हॉस्पिटल और लैब के आधार पर इस टेस्ट की सामान्य रेंज में अंतर हो सकता है। अगर इससे संबंधित आपके मन में कोई सवाल है, तो डॉक्टर से जरूर पूछ लें। हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी मैडिकल एडवाइज, जांच या इलाज प्रदान नहीं करता।
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सर्वाधिकार सूचना
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किसी भी समझौते के तहत कोई भी दायित्व पूरा करने में विफलता के लिए एक पक्ष दूसरे के प्रति उत्तरदायी नहीं होगा, जो कि ऐसी किसी के भी नियंत्रण से बाहर की घटना के कारण होता है, दैव प्रदत्त घटना, आतंकवाद, युद्ध, राजनीतिक विद्रोह, विद्रोह, दंगे, नागरिक अशांति, नागरिक या सैन्य प्राधिकरण का कार्य, विद्रोह, भूकंप, बाढ़ या कोई अन्य प्राकृतिक या मानव निर्मित घटना जो हमारे नियंत्रण से बाहर है, लेकिन केवल इस तक सीमित नहीं है, जो एक समझौते या अनुबंध की समाप्ति का कारण बनती है, न ही जिसका उचित रूप से पूर्वाभास किया जा सकता था। इस तरह की घटना से प्रभावित कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष को तुरंत इसकी सूचना देगा और यहां निहित किसी भी समझौते के नियमों और शर्तों का पालन करने के लिए सभी उचित प्रयासों का उपयोग करेगा।
ब्रोंकाइटिस और दमा में क्या फ़र्क होता हैं?
डॉ मयंक ने प्रेरणा को समझाया, “सबसे अहम बात, ब्रोंकाइटिस में श्वासनलियाँ (bronchial tubes) में सूजन और जलन होती है पर दमा में वायुमार्ग सिकुड़ और सूज जाते है”
“कई बार, ब्रोंकाइटिस बदलते मौसम के वजह से हो सकता है पर दमा मौसम की वजह से नहीं होता। मौसमी परिवर्तन की वजह से दमा बदतर हो सकता हैं पर वह इसके पीछे का कारण नहीं हैं।”
ब्रोंकाइटिस में खाँसी होना एक प्रमुख लक्षण है पर दमा में खाँसी होना ज़रूरी नहीं हैं।
डॉ मयंक के सुझाव पर, प्रेरणा ने ब्रोंकाइटिस टेस्ट कराने का निर्णय लिया।
ब्रोंकाइटिस के रोग का निर्णय
“कई बार, ब्रोंकाइटिस के निर्णय के लिए आपको चेस्ट एक्सरे (chest x-ray), बलगम या फेफड़ों की जाँच भी करवानी पड़ सकती हैं।”
प्रेरणा के टेस्ट रिज़ल्ट में अक्यूट ब्रोंकाइटिस निकला। वह जानना चाहती थी की ब्रोंकाइटिस क्यों होता हैं।
ब्रोंकाइटिस के कारण क्या है?
अक्यूट ब्रोंकाइटिस के पीछे अधिकतर वाइरस का हाथ होता है। यह वायरस ज़्यादातर जुखाम और फ़्लू के लिए भी ज़िम्मेदार होता है। क्रानिक ब्रोंकाइटिस का सबसे आम कारण सिगरेट या धुम्रपान है।
डॉ मयंक कहते है “वायु प्रदूषण, धूल-मिट्टी और जहरीली गैस भी क्रानिक ब्रोंकाइटिस के कारण हो सकते हैं।”
ब्रोंकाइटिस का उपचार
डॉ मयंक ने कहा “अक्यूट ब्रोंकाइटिस में उपचार की ज़रूरत नहीं पड़ती और यह अधिकतर कुछ हफ्तों में खुद ठीक हो जाता है।”
“आम तौर पर , ब्रोंकाइटिस का कारण वायरस होता है इसलिए एंटीबायोटिक दवाओं का इन पर कोई असर नहीं पड़ता।
“लेकिन अगर आपके डॉक्टर को ब्रोंकाइटिस का कारण बैक्टीरिया लगता है तो वह एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है आपको एंटीबायोटिक दवा निर्धारण कर सकते है।”
कुछ परिस्थितियों में आपके डॉक्टर, आपको यह दवाई की भी सलाह दे सकते हैं:
- खाँसी की दीवाई: अगर खाँसी की वजह से आप विश्राम नहीं कर पा रही, तो आपके डॉक्टर आपको खाँसी की दीवाई नियत कर सकते हैं।
- दूसरी दवाई: अगर आपको एलर्जी, दमा या क्रानिक अब्स्ट्रक्टिव फेफड़ों का रोग (COPD) है, तो आपके डॉक्टर शायद श्वासयंत्र (inhaler) और अन्य दवाई दे सकते हैं। इससे जलन और सूजन में आराम मिल सकता है और ट्यूब खुल सकते हैं।
C Reactive Protein Test : सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट क्या है?
सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जो शरीर में सी रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। सीआरपी एक प्रोटीन है, जिसे लिवर बनाता है। सीआरपी (C Reactive Protein Test) के जरिए शरीर में सूजन का भी पता लगाया जाता है। आमतौर पर हमारे रक्त में सी रिएक्टिव प्रोटीन की मात्रा कम होती है।
सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) का हाई लेवल कई गंभीर बीमारियों की तरफ इशारा करता है, लेकिन इससे शरीर में कहां और किस कारण सूजन है, इसका पता नहीं लगाया जा सकता है। शरीर में सूजन के कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर अन्य परीक्षण यानि टेस्ट (Test) की सलाह दे सकते हैं।
जानने योग्य बातें
यूं तो सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) के लिए कोई खास तैयारी नहीं होती है, लेकिन अगर आप कुछ दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें। दरअसल कई बार दवाएं सीआरपी टेस्ट (C Reactive Protein Test) के नतीजो को प्रभावित कर सकती हैं।
सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) के दौरान क्या होता है?
सीआरपी टेस्ट के दौरान, डॉक्टर आपके ब्लड का सैंपल (Blood sample) लेते हैं, जिसके लिए वे नीचे बताए गए काम करते हैं :
- ब्लड फ्लो (Blood flow) को रोकने के लिए सबसे पहले हाथ में बैंड लगाया जाता है, जिससे नसें साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं।
- इसके बाद रूई में एल्कोहॉल लगाकर डॉक्टर नसों को साफ करते हैं, जिससे सूई लगाने में आसानी होती है।
- इसके बाद डॉक्टर आपकी नस में सूई लगाते हैं।
- सूई से डॉक्टर खून निकालते हैं और फिर उसे एक स्रिंज में डाल देते हैं।
- फिर बैंड को हटा देते हैं।
- इसके बाद नसों पर रूई लगाते हैं।
- फिर एक बैंडेज को चिपका देते हैं।
रिजल्ट को समझें
सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) के परिणामों का क्या मतलब है?
सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) जांच की रिपोर्ट में रेफ्रेंस रेंज एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है होता है, जोकि हर लैब में अलग अलग होता है। इस रेफ्रेंस रेंज के अनुसार, ही डॉक्टर आपके स्वास्थ्य का मूल्यांकन करते हैं, जिसके बाद आपको सलाह देते हैं।
- सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) की रिपोर्ट अमूमन 24 घंटे में मिल जाती है
- सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) का स्तर नॉर्मल- 10mg/L से कम होता है
- सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) के स्तर को विभिन्न दवाएं एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है प्रभावित कर सकती हैं। सीआरपी के परिणाम आने के बाद डॉक्टर आपसे आपके हैल्थ के बारे में पूरी जानकारी लेंगे, जैसे- आपको कोई पुरानी बीमारी तो नहीं है या फिर पहले कोई गंभीर बीमारी तो नहीं थी।
सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट (C Reactive Protein Test) का स्तर उच्च होना इस बात का इशारा करता है कि आपके शरीर में किसी तरह की सूजव हा। सीआरफी टेस्ट (सी रिएक्टिव प्रोटीन टेस्ट) यह नहीं बताता कि शरीर के किस हिस्से में सूजन है। अगर आपकी रिपोर्ट नॉर्मल नहीं आती है तो डॉक्टर सूजन का पता लगाने के लिए आपको कुछ दूसरे टेस्ट (Test) लिखेगा।
एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है
किसी निश्चित प्रवेश के लिए अभ्यर्थी आवेदन पत्र को कागजी फार्मेट या ई-
आवेदन पत्र में भर सकते हैंI अभ्यर्थी केवल उपर्युक्त एक ही फार्मेट में आवेदन
कर सकते हैंI एक ही अभ्यर्थी द्वारा कई आवेदन पत्र भरे जाने की स्थिति में
उसकी अभ्यर्थिता निरस्त कर दी जाएगीI यह सलाह दी जाती है कि ई-आवेदन पत्र
भरते समय सभी संगत दस्तावेज तैयार रखें ताकि निम्नलिखित बातों को आसानी एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है
से भरा जा सके:-
(1) व्यक्तिगत विवरणों को सही तरीके से भरनाI विवरणों को मैट्रिकुलेशन
के सर्टिफिकेट के अनुसार ही भरा जाना चाहिएI
(2) ई-मेल, मोबाइल नंबर आवश्यक है और इन्हें निश्चित तौर पर भरा
जाना चाहिएI
ऑनलाइन आवेदन-पत्र भरने के लिए हमारी वेबसाइट ww.joinindiannavy.gov.in
को देखें तथा नीचे बताए अनुसार आगे बढ़ें:-(1) अपलाई ऑनलाइन के अंतर्गत आनेवाले “अफसर/ सेलर एंट्री” के बटन
को दबाएँI
(2) ऑनलाइन आवेदन फॉर्म को भरेंI किसी फील्ड को भरने के लिए मदद
आपको फील्ड को हाइलाइट करने पर मिल जाएगीI
(3) सब्मिट बटन दबाने के पहले यह जांच कर ली जानी चाहिए कि फार्म
में भरे गए सभी विवरण सही है क्योंकि आप रेकॉर्ड को सेव करने के बाद
विवरण में कोई परिवर्तन नहीं कर पाएंगेI
(4) फार्म सब्मिट करने के बाद, सिस्टम क्रमांक (रोल नंबर) जनरेट करेगी
और यह स्क्रीन पर आ जाएगाI यह रोल नंबर ऑनलाइन फार्म के प्रिंट
आउट पर स्वतः ही प्रिंट हो जाएगाI यदि सिस्टम रोल नंबर जेनेरेट नहीं
करता तो यह इस बात एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है का संकेत है कि सिस्टम ने आवेदन को स्वीकार
नहीं किया हैI
(5) अभ्यर्थियों से यह अपेक्षा की जाती है कि एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है सिस्टम द्वारा जेनेरेट किए
गए रोल नंबर के साथ आवेदन फार्म की दो प्रतियों की प्रिंट लेंI इस आवेदन
पत्र की एक एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है प्रति पर यथावत हस्ताक्षर होने चाहिए और उसे प्रवेश विशेष के
लिए विज्ञापन में निर्दिष्ट किए गए संगत दस्तावेज़ के साथ आपके राज्य के
लिए निर्धारित पोस्ट बॉक्स में साधारण पोस्ट से भेज देंI
नोट:
1. सिस्टम जेनेरेटेड रोल नंबर तथा प्रवेश के लिए विनिर्दिष्ट सभी संगत
दस्तावेज़ के साथ ऑनलाइन आवेदन फार्म कि प्रिंटआउट कि अंतिम रसीद, रक्षा
मंत्रालय-एकीकृत मुख्यालय (नौसेना) में आपके आवेदन पत्र की प्राप्ति का अंतिम
पुष्टि करना होगाIग्रेडिंग सिस्टम / सी जी पी ए ग्रेड वाले अभ्यर्थियों को अंक वाले कॉलम किस प्रकार भरने चाहिए?
यदि आपकी यूनिवर्सिटी में मूल्यांकन के लिए सी जी पी ए/ ग्रेडिंग सिस्टम
हो तो नीचे दिए गए अनुदेशों के अनुसार अंक कोष्ठक को भर लेंIअभ्यर्थियों के लिए ग्रेडिंग सिस्टम / सी जी पी ए ग्रेड के साथ अंक कोष्ठक को भरने संबन्धित अनुदेश अपने ग्रेड को प्रतिशतता में बदलने के लिए यूनिवर्सिटी अनुमोदित रूपान्तरण चार्ट लेंI आपके यूनिवर्सिटी द्वारा प्रयुक्त सूत्र की सहायता से सेमेस्टर वार प्रतिशतता कि गणना करें अपनी सभी सेमिस्टर वार प्रतिशतता को सावधानीपूर्वक लिख लेंI
उदाहरण
अभ्यर्थी ‘क’ के पास उसकी यूनिवर्सिटी में मूल्यांकन के लिए ग्रेडिंग सिस्टम है I उसने अपने अध्ययन के चार वर्षों में निम्नलिखित ग्रेड प्राप्त किए हैंIग्रेडिंग सिस्टम / सी जी पी ए ग्रेड वाले अभ्यर्थियों को अंक वाले कॉलम किस प्रकार भरने चाहिए?
वर्ष / सेमेस्टर प्राप्त क्रेडिट रेड से प्रतिशत तक रूपांतरण के लिए फॉर्मूला परिकलित प्रतिशत (a) 1 (सेमिस्टर 1) 3.0 4 ग्रेड से कुल क्रेडिट
रूपान्तरण के लिए सूत्र,
प्राप्त क्रेडिट को 20 से
गुणा करें60 (b) 1 (सेमिस्टर 2) 3.0 4 60 (c) 2 (सेमिस्टर 3) 3.0 4 60 (d) 2 (सेमिस्टर 4) 3.0 4 60 (e) 3 (सेमिस्टर 5) 3.0 4 60 (f) 3 (सेमिस्टर 6) 3.0 4 60 (g) 4 (सेमिस्टर 7) 3.0 4 60 (h) 4 (सेमिस्टर 8) 3.0 4 60 यदि सिस्टम आवेदन संस्था नहीं दर्शाता है तो वैसी स्थिति में क्या करना चाहिए?
यदि आप आवेदन संख्या जेनेरेटम नहीं कर पा रही हों तो निम्नलिखित बातों को
सुनिश्चित करें:-
सिस्टम द्वारा आवेदन संख्या प्रदर्शित नहीं किए जाने की स्थिति में अनुदेश
अथवा सबमिशन पर जब सिस्टम “स्पेसिफाइड यू आर एल नॉट फाउंड” (विनिर्दिष्ट
यू आर एल नहीं पाया गया) की “एरर” (ग़लती) दिखाता हैI सुनिश्चित कर लें कि
जो फोटो आप अपलोड कर रहे हों वह आकार में 10 के बी से कम होI फोटो के
आकार को किसी मानक माइक्रोसॉफ्ट फोटो एडिटर टूल के प्रयोग से घटाया या
बढ़ाया जा सकता हैI
सुनिश्चित करें कि हमारे वेबसाइट द्वारा दिए गए किसी भी पॉप अप्स को
आपके सिस्टम का एंटीवाएरस बंद न कर रहा होI
जिस सिस्टम से आप ई-आवेदन- पत्र भर रहे हों उसे वायरस, वार्म, ट्राजंस
आदि से मुक्त होना चाहिएIकेंद्र के फैसले में दखल न दे सुप्रीम कोर्ट, नोटबंदी केस में SC जजों से गरमागरम बहस
भारतीय रिजर्व एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है बैंक (RBI) ने मंगलवार (06 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 2016 में केंद्र सरकार का नोटबंदी का फैसला एक "विचारहीन" प्रक्रिया नहीं थी। रिजर्व बैंक ने केंद्र के फैसले का समर्थन करते हुए कोर्ट में उन 58 याचिकाओं का विरोध किया, जिसमें एक पिप क्या है और यह क्या दर्शाता है नोटबंदी के फैसले का विरोध किया गया था और कहा गया था कि यह रातों-रात लिया गया फैसला था। रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही कहा कि अदालत को इसकी जांच करने से बचना चाहिए क्योंकि यह एक आर्थिक नीति से जुड़ा हुआ फैसला है।
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