निवेश वित्तीय साधन

यूनियन सहज कर बचत जमा योजना में आपको कर बचत सावधि योजना में मासिक किस्तों (स्थायी अनुदेश/एसआईपी), एकमुश्त या जब भी निवेश के लिए आधिक्य निधि हों, के माध्यम से निवेश का लचिलापन प्रदान करती है.

सहज कर बचत जमा योजना का उद्देश्य आपको कर बचत करने में योजनबद्ध तरीके से एक वित्तीय वर्ष की अवधि में छोटे राशि का निवेश कर लचीलापन प्रदान करना है और इस प्रकार की गई राशि 80सी के अंतर्गत छूट हेतु पात्र है. इस योजना के द्वारा आप वित्तीय वर्ष में निवेश वित्तीय साधन रु.1,50,000/- तक कई बार निवेश कर सकते है.

संक्षेप में, सहज कर बचत सावधि जमा योजना संपूर्ण वित्तीय वर्ष में आपके निवेश पर लचीलेपन के साथ लगभग जोखिम मुक्त, गारंटीयुक्त रिटर्न उपलब्ध कराता है. अत: इंतजार किस बात का, अभी शुरू करें! आज ही हमारी नजदीकी शाखा से संपर्क करें और सहज कर बचत सावधि जमा योजना में खाता खोलें.

विशेषताएँ :

पात्रता

इस उत्पाद में पैन कार्ड धारक सभी व्यक्ति एवं एचयूएफ़ निवेश कर सकते है.

एकल धारक जमा किसी व्यक्ति को या किसी हिन्दी अविभक्त परिवार के कर्ता के रूप में जारी किया जाएगा. संयुक्त धारक जमा रसीद दो वयस्कों या एक वयस्क को संयुक्त रूप से एवं अवयस्क और किसी एक को या उत्तरजीवी को देय होगा निवेश वित्तीय साधन होगा, बशर्ते संयुक्त धारक प्रकार जमा में, अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत आय में कटौती केवल जमा के प्रथम धारक को देय होगा.

योजना का विवरण

यह योजना ग्राहक को कर बचत सावधि योजना में मासिक किस्तों (स्थायी अनुदेश/एसआईपी), एकमुश्त या जब भी निवेश के लिए आधिक्य निधि हों, के माध्यम से निवेश का लचिलापन प्रदान करती है.

खाता निरंतर जमा प्रारूप में होगा. जमाकर्ता न्यूनतम रु.1,000/- एवं रु.1,000/- के गुणक में कितनी भी बार निवेश कर सकते है.

खाते में किया गया कोई भी जमा स्वीप आउट किया जाएगा और 5 वर्ष की अवधि के लिए लॉक इन रहेगा.

प्रत्येक जमा की तारीख पर 5 वर्ष अवधि हेतु मौजूदा ब्याज दरें लागू होंगी.

आयकर की छूट का दावा करने के लिए शाखाओं को सिस्टम जनित वार्षिक विवरण जारी किया जाएगा.

वित्तीय वर्ष के दौरान इस योजना में जमा की गई राशि के लिए जमाकर्ता धारा 80सी के अंतर्गत छूट का दावा कर सकता है.

न्यूनतम अवधि

इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक जमा की अवधि 5 वर्ष होगी.

अधिकतम अवधि

लॉक इन अवधि

न्यूनतम जमाराशि

रु.1,000/- एवं उसके बाद रु.1000 रुपये के गुणकों में

अधिकतम जमाराशि

रु.1,50,000/- वित्तीय वर्ष में

ब्याज दर

जमा खोलते समय पाँच वर्ष की मीयादी जमा के लिए मौजूदा ब्याज दर के अनुसार

ब्याज भुगतानआवृति

ब्याज का भुगतान परिपक्वता के समय मूलधन के साथ किया जाएगा.

टीडीएस

दिशानिर्देशों के अनुसार टीडीएस की कटौती की जाएगी.

ऋण सुविधा

इस योजना में ऋणों सुविधा की अनुमति नहीं है और जमा को किसी अन्य सुविधा के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में नहीं लिया जा सकता है.

Financial Sources

1. साधारण अंश या समता अंश ( Ordinary fraction )- समता अंश वे हैं जिनके धारकों को कंपनी के संचालन की सामान्य जोखिम को उठाना होता है। इन अंशों के धारकों कंपनी के प्रबंध एवं संचालन को नियमित एवं नियंत्रित करने का अधिकार होता है।

2. पूर्वाधिकार अंश ( Preference share )- उन अंशों से हैं, जिन पर अंश धारियों को एक निश्चित दर से प्रतिवर्ष लाभांश पाने का अधिकार होता है तथा समापन के समय पूंजी की वापसी का पूर्व अधिकार होता है।

3. ऋण पत्र ( Loan letter )- ऋण पत्र कंपनी के सार्वमुद्रा के अधीन जारी एक ऐसा प्रलेख है जो कंपनी पर ऋण को प्रमाणित करता है तथा ऋण की प्रमुख शर्तों को प्रकट करता है।

4. अर्जित आय का पुनः निवेश ( Re-invested income )- कम्पनी या संस्था लाभ का एक भाग भविष्य की आवश्यकता के लिए संचय करके रख लेती है। संचित लाभ को कंपनी अपनी पूंजी के रूप में प्रयोग कर लेती है। उसे अर्जित आय का पुनः निवेश कहते हैं।

5. विशिष्ट वित्तीय संस्थाएं ( Specific financial institutions ) – राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अनेक वित्तीय संस्थाएं हैं जो व्यवसायिक संस्थाओं को अनेक प्रकार की वित्तीय साधन उपलब्ध करा रही है। जैसे भारतीय औद्योगिक वित्त निगम, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक, भारतीय औद्योगिक निवेश बैंक आदि।

6. लीज पट्टे पर वित्त- इसमें वित्त नकद रूप में प्राप्त, नहीं होता है बल्कि मशीन उपकरण या अन्य पूंजी संपत्ति के रूप में प्राप्त होता है।

7. अन्य स्रोत ( Other sources )

  1. विदेशों से ऋण
  2. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
  3. विदेशी वित्तीय संस्थाएं
  4. निवेश ट्रस्ट या प्रन्यास
  5. सहयोग निधियां

अल्पकालीन वित्त के स्रोत ( Short term finance sources )

1. सार्वजनिक निक्षेप या जमाएं ( Public deposits or deposits )- एकाकी व्यापार या साझेदारी संस्थाएं केवल अपने संबंधियों से ही व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए जमाएं स्वीकार कर सकते हैं तथा केवल निजी कार्यों के लिए ही जन सामान्य से जमाएं स्वीकार कर सकते हैं।

2. व्यापारिक ऋण या साख ( Trade credit or credit ) –

  • चालू उधार खाता – कुछ स्थायी ग्राहक होते हैं। वह माल क्रय करते हैं। ऐसी दशा में उनके खातों में एक निश्चित राशि का माल उधार बेचने की शर्त हो सकती निवेश वित्तीय साधन है। उधार की राशि की सीमा का निर्धारण क्रेता की आर्थिक स्थिति एवं भुगतान प्रवृत्ति को ध्यान में रखकर किया जाता है।
  • विनिमय विपत्र – – विक्रेता व्यापारी माल बेचते समय ही माल के भुगतान के लिए विनिमय विपत्र लिख देता है तथा क्रेता उसे स्वीकार कर लेता है।
  • प्रतिज्ञा पत्र – कई व्यापारी माल खरीदने के साथ ही माल के मूल्य के भुगतान की तिथि का एक प्रतिज्ञा पत्र लिख देते हैं। इन में लिखी तिथि पर विक्रेता क्रेता से धन की मांग कर लेता है तथा क्रेता भुगतान कर देता है।
  • हुण्डियां – व्यापारी कई बार माल क्रय करने के साथ ही हुण्डी लिखकर देते हैं। हुण्डी में लिखित तिथि को भुगतान हो जाता है।
  • अदत्त खर्चे- कुछ खर्चे देय होने के बहुत दिनों बाद भुगतान करना पड़ता है। उदाहरण – बिक्री कर, आयकर, बिजली के बिल की राशि आदि।

3. व्यापारिक बैंक ( Trading bank ) – व्यापार की अल्पकालीन ऋणों की आवश्यकता को पूरा करते हैं। इनके द्वारा प्रदत ऋणों को चालू पूंजी के रूप में प्रयुक्त किया जा सकता है।

4. ह्रास कोष ( Depletion fund )- संपत्तियों जैसे भवन, मशीन आदि के लिए ह्रास कोष बनाया जाता है ताकि संपत्तियों के बेकार हो जाने या अप्रचलित हो जाने पर नई संपत्तियों का क्रय किया जा सके। इस राजकोष का उपयोग अल्पकालीन वित्त के स्रोत के रूप में किया जा सकता है।

5. साहूकार या देशी बैंकर ( Moneylender or native banker ) – देशी बैंकर्स अपना व्यवसाय पारिवारिक या व्यक्तिगत रूप से किया करते हैं। देशी बैंकर्स को विभिन्न नामों से जैसे साहूकार, सेठ, महाजन आदि नामों से पुकारते हैं।छोटी व्यवसायिक संस्थाओं, एकाकी व्यापारी तथा साझेदारी संस्थाओं के लिए इस स्रोत का विशेष महत्व है।

6. गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनियां ( Non-banking financial companies ) – वित्तीय कंपनियां जो जनता से अनेक बचत योजनाओं के अंतर्गत धन प्राप्त करती है और उस धन को उद्योगों को उधार पर दे देती है। यह कंपनियां अंशों, ऋण पत्रों, प्रतिज्ञापत्रों, बिलों एवं हुंडियों पर भी ऋण उपलब्ध कराती है।

7. ग्राहकों से अग्रिम ( Advance from customers )- कई व्यवसायिक संस्थाएं अपनी अल्पकालीन पूंजी की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ग्राहकों से माल के आदेश के साथ ही अग्रिम ले लेती है। यह स्रोत उन संस्थाओं के लिए खुला है जिनके द्वारा उत्पादित माल की मांग बहुत अधिक है।

8. वाणिज्य पत्र ( Commercial paper )- वाणिज्य पत्र 15 दिन से 1 वर्ष की अवधि के लिए 5 लाख या उसके गुणक के रूप में वित्तीय निवेश वित्तीय साधन संस्थाओं द्वारा जारी किए जाने वाले आरक्षित वचन पत्र है, जो अंकित मूल्य से छूट पर जारी किए जाते हैं एवं परिपक्वता पर अंकित मूल्य का भुगतान किया जाता है।

9. आढतीकरण ( Overture ) – यह देनदारियों का एक प्रकार का विक्रय है जिसमें बैंक या वित्तीय संस्थान को देनदारी वसूलने का अधिकार दे दिया जाता है एवं इसकी एवज में कुछ बट्टा काटकर कम राशि पहले ही ले ली जाती है। यह आलम्बन सहित एवं रहित हो सकता है।

10. अन्य स्रोत ( other sources ) – ज्यादा कंपनियों की दशा में एक कंपनी निवेश वित्तीय साधन अपने संचालकों के अधीन दूसरी कंपनी से ऋण प्राप्त कर सकती है। कई संस्थाएं दलालों के माध्यम से भी ऋण प्राप्त कर सकती है। विदेशों से व्यापारिक ऋण प्राप्त किया जा सकता है। जमा प्रमाण पत्र योजना के अधीन भी बैंकों से ऋण प्राप्त किया जा सकता है।

अस्थिर बाजार में सावधानी के साथ करें निवेश: संजीव बजाज

आपको अपने एसेट एलोकेशन पर टिके रहने की जरूरत है. अगर इक्विटी में तेजी आ रही है, तो आपको कुछ प्रॉफिट बुक करने और उन्हें डेट में डालने की जरूरत है.

  • Sarbajeet K Sen
  • Publish Date - January 19, 2022 / 07:19 PM IST

अस्थिर बाजार में सावधानी के साथ करें निवेश: संजीव बजाज

मुझे लगता है कि लोग ओमीक्रोन के बारे में भ्रमित हैं. वे नहीं जानते कि यह कैसे खत्म होने वाला है. हालांकि, अगर यह कोरोनावायरस का हल्का वैरियंट निकला, तो बाजार आगे बढ़ सकता है, लेकिन अगर यह आक्रामक है, तो बाजार प्रभावित हो सकता है

बजाज कैपिटल के संयुक्त अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संजीव बजाज (Sanjiv Bajaj ) के मुताबिक, पिछले 18 महीनों में शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर तेजी देखी गई है. हालांकि मूल्यांकन अधिक होने के कारण, निवेशकों को अब सावधानी बरतनी चाहिए. इसी के साथ निवेशकों को मुख्य रूप से ब्लू-चिप कंपनियों में निवेश करना चाहिए. न्‍यूज9 की मार्केट मावेरिक्स श्रृंखला में बात करते हुए संजीव बजाज ने निवेशकों को निश्चित वित्तीय लक्ष्य रखने और उसके अनुसार परिसंपत्ति आवंटन बनाए रखने की सलाह दी. यहां देखिए साक्षात्कार का संपादित अंश –

सवाल – कई महीनों के शानदार प्रदर्शन के बाद निवेश वित्तीय साधन हाल के दिनों में शेयर बाजारों में काफी उतार-चढ़ाव रहा है. ऐसे में निवेशकों को मौजूदा बाजार में अपनी स्थिति कैसे बनानी चाहिए?

संजीव – मुझे लगता है कि बाजार में अस्थिरता जारी रहने वाली है. यह एक ऐसा समय है जब आपको बेहद सावधान रहने की जरूरत है. यह मूल्य और उच्च गुणवत्ता वाले शेयरों के लिए अच्‍छा समय है. आपको ब्लू-चिप स्टॉक या वैल्यू फंड को देखना चाहिए जहां कुछ मात्रा में मूल्य हो. कुछ स्टॉक ऐसे हो सकते हैं जिनका मूल्यांकन अधिक हो गया है और तरलता के प्रवाह के साथ कुछ सुधार देखने को मिल सकता है. यह समय पिछले 18 महीनों की तरह नहीं है, जब आपने जो भी म्यूचुअल फंड चुना होगा, उसने अच्छा प्रदर्शन किया होगा. अब, आपको अपने पोर्टफोलियो चयन और अपने पैसे के आवंटन से सावधान रहना होगा.

सवाल – आपको क्या लगता है कि मौजूदा COVID-19 लहर का निवेश के परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है?

संजीव – COVID-19 की स्थिति को पहले ही शामिल कर लिया गया है. मुझे लगता है कि लोग ओमीक्रोन के बारे में भ्रमित हैं. वे नहीं जानते कि यह कैसे खत्म होने वाला है. हालांकि, अगर यह कोरोनावायरस का हल्का वैरियंट निकला, तो बाजार आगे बढ़ सकता है, लेकिन अगर यह आक्रामक है, तो बाजार प्रभावित हो सकता है. जब भी लॉकडाउन होता है तो नुकसान होता है, लेकिन कुल मिलाकर हम बहुत मजबूत जगह पर हैं. इसलिए, अगर हम लंबे समय तक बाजार में बने रहना चाहते हैं, जो मेरे लिए तीन से 10 साल है, तो आपको इन चीजों के बारे में परेशान होने की जरूरत नहीं है. आपको बस शुरुआत करने और इंतजार करना बंद करने की जरूरत है.

सवाल – आपने कहा कि निवेशकों को इस समय सतर्क रहने की जरूरत है. अब लोन क्या भूमिका निभाएगा और परिसंपत्ति आवंटन कितना निवेश वित्तीय साधन महत्वपूर्ण है?

संजीव – हमें जिस चीज से सावधान रहने की जरूरत है, वह है छोटे, कमजोर स्टॉक जो ऊपर गए हैं. ये कंपनियां उस वैल्यूएशन के लायक नहीं हैं, जिसमें वे हैं. बाजार हमेशा सर्वश्रेष्ठ में से सर्वश्रेष्ठ को प्रीमियम देगा, लेकिन जब कमजोर कंपनियों को भी प्रीमियम मिलना शुरू हो जाता है, तो सावधान रहने की जरूरत है. इस स्थिति में, आपको ब्लू-चिप स्टॉक और वैल्यू स्टॉक के साथ जाना चाहिए.

साथ ही, यह वह समय है जब आपको अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा करने की जरूरत है, अधिमानतः एक निवेश वित्तीय साधन सलाहकार के साथ, आप किस प्रकार के म्यूचुअल फंड और स्टॉक धारण कर रहे हैं और जोखिम-वापसी अनुपात का आंकलन करने के लिए, कुछ छोटे शेयरों के लिए जोखिम-वापसी अनुपात का कोई मतलब नही है. जहां नीचे जाने का जोखिम बहुत अधिक है और कीमत बढ़ने की संभावना न्यूनतम है. ऐसे में आपको सावधानी बरतने की जरूरत है.

दूसरे, आपको अपने एसेट एलोकेशन पर टिके रहने की जरूरत है. अगर इक्विटी में तेजी आ रही है, तो आपको कुछ प्रॉफिट बुक करने और उन्हें डेट में डालने की जरूरत है. आप अपना एसेट एलोकेशन आधार, अपने लक्ष्य और जोखिम जो आप उठा सकते हैं, बनाते हैं. एक लक्ष्य जरूर रखें क्योंकि बिना लक्ष्य के निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है. अधिकांश निवेशकों को अच्छा रिटर्न नहीं मिलता है क्योंकि वे गलत समय पर प्रवेश करते हैं या गलत समय पर बाहर निकलते हैं.

सवाल – वर्तमान में सोने की क्या भूमिका है और कितना निवेश करना चाहिए?

संजीव – लंबे समय में सोना आपको चार-पांच फीसदी रिटर्न देगा. आप सोने में कुछ आवंटन कर सकते हैं, शायद अधिकतम पांच प्रतिशत. कई बार ऐसा भी हो सकता है कि सोना आपको 20-30 फीसदी का रिटर्न दे, लेकिन लंबे समय में यह औसत से घटकर पांच फीसदी रह जाएगा.

सवाल – आप बचत के वित्तीयकरण को कैसे देख रहे हैं? क्या आप यह महसूस कर रहे हैं कि अधिक लोग वित्तीय साधनों में निवेश कर रहे हैं और नए निवेशकों के लिए आपकी क्या सलाह है?

संजीव – पूंजी बाजार में आने वाले नए लोगों की संख्या अभूतपूर्व है. हम में से अधिकांश लोग रैली के अंतिम चरण में प्रवेश करते हैं जब निवेश वित्तीय साधन बाजार बहुत ऊपर चला जाता है और यदि बाजार सही होने लगते हैं, तो हम घबरा जाते हैं और पैसा खो देते हैं. हमें लगता है कि ऐसा करना सही नहीं है. अगर आप बाजार में हैं, तो कृपया 10-15 साल के लिए रुकें. जब तक आपको बाजारों का ज्ञान न हो तब तक सीधे व्यापार करने का प्रयास न करें. जैसा कि मैंने पहले कहा, रिलायंस, एचयूएल, आईटीसी जैसी उच्च-गुणवत्ता वाली कंपनियों में निवेश करना सबसे अच्‍छा है. यह एक साधारण खेल है.

ये कंपनियां हर साल 10-20 फीसदी की दर से बढ़ेंगी और साथ ही साथ आपका पैसा भी बढ़ेगा. दूसरे, रिटेल निवेशकों को म्यूचुअल फंड, पीएमएस या एआईएफ के माध्यम से जाना चुनना चाहिए. फंड मैनेजर को काम करने दें. फंड मैनेजर का भविष्य और आपके रिटर्न आपस में जुड़े हुए हैं. ये कुछ सबसे चतुर लोग हैं और स्टार फंड मैनेजर बनने के लिए अपना 200 प्रतिशत लगा देंगे. निवेश स्वयं करें (DIY) खेल नहीं है. आपको एक सलाहकार की जरूरत है जो आपको गलतियां करने से रोके. निवेश बनाए रखें क्योंकि लंबे समय में बहुत सारा पैसा बनाना है.

(ये लेख केवल जानकारी के लिए है. पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने विवेक से निवेश करें.)

महिलाओं की वित्तीय आजादी के लिए जरूरी है निवेश, इस दशहरा आजमाएं यह टिप्स

कामकाजी महिलाओं के पास आय के कुछ साधन होते हैं, पर गृहणियों के पास आय का रेगुलर सोर्स नहीं होता।

कामकाजी महिलाओं के पास आय के कुछ साधन होते हैं पर गृहणियों के पास आय का कोई रेगुलर सोर्स नहीं होता। हम दशहरा के मौके पर महिलाओं के लिए कुछ ऐसे फाइनेंशियल टिप्स लेकर आए हैं जिन्हें अपना कर आप भी अपनी फाइनेंशियल परेशानियों से छुटकारा हासिल कर सकती हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कई सारी महिलाओं के मन में यह सावाल आता होगा कि अपने खर्चों को कैसे मैनेज करें, कैसे बचत करें और कहां पर निवेश करें। कामकाजी महिलाओं के पास आय के कुछ साधन होते हैं, पर गृहणियों के पास आय का कोई रेगुलर सोर्स भी नहीं होता। तो खास तौर पर आज हम दशहरा के इस मौके पर महिलाओं के लिए कुछ ऐसे फाइनेंशियल टिप्स लेकर आए हैं जिन्हें अपना कर आप भी अपनी फाइनेंशियल परेशानियों से छुटकारा हासिल कर सकती हैं।

फाइनेंशियल स्थिति को समझना

महिलाओं के लिए सबसे पहले तो अपनी वित्तीय स्थिति को समझना बेहद ही जरूरी है। अगर आप कामकाजी महिला हैं तो आपको यह समझना काफी जरूरी है कि, आपकी महीने की कमाई कितनी है, और आप उस में से निवेश वित्तीय साधन कितने रुपए बचा सकती हैं। लेकिन अगर आप हाउस वाइफ हैं तो आपके ऊपर यह जिम्मेदारी थोड़ी बढ़ जाती है। ऐसे में हर महीने की शुरुआत में आप अपने खर्चों के बारे में हिसाब जरूर लगा लें। इसके अलावा आप उन सभी जरूरतों की लिस्ट भी जरूर बना लें जिनपर आपको महीने में खर्च करना है।

बीमा राशि में निवेश करना

महिलाओं को किसी ना किसी बीमा में निवेश जरूर करना चाहिए। इससे अचानक आने वाले खर्चों और भविष्य में होने वाले खर्च को मैनेज करने में काफी आसानी होती है। इसके अलावा कामकाजी महिलाएं बीमा योजना में निवेश करके टैक्स से बचत भी कर सकती हैं। पिछले कुछ सालों में हाउसवाइफ को ध्यान में रखते हुए सरकार और कई सारी बीमा कंपनियों की तरफ से कुछ ऐसी स्कीम चलाई गई है, जिसमें वे आसानी से निवेश कर सकती हैं।

पेंशन योजना

पेंशन योजना बचत का हमेशा से ही एक सबसे सरल, आसान और अच्छा जरिया माना जाता रहा है। पेंशन स्कीम में निवेश करने से आप बुढ़ापे में भी आय के लिए दूसरों पर निर्भर होने से बची रहेगीं। महिलाएं सरकार के द्वारा शुरू की गई अटल पेंशन योजना में आप मात्र 42 रुपये प्रति महीने से निवेश शुरू कर सकती हैं। इसमें ना केवल आपको बेहतर ब्याज दर का लाभ मिलता है, बल्कि टैक्स सेविंग करने में भी मदद हासिल होती है।

पी-नोट्स के जरिये निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपये पर आया

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) भारतीय पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये निवेश नवंबर अंत तक गिरकर 69,670 करोड़ रुपये पर आ गया। पी-नोट्स भारतीय पूंजी बाजार में निवेश करने का एक वित्तीय साधन है। पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) इसे उन विदेशी निवेशकों के लिये जारी करते हैं, जो बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास पंजीयन कराये बिना घरेलू पूंजी बाजार में निवेश करना चाहते हैं। सेबी के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर माह के अंत तक शेयरों, बांडों तथा जिंसों में पी-नोट्स के जरिये किया गया कुल निवेश 7,103 करोड़ रुपये कम होकर 69,670

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