस को होस्ट कर रहे हैं। जब कोई खरीदार पेटीएम एप्प पर आइटम खोजेगा, तो उसे ONDC प्लेटफॉर्म से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बाद ONDC प्लेटफॉर्म विक्रेता पक्ष के इंटरफेस को जोड़ेगा, जहां सभी कंपनियों को आइटम खरीदने के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
अगर मंगाते है ऑनलाइन प्रोडक्ट तो देना होगा एक्स्ट्रा चार्ज, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म की इस बेवसाइट ने लिया फैसला
Flipkart will charge extra: नई दिल्ली। इन दिनों ऑनलाइन शापिंग का क्रेज बहुत बढ़ गया है। घर बैठे लोगों को अपनी पसंद का सामान आसानी से मिल जाता है। ऑनलाइन शॉपिंग करना अब लोगों की आदत में शुमार हो गया है। लेकिन अगर आपको कहा जाए कि ऑनलाइन शापिंग करने के लिए आपको एक्सट्रा चार्ज करना पड़ेगा तो आप सोचोगे कि किस चीज के लिए। तो आपको बता दें कि आपकी फेवरेट बेवसाइट फ्लिपकार्ट से शॉपिंग करते है तो आपको कुछ अधिक मुल्य चुकाना पड़ेगा। हालांकि ये सभी यूजर्स के लिए नहीं है कुछ ही यूजर्स के लिए है।
चुकाना पड़ेगा अतिरिक्त 5 रुपए
Flipkart will charge extra: ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फ्लिपकार्ट से ऑनलाइन शॉपिंग पर अब आपको प्रोडक्ट डिलीवरी के लिए अतिरिक्त चार्ज देना पड़ सकता है। हालांकि यह चार्ज उन यूजर्स से लिया जाएगा, जो फ्लिपकार्ट से ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त पेमेंट के लिए कैश ऑन डिलीवरी मोड (COD) का इस्तेमाल करते हैं। दरअसल फ्लिपकार्ट की तरफ से कैश ऑन डिलीवरी मोड सेलेक्ट करने वाले यूजर्स के 5 रुपये अतिरिक्त डिलीवरी चार्ज लेगी।
अभी तक क्या था नियम?
Flipkart will charge extra: बता दें कि अभी तक फ्लिपकार्ट की तरफ से ऑनलाइन प्रोडक्ट मंगवाने पर उसकी फ्री डिलीवरी की जाती थी। हालांकि इसमें से कुछ खास प्रोडक्ट की डिलीवरी पर अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है। Flipkart Plus की तरफ से प्लस मार्क प्रोडक्ट की डिलीवरी पर 40 रुपये चार्ज किया जाता है। हालांकि शर्त है कि उस प्रोडक्ट की कीमत 500 रुपये से कम होनी चाहिए। जबकि 500 रुपये से ज्यादा कीमत वाले सामान की डिलीवरी पर कोई चार्ज नहीं लिया जाता है।
क्यों लेना पड़ा ऐसा फैसला?
Flipkart will charge extra: दरअसल फ्लिपकार्ट की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यूजर्स पेमेंट के लिए डिजिटल मोड का इस्तेमाल करें। क्योंकि डिजिटल मोड में पेमेंट एक्सेप्ट करना फ्लिपकार्ट के लिए आसान होता है। साथ ही प्रोडक्ट कैंसिल करने पर रिफंड देना भी सुविधाजनक होता है।
छोटे गांव और कस्बों में होगी दिक्कत
Flipkart will charge extra: हालांकि ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पेमेंट पर भरोसा करना मुश्किल होता है। ऐसे में छोटे-कस्बों और गांवो में कैश ऑन पेमेंट करके ज्यादा सामान मंगाया जाता है। ऐसे में माना जा रहा है कि फ्लिपकार्ट का कैश ऑन डिलीवरी मोड पर अतिरिक्त चार्ज वसूलने का कदम सीधे तौर पर गांव और छोटे कस्बो में रहने वाले लोगों को प्रभावित करेगा। बता दें कि फ्लिपकार्ट की प्रतिद्वंदी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन की तरफ से अभी भी फ्री कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन दिया जा रहा है।
Exclusive: कम हो रही गांव से शहर की दूरी, गांव के छोटे व्यापारियों को ई-कॉमर्स से जोड़ रही है ये संस्था
1 ब्रिज एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है. आसान शब्दों में कहें तो ये वो प्लेटफॉर्म है जो गांव के लोगों तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाता है. हालांकि केवल सुविधाएं पहुंचाना इसका काम नहीं है.
मदन पदाकी
शताक्षी सिंह
- नई दिल्ली,
- 03 जून 2022,
- (Updated 03 जून 2022, 4:40 PM ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है IST)
दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रही हैं कंपनियां
हर महीने एक लाख से ज्यादा युवा हो रहे आत्मनिर्भर
आज कल भारत में गांवों के लोग ज्यादातर शहरों की ओर पलायन कर लेते हैं. अधिकतर लोग गांवो में सुविधाएं न होने के कारण पलायन करते हैं, और अपने घर मां-बाप, रिश्तेदार, दोस्त यारों से दूर हो जाते हैं. लोगों की इसी परेशानी को एक चैलेंज की तरह लिया मदन पदाकी ने, और शुरुआत हुई 1 ब्रिज (1 Bridge) की. 1 ब्रिज एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है. आसान शब्दों में कहें तो ये वो प्लेटफॉर्म है जो गांव के लोगों तक जरूरी सुविधाएं पहुंचाता है. हालांकि केवल सुविधाएं पहुंचाना इसका काम नहीं है. हाल ही में आए मन की बात के लेटेस्ट एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्लेटफॉर्म की तारीफ की थी,
GNT Digital से एक्सक्लूसिव बातचीत में 1 ब्रिज के फाउंडर मदन पदाकी ने बताया कि गांव में रहने वाले लोगों को हर छोटी से छोटी चीज के लिए गांव के बाहर जाना पड़ता है. वहीं ऑनलाइन शॉपिंग की ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है बात करें तो गांव के लोगों के लिए ये असंभव लगता हैं. वहीं कई सारी कंपनियां गावों में काम करना भी चाहती है, पर मूल सुविधाओं की कमी के कारण वहां तक पहुंचना उनके लिए मुश्किल होता है. इसके अलावा गांवों में भी ऐसे कई लोग हैं, जो अपना खुद का बिजनेस करना चाहते हैं, पर ज्यादा लागत लगने की वजह से अपना सामान शहरों तक नहीं पहुंचा पाते हैं. ऐसे में 1 ब्रिज इस तीन तरह की दिक्कतों पर मूल रूप से काम करता है. 1 ब्रिज ने इस तीनों दिक्कतों को समझते हुए काम करना शुरू किया है.
दूर-दराज के गांवों तक पहुंच रही हैं कंपनियां
अब 1 ब्रिज Amazon, Myntra और Flipkart जैसी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर रहा है, और गांव के लोगों तक भी सारा सामान जा रहा है. दरअसल गावों में कई सारे ऐसे उद्योग संचालन कर रहे हैं, जिन्हें शहर से सामानों की जरूरत होती है. ऐसे ही लोगों की जरूरत को पूरा करता है 1 ब्रिज. इसके अलावा 1 ब्रिज गांवों में काम करने वाले छोटे उद्यमियों को शहरों के बड़े बड़े कारोबारियों से लिंक करता है, ताकि उन्हें अपने प्रोडक्ट के अच्छे पैसे मिल सकें.
हर महीने एक लाख से ज्यादा युवा हो रहे आत्मनिर्भर
1 ब्रिज ने गांवों को ई-कॉमर्स से जोड़ने का काम किया है. इस स्टार्टअप से अब तक लाखों लोग आत्मनिर्भर हो चुके हैं. 1 ब्रिज की मदद से हर महीने लगभग 1 लाख से ज्यादा युवा आत्मनिर्भर हो रहे हैं. कई लोगों ने अपना खुद का बिजनेस खोल लिया है. शहरों में तकनीकी विकास तेजी से होने के कारण अक्सर लोग गांवों का महत्व भूल जाते हैं. अब तक 1 ब्रिज 6 राज्यों कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और ओडिशा के 70 से अधिक जिलों में काम किया है.
अब तक 52 करोड़ का रेवेन्यू बना चुका है 1 ब्रिज
पिछले 4 सालों में, 1 Bridge 75% से अधिक वर्ष-दर-वर्ष (YOY) वृद्धि के साथ लगातार बढ़ा है और वित्त वर्ष 2021 में 52 करोड़ रुपये से अधिक का रेवेन्यू बनाया है. अब वित्त वर्ष 2022 में उनका लक्ष्य 100 करोड़ को पार करना है. इसने दक्षिण भारत के 70 से अधिक जिलों में काम किया है. मदन का कहना है कि उनकी कंपनी ने अब तक 10,000 से अधिक उद्यमियों को जोड़ा है. ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए 35 मिलियन लेनदेन को पूरा किया है और 1.5 मिलियन ग्रामीण उपभोक्ताओं को सीधे सेवा प्रदान की है. मदन की इस पहल से अब गांवों को लोग भी आगे बढ़ रहे हैं.
भारत की इकॉनमी में ग्रामीण भारत का योगदान
भारत में कुल 6.5 लाख से ज्यादा गांव हैं, जिनमें से केवल 6,500 उपभोक्ता रहते हैं. गुणवत्ता वाले उत्पादों और सेवाओं की बढ़ती मांग को देखते हुए, 1 ब्रिज के सह-संस्थापक और सीईओ मदन पदाकी, 2024 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में ग्रामीण भारत की भूमिका पर फोकस कर रहे हैं. उन्होंने 2016 में 1 ब्रिज की शुरुआत की थी. 1 ब्रिज एक ऐसा ग्रामीण ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म है, जो जो ग्रामीण उपभोक्ताओं को सप्लायर से जोड़ता है.
गांव के लोगों की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करता है 1 ब्रिज
मदन बताते हैं कि हाल ही में मैसूर के बन्नूर के पास एक छोटे से गाँव में गए थे. वहां पर उन्होंने एक किसान दंपति से बात की, जिन्होंने मदन को बताया कि उन्होंने एक ई-कॉमर्स साइट पर एक स्मार्टफोन खरीदा है, और उस स्मार्टफोन की मदद से अपने बच्चे को ऑनलाइन शिक्षा देना चाहते हैं. इस तरह मदन ने गांव के लोगों की महत्वाकांक्षाओं को समझा है. उनका कहना है कि उनका संस्था ऐसी ही महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने पर काम करती है.
मदन जैसे लोगों की बदौलत आज गांव के लोग भी ऊंचे सपने देख पा रहे है, और भारत के विकास में अपना योगदान दे पा रहे हैं.
कर्नाटक की GI Tag कॉफी अब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मिलेगी, बोर्ड ने बनाई योजना
कर्नाटक की GI Tag वाली कॉफी के सामान्य प्रचार का उद्देश्य और लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए बोर्ड ने लिया ई-कॉमर्स का सहारा. शुद्ध कॉफ़ी के लगभग छह प्रकारों का विपणन (marketing) हुआ शुरू.
Coorg and Chikkamagaluru coffee will be available on Amazon
- Noida,
- Dec 01, 2022,
- Updated Dec 01, 2022, 5:01 PM IST
सर्दी आते ही कॉफी की डिमांड काफी बढ़ने लगी है.लोग अच्छी क्वालिटी वाली कॉफी की तलाश में हैं ताकि सही स्वाद का मजा उठा सकें. इसी क्रम में कर्नाटक राज्य द्वारा संचालित कॉफी बोर्ड ने शुद्ध भारतीय कॉफी को देशभर के लोगों तक पहुंचाने के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर इन्हें बेचने का फैसला लिया है. जिसके बाद अब देशभर के लोग कर्नाटक की जीआई टैग प्राप्त काॅपी विभिन्न ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से खरीद सकेंगे.
कर्नाटक राज्य कॉफी बोर्ड ने शुद्ध कॉफ़ी के लगभग ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है छह अलग-अलग ब्रॉडों को बाजार में उतारा है ताकि लोगों के बीच पहचान बन सके और लोग इसके बारे में जान सकें.
ई-कॉमर्स प्लैटफ़ार्म पर मिलेगी शुद्ध कॉफी
कर्नाटक बोर्ड ने हाल ही में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेज़न पर कूर्ग और चिक्कमगलुरु से भौगोलिक संकेत (जीआई)-टैग की गई कॉफ़ी सहित इंडिया कॉफ़ी और कॉफ़ी ऑफ़ इंडिया ब्रांड के तहत शुद्ध कॉफ़ी के लगभग छह प्रकारों का विपणन (marketing) शुरू किया है.
यह इन उत्पादों को फ्लिपकार्ट और मीशो जैसे अन्य प्लेटफार्मों पर भी लॉन्च करने की प्रक्रिया में है. इसका मुख्य मकसद ग्राहकों तक शुद्ध कॉफी को आसानी से पहुंचाना है और साथ ही प्रचार भी करना है.कॉफी बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि इस नवीनतम पहल के पीछे मुख्य उद्देश्य पूरे देश में शुद्ध कॉफी को लोकप्रिय बनाना और दृश्यता में वृद्धि करना है ताकि उपभोक्ता खर्च में किसानों की हिस्सेदारी बढ़े.
कॉफी बोर्ड के वित्त निदेशक एनएन नरेंद्र ने कहा- हम शुद्ध कॉफी के लिए एक जगह बनाना चाहते हैं और इसीलिए हम प्रसंस्करण और पैकिंग (processing and packing) में शामिल हो गए हैं, और इन उत्पादों को अमेज़न पर डाल दिया है, जबकि फ्लिपकार्ट और अन्य प्लेटफार्मों के साथ चर्चा चल रही है.
क्या है सरकारी कॉफी बोर्ड का मुख्य उद्देश्य
उन्होंने यह भी कहा हमारा उद्देश्य केवल प्रचार करना है ना कि मुनाफा कमाना. देश में मुख्य रूप से कॉफी क्षेत्र के विकास का काम सरकारी कॉफ़ी बोर्ड को सौंपा गया है. बोर्ड, जिसने बेंगलुरु में अपने परिसर में रोस्टिंग और ग्राइंडिंग की सुविधा स्थापित की है, प्राप्त ऑर्डर के आधार पर शुद्ध कॉफ़ी की शिपिंग कर रहा है. इन प्रीमियम कॉफी की गुणवत्ता का परीक्षण कॉफी बोर्ड के गुणवत्ता प्रभाग द्वारा किया जाता है. इसके पास कॉफी ऑफ इंडिया ब्रांड के लिए FSSAI सर्टिफिकेशन भी है.
उपभोक्ताओं को मिलेगी जीआई-टैग वाली कॉफी
बोर्ड गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए संबंधित क्षेत्रों में उत्पादकों से जीआई-टैग वाली कॉफी खरीदेगा. जबकि जीआई-पंजीकृत कूर्ग अरेबिका कॉफी और जीआई-पंजीकृत चिक्कमगलुरु अरेबिका कॉफी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेची जा रही हैं, बोर्ड को अराकू घाटी और अन्य स्थानों से जल्द ही अन्य जीआई-पंजीकृत कॉफी उपलब्ध कराने की उम्मीद है. भारतीय कृषि-निर्यात टोकरी में कॉफी मुख्य वस्तुओं में से एक है. देश में उगाई जाने वाली लगभग 3.5 लाख टन कॉफी का लगभग दो-तिहाई निर्यात किया जाता है, जबकि शेष घरेलू बाजार में खपत होती है.
e-commerce क्या है और e-commerce Company कैसे बनाएं ?
इंटरनेट पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से उत्पादों के खरीदने या बेचने की प्रक्रिया को e-commerce या electronic commerce कहा जाता है। आज की भाग-दौड़ वाली जीवनशैली में लोगों के पास बाज़ार जा कर दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदने का भी समय नहीं है। साथ ही सस्ते स्मार्टफोन और सस्ती कीमत पर इंटरनेट डाटा की हर समय उपलब्धता के कारण इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन वस्तुओं की खरीद- बिक्री को बढ़ावा मिला है। इन कारणों से आज के युग में दुनिया भर में ई-कॉमर्स कंपनियों का चलन और मुनाफ़ा कई गुना बढ़ा है। भारत में भी Amazon, Flipkart, Snapdeal, Paytm, Indiamart आदि e-commerce कंपनियों ने उत्पादों के बाज़ार के एक बड़े हिस्से पर कब्ज़ा जमा लिया है। अतः बिज़नेस या व्यापार से सम्बंधित बात की जाए तो ये भी कहा जा सकता है कि व्यापार उद्योग के क्षेत्र में आने वाला भविष्य ई-कॉमर्स कंपनियों या e-commerce business का ही है। इस लेख में हम e-commerce क्या है और भारत में e-commerce Company कैसे बनाएं, आदि विषयों पर क्रम-वार जानकारी प्राप्त करेंगे।
If your business is not on the internet, then your business will be out of business (यदि आपका व्यवसाय इंटरनेट पर नहीं है; तो आपका व्यवसाय, व्यापार से बाहर हो जाएगा)
बिल गेट्स
Table of Contents
e-commerce व्यवसाय कैसे स्थापित करें
शुरुआत में ई-कॉमर्स बिज़नेस स्थापित करने के दो मुख्य तरीके हैं – अपनी स्वयं की ई-कॉमर्स वेबसाइट बना कर कार्य करना या एक स्थापित बाज़ार में शामिल होना।
अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट बनाना
किसी भी नए e-commerce business को शुरुआत में स्थापित करने के लिए अपनी नयी ई-कॉमर्स वेबसाइट बना कर उसके माध्यम से व्यापार शुरू करना एक कठिन रास्ता है। इसके लिए एक बड़ी टीम की आवश्यकता होती है जो आपके वेब डेवलपमेंट, ऑनलाइन मार्केटिंग और पेमेंट गेटवे आदि को संभाल सकें। अतः इस माध्यम से ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने के लिए एक अच्छे-खासे निवेश की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप फिर भी अपनी नयी e-commerce वेबसाइट बना कर नया ऑनलाइन बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको सफल होने के लिए लम्बे समय तक इंतज़ार करना पड़ सकता है।
किसी स्थापित बाज़ार में शामिल होना
एक स्थापित e-commerce कंपनी के पहले से तैयार बाज़ार का हिस्सा बन कर आप अपना ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरू करने का एक आसान रास्ता अपना सकते हैं। इस रास्ते से ऑनलाइन व्यापार शुरू करने के लिए आपको मात्र एक पैन नंबर, एक बैंक खाता और GST रजिस्ट्रेशन नंबर की आवश्यकता होती है। इसके अलावा अन्य सभी ज़रूरतें जैसे कि वेब डेवलपमेंट, ऑनलाइन मार्केटिंग, पेमेंट गेटवे, लॉजिस्टिक्स आदि का ध्यान पहले से स्थापित मुख्य ई-कॉमर्स कंपनी रखेगी। किसी स्थापित ऑनलाइन बाज़ार या ई-कॉमर्स कंपनी के माध्यम से अपना ई-बिज़नेस शुरू करने का एक लाभ यह भी है कि आप एक साथ एक ही समय पर कई स्थापित बाज़ारों/ इ-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से अपने उत्पाद बेच सकते हो और पैसे कमा सकते हो।
भारत में पहले से स्थापित कुछ ऑनलाइन बाज़ार वाली प्रमुख e-commerce बिज़नेस कंपनियां निम्नलिखित हैं :-
e-commerce बिज़नेस शुरू करने के लिए क्या-क्या दस्तावेज चाहिए
कोई भी नयी ई-कॉमर्स कंपनी बनाने के लिए आपको निम्नलिखित डाक्यूमेंट्स/ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है :
- GST रजिस्ट्रेशन नंबर
- बैंक खाता
- e-commerce वेबसाइट
- पेमेंट गेटवे (Payment Gateway)
- कंपनी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाते समय ध्यान देने योग्य बातें
- एक अच्छा Domain Name चुनें
- एक उचित hosting लें
- अपना ई-कॉमर्स स्टोर डिज़ाइन करें
- अपनी वेबसाइट को SSL सर्टिफिकेट के माध्यम से सुरक्षित कीजिये
- पेमेंट गेटवे सेट करें
- उत्पादों की shipping और पैकेजिंग के लिए उचित लॉजिस्टिक्स पार्टनर चुनिए।
e-commerce बिज़नेस को कैसे बढ़ावा दें
उपरोक्त सभी औचारिकताएँ पूरी करने के बाद आपकी ई-कॉमर्स कंपनी बिज़नेस के लिए तैयार है और यदि आपके उत्पाद भी बाजार के लिए तैयार है तो आप अपने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से उत्पादों की बिक्री आरम्भ कर सकते हैं। परन्तु यदि आप अपने brand और business को तेजी से ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म क्या है बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है अपने बिज़नेस को प्रमोट करना या बढ़ावा देना। इसके लिए आप सोशल नेटवर्किंग websites जैसे कि फेसबुक, ट्विटर, आदि का सहारा ले सकते हैं। यदि आप बड़े लेवल पे मार्केटिंग करना चाहते हैं तो आप टीवी विज्ञापन का भी सहारा ले सकते हैं।
Conclusion (निष्कर्ष)
ऊपर लिखित बातों के माध्यम से आप e-commerce क्या है, e-commerce company कैसे बनाएं, e-commerce business कैसे start करें, e-commerce online business कैसे करें आदि से सम्बंधित अधिकतर बातें समझाने की कोशिश की गयी है। आप हमारी वेबसाइट shikshavyavsay.com पर कैरियर, शिक्षा और रोज़गार से सम्बंधित अनेकों लेख पढ़ सकते हैं और उन पर comment भी कर सकते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 588