बता दें वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में 10 जनवरी को हुए जीएसटी परिषद की 32वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. छोटे कारोबारियों को छूट देने के अलावा जीएसटी क्मपोजिशन योजना का लाभ देने की सीमा भी बढ़ाई गई है. इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों और कंपनियों को उत्पादों के मूल्यवर्धन के बजाय अपने कारोबार के हिसाब से मामूली दर पर कर छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना देना होता है . कम्पोजिशन योजना के लिये निर्धारित सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है.

झारखंड : रघुवर सरकार ने छोटे कारोबारियों को दी बड़ी राहत, सलाना 40 लाख के टर्नओवर पर GST नहीं

झारखंड सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए माल एंव सेवा कर ( जीएसटी) से छूट की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया .

झारखंड सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए माल एंव सेवा कर ( जीएसटी) से छूट की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर दी.

जानकारी के अनुसार झारखंड के 80 हजार छोटे मध्यम व्यापारियों को अब जीएसटी नहीं भरना होगा. वे टैक्स के दायरे से बाहर हो जायेंगे. राज्य में जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 लाख वार्षिक से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गयी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को समीक्षा बैठक कर वाणिज्यकर सचिव को इस संबंध में निर्देश दिया है.

झारखण्ड के 80 हजार छोटे एवं मध्यम व्यापारियों को अब #GST नहीं भरना होगा। राज्य में जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 लाख वार्षिक से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गयी है।

— Raghubar Das (@dasraghubar) January 16, 2019


सरकार के इस फैसले से 80 हजार व्यापारियों को जीएसटी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 से 40 लाख के बीच बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी के दायरे में आते हैं. इस निर्णय से छोटे व मध्यम व्यापारी परेशानी से बचेंगे. गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की 10 जनवरी को हुई बैठक में जीएसटी में रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 से 40 लाख करने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया था. इसी फैसले के आलोक में झारखंड सरकार ने व्यापारियों को राहत देने का निर्णय लिया है.

बता दें वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में 10 जनवरी को हुए जीएसटी परिषद की 32वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. छोटे कारोबारियों को छूट देने के अलावा जीएसटी क्मपोजिशन योजना का लाभ देने की सीमा भी बढ़ाई गई है. इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों और कंपनियों को उत्पादों के मूल्यवर्धन के बजाय अपने कारोबार के हिसाब से मामूली दर पर कर देना होता है . कम्पोजिशन योजना के लिये निर्धारित सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है.

इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि इन दो कदमों से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को राहत मिलेगी . इसके अलावा परिषद ने केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर होने वाली बिक्री पर एक प्रतिशत का उपकर ‘आपदा’ कर लगाने की अनुमति दे दी है.

झारखंड : रघुवर सरकार ने छोटे कारोबारियों को दी बड़ी राहत, सलाना 40 लाख के टर्नओवर पर GST नहीं

झारखंड सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए माल एंव सेवा कर ( जीएसटी) से छूट की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया .

झारखंड सरकार ने छोटे कारोबारियों को राहत देते हुए माल एंव सेवा कर ( जीएसटी) से छूट की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्वीट कर दी.

जानकारी के अनुसार झारखंड के 80 हजार छोटे मध्यम व्यापारियों को अब जीएसटी नहीं भरना होगा. वे टैक्स के छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना दायरे से बाहर हो जायेंगे. राज्य में जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 लाख वार्षिक से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गयी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को समीक्षा बैठक कर वाणिज्यकर सचिव को इस संबंध में निर्देश दिया है.

झारखण्ड के 80 छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना हजार छोटे एवं मध्यम व्यापारियों को अब #GST नहीं भरना होगा। राज्य में जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 लाख वार्षिक से बढ़ाकर 40 लाख कर दी गयी है।

— Raghubar Das (@dasraghubar) January 16, 2019


सरकार के इस फैसले से 80 हजार व्यापारियों को जीएसटी का रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 से 40 लाख के बीच बड़ी संख्या में व्यापारी जीएसटी के दायरे में आते हैं. इस निर्णय से छोटे व मध्यम व्यापारी परेशानी से बचेंगे. गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की 10 जनवरी को हुई बैठक में जीएसटी में रजिस्ट्रेशन की सीमा 20 से 40 लाख करने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया था. इसी फैसले के आलोक में झारखंड सरकार ने व्यापारियों को राहत देने का निर्णय लिया है.

बता दें वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में 10 जनवरी को हुए जीएसटी परिषद की 32वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. छोटे कारोबारियों को छूट देने के अलावा जीएसटी क्मपोजिशन योजना का लाभ देने की सीमा भी बढ़ाई गई है. इस योजना के तहत छोटे व्यापारियों और कंपनियों को उत्पादों के मूल्यवर्धन के बजाय अपने कारोबार के हिसाब से मामूली दर पर कर देना होता है . कम्पोजिशन योजना के लिये निर्धारित छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना सीमा को एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है.

इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि इन दो कदमों से सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को राहत मिलेगी . इसके अलावा परिषद ने केरल को दो साल के लिए राज्य के भीतर होने वाली बिक्री पर एक प्रतिशत का उपकर ‘आपदा’ कर लगाने की अनुमति दे दी है.

GST में कंपोजिशन स्कीम के तहत सिर्फ 1% टैक्स का नोटिफिकेशन जारी, छोटे कारोबारियों को राहत

अधिसूचना के तहत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं को अब एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा

Edited by: India TV News Desk
Published on: January 02, 2018 20:57 IST

GST- India TV Hindi

Govt notifies 1 percent GST under Composition scheme

नई दिल्ली। सरकार ने माल एवं सेवा कर (GST) के तहत एकीकृत (कम्पोजिशन) योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं के लिए एक प्रतिशत की निचली GST दर अधिसूचित की है। इसके अलावा इस विकल्प को अपनाने वाले व्यापारियों के लिए भी नियमों को सुगम किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई वाली जीएसटी परिषद ने नवंबर, 2017 में हुई बैठक में इन बदलावों का फैसला किया था। वित्त मंत्रालय ने अब इन बदलावों को अधिसूचित कर दिया है। अधिसूचना के तहत कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले विनिर्माताओं को अब एक प्रतिशत जीएसटी देना होगा। पहले यह दर दो प्रतिशत थी।

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इसके अलावा इस योजना को चुनने वाले व्यापारियों को अपनी करयोग्य आपूर्ति के कारोबार पर एक प्रतिशत की दर से कर देना होगा। अभी तक उन्हें कुल कारोबार पर यह कर देना होता था। इसमें छूट वाली आपूर्ति मसलन फलों, सब्जियों का कारोबार भी शामिल था। करीब 15 लाख कंपनियों या इकाइयों ने कम्पोजिशन योजना के विकल्प को चुना है। इसमें उन्हें कर का भुगतान रियायती दर पर करने की अनुमति होती है और साथ ही जीएसटी के तहत अनुपालन भी आसान होता है।

कुल 90 लाख कंपनियां या इकाइयां जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं। नियमित करदाता को जहां मासिक आधार पर कर देना होता है वहीं कम्पोजिशन योजना को चुनने वाले आपूर्तिकर्ता को सिर्फएक रिटर्न दाखिल करना होता है। उन्हें कर का भुगतान तिमाही आधार पर करना होता है। इसके अलावा कम्पोजिशन करदाता को सामान्य करदाता की तरह विस्तृत रिकार्ड रखने की भी जरूरत नहीं होती। कम्पोजिशन योजना का विकल्प ऐसे विनिर्माताओं, रेस्तरां और व्यापारियों के लिए जिनका कारोबार 1.5 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं है।

अरुण जेटली

‘मोदी के पास दुनिया घूमने का समय है लेकिन दो साल से धरने पर बैठे सैनिकों से मिलने का वक्त नहीं है’

नई दिल्ली के छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना जंतर मंतर पर ‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग को लेकर धरना देते हुए पूर्व सैनिकों को दो साल हो गए हैं. उनसे बातचीत.

‘बड़े संगठन हमेशा से छोटे व्यापारियों के नाम पर राजनीति करते आए हैं’

जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.

‘जीएसटी लागू करने को लेकर सरकार ने छोटे व्यापारियों से बातचीत नहीं की’

जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.

‘70 प्रतिशत व्यापारी गांवों में रहते हैं, उनके पास इंटरनेट नहीं है वो जीएसटी के बिल कैसे भरेंगे’

देश के अलग-अलग हिस्सों से जीएसटी का विरोध करने ​के लिए दिल्ली के चांदनी चौक में जुटे व्यापारियों से बातचीत.

क्या टाइम्स आॅफ इंडिया के संपादक ने अपने हित के लिए पत्रकारिता को ताक पर रख दिया?

अगर संपादक मंत्री से कहकर किसी नियुक्ति में कोई बदलाव करवा सकते हैं, तो क्या इसके एवज में मंत्रियों को अख़बारों की संपादकीय नीति प्रभावित करने की क्षमता मिलती है?

छोटे कारोबारियों के लिए दुःस्वप्न साबित हो रहा है जीएसटी

जीएसटी के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों को समझाने की वित्त मंत्रालय की छोटे व्यापारियों के लिए जेटली की योजना कवायद अब तक बड़े औद्योगिक समूहों तक ही सीमित रही है.

किसानों का कर्ज़ माफ करने के लिए राज्य ख़ुद करें फंड की व्यवस्था: जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भी कहा कि बैंकों के फंसे कर्ज़ की समस्या के समाधान पर आरबीआई तेज़ी से काम कर रहा है.

क्या हम सैन्यवादी राष्ट्रवाद की ओर बढ़ रहे हैं?

इसके पहले किसी जनरल या सैन्य अधिकारी के प्रेस कांफ्रेंस की कोई मिसाल हमें याद नहीं. पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के समय भी नहीं.

गाय और गोमांस पर गहमा-गहमी जारी है

ममता बनर्जी का आरोप है कि मोदी सरकार पशु बिक्री प्रतिबंध संबंधी अधिसूचना के दायरे से भैंस को हटाने जा रही है ताकि भाजपा के क़रीबी मांस व्यापारियों को फायदा पहुंचाया जा सके.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत सिर्फ 5000 करोड़ रुपये की आय घोषित

काले धन पर कर और जुर्माना देकर वैध बनाने के लिए लाई गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को अब सरकार ने भी असफल माना है.

नोटबंदी के बाद जीडीपी वृद्धि दर निचले स्तर पर, स्पेन में मोदी ने कहा- निवेश के लिए भारत मज़बूत

वित्तमंत्री अरुण जेटली बोले, विकास की रफ्तार में आई गिरावट के लिए नोटबंदी नहीं, पूरे विश्व में जारी आर्थिक मंदी और यूपीए सरकार ज़िम्मेदार है.

क्यों मेजर गोगोई को सम्मानित करना सेना के नैतिक स्वरूप के ख़िलाफ़ है

किसी भी पेशेवर सेना के लिए उसकी प्रतिष्ठा सबसे ज़रूरी होती है पर ऐसा लगता है कि भारतीय सुरक्षा के शीर्ष पद पर बैठे लोग चाहे वे मंत्रालय में हों या सेना में, ये बात भूल गए हैं.

आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के तीन साल में अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन नहीं आए

मोदी यह समझाने की कितनी भी कोशिश करें कि उनके आने से बदलाव आया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अधिकांश क्षेत्रों में सरकार प्रगति करने के लिए जूझती नज़र आ रही है.

जेटली ने केजरीवाल पर 10 करोड़ रुपये का मानहानि का नया मुक़दमा किया

मानहानि के एक अन्य मामले में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के लिए ‘क्रूक’ यानी ‘धूर्त’ शब्द का इस्तेमाल किया था.

जेठमलानी के बयान अपमानजनक, केजरीवाल को कठघरे में आने दीजिए: उच्च न्यायालय

मानहानि मामले में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी और अरुण जेटली के बीच तीखी बहस हो गई थी.

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जीएसटी के नए नियम, छोटे व्यापारियों को मिली राहत

जीएसटी बदलाव

केंद्र सरकार ने आज जीएसटी को लेकर एक बैठक का आयोजन किया था। इस बैठक को सम्बोधित वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किया था। इस दौरान जीएसटी को लेकर नए नियमों की घोषणा की गयी। इसके अंतर्गत छोटे व्यापारियों को हर महीने टैक्स भरने की जरूरत नहीं है। अबसे वे हर तीन महीने में टैक्स भर सकते हैं।

इसके अलावा सरकार ने रेस्टोरेंट में खाने पर भी जीएसटी को कम कर दिया है। पहले जहाँ बाहर खाने पर 18 फीसदी टैक्स लगता था, वह अब घटकर 12 फीसदी हो गया है। इसके साथ ही छोटे कर्मचारी जिनका सालाना व्यापार 1.5 करोड़ से कम है, उन्हें अब हर महीने जीएसटी भरने की जरूरत नहीं है। इस योजना के जरिये लगभग 90 फीसदी व्यापारियों को राहत मिलने के आसार हैं।

इसके साथ ही हाथ से बानी हुई चीज़ों पर से जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया है। इसके अलावा कई चीज़ों को सबसे बड़े टैक्स दर यानी 28 फीसदी से घटाकर कम दर में डाल दिया है।

बाहर खाना खाने वाले लोगों के लिए भी अच्छी खबर है। अबसे किसी भी ऐसी रेस्टोरेंट में खाना खाने पर सिर्फ 12 फीसदी टैक्स देना होगा। इससे पहले 18 फीसदी जीएसटी लगा करता था।

इसके अलावा सरकार ने कई खाद्य पदार्थों से टैक्स घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। इनमे आयुर्वेद दवाईयां, घरेलु निर्मित नमकीन, खाकरा एवं अन्य पदार्थों को पांच फीसदी टैक्स के अंतर्गत कर दिया है। इसके साथ ही हस्त सेवाएं जैसे बुनाई, छपाई और जवाहरात को भी पांच फीसदी टैक्स के अंतर्गत कर दिया है।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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